1 |
- |
2024-25 |
|
|
2 |
978-93-89220-99-5 |
पीले सोने का देश (द चंबल बुक) |
आदर्श गुप्ता |
895 |
3 |
978-93-89220-98-8 |
आईने के सामने(साक्षात्कार-दामोदर खड़से) |
सं. बलराम |
295 |
4 |
978-93-89220-97-1 |
मैं याज्ञसेनी..... (उपन्यास) |
मालती त्रिपाठी |
395 |
5 |
978-93-89220-96-4 |
गोविंद मिश्र के उपन्यास और भारतीय परिवार (आलोचना) |
अमृत कुमार |
375 |
6 |
978-93-89220-94-0 |
कविता के वरिष्ठ नागरिक (आलोचना) |
डॉ. ओम निश्चल |
495 |
7 |
978-93-89220-93-3 |
अपनी-अपनी दुनिया (कहानी-संग्रह) |
अवधेश श्रीवास्तव |
400 |
8 |
978-93-89220-92-6 |
किन्नर कथा (उपन्यास) |
महेन्द्र भीष्म |
395 |
9 |
978-93-89220-91-9 |
आखिरी दरख़्त (उपन्यास) |
महेन्द्र भीष्म |
400 |
10 |
978-93-89220-90-2 |
हॉफ मैन (उपन्यास) |
भुवनेश्वर उपाध्याय |
400 |
11 |
978-93-89220-89-6 |
सत्ता से संवाद (आलोचना) |
मुकेश भारद्वाज |
400 |
12 |
978-93-89220-88-9 |
हिन्दू (कविता-संग्रह) |
डॉ. सर्वेश सिंह |
295 |
13 |
978-93-89220-87-2 |
फाग लोक के ईसुरी (उपन्यास) |
डॉ. दया दीक्षित |
295 |
14 |
978-93-89220-86-5 |
व्यंग्य: एक नई दृष्टि (आलोचना) |
सुरेश कांत |
450 |
15 |
978-93-89220-85-8 |
कनक का कत्लेआम (उपन्यास) |
मूल रामसरूप अणखी अनु. अमरीक सिंह दीप |
250 |
16 |
978-93-89220-84-1 |
बेशर्म समय में (व्यंग्य-संग्रह) |
डॉ. अतुल चतुर्वेदी |
295 |
17 |
978-93-89220-83-4 |
पांडे जी ओ पांडे जी (व्यंग्य-संग्रह) |
लालित्य ललित |
350 |
18 |
978-93-89220-82-7 |
थेम्स तरल इतिहास है(लंदन पंजिका-डायरी) |
राजवंती मान |
350 |
19 |
978-93-89220-81-0 |
माणिकपाला महासम्मत (उपन्यास) |
सुधीर मौर्य |
350 |
20 |
978-93-89220-80-3 |
पोलो विक्ट्री में गाइड (कहानी-संग्रह) |
राजेन्द्र राव |
350 |
21 |
978-93-89220-79-7 |
लेखक की दाढ़ी में चमचा(व्यंग्य-संग्रह) |
सुरेश कांत |
395 |
22 |
978-93-89220-78-0 |
तीसरी सत्ता (उपन्यास) |
गिरिराज किशोर |
550 |
23 |
978-93-89220-77-3 |
हंसो हंसो यार हंसो (व्यंग्य-संग्रह) |
प्रेम जनमेजय |
350 |
24 |
978-93-89220-76-6 |
आत्मकथा का आलोक (आलोचना) |
सं. अर्पण कुमार |
395 |
25 |
978-93-89220-75-9 |
कोठा नं- 64 (कहानी-संग्रह) |
राकेश शंकर भारती |
425 |
26 |
978-93-89220-74-2 |
हाउस ऑफ लस्ट (कहानी-संग्रह) |
नरेन्द्र नागदेव |
375 |
27 |
978-93-89220-73-5 |
भीड़ का चेहरा नहीं होता(कहानी-संग्रह) |
गोविन्द उपाध्याय |
325 |
28 |
978-93-89220-72-8 |
ज़िन्दगी लौट आई थी (कहानी-संग्रह) |
रामदरश मिश्र |
275 |
29 |
978-93-89220-68-1 |
अभिलाषा (कविता-संग्रह) |
अखिलेश निगम अखिल |
250 |
30 |
978-93-89220-67-4 |
साक्षी है संवाद(साक्षात्कार-सुशीला टाकभौरे) |
सुशीला टाकभौरे |
495 |
31 |
978-93-89220-66-7 |
नारी चिंगारी (उपन्यास) |
हरी जोशी |
325 |
32 |
978-93-89220-65-0 |
ए ज़िन्दगी तुझे सलाम (उपन्यास) |
हरभजन सिंह मेहरोत्रा |
475 |
33 |
978-93-89220-64-3 |
अर्थान्तर (उपन्यास) |
चन्द्रकान्ता |
150 |
34 |
978-93-89220-62-9 |
भारतीय गल्प (आलोचना) |
प्रभाकर श्रोत्रिय |
350 |
35 |
978-93-89220-61-2 |
जाफरान सी महकती जन्नत कश्मीर |
अलका प्रदीप दीक्षित |
150 |
36 |
978-93-89220-63-6 |
अनुवाद: समस्याएँ एवं समाधान |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
650 |
37 |
978-93-89220-60-5 |
अनुवाद चिंतन |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
650 |
38 |
978-93-89220-59-9 |
चन्द तस्वीरें: चन्द खतूूत |
सं. एस.एम. शाहिद |
375 |
39 |
978-93-89220-57-5 |
कठघरे में खड़े जंगल का बयान(कविता-संग्रह) |
डॉ. सुरेश अवस्थी |
250 |
40 |
978-93-89220-55-1 |
दस्तक (कविता-संग्रह) |
डॉ. आरिफ महात |
225 |
41 |
978-93-89220-52-0 |
उत्तर आधुनिकता: समय और साहित्य (आलोचना) |
सं.डॉ. प्रमोद कोवप्रत |
395 |
42 |
978-93-89220-51-3 |
बुद्ध: जीवन दर्शन |
डॉ. उमा शशि दुर्गा |
250 |
43 |
978-93-89220-43-8 |
मूसा से मार्क्स तक (समाजवाद) |
अनु. सईद नकवी |
295 |
44 |
978-93-89220-40-7 |
समकालीन साहित्य: आलोचनात्मक विवेचन (आलोचना) |
रूपसिंह चंदेल |
550 |
45 |
978-93-89220-38-4 |
आज़ादी की विडम्बना (उपन्यास) |
विष्णु चन्द्र शर्मा |
750 |
46 |
978-93-89220-37-7 |
एक महानगर दो गौतम (उपन्यास) |
नंदकिशोर नौटियाल |
895 |
47 |
978-93-89220-36-0 |
प्रवासी साहित्य एवं हिन्दी भाषा का बदलता स्वरूप (आलोचना) |
सं. डॉ. कोयल विश्वास |
295 |
48 |
978-93-89220-35-3 |
युग निर्माता गांधी: साहित्य के आईने में (आलोचना) |
सं. डॉ. आरसु |
375 |
49 |
978-93-89220-34-6 |
उषा हिंडोला: उषा किरण खान का रचना संसार (आलोचना) |
सं. कुमार वरुण |
495 |
50 |
978-93-89220-32-2 |
कोहिनूर जहां भी रहा अनमोल रहा (उदय प्रताप सिंह की जीवनी) |
मनोरमा श्रीवास्तव |
200 |
51 |
978-93-89220-29-2 |
लकीर (कहानी-संग्रह) |
गजेन्द्र रावत |
325 |
52 |
978-93-89220-28-5 |
तिनका-तिनका आग (कविता-संग्रह) |
जयप्रकाश कर्दम |
175 |
53 |
978-93-89220-23-0 |
समसामयिक साहित्यःचेतना के नए स्वर (आलो) |
सं. डॉ. शेखर |
1195 |
54 |
978-93-89220-13-1 |
कानपुर की घातक कथाएँ-1(कहानी-संग्रह) |
मृदुल कपिल |
185 |
55 |
978-93-89220-02-5 |
चिंगारी (उपन्यास) |
रामचन्द्र सरस |
275 |
56 |
978-93-88260-85-5 |
वर्तमान की वैदेही (कविता-संग्रह) |
संगीता गौतम |
225 |
57 |
978-93-88260-73-2 |
राहुल (खण्ड काव्य) |
जयप्रकाश कर्दम |
250 |
58 |
978-93-86784-34-6 |
पाश्चात्य काव्य सिद्धान्त |
डॉ. ज्ञानराज गायकवाड |
395 |
59 |
978-93-86784-33-9 |
भारतीय काव्य सिद्धान्त |
डॉ. ज्ञानराज गायकवाड |
495 |
60 |
978-93-86784-28-5 |
दिव्य जीवन ज्योति |
राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय |
100 |
61 |
978-93-86784-26-1 |
रुह से कविता (भाग-5)(कविता-संग्रह) (तुलना: दो विधाओं की) |
नीलम रानी गुप्ता |
275 |
62 |
978-81-945410-3-5 |
कहानीकार फणीश्वरनाथ रेणु (आलोचना) |
भारत यायावर |
595 |
63 |
978-81-945410-5-9 |
साहित्यिक अवधारणायें: सामयिक संदर्भ |
डॉ. एस. कृष्ण बाबु |
600 |
64 |
978-81-945410-8-0 |
समकालीन हिन्दी कविता और भूमंडलीकरण (आलोचना) |
सं. नीरज |
350 |
65 |
978-81-945410-9-7 |
साहित्य, संस्कृति और भाषा (आलोचना) |
ऋषभदेव शर्मा |
495 |
66 |
978-93-89220-69-8 |
उत्तर देगा कौन??? (कविता-संग्रह) |
अखिलेश निगम अखिल |
275 |
67 |
978-93-89220-71-1 |
सदी की चौखट पर कविता (आलोचना) |
अरुण शीतांश |
395 |
68 |
978-81-945410-7-3 |
समकालीन हिन्दी उपन्यासों में आदिवासी जीवन |
डॉ. आर. तारा सिंह |
525 |
69 |
978-81-945410-1-1 |
बचपन और बाल साहित्य के सरोकार (आलोचना) |
डॉ. ओमप्रकाश कश्यप |
795 |
70 |
978-93-89220-58-2 |
प्रवासी साहित्य का सांस्कृतिक रेखांकन |
डॉ. इंद्र के.वी. |
395 |
71 |
978-93-89220-70-4 |
थर्ड जेंडर: अस्मिता और संघर्ष (आलोचना) |
सं.डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
495 |
72 |
978-81-945410-0-4 |
भारतीय जन-जीवन और हिन्दी सिनेमा (आलोचना) |
डॉ. जयकृष्णन जे. |
350 |
73 |
978-81-945410-2-8 |
रसगंगाधर (नाटक) |
अनु. प्रो. परिमला अंबेकर |
60 |
74 |
- |
उपन्यास |
|
|
75 |
978-93-89220-97-1 |
मैं याज्ञसेनी..... |
मालती त्रिपाठी |
395 |
76 |
978-93-89220-78-0 |
तीसरी सत्ता |
गिरिराज किशोर |
550 |
77 |
978-93-85476-75-4 |
चिड़ियाघर |
गिरिराज किशोर |
250 |
78 |
978-93-89220-92-6 |
किन्नर कथा (चतुर्थ संस्करण) |
महेन्द्र भीष्म |
395 |
79 |
978-93-89220-91-9 |
आखिरी दरख़्त |
महेन्द्र भीष्म |
400 |
80 |
978-93-85476-45-7 |
मैं पायल... (चतुर्थ संस्करण) |
महेन्द्र भीष्म |
295 |
81 |
978-93-89220-90-2 |
हॉफ मैन |
भुवनेश्वर उपाध्याय |
400 |
82 |
978-93-89220-87-2 |
फॉग लोक के ईसुरी |
डॉ. दया दीक्षित |
295 |
83 |
978-93-89220-85-8 |
कनक का कत्लेआम |
मूल रामसरूप अणखी अनु. अमरीक सिंह दीप |
250 |
84 |
978-93-89220-81-0 |
माणिकपाला महासम्मत |
सुधीर मौर्य |
350 |
85 |
978-93-88260-34-3 |
बलि का राज आये |
सुधीर मौर्य |
450 |
86 |
978-93-85476-96-9 |
अरीबा |
सुधीर मौर्य |
250 |
87 |
978-93-925154-0-3 |
एक गली कानपुर की |
सुधीर मौर्य |
140 |
88 |
978-93-89220-66-7 |
नारी चिंगारी |
हरी जोशी |
325 |
89 |
978-93-89220-65-0 |
ऐ जिन्दगी तुझे सलाम |
हरभजन सिंह मेहरोत्रा |
475 |
90 |
978-93-89220-64-3 |
अर्थान्तर (द्वितीय संस्करण) |
चन्द्रकान्ता |
150 |
91 |
978-93-89220-38-4 |
आज़ादी की विडम्बना |
विष्णु चन्द्र शर्मा |
750 |
92 |
978-93-89220-37-7 |
एक महानगर दो गौतम |
नंदकिशोर नौटियाल |
895 |
93 |
978-93-89220-02-5 |
चिंगारी |
रामचन्द्र सरस |
275 |
94 |
978-93-86604-87-3 |
दरमियाना (द्वितीय संस्करण) |
सुभाष अखिल |
275 |
95 |
978-93-89220-05-6 |
दिशा खोजती जिंदगियाँ |
कमलेश बख्शी |
295 |
96 |
978-93-89220-30-8 |
श्रापित किन्नर |
डॉ. मुक्ति शर्मा |
195 |
97 |
978-93-88260-29-9 |
वैलेंटाइन डे |
राजेन्द्र मोहन भटनागर |
650 |
98 |
978-93-88260-28-2 |
उन्हीं रास्तों से गुजरते हुए |
नीरजा हेमेन्द्र |
450 |
99 |
978-93-88260-23-7 |
रंगशाला |
सिम्मी हर्षिता |
325
 |
100 |
978-93-88260-66-4 |
मिल्कियत की बागडोर |
जयनन्दन |
425 |
101 |
978-93-88260-56-5 |
सीढ़ियाँ - द स्केलेटर्स |
गिरीश पंकज |
295 |
102 |
978-93-88260-51-0 |
जॉब बची सो - (व्यंग्य उपन्यास) |
सुरेश कांत |
425 |
103 |
978-93-88260-50-3 |
बांसुरीवाली |
राजकमल |
400 |
104 |
978-93-88260-40-4 |
एक कम सौ |
भुवनेश्वर उपाध्याय |
450 |
105 |
978-93-88260-69-5 |
तलाक-तड़ाक, तलाक-सड़ाक (व्यंग्य उपन्यास) |
हरि जोशी |
450 |
106 |
978-93-8260-33-6 |
कानपुर टु कालापानी |
रूपसिंह चन्देल |
425 |
107 |
978-93-86604-35-4 |
पिघले चेहरे |
सच्चिदानंद चतुर्वेदी |
395 |
108 |
978-93-85389-94-8 |
मझधार |
सच्चिदानंद चतुर्वेदी |
350 |
109 |
978-93-86604-38-5 |
एक था कलाकार |
रामदरश मिश्र |
250 |
110 |
978-93-86604-50-7 |
दंडकाल |
रेखा प्रियश्री |
395 |
111 |
978-93-86604-53-8 |
ठाकुर सॉ दरवाजा |
सुमति सक्सेना लाल |
425 |
112 |
978-93-86604-54-5 |
समय बहेलिया |
विद्याधर द्विवेदी |
450 |
113 |
978-93-86604-55-2 |
संघर्ष |
पं. विश्वम्भरनाथ शर्मा |
495 |
114 |
978-93-86604-22-4 |
दीक्षांत |
सूर्यबाला |
250 |
115 |
978-93-86604-09-5 |
धूप |
उदयभान मिश्र |
275 |
116 |
978-93-86604-65-1 |
भूख से आगे |
डॉ. सरवर हुसैन हाशमी |
495 |
117 |
978-93-83637-63-8 |
एक समुद्र पार |
मूल. मीर तन्हा यूसफी |
200 |
118 |
978-93-83637-59-1 |
बिहारी एक्सप्रेस |
रामस्वरूप अणरवी |
395 |
119 |
978-93-85476-50-1 |
एक माँ की परिधि |
रश्मि बड़थ्वाल |
325 |
120 |
978-93-85476-88-4 |
आलता लगे पाँव |
प्रभा माथुर |
350 |
121 |
978-93-85476-14-3 |
दहशत |
नीलम कुलश्रेष्ठ |
550 |
122 |
978-93-85476-90-7 |
गुमनामी के अँधेरे में |
से.रा. यात्री |
395 |
123 |
978-93-85476-35-8 |
कोहरे में कैद रंग (साहित्य अकादमी पुरस्कृत) |
गोविन्द मिश्र |
395 |
124 |
978-93-85476-69-3 |
प्रजातंत्र के प्रेत |
शशिकांत सिंह शशि |
350 |
125 |
978-93-86604-36-1 |
पन्हैयानर्तन |
हरि जोशी |
450 |
126 |
978-93-85476-69-3 |
प्रजातंत्र के प्रेत |
शशिकांत सिंह शशि |
350 |
127 |
978-93-85476-26-6 |
माँ |
विश्वम्भरनाथ शर्मा कौशिक |
650 |
128 |
978-81-931782-7-0 |
नारो भास्कर की माया बिट्टो |
माया हरीराम |
395 |
129 |
978-93-85389-63-4 |
डॉ. आप भी |
सुलोचना अंर्तरेड्डी |
250 |
130 |
978-9385476-09-9 |
चितचोर |
अनु. डॉ. पी.के. जयलक्ष्मी |
70 |
131 |
978-93-85389-55-9 |
अंतिम साक्ष्य |
चन्द्रकांता |
175 |
132 |
978-93-83682-30-6 |
भिखारिणी (नवीन संस्करण) |
पं. विश्वम्भरनाथ कौशिक |
300 |
133 |
978-93-85389-60-3 |
उजालों के साये |
चन्द्र भार्गव |
300 |
134 |
978-93-85389-89-4 |
जय हिन्द की सेना |
महेन्द्र भीष्म |
300 |
135 |
978-93-85476-16-7 |
सन् 2000 का जून |
संतोष गोयल |
350 |
136 |
978-93-85389-87-0 |
बोनसाई |
ज्योति व्यास |
395 |
137 |
978-93-86604-58-3 |
पुरवाई |
कृष्णा अग्निहोत्री |
350 |
138 |
978-93-83682-50-8 |
प्रशस्तेकर्माणी |
कृष्णा अग्निहोत्री |
350 |
139 |
978-93-83682-04-1 |
आना इस देश |
कृष्णा अग्निहोत्री |
175 |
140 |
978-93-82432-99-9 |
अभिषेक |
कृष्णा अग्निहोत्री |
350 |
141 |
978-93-83682-15-7 |
बित्ता भर की छोकरी |
कृष्णा अग्निहोत्री |
550 |
142 |
978-93-82432-74-6 |
कौन नहीं अपराधी |
कृष्णा अग्निहोत्री |
500 |
143 |
978-93-82432-98-2 |
अपवाद |
श्यामसखा श्याम |
150 |
144 |
978-93-83682-14-0 |
नदी पीछे नहीं मुड़ती |
से. रा. यात्री |
200 |
145 |
978-93-83682-12-6 |
सम्बन्धों के किनारे |
सिम्मी हर्षिता |
350 |
146 |
978-93-83682-43-0 |
यातना शिविर |
सिम्मी हर्षिता |
350 |
147 |
978-93-82432-31-9 |
लवंगी |
डॉ. मिथिलेश कुमारी मिश्र |
300 |
148 |
978-93-80417-29-5 |
अंजना |
डॉ. मिथिलेश कुमारी मिश्र |
275 |
149 |
978-93-83682-71-3 |
रेखाएँ आड़ी तिरछी |
प्रतिभा जौहरी |
395 |
150 |
978-93-80417-74-5 |
मुर्दे की पीठ पर |
डॉ. इन्दू पाण्डेय |
200 |
151 |
978-93-80417-28-8 |
अर्थ पिशाच |
डॉ. इन्दू पाण्डेय |
150 |
152 |
978-93-80417-25-7 |
सीढ़ियाँ |
डॉ. कृष्णा श्रीवास्तव |
175 |
153 |
978-93-83682-03-4 |
एक और पांचाली |
अमरीक सिंह दीप |
350 |
154 |
978-93-83682-90-6 |
रेत में डूबी नदियाँ |
मूल अमरीक सिंह दीप जसबीर भुल्लर |
250 |
155 |
978-93-82432-97-5 |
सीतायन (सीता जी का जीवन-वृत्तान्त) |
डॉ. सूर्यनारायण वर्मा |
350 |
156 |
978-93-85389-45-0 |
दृष्टि |
अनु. धरणेन्द्र कुरकुरी |
200 |
157 |
978-93-85389-22-1 |
सेवा और समर्पण |
जयन्ती प्रसाद नौटियाल |
200 |
158 |
978-93-83682-94-2 |
डॉ. मधुकर गंगाधर के उपन्यास (समग्र) (तीन भागों में) |
सं. संगीता रघुवंशी |
2000 |
159 |
- |
कहानी-संग्रह |
|
|
160 |
978-93-89220-72-8 |
ज़िन्दगी लौट आई थी |
रामदरश मिश्र |
275 |
161 |
978-93-89220-80-3 |
पोलो विक्ट्री में गाइड |
राजेन्द्र राव |
350 |
162 |
978-93-89220-73-5 |
भीड़ का चेहरा नहीं होता |
गोविन्द उपाध्याय |
325 |
163 |
978-93-89220-75-9 |
कोठा नं- 64 |
राकेश शंकर भारती |
425 |
164 |
978-93-89220-74-2 |
हाउस ऑफ लस्ट |
नरेन्द्र नागदेव |
375 |
165 |
978-93-89220-93-3 |
अपनी-अपनी दुनिया |
अवधेश श्रीवास्तव |
400 |
166 |
978-93-89220-29-2 |
लकीर |
गजेन्द्र रावत |
325 |
167 |
978-93-89220-13-1 |
कानपुर की घातक कथाएँ-1 |
मृदुल कपिल |
185 |
168 |
978-93-88260-41-4 |
कथापर्व (21 उत्कृष्ट कहानियाँ) |
सं. माधव सक्सेना |
525 |
169 |
978-93-86784-24-7 |
समर्पिता |
डॉ. नरेन्द्र मोहन अवस्थी |
175 |
170 |
978-93-88260-03-9 |
गाँधी को मेरा सलाम |
एम. अली मदहोश |
295 |
171 |
978-93-88260-02-2 |
नदी के उंगलियों के निशान |
कुसुम भट्ट |
225 |
172 |
978-93-88260-30-5 |
तुम ऐसी तो नहीं थी |
गोविन्द उपाध्याय |
275 |
173 |
978-93-88260-21-3 |
एक पाती ऐसी भी |
कृष्णा अग्निहोत्री |
275 |
174 |
978-93-88260-18-3 |
तीर्थटन के बाद |
अमरीक सिंह दीप |
275 |
175 |
978-93-88260-11-4 |
गाँव-परिवेश की कहानियाँ |
डॉ. सूर्यदीन यादव |
450 |
176 |
978-93-88260-67-1 |
घुरिया |
मीना पाठक |
425 |
177 |
978-93-88260-54-1 |
जलपाश |
मृदुला श्रीवास्तव |
350 |
178 |
978-93-88260-41-1 |
ताई |
पं. विश्वंभरनाथ शर्मा |
325 |
179 |
978-93-88260-38-1 |
मेरा कमरा बदल दीजिए |
राजेश कुमार |
350 |
180 |
978-93-88260-37-4 |
बा-मुलाहिजा होशियार |
हरभजन सिंह मेहरोत्रा |
275 |
181 |
978-93-88260-91-6 |
इस जिन्दगी के उस पार |
राकेश शंकर भारती |
425 |
182 |
978-93-88260-84-8 |
सुर-ताल |
शैल अग्रवाल |
275 |
183 |
978-93-88260-79-4 |
उपच्छाया |
दीपक शर्मा |
250 |
184 |
978-93-88260-97-8 |
मृगमरीचिका तथा अन्य कहानियाँ |
अनु. डॉ. पी. सरस्वती |
225 |
185 |
978-93-86604-98-9 |
तीन दुनियाओं की 21 और कहानियाँ |
अनु.व सं.तरसेम गुजराल |
450 |
186 |
978-93-88260-62-6 |
जीवन-मृत्यु (अस्पताल की कहानियाँ) |
सं. उर्मिला शिरीष |
425 |
187 |
978-93-86604-15-6 |
कथानगर |
चन्द्रकान्ता |
395 |
188 |
978-93-86604-40-8 |
बदसूरत आदमी |
रणीराम गढ़वाली |
325 |
189 |
978-93-86604-76-7 |
गोड़पोछना (जनजातीय पृष्ठभूमि की कहानियाँ) |
जयनंदन |
395 |
190 |
978-93-86604-46-0 |
नैनसी का धूड़ा (स्वयं प्रकाश की ग्रामीण जीवन पर कहानियाँ) |
सं. रचना सिंह |
350 |
191 |
978-93-86604-56-9 |
यह मिथक नहीं |
अमरीक सिंह दीप |
325 |
192 |
978-93-86604-51-4 |
कथा और किन्नर |
डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
295 |
193 |
978-93-86604-00-2 |
काफिल का कुत्ता |
विक्रम सिंह |
250 |
194 |
978-93-86604-03-3 |
कभी हम भी तुम भी थे आसना |
मणिका मोहिनी |
325 |
195 |
978-93-86604-04-0 |
स्पर्श रेखायें |
दीपक शर्मा |
325 |
196 |
978-93-86604-05-7 |
चाहती क्या है लड़की |
निर्मला डोसी |
350 |
197 |
978-93-86604-18-7 |
और एक दिन |
नीरजा हेमेन्द्र |
395 |
198 |
978-93-86604-82-8 |
एक थी माला |
इरा ठाकुर |
395 |
199 |
978-93-86604-29-3 |
ए लव स्टोरी वाया फेसबुक |
गिरीश पंकज |
325 |
200 |
978-93-86604-62-0 |
एक अप्रेषित पत्र |
महेन्द्र भीष्म |
350 |
201 |
978-93-85476-24-2 |
मंटो: विभाजन की कहानियाँ |
सं. नरेन्द्र मोहन |
300 |
202 |
978-93-85476-56-3 |
कोठे पर कागा |
चन्द्रकांता |
250 |
203 |
978-93-85476-27-3 |
ईश्वर की प्रतीक्षा |
गिरीश पंकज |
250 |
204 |
978-93-85389-59-7 |
लड़कियों वाला घर |
सुभाष नीरव |
200 |
205 |
978-93-85389-89-4 |
सैन्य जीवन की कहानियाँ |
सं. हरेन्द्र सिंह भदौरिया |
350 |
206 |
978-93-85476-88-4 |
अपने से परे |
डॉ. प्रेम कुमारी नाहटा |
350 |
207 |
978-93-85389-54-2 |
बरगद की छाँव में |
उषा भटनागर |
250 |
208 |
978-93-85389-43-6 |
और कितने टुकड़े |
विक्रम सिंह |
250 |
209 |
978-93-85389-12-2 |
जीतने के लिये फिर खेलना होगा |
श्याम प्रीत |
200 |
210 |
978-93-83682-97-3 |
वे नहीं आये |
गिरिराज किशोर |
250 |
211 |
978-93-82432-83-8 |
ओ सोनकिसरी |
चन्द्रकान्ता |
200 |
212 |
978-93-83682-00-3 |
सलाखों के पीछे |
चन्द्रकान्ता |
250 |
213 |
978-81-216-1465-8 |
चन्द्रकांता की यादगारी कहानियाँ |
चन्द्रकान्ता |
135 |
214 |
978-93-82432-87-6 |
कठौती (कहानी समग्र: तीन भागों में) |
कृष्णा अग्निहोत्री |
3000 |
215 |
978-93-82432-69-2 |
आधी पीली आधी हरी |
डॉ. गौतम सचदेव |
300 |
216 |
978-93-80417-76-9 |
गद्यपथ के दीप |
डॉ. गौतम सचदेव |
300 |
217 |
978-93-83682-31-7 |
एक टुकड़ा कस्तूरी |
सूर्यबाला |
200 |
218 |
978-93-83682-26-3 |
गैरहाजिरी के बावजूद |
सूर्यबाला |
225 |
219 |
978-93-83682-88-1 |
दहलीज पर न्याय |
चन्द्रकांता |
250 |
220 |
978-93-83637-38-6 |
पतली गली का बंद मकान |
रणीराम गढ़वाली |
250 |
221 |
978-93-82432-71-5 |
अमलतास के फूल |
नीरजा हेमेन्द्र |
150 |
222 |
978-93-82432-88-3 |
नो मैन्स लैण्ड |
मूल जसबीर भुल्लर अनु. अमरीक सिंह दीप |
250 |
223 |
978-93-82432-72-2 |
वनपाखी |
अमरीक सिंह दीप |
250 |
224 |
978-93-82432-58-6 |
उपन्यास का आदमी |
डॉ. इन्दु पाण्डे |
200 |
225 |
978-93-80417-01-1 |
सन्यासी का अपहरण |
डॉ. इन्दु पाण्डे |
200 |
226 |
978-93-82432-95-1 |
बोझ मुक्त |
विपिन बिहारी |
250 |
227 |
978-93-80417-41-7 |
टाइम पास |
डॉ. श्रद्धा उपाध्याय |
200 |
228 |
978-93-80417-47-9 |
छप्पर पर पारस |
डॉ. सुरेन्द्र अंचल |
120 |
229 |
978-93-80417-32-5 |
हिम्मत कीमत होय |
डॉ. सुरेन्द्र अंचल |
120 |
230 |
978-93-83682-18-8 |
विदा की तकलीफ |
से. रा. यात्री |
250 |
231 |
978-93-85476-84-6 |
दफन हुए शिलालेख |
हरभजन सिंह मेहरोत्रा |
280 |
232 |
978-93-83637-57-7 |
पंजाबी की चुनी हुई कहानियाँ |
अनु.व सं.अमरीक सिंहदीप |
275 |
233 |
978-93-86784-02-5 |
करुण पुकार तथा अन्य कहानियाँ |
अनु. व सं. डॉ. एन. लक्ष्मी |
200 |
234 |
- |
कविता संग्रह |
|
|
235 |
978-93-89220-28-5 |
तिनका-तिनका आग |
जयप्रकाश कर्दम |
175 |
236 |
978-93-89220-57-5 |
कठघरे में खड़े जंगल का बयान |
डॉ. सुरेश अवस्थी |
250 |
237 |
978-93-89220-88-9 |
हिन्दू |
डॉ. सर्वेश सिंह |
295 |
238 |
978-93-89220-68-1 |
अभिलाषा |
अखिलेश निगम अखिल |
250 |
239 |
978-93-89220-69-8 |
उत्तर देगा कौन??? |
अखिलेश निगम अखिल |
275 |
240 |
978-93-89220-55-1 |
दस्तक |
डॉ. आरिफ महात |
225 |
241 |
978-93-88260-85-5 |
वर्तमान की वैदेही |
संगीता गौतम |
225 |
242 |
978-93-88260-32-9 |
रामदरश मिश्र: कविता समग्र (4 भागों में) |
सं. स्मिता मिश्र |
4995
 |
243 |
978-93-88260-22-0 |
गूँगा नहीं था मैं |
जयप्रकाश कर्दम |
175 |
244 |
978-93-88260-14-5 |
हैप्पी वैलेंटाइन डे (काव्य) |
देवनाथ सिंह फौलादी |
295 |
245 |
978-93-88260-13-8 |
अस्तित्व और पहचान |
सं.डॉ. विजेंद्र प्रताप सिंह |
325 |
246 |
978-93-88260-65-7 |
बुढ़िया, सूत और सपने |
विश्वनाथ सचदेव |
300 |
247 |
978-93-88260-58-9 |
कविता की चौखट |
भूपिंदर कौर |
225 |
248 |
978-93-88260-43-5 |
दर्द के दायरे |
विजय निकोर |
325 |
249 |
978-93-88260-42-8 |
पुकारता हूँ कबीर |
भरत प्रसाद |
325 |
250 |
978-93-88260-81-7 |
अंधेरे में अदृश्य जो |
राजकुमार कुंभज |
250 |
251 |
978-93-88260-96-1 |
माँ बस माँ होती है |
अशोक बाजपेई |
225 |
252 |
978-93-88260-99-2 |
जन्मदिन की कविता |
अनु. जयश्री पुरवार |
225 |
253 |
978-93-83682-81-2 |
गीत गंगा |
गोपाल दास नीरज |
60 |
254 |
978-93-83682-41-6 |
प्रवेशिका - प्रथम |
गोपाल दास नीरज |
60 |
255 |
978-93-83682-06-5 |
प्रवेशिका - द्वितीय |
गोपाल दास नीरज |
60 |
256 |
978-93-83682-54-6 |
गीत श्री |
गोपाल दास नीरज |
60 |
257 |
978-93-83682-81-2 |
गीत गंगा |
गोपाल दास नीरज |
60 |
258 |
978-93-80417-61-5 |
जीवन बोलता है |
डॉ. शिवदत्त द्विवेदी |
300 |
259 |
978-93-85476-47-1 |
बहता है दर्द |
विजय निकोर |
350 |
260 |
978-93-82432-65-4 |
देवदारु सी लम्बी - गहरी सागर सी |
उद्भ्रांत |
500 |
261 |
978-93-85389-42-9 |
समय के अश्व पर |
उद्भ्रांत |
495 |
262 |
978-93-82432-60-9 |
बस्तियों से बाहर |
जयप्रकाश कर्दम |
120 |
263 |
978-93-85379-85-6 |
मेरी लम्बी कविताएँ |
नरेन्द्र मोहन |
150 |
264 |
978-93-85389-49-8 |
नृत्य से कविता |
नरेन्द्र मोहन |
70 |
265 |
978-93-86784-27-8 |
हदों से बाहर आते हुए |
सुषमा कपिल |
175 |
266 |
978-93-86784-15-5 |
अर्पण |
डॉ. एस. कशिश |
175 |
267 |
978-93-89220-03-2 |
धरोहर (सांस्कृतिक लोक गीत) |
रमेश दीक्षित |
295 |
268 |
978-93-86784-22-3 |
तुमने तो हाथों में रच लिया वसंत |
माया हरीश्याम पारथ |
130 |
269 |
978-93-86604-10-1 |
जनरल बोगी |
डॉ. रामचन्द्र सरस |
200 |
270 |
978-93-86604-17-0 |
संवेदना पर सिलवटें |
डॉ. कमल मुसद्दी |
225 |
271 |
978-93-86784-00-1 |
स्वर्ण मुक्तावली |
अनिता एस. कर्पूर |
200 |
272 |
978-93-83637-72-7 |
नवेली के पंख |
सुषमा कपिल |
175 |
273 |
978-93-85379-62-7 |
कुकुरमुत्तों का शहर |
विज्ञान भूषण |
150 |
274 |
978-93-85476-11-2 |
काँटों ने पहने मोती |
डॉ. गौतम सचदेव |
200 |
275 |
978-93-85476-71-6 |
पुनर्नवा |
ऋतु भनोट |
200 |
276 |
978-93-931782-9-4 |
किसान कथा |
डॉ. रामचन्द्र सरस |
150 |
277 |
978-93-85379-96-2 |
इन्द्रधनुष |
डॉ. सुमंगला मुम्मिगट्टी |
350 |
278 |
978-93-931782-6-3 |
अनुभूति से अभिव्यक्ति तक |
कुसुमलता अविचल |
295 |
279 |
978-93- |
खिड़की से आकाश |
मुक्ता |
200 |
280 |
978-93-83637-52-2 |
अधूरी देह |
गीतिका वेदिका |
195 |
281 |
978-93-931782-1-8 |
सीतायन |
अनु. धरणेन्द्र कुरकुरी |
175 |
282 |
- |
गागर से छलकता सागर |
कुसुम सिंह अविचल |
275 |
283 |
978-93-83637-67-6 |
चिन्दी-चिन्दी अस्तित्व |
बसंत कुमार परिहार |
200 |
284 |
978-93-86604-73-6 |
अनुभूतियों के मोती |
डॉ. इन्दू जैन |
325 |
285 |
978-93-86604-79-8 |
रुह से कविता (भाग-1) |
नीलम रानी गुप्ता |
125 |
286 |
978-93-86604-86-6 |
रुह से कविता (भाग-2) |
नीलम रानी गुप्ता |
130 |
287 |
978-93-86789-16-2 |
रुह से कविता (भाग-3)(एक संसार यह भी) |
नीलम रानी गुप्ता |
150 |
288 |
978-93-86789-28-5 |
रुह से कविता-भाग-5(तुलना दो विधाओं की) |
नीलम रानी गुप्ता |
275 |
289 |
978-93-82432-07-4 |
लोक कह्याँ बिगड़ी (स्त्री काव्य संकलन) |
संपा. प्रो. परिमला अंबेकर |
60 |
290 |
978-93- |
कमलादास की कवितायें |
डॉ. बाबू जोसफ, स्टीव विन्सेन्ट |
120 |
291 |
978-93- |
मेरे भगवान |
भगवान का सेवक |
60 |
292 |
978-93-83637-36-2 |
सृष्टि की आहटें |
मेधावी जैन |
195 |
293 |
978-93-83682-75-1 |
माँ - छाया बरगद की |
सफलता सरोज |
200 |
294 |
978-93-83637-46-1 |
मजदूर |
डॉ. जगदीश चन्द्र सितारा |
120 |
295 |
978-93-82432-68-5 |
कर्मण्येवाधिकारस्ते |
सुरेश चन्द्र |
200 |
296 |
978-93-80417-75-2 |
सहमी हुई सदी |
देवेन्द्र सफल |
200 |
297 |
978-93-85476-17-4 |
इक पावक ऋतुओं पर भारी |
अशोक सिंह सत्यवीर |
70 |
298 |
978-93-85389-08-5 |
समकालीन कविता कोश (दो भागों में) |
डॉ. गुरचरण सिंह |
330 |
299 |
978-93-85389-48-1 |
नरेन्द्र मोहन: कविता संग्रह (दो भागों में) |
संपा. डॉ. गुरचरण सिंह |
1500 |
300 |
- |
चुनी हुई कहानियाँ श्रंखला |
|
|
301 |
978-93-82432-20-3 |
विष्णु प्रभाकर: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलदेव वंशी |
200 |
302 |
978-93-82432-18-0 |
रामदरश मिश्र: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलदेव वंशी |
200 |
303 |
978-93-82432-34-0 |
महीप सिंह: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलदेव वंशी |
200 |
304 |
978-93-82432-32-6 |
वल्लभ डोभाल: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलदेव वंशी |
200 |
305 |
978-93-82432-35-7 |
रमेश बक्षी: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलदेव वंशी |
200 |
306 |
978-93-82432-81-4 |
वेदप्रकाश अमिताभ: चुनी हुई कहानियाँ |
वेदप्रकाश अमिताभ |
300 |
307 |
978-93-83682-13-3 |
राजी सेठ: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. डॉ. बलदेव वंशी |
250 |
308 |
978-93-83682-19-5 |
मृदुला गर्ग: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. डॉ. बलदेव वंशी |
300 |
309 |
978-93-83682-22-5 |
सिम्मी हर्षिता: चुनी हुई कहानियाँ |
सिम्मी हर्षिता |
300 |
310 |
978-93-83682-30-3 |
नासिरा शर्मा: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. डॉ. बलदेव वंशी |
300 |
311 |
978-93-83682-33-1 |
स्वयं प्रकाश: चुनी हुई कहानियाँ |
पल्लव कुमार |
250 |
312 |
978-93-85476-63-1 |
रणीराम गढ़वाली: चुनी हुई कहानियाँ |
रणीराम गढ़वाली |
300 |
313 |
978-93-86604-28-6 |
कुसुम अंसल: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलदेव वंशी |
350 |
314 |
978-93-86604-34-7 |
कुसुम खेमानी: चुनी हुई कहानियाँ |
कुसुम खेमानी |
395 |
315 |
978-93-86604-42-2 |
हरीश पाठक: चुनी हुई कहानियाँ |
हरीश पाठक |
350 |
316 |
978-93-86604-43-9 |
उर्मिला शिरीष: चुनी हुई कहानियाँ |
उर्मिला शिरीष |
350 |
317 |
978-93-86604-20-0 |
जयनन्दन: चुनी हुई कहानियाँ |
जयनंदन |
350 |
318 |
978-93-85389-34-4 |
कृष्ण बिहारी: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. अमरीक सिंह दीप |
300 |
319 |
978-93-83682-46-1 |
विश्वम्भरनाथ कौशिक: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. अमरीकसिंह दीप |
350 |
320 |
978-93-83682-86-7 |
चित्र मुद्गल: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. डॉ. बलदेव वंशी |
300 |
321 |
978-93-83682-78-2 |
मुक्ताः चुनी हुई कहानियाँ |
मुक्ता |
250 |
322 |
978-93-83682-89-8 |
चंद्रकांताः चुनी हुई कहानियाँ |
चंद्रकांता |
250 |
323 |
978-93-83682-95-9 |
महेश दर्पणः चुनी हुई कहानियाँ |
सं. चित्र मुद्गल |
275 |
324 |
978-93-85389-33-7 |
अमरीक सिंह दीप: चुनी हुई कहानियाँ |
अमरीक सिंह दीप |
350 |
325 |
978-93-85389-35-1 |
राजेन्द्र राव: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. अमरीक सिंह दीप |
350 |
326 |
978-93-85389-71-9 |
नीलाम्बर कौशिक: चुनी हुई कहानियाँ |
नीलाम्बर कौशिक |
300 |
327 |
978-93-85389-74-0 |
सत्येन्द्र चतुर्वेदी : चुनी हुई कहानियाँ |
सत्येन्द्र चतुर्वेदी |
225 |
328 |
978-93-86604-70-5 |
राजेन्द्र मोहन भटनागर : चुनी हुई कहानियाँ |
रा.मो. भटनागर |
325 |
329 |
978-93-85389-44-3 |
असगर वजाहत : चुनी हुई कहानियाँ |
सं. अनीता मिश्र |
350 |
330 |
978-93-85389-68-9 |
अमरेन्द्र मिश्र : चुनी हुई कहानियाँ |
अमरेन्द्र मिश्रा |
300 |
331 |
978-93-85389-93-1 |
रूप सिंह चंदेल : चुनी हुई कहानियाँ |
रूप सिंह चंदेल |
350 |
332 |
978-93-85476-40-2 |
सूर्यबाला : चुनी हुई कहानियाँ |
सूर्यबाला |
350 |
333 |
978-93-85389-69-6 |
तरसेम गुजराल : चुनी हुई कहानियाँ |
तरसेम गुजराल |
300 |
334 |
978-93-85389-92-4 |
सुधा अरोड़ा : चुनी हुई कहानियाँ |
सं. अरुण होता |
350 |
335 |
978-93-85476-76-1 |
दामोदर खड़से: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलराम |
250 |
336 |
978-93-85476-31-0 |
सुरेश उनियाल: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलराम |
275 |
337 |
978-93-85476-32-7 |
राजकमल: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलराम |
275 |
338 |
978-93-85476-23-5 |
बलराम: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलराम |
250 |
339 |
978-93-85476-67-9 |
सुशीला टाकभौरे: चुनी हुई कहानियाँ |
सुशीला टाकभौरे |
300 |
340 |
978-93-85476-55-6 |
क़मर मेवाड़ी: चुनी हुई कहानियाँ |
क़मर मेवाड़ी |
300 |
341 |
978-93-85476-78-5 |
गोविन्द उपाध्याय: चुनी हुई कहानियाँ |
गोविन्द उपाध्याय |
275 |
342 |
978-93-88260-55-8 |
धीरेन्द्र अस्थाना: चुनी हुई कहानियाँ |
धीरेन्द्र अस्थाना |
325 |
343 |
- |
व्यंग्य |
|
|
344 |
978-93-89220-77-3 |
हंसो हंसो यार हंसो (व्यंग्य-संग्रह) |
प्रेम जनमेजय |
350 |
345 |
978-93-89220-79-7 |
लेखक की दाढ़ी में चमचा(व्यंग्य-संग्रह) |
सुरेश कांत |
395 |
346 |
978-93-89220-84-1 |
बेशर्म समय में (व्यंग्य-संग्रह) |
डॉ. अतुल चतुर्वेदी |
295 |
347 |
978-93-89220-83-4 |
पांडे जी ओ पांडे जी (व्यंग्य-संग्रह) |
लालित्य ललित |
350 |
348 |
978-93-88260-20-6 |
मौसम है सेल्फियाना (व्यंग्य-संग्रह) |
गिरीश पंकज |
400 |
349 |
978-93-88260-17-6 |
लक्ष्मी से अनबन (व्यंग्य-संग्रह) |
राजेन्द्र वर्मा |
250 |
350 |
978-93-88260-08-4 |
व्यंग्य-शतक (व्यंग्य-संग्रह) |
शशिकांत सिंह |
325 |
351 |
978-93-88260-57-2 |
मुल्ला तीन प्याजा (व्यंग्य-संग्रह) |
सुरेश कांत |
325 |
352 |
978-93-86604-36-1 |
पन्हैयानर्तन (व्यंग्य उपन्यास) |
हरि जोशी |
450 |
353 |
978-93-86604-37-8 |
कुछ अलग (व्यंग्य-संकलन) |
सुरेश कांत |
375 |
354 |
978-93-86604-39-2 |
दशानन का हलफनामा (व्यंग्य-संग्रह) |
डॉ. सुरेश अवस्थी |
295 |
355 |
978-93-86604-41-5 |
बुद्धिमान की मूर्खता (व्यंग्य-संग्रह) |
वीरेन्द्र सरल |
275 |
356 |
978-93-86604-48-4 |
मेरी शिकायत यह है कि (व्यंग्य-संग्रह) |
राजेश कुमार |
325 |
357 |
978-93-86604-25-5 |
जोकर जि़ंदाबाद (व्यंग्य-संग्रह) |
शशिकांत सिंह शशि |
275 |
358 |
978-93-86604-26-2 |
राग लन्तरानी (व्यंग्य-संग्रह) |
सुशील सिद्धार्थ |
375 |
359 |
978-93-86604-27-9 |
बॉस, तुसी ग्रेट हो! (व्यंग्य संग्रह) |
सुरेश कांत |
350 |
360 |
978-93-86604-30-9 |
हरपाल सिंह का लोकतंत्र(व्यंग्य-संग्रह) |
अरविन्द कुमार खेड़े |
325 |
361 |
978-93-86604-33-0 |
नये नवेले व्यंग्य (व्यंग्य-संग्रह) |
सं. सुशील, राहुल |
450 |
362 |
978-93-86604-47-7 |
इर्दम्-गिर्दम् अहम् स्मरामि (संस्मरण) |
प्रेम जनमेजय |
375 |
363 |
978-93-85476-69-3 |
प्रजातंत्र के प्रेत (उपन्यास) |
शशिकांत सिंह शशि |
350 |
364 |
978-93-85476-59-4 |
व्यंग्य नहीं हकीकत है ये (व्यंग्य-संग्रह) |
निर्मला सिंह |
195 |
365 |
978-93-85476-60-0 |
चुनाव-मैदान में बंदूक सिंह (व्यंग्य-संग्रह) |
सुरेश कांत |
295 |
366 |
978-93-85389-57-3 |
इस हमाम में (व्यंग्य-संग्रह) |
सूर्यबाला |
200 |
367 |
978-93-85476-44-0 |
तरकश के तीर (व्यंग्य-संग्रह) |
शरद सुनेरी |
250 |
368 |
978-93-83682-28-7 |
सियारों की विदेश यात्र (व्यंग्य-संग्रह) |
डॉ. प्रेम कुमारी नाहटा |
200 |
369 |
- |
नाटक / एकांकी |
|
|
370 |
978-93-88260-46-9 |
समवादी सत्ता (नाटक) |
डॉ. सुरेश चन्द्र |
295 |
371 |
978-93-82432-91-3 |
बच्चों के 15 श्रेष्ठ एकांकी |
प्रकाश मनु |
275 |
372 |
978-93-83637-32-4 |
कहै कबीर सुनो भई साधु (नाटक) |
नरेन्द्र मोहन |
150 |
373 |
978-93-85389-01-6 |
उत्तिष्ठ भारत (नाटक) |
डॉ. त्रिभुवन नाथ शुक्ल |
100 |
374 |
978-93-85389-53-5 |
उद्धार एवं बाजार (नाटक) |
अनु. धरणेन्द्र कुरकुरी |
150 |
375 |
978-93-83637-01-0 |
महाभिनिष्क्रमण (नाटक) |
डॉ. सुरेश चन्द्र |
150 |
376 |
978-93-82432-01-2 |
लोकनायक युगे-युगे (नाटक) |
डॉ. बलदेव वंशी |
70 |
377 |
978-93-80417-46-2 |
बात एक हर्ष की (नाटक) |
डॉ. सुरेश चन्द्र शुक्ल |
200 |
378 |
978-93-83682-49-2 |
काला पत्थर (नाटक) |
डॉ. सुरेश चन्द्र शुक्ल |
45 |
379 |
978-93-83682-48-5 |
भूमि की ओर (नाटक) |
डॉ. सुरेश चन्द्र शुक्ल |
55 |
380 |
- |
कठपुतली का विद्रोह (नाटक) |
डॉ. धरणेन्द्र कुरकुरी |
40 |
381 |
- |
झीनी-झीनी भीनी चदरिया (नाटक) |
डॉ. सरजू प्रसाद मिश्र |
50 |
382 |
- |
चन्द्रगुप्त (नाटक) |
जयशंकर प्रसाद |
40 |
383 |
- |
स्कंदगुप्त (नाटक) |
जयशंकर प्रसाद |
40 |
384 |
- |
अजातशत्रु (नाटक) |
जयशंकर प्रसाद |
40 |
385 |
- |
ध्रुवस्वामिनी (नाटक) |
जयशंकर प्रसाद |
20 |
386 |
- |
साक्षात्कार श्रंखला |
|
|
387 |
978-93-89220-98-8 |
आईने के सामने(साक्षात्कार-दामोदर खड़से) |
सं. बलराम |
295 |
388 |
978-93-89220-67-4 |
साक्षी है संवाद(साक्षात्कार-सुशीला टाकभौरे) |
सुशीला टाकभौरे |
495 |
389 |
978-93-88260-19-0 |
कमल कुमार: साक्षात्कार के आईने में |
कमल कुमार |
395 |
390 |
978-93-88260-16-9 |
प्रेमकुमार का साक्षात्कार साहित्य: मूल्यांकन के विविध पक्ष |
सं. सुरेश चंद्र |
450 |
391 |
978-93-88260-68-8 |
कहा-सुना (स्वयं प्रकाश के साक्षात्कार) |
सं. लक्ष्मण व्यास |
395 |
392 |
978-93-88260-36-7 |
संस्कृति के सुर्खाब |
निर्मला डोसी |
495 |
393 |
978-93-86604-52-1 |
आमने सामने |
मृदुला गर्ग |
275 |
394 |
978-93-86604-60-6 |
शब्द और लय (साक्षात्कार एवं समीक्षा) |
मुक्ता |
550 |
395 |
978-93-85476-95-2 |
सूर्यबाला: साक्षात्कार के आइने में |
सं. तरसेम गुजराल |
495 |
396 |
978-93-85476-65-5 |
शख़्स और अक़्स |
सूर्यकांत नागर |
300 |
397 |
978-93-85476-35-8 |
समय के साक्षी |
महेश दर्पण |
395 |
398 |
978-93-85389-82-5 |
हाँ! मैंने कहा |
नमिता सिंह |
300 |
399 |
978-93-83682-96-6 |
संवाद अनायास |
गोविन्द मिश्र |
200 |
400 |
978-93-83682-99-7 |
संवाद रहे जारी |
प्रभाकर क्षोत्रिय |
300 |
401 |
978-93-83682-98-0 |
प्रश्नों के दायरे में |
चन्द्रकान्ता |
300 |
402 |
978-93-83682-51-5 |
मन्टो का इंतजार |
नरेन्द्र मोहन |
350 |
403 |
978-93-83682-52-2 |
मेरे साक्षात्कार |
उद्भ्रान्त |
250 |
404 |
978-93-82432-67-8 |
मेरे संवाद |
जयप्रकाश कर्दम |
300 |
405 |
978-93-85476-49-5 |
संवाद यात्र (रामदरश मिश्रजी से साक्षात्कार) |
सं. हरिशंकर राढ़ी |
395 |
406 |
978-93-85476-80-8 |
मेरे साक्षात्कार |
सिम्मी हर्षिता |
325 |
407 |
978-81-908320-8-3 |
शब्द शिल्पियों से सीधी बातचीत |
डॉ. सरजू प्रसाद मिश्र |
250 |
408 |
- |
समग्र साहित्य का मूल्यांकन |
|
|
409 |
978-93-89220-44-5 |
चित्र मुद्गल: सृजन के विविध आयाम (भाग-1, 2) |
सं. उर्मिला शिरीष |
1995 |
410 |
978-93-88260-09-1 |
चन्द्रकांता का सृजन संसार |
सं. संतोष गोयल |
995 |
411 |
978-93-88260-76-3 |
चेतना में दीवारें नहीं होती (रचना और रचनाकार राजी सेठ) |
सं. तरसेम गुजराल |
495 |
412 |
978-93-88260-72-5 |
वंचितों के प्रवक्ता: शिवमूर्ति |
सं. संजय नवले |
895 |
413 |
978-93-89220-34-6 |
उषा हिंडोला: उषाकिरण खान का रचना संसार |
सं. कुमार वरुण |
495 |
414 |
978-93-86604-31-6 |
सिम्मी हर्षिता: कृति विमर्श |
सिम्मी हर्षिता |
595 |
415 |
978-93-86604-57-6 |
असम्भव के विरुद्ध: कथाकार स्वयं प्रकाश |
सं. कनक जैन |
875 |
416 |
978-93-85389-20-7 |
आकलन गोविन्द मिश्र |
सं. रामजी तिवारी |
700 |
417 |
978-93-85389-31-3 |
कृष्णा अग्निहोत्री: सम्पूर्ण साहित्य का मूल्यांकन |
सं. नीहार गीते |
695 |
418 |
978-93-85476-82-2 |
सूर्यबाला का सृजन संसार |
सं. दामोदर खड़से |
895 |
419 |
978-93-83682-17-1 |
आलोचना की तीसरी परम्परा और डॉ. जयप्रकाश कर्दम |
डॉ. नामदेव |
495 |
420 |
978-93-86604-90-3 |
गीतों के कुंअर - कुंअर बेचैन |
सं. सफलता सरोज |
725 |
421 |
978-93-83637-43-0 |
श्रीप्रकाश मिश्र की साहित्य साधना की परख |
सं. सुरेश चन्द्र |
700 |
422 |
978-93-82432-85-2 |
डॉ. सुरेश शुक्ल चन्द्र का रचना संसार |
सं. डॉ. लव कुमार |
695 |
423 |
978-93-85476-21-1 |
बातों-मुलाकातों में व़फ़ाज़ी अब्दुल सत्तार |
प्रेम कुमार |
495 |
424 |
978-93-83637-03-4 |
डॉ. मिथिलेश कुमारी मिश्र का साहित्य: संवेदना और शिल्प |
डॉ. हरिओम अवस्थी |
795 |
425 |
978-93-86604-81-1 |
रूपसिंह चंदेल का साहित्यिक मूल्यांकन |
सं. माधव सक्सेना |
725 |
426 |
- |
डायरी / ललित निबन्ध / पत्र साहित्य / आत्मकथा |
|
|
427 |
978-93-85476-58-7 |
विश्वास जिन्दा है (डायरी) |
रामदरश मिश्र |
325 |
428 |
978-93-85476-46-4 |
अफसाने अपने कहानी अपनी (डायरी) |
कृष्णा अग्निहोत्री |
395 |
429 |
978-93-82432-75-3 |
नया चौराहा (ललित निबन्ध) |
रामदरश मिश्र |
350 |
430 |
978-93-85389-87-0 |
पत्र भी इतिहास भी (पत्र-साहित्य) |
उद्भ्रांत |
995 |
431 |
978-93-83682-84-3 |
सम्प्रति (संवाद, निबन्ध, लेख और भाषण) |
डॉ. गौतम सचदेव |
300 |
432 |
978-93-83682-37-9 |
दूब पर पड़ती धूप (आत्मकथा) |
डॉ. सरजू प्रसाद मिश्र |
495 |
433 |
978-93-88260-15-2 |
मैंने जो जिया (बीज की यात्र) भाग-1 (आत्मकथा) |
उद्भ्रांत |
795 |
434 |
978-93-85389-52-8 |
मेरी लेखकीय अन्तर्यात्र |
राजेन्द्र लहरिया |
250 |
435 |
978-93-80417-35-6 |
हिन्दी लेखिकाओं की आत्मकथाएँ |
डॉ. सरजू प्रसाद मिश्र |
350 |
436 |
- |
संस्मरण / यात्रा-वृत्तांत |
|
|
437 |
978-93-86604-47-7 |
इर्दम्-गिर्दम् अहम् स्मरामि (संस्मरण) |
प्रेम जनमेजय |
375 |
438 |
978-93-88260-71-8 |
चहलकदमियां (संस्मरण) |
प्रेम जनमेजय |
695 |
439 |
978-93-86604-21-7 |
यादों के सफर (संस्मरण) |
रूपसिंह चंदेल |
325 |
440 |
978-93-86604-61-3 |
समय की शिला पर (संस्मरण) |
विष्णु चन्द्र शर्मा |
350 |
441 |
978-93-85476-44-7 |
वे थे वे हैं! (कुबेरदत्त के संस्मरण) |
सं. बलदेव वंशी |
395 |
442 |
978-93-83682-29-4 |
स्मृतियों के आर-पार (बल्लभ डोभाल के संस्मरण) |
सं. बलदेव वंशी |
350 |
443 |
978-93-85389-52-8 |
मेरी लेखकीय अर्न्तयात्र (संस्मरण) |
राजेन्द्र लहरिया |
250 |
444 |
978-93-85389-83-2 |
सहयात्रएँ (संस्मरणात्मक निबन्ध) |
रामदरश मिश्र |
450 |
445 |
978-93-85476-85-3 |
इतिहास और प्रकृति दोनों (यात्र वृत्तांत) |
गोविन्द मिश्र |
350 |
446 |
978-93-85389-95-5 |
छोटे-बड़े रास्ते (यात्र वृत्तांत) |
सं. स्मिता मिश्र |
495 |
447 |
- |
संत साहित्य |
|
|
448 |
- |
संत तिरुज्ञानसंबंधर |
डॉ. राजलक्ष्मी कृष्णन |
250 |
449 |
- |
संत योगी श्री अरविन्द |
डॉ. राजेन्द्र टोकी |
225 |
450 |
- |
श्री जयदेव और श्री चैतन्य |
अमूल्य रत्न महांति |
400 |
451 |
- |
भारतीय मुस्लिम संत परम्परा |
डॉ. बलदेव वंशी |
275 |
452 |
- |
संत गाडगे और उनका जीवन संघर्ष |
इं. राजेन्द्र प्रसाद |
250 |
453 |
- |
आंध्र प्रदेश के प्रमुख संत: योगी वेमना |
लक्ष्मी अय्यर, दोड्डा शेष बाबु |
250 |
454 |
- |
रामायण: समय की कसौटी पर |
अरुणा त्रिवेदी |
550 |
455 |
- |
रामचरितमानस शब्दानुक्रम कोश |
त्रिभुवननाथ शुक्ल |
1195 |
456 |
- |
संत कवि आपा |
उदय प्रताप सिंह |
250 |
457 |
- |
लोकधर्मी संत तुलसीदास |
उदयभान मिश्र |
200 |
458 |
- |
संत शिरोमणि पीपा जी |
डॉ. जगमल सिंह |
220 |
459 |
- |
संत एकनाथ |
सुनीति चिटगोपेकर |
250 |
460 |
- |
देवारम् |
सीमा शेखर |
300 |
461 |
- |
संतों का संसार |
डॉ. बलदेव वंशी |
400 |
462 |
- |
युग संत कवि रामतीर्थ |
डॉ. मीनाक्षी मोहन |
300 |
463 |
- |
समर्थ गुरु स्वामी रामदास |
डॉ. केशव प्रथमवीर |
200 |
464 |
- |
संत कवि अख़ा जी |
बसन्त कुमार परिहार |
300 |
465 |
- |
भारतीय संत परम्परा और नारायण गुरु |
श्री नीलकंठन नंपुतिरि |
200 |
466 |
- |
कबीरदास और शिशुनाल शरीफ का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. शाकिरा खानम |
320 |
467 |
- |
भक्ति आन्दोलन और मध्यकालीन हिन्दी भक्तिकाव्य |
डॉ. सुरेश चन्द्र |
300 |
468 |
- |
रामचरितमानस और रामचन्द्रिका शिल्प विधान का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. गीता सिंह |
500 |
469 |
- |
भगवतगीता का संवाद सौंदर्य |
डॉ. ज्ञानराज गायकवाड |
300 |
470 |
- |
मध्यकालीन संत साहित्य और मानवमूल्य |
डॉ. सुनीता धानुका |
300 |
471 |
- |
निर्गुुण काव्य में सामाजिक चेतना और संत रविदास |
डॉ. प्रवीण कांबले |
550 |
472 |
- |
गुरु गोविन्द सिंह: एक युग व्यक्तित्व का योगदान |
डॉ. महीप सिंह |
175 |
473 |
- |
संत सेवालाल (जीवन-चरित्र) |
डॉ. नागरत्ना एन. राव |
200 |
474 |
- |
ग़ज़ल /शायरी संग्रह |
|
|
475 |
978-93-83682-40-9 |
नीरज की ग़ज़लें |
गोपालदास नीरज |
50 |
476 |
978-93-83476-70-9 |
इस जिन्दगी की जय |
चन्द्रसेन विराट |
395 |
477 |
978-93-85389-27-6 |
ज़माना कहता रहे |
नलिन श्रीवास्तव |
200 |
478 |
978-93-83682-05-8 |
पंख ग़ज़ल के |
सं. नरेश शांडिल्य |
250 |
479 |
978-93-85389-78-8 |
बिखरी यादें |
राजेन्द्र अख्तर |
100 |
480 |
978-93-85389-58-0 |
अकबर इलाहाबादी की शायरी (भाग-1) |
सं. प्रो.ओमराज |
200 |
481 |
978-93-85389-81-8 |
अकबर इलाहाबादी की शायरी (भाग-2) |
सं. प्रो.ओमराज |
200 |
482 |
978-93-85476-83-9 |
वक्त के आइने (नज़्म संग्रह) |
सुरेन्द्र भूटानी |
195 |
483 |
- |
संस्कृत |
|
|
484 |
978-93-80417-36-3 |
लोक जीवन के रंग (संस्कृत मुक्तकों का दोहानुवाद) |
डॉ. ओमप्रकाश राजपाली |
300 |
485 |
978-93-80417-82-0 |
वैराग्यशतकम् (दोहानुवाद एवं भावार्थ) |
डॉ. ओमप्रकाश राजपाली |
200 |
486 |
978-93-83637-66-5 |
श्रृंगारशतकम् (दोहानुवाद एवं भावार्थ) |
डॉ. ओमप्रकाश राजपाली |
150 |
487 |
978-93-83637-05-8 |
नीतिशतकम् (दोहानुवाद एवं भावार्थ) |
डॉ. ओमप्रकाश राजपाली |
150 |
488 |
- |
English Literature |
|
|
489 |
978-93-82432-12-8 |
Learning Hindi Through English |
Dr. Vidya Shree |
300 |
490 |
978-93-80417-68-4 |
Issues and Concerns in Post Colonial Literature |
Dr. Balkrishna Waghmare |
350 |
491 |
978-93-80417-31-8 |
Mysticism of John Donne |
Dr. Anjali A. Jain |
250 |
492 |
978-93-83637-08-9 |
Harbinger (Poem) |
Rajesh Vishwanath |
150 |
493 |
- |
ECONOMICS |
|
|
494 |
978-81-925164-8-9 |
The Paradigms of Employment and Industrial Relation in India |
Abhishek Mishra |
300 |
495 |
978-93-82432-66-1 |
वनौषधियों का अर्थशास्त्र |
डॉ. आशीष खिमेशरा |
400 |
496 |
- |
प्रेमचन्द साहित्य |
|
|
497 |
- |
प्रतिज्ञा |
प्रेमचन्द |
150 |
498 |
- |
गबन |
प्रेमचन्द |
400 |
499 |
- |
सेवासदन |
प्रेमचन्द |
250 |
500 |
- |
निर्मला |
प्रेमचन्द |
150 |
501 |
- |
गोदान |
प्रेमचन्द |
495 |
502 |
- |
प्रसाद साहित्य |
|
|
503 |
- |
ध्रुवस्वामिनी |
जयशंकर प्रसाद |
- |
504 |
- |
चन्द्रगुप्त |
जयशंकर प्रसाद |
150 |
505 |
- |
स्कन्दगुप्त |
जयशंकर प्रसाद |
150 |
506 |
- |
अजातशत्रु |
जयशंकर प्रसाद |
150 |
507 |
- |
बाल उपयोगी संत पुस्तक माला |
|
|
508 |
978-93-82432-30-2 |
सूफी संत बाबा फरीद की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
509 |
978-93-82432-21-0 |
संत दरिया साहब (बिहार वाले)की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
510 |
978-93-82432-22-7 |
संत गाडगे बाबा की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
511 |
978-93-82432-23-4 |
संत गुरु तेग बहादुर की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
512 |
978-93-82432-24-1 |
संत दयानंद सरस्वती की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
513 |
978-93-82432-25-8 |
संत दादू दयाल की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
514 |
978-93-82432-26-5 |
संत कबीरदास की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
515 |
978-93-82432-27-2 |
संत मीराबाई की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
516 |
978-93-82432-28-9 |
संत मलूकदास की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
517 |
978-93-82432-29-6 |
संत कवि रज्जब की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
518 |
978-93-82432-40-1 |
गोस्वामी तुलसीदास जी की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
519 |
978-93-82432-41-8 |
श्री गुरुनानक देव जी की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
520 |
978-93-82432-42-5 |
श्री गुरु अंगद देव की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
521 |
978-93-82432-43-2 |
भक्त कवि सूरदास की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
522 |
978-93-82432-44-9 |
श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
523 |
978-93-82432-45-6 |
कृष्ण भक्त रसखान की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
524 |
978-93-82432-46-3 |
संत कवि अब्दुर रहीम की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
525 |
978-93-82432-47-0 |
संत अमीर खुसरो की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
526 |
978-93-82432-48-7 |
सूप़फ़ी संत मलिक मुहम्मद जायसी की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
527 |
978-93-82432-49-4 |
संत महात्मा फूले की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
528 |
978-93-82432-53-1 |
संत रविदास की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
529 |
978-93-82432-54-8 |
संत बाबा लाल जी की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
530 |
978-93-82432-55-5 |
सूफी संत साईं बुल्ले साहब की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
531 |
978-93-82432-56-2 |
भगवान महावीर की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
532 |
978-93-82432-57-9 |
संत कवि नामदेव की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
533 |
978-93-83637-15-7 |
महात्मा गाँधी की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
534 |
978-93-83637-17-1 |
स्वामी विवेकानन्द की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
535 |
978-93-83637-13-3 |
इन्दिरा गाँधी की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
536 |
978-93-83637-12-6 |
डॉ. भीमराव अम्बेडकर की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
537 |
978-93-83637-16-4 |
मदर टेरेसा की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
538 |
978-93-83637-14-0 |
पं. जवाहर लाल नेहरू की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
539 |
978-93-83637-18-8 |
दयानन्द सरस्वती की कहानी |
डॉ. बलदेव वंशी |
50 |
540 |
- |
प्रयोजनमूलक हिन्दी/अनुवाद विज्ञान/भाषा विज्ञान/व्याकरण/काव्यशास्त्र |
|
|
541 |
978-93-88260-04-6 |
प्रयोजनमूलक हिंदी के नए आयाम |
डॉ. पंडित बन्ने |
495 |
542 |
978-93-89220-63-6 |
अनुवाद: समस्याएँ एवं समाधान |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
650 |
543 |
978-93-89220-60-5 |
अनुवाद चिंतन |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
650 |
544 |
978-93-83682-44-7 |
बैंकों में अनुवाद की भाषा वैज्ञानिक समस्यायें |
डॉ. रमीष एन. |
250 |
545 |
978-93-88260-93-0 |
हिन्दी के प्रमुख भाषा वैज्ञानिक, बोलियाँ एवं अस्मितामूलक भाषाविज्ञान(आलोचना) |
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सिंह |
350 |
546 |
978-93-88260-49-7 |
हिंदीतर प्रदेशों में हिन्दी भाषा शिक्षण |
डॉ. पुष्पा |
650 |
547 |
978-93-86784-17-9 |
हिन्दी साहित्य का इतिहास |
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल |
895 |
548 |
978-93-85476-41-9 |
अधिगम के लिए आकलन |
डॉ. पुष्पा |
395 |
549 |
978-93-80417-11-0 |
भाषा विज्ञान एवं हिन्दी भाषा |
डॉ. संजय नवले,प्रा- भगवान |
225 |
550 |
81-903830-9-4 |
हिन्दी भाषा विज्ञान परिचय |
डॉ. ज्ञानराज गायकवाड |
250 |
551 |
978-93-86784-14-8 |
हिन्दी व्याकरण |
कामता प्रसाद गुप्त |
795
 |
552 |
81-903830-7-8 |
उपयोगी हिन्दी व्याकरण |
डॉ. ज्ञानराज गायकवाड |
250 |
553 |
81-903830-5-1 |
मानक हिन्दी भाषा व्याकरण दर्शिका |
डॉ. गणेश पवार |
300 |
554 |
978-93-86784-34-6 |
पाश्चात्य काव्य सिद्धान्त |
डॉ. ज्ञानराज गायकवाड |
395 |
555 |
978-93-86784-33-9 |
भारतीय काव्य सिद्धान्त |
डॉ. ज्ञानराज गायकवाड |
495 |
556 |
978-93-86604-85-9 |
भारतीय काव्यशास्त्र |
सच्चिदानंद चतुर्वेदी |
395 |
557 |
- |
अनूदित साहित्य |
|
|
558 |
978-93-88260-53-4 |
खाली कुओं की कथा(अनूदित उपन्यास) |
अनु. सुभाष नीरव |
495 |
559 |
978-93-85476-51-8 |
अँधेरी गलियाँ (अनूदित उपन्यास) |
मूल लेखक - नछत्तर अनु. सुभाष नीरव |
300 |
560 |
978-93-80417-03-5 |
दारू और दर्द की कहानियाँ (तेलगू से हिन्दी में अनूदित कहानियाँ) |
अनु.डॉ. के.सीतालक्ष्मी |
225 |
561 |
978-93-89220-85-8 |
कनक का कत्लेआम (उपन्यास) |
मूल रामसरूप अणखी अनु. अमरीक सिंह दीप |
250 |
562 |
978-93-83682-90-6 |
रेत में डूबी नदियाँ |
मूल अमरीक सिंह दीप जसबीर भुल्लर |
250 |
563 |
978-93-86604-98-9 |
तीन दुनियाओं की 21 और कहानियाँ |
अनु.व सं.तरसेम गुजराल |
450 |
564 |
978-93-82432-88-3 |
नो मैन्स लैण्ड |
मूल जसबीर भुल्लर अनु. अमरीक सिंह दीप |
250 |
565 |
978-93-83637-57-7 |
पंजाबी की चुनी हुई कहानियाँ |
अनु.व सं.अमरीक सिंहदीप |
275 |
566 |
- |
मराठी की श्रेष्ठ कहानियाँ (कहानी संग्रह) |
अनु. डॉ. के. जी. कदम |
125 |
567 |
- |
आज की कन्नड़ कवितायें (कन्नड़ से हिन्दी में अनूदित कवितायें) |
अनु. डॉ. धरणेन्द्र कुरकुरी |
70 |
568 |
- |
प्रवासी साहित्य |
|
|
569 |
978-93-89220-36-0 |
प्रवासी साहित्य एवं हिन्दी भाषा का बदलता स्वरूप |
सं. डॉ. कोयल विश्वास |
295 |
570 |
978-93-88260-74-9 |
वैश्विक संवेदन संसार और प्रवासी महिला कहानीकार |
डॉ. मधु संधु |
295 |
571 |
978-93-88260-60-2 |
प्रवासी साहित्य और हिन्दी भाषा का महत्व |
सं. डॉ. मधु, डॉ. कमल |
395 |
572 |
978-93-88260-88-6 |
प्रवासी हिन्दी साहित्य संवेदना के विविध संदर्भ |
सं. प्रतिभा मुदलियार |
825 |
573 |
978-93-89220-58-2 |
प्रवासी साहित्य का सांस्कृतिक रेखांकन |
डॉ. इंद्र के.वी. |
395 |
574 |
- |
ज्ञानवर्धक/समाजवाद/ज्योतिष विज्ञान/वास्तुशास्त्र |
|
|
575 |
978-93-89220-99-5 |
पीले सोने का देश (द चंबल बुक) |
आदर्श गुप्ता |
895 |
576 |
978-93-89220-32-2 |
कोहिनूर जहां भी रहा अनमोल रहा (उदय प्रताप सिंह की जीवनी) |
मनोरमा श्रीवास्तव |
200 |
577 |
978-93-86784-28-5 |
दिव्य जीवन ज्योति |
राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय |
100 |
578 |
978-93-88260-25-4 |
श्री रामनाथ कोविंद: परौंख से राष्ट्रपति भवन तक |
सं. नीलाम्बर कौशिक |
350 |
579 |
978-93-89220-47-6 |
गीत गाता चल (फिल्मी गीतों के रचनाकारों पर विशेष) |
डॉ. टी. शशिधरन |
375 |
580 |
978-93-88260-07-7 |
1857: गदर या क्रांति |
डॉ. अरविंद अरोड़ा |
350 |
581 |
978-93-88260-75-6 |
जियो जी भर के |
सुबोध मिश्र |
450 |
582 |
978-93-83637-41-2 |
तूती-ए-हिन्दुस्तां : पटियाली के अमीर खुसरो |
डॉ. ओम गुप्ता |
495 |
583 |
978-93-85476-64-8 |
ओंग सान सू की |
शशिधर खान |
250 |
584 |
978-93-85476-86-0 |
आइनें में उतरा एक आकाश (डॉ. शंभुनाथ - एक प्रेरक जीवनी) |
मनोरमा श्रीवास्तव |
250 |
585 |
978-93-89220-59-9 |
चन्द तस्वीरें: चन्द खुतूत |
सं. एस.एम. शाहिद |
375 |
586 |
978-93-83637-58-4 |
हिन्दुत्व में जातिप्रथा और अन्तर्जातीय विवाह |
डॉ. सीताराम पासवान |
95 |
587 |
978-93-85389-13-9 |
भारत के स्वतंत्रता सेनानी |
डॉ. जगमल सिंह |
147 |
588 |
978-93-83637-11-9 |
महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी |
डॉ. जगमल सिंह |
100 |
589 |
978-93-83637-09-6 |
सत्य की खोज |
देवेन्द्र कुमार |
60 |
590 |
978-93-82432-70-8 |
कम्प्यूटर शिक्षण एवं आधुनिक तकनीक |
श्याम सिंह |
500 |
591 |
978-93-82432-12-8 |
Learning Hindi Through English |
Dr. Vidya Shree |
300 |
592 |
978-93-80417-67-7 |
अभिनव कार्यालय आलेखन और टिप्पण |
डॉ. विद्याश्री |
350 |
593 |
978-93-89220-43-8 |
मूसा से मार्क्स तक (समाजवाद) |
अनु. सईद नकवी |
295 |
594 |
978-93-83637-68-3 |
विश्वस्तरीय भारतीय ज्योतिष विज्ञान |
डॉ. सीताराम पासवान |
350 |
595 |
978-93-83637-69-0 |
वास्तुशास्त्र का आसान अध्ययन |
डॉ. सीताराम पासवान |
250 |
596 |
- |
प्रतियोगी परीक्षा |
|
|
597 |
978-93-80417-91-2 |
अभिनव वृहद वस्तुनिष्ठ हिन्दी (नेट/स्लेट) (भाग-प्रथम) |
डॉ. सुभाष चन्द्र |
500 |
598 |
978-93-80417-92-9 |
अभिनव वृहद वस्तुनिष्ठ हिन्दी (नेट/सेट) (भाग-द्वितीय) |
डॉ. सुभाष चन्द्र |
500 |
599 |
978-93-83637-02-7 |
हिन्दी ज्ञान दर्पण (वस्तुनिष्ठ) (NET/SLET के लिए उपयोगी) |
प्रा. बालु राठोड़ |
550 |
600 |
81-903830-8-6 |
वस्तुनिष्ठ हिन्दी प्रतियोगिता (UGC, NET, SLET) |
डॉ. तेजस्वी कट्टीमनी |
350 |
601 |
- |
सौन्दर्यशास्त्र/खण्ड काव्य/प्रबन्ध काव्य/लोक साहित्य/लोक संस्कृति |
|
|
602 |
978-93-86604-71-2 |
कथा का सौन्दर्य शास्त्र |
प्रभाकर क्षोत्रिय |
400 |
603 |
978-93-86604-88-0 |
आलोचिंतना को होने दो केन्द्र अपसारी |
रमेश कुंतल मेघ |
475 |
604 |
978-93-86604-84-2 |
आपकी खातिर मुनासिब कार्यवाहियाँ |
रमेश कुंतल मेघ |
495 |
605 |
978-93-85389-46-7 |
समाज-संस्कृति तथा समाज-विज्ञान से समेकित साहित्य |
रमेश कुन्तल मेघ |
695 |
606 |
978-93-88260-73-2 |
राहुल (खण्ड काव्य) |
जयप्रकाश कर्दम |
250 |
607 |
978-93-88260-63-3 |
स्वयंप्रभा (खण्डकाव्य) |
उद्भ्रांत |
250 |
608 |
978-93-82432-09-8 |
वक्रतुण्ड (खण्डकाव्य) |
उद्भ्रान्त |
200 |
609 |
978-93-88260-59-6 |
राधामाधव (प्रबंध काव्य) |
उद्भ्रांत |
395 |
610 |
978-93-88260-10-7 |
पंखुरियाँ अंतर्द्वंद्वों की (प्रबंध काव्य) |
सं.डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
175 |
611 |
978-93-88260-12-1 |
त्रिपुरा के गॉरिया लोकगीत |
सं. मिलन रानी |
495 |
612 |
978-93-83637-64-5 |
केरलीय लोक कलाएँ |
डॉ. द्रौपदि जी. नायर |
250 |
613 |
978-93-85476-37-2 |
कर्नाटक की लोक कलाएँ |
अनु.प्रो.परिमला अंबेकर |
200 |
614 |
978-93-85476-43-3 |
लोक साहित्य के विविध आयाम |
वीणा दाढ़े |
395 |
615 |
978-93-89220-03-2 |
धरोहर (सांस्कृतिक लोक गीत) |
डॉ. रमेश दीक्षित |
295 |
616 |
978-93-85476-39-6 |
मराठी साहित्य और संस्कृति |
डॉ. पं. बन्ने |
395 |
617 |
- |
आलोचनात्मक पुस्तकें |
|
|
618 |
978-93-89220-96-4 |
गोविंद मिश्र के उपन्यास और भारतीय परिवार |
अमृत कुमार |
375 |
619 |
978-93-89220-94-0 |
कविता के वरिष्ठ नागरिक |
डॉ. ओम निश्चल |
495 |
620 |
978-93-89220-89-6 |
सत्ता से संवाद |
मुकेश भारद्वाज |
400 |
621 |
978-93-89220-86-5 |
व्यंग्य: एक नई दृष्टि |
सुरेश कांत |
450 |
622 |
978-93-89220-76-6 |
आत्मकथा का आलोक |
सं. अर्पण कुमार |
395 |
623 |
978-93-89220-62-9 |
भारतीय गल्प |
प्रभाकर श्रोत्रिय |
350 |
624 |
978-93-89220-52-0 |
उत्तर आधुनिकता: समय और साहित्य |
सं.डॉ. प्रमोद कोवप्रत |
395 |
625 |
978-93-89220-40-7 |
समकालीन साहित्य: आलोचनात्मक विवेचन |
रूपसिंह चंदेल |
550 |
626 |
978-93-89220-36-0 |
प्रवासी साहित्य एवं हिन्दी भाषा का बदलता स्वरूप |
सं. डॉ. कोयल विश्वास |
295 |
627 |
978-93-89220-35-3 |
युग निर्माता गांधी: साहित्य के आईने में |
सं. डॉ. आरसु |
375 |
628 |
978-93-89220-34-6 |
उषा हिंडोलाःउषाकिरण खान का रचनासंसार |
सं. कुमार वरुण |
495 |
629 |
978-81-945410-3-5 |
कहानीकार फणीश्वरनाथ रेणु |
भारत यायावर |
595 |
630 |
978-81-945410-5-9 |
साहित्यिक अवधारणायें: सामयिक संदर्भ |
डॉ. एस. कृष्ण बाबु |
600 |
631 |
978-81-945410-8-0 |
समकालीन हिन्दी कविता और भूमंडलीकरण |
सं. नीरज |
350 |
632 |
978-81-945410-9-7 |
साहित्य, संस्कृति और भाषा |
ऋषभदेव शर्मा |
495 |
633 |
978-93-89220-71-1 |
सदी की चौखट पर कविता (आलोचना) |
अरुण शीतांश |
395 |
634 |
978-81-945410-7-3 |
समकालीन हिन्दी उपन्यासों में आदिवासी जीवन |
डॉ. आर. तारा सिंह |
525 |
635 |
978-81-945410-1-1 |
बचपन और बाल साहित्य के सरोकार |
डॉ. ओमप्रकाश कश्यप |
795 |
636 |
978-93-89220-58-2 |
प्रवासी साहित्य का सांस्कृतिक रेखांकन |
डॉ. इंद्र के.वी. |
395 |
637 |
978-93-89220-70-4 |
थर्ड जेंडर: अस्मिता और संघर्ष |
सं.डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
495 |
638 |
978-81-945410-0-4 |
भारतीय जन-जीवन और हिन्दी सिनेमा |
डॉ. जयकृष्णन जे. |
350 |
639 |
978-93-89220-42-1 |
एक अन्तर्यात्री: सुरेन्द्र चतुर्वेदी |
सफलता सरोज |
495 |
640 |
978-93-88260-86-2 |
आधुनिक हिन्दी नाटक में क्रांतदर्शी कबीर एवं अन्य निबंध |
वेदप्रकाश अमिताभ |
325 |
641 |
978-93-88260-26-1 |
रचना के आइने में रचनाकार कृष्णा अग्निहोत्री |
डॉ. ऋतु भनोट |
295 |
642 |
978-93-89220-33-9 |
रचना-प्रक्रिया और मनस्तत्व |
डॉ. रेखा प्रियश्री |
795 |
643 |
978-93-89220-87-9 |
स्वाधीन होने का अर्थ और कविता |
नरेन्द्र मोहन |
495 |
644 |
978-93-89220-39-1 |
अथ किन्नर-कथा संवाद (न दैन्यं न पलायनम्) |
सं. महेन्द्र भीष्म |
495 |
645 |
978-93-88260-26-8 |
हिंदी कहानीःनई और पुरानी |
महेश दर्पण |
450 |
646 |
978-93-86604-89-7 |
स्वाधीनता का महास्वप्न |
बलराम |
395 |
647 |
978-93-88260-52-7 |
उनकी दृष्टि अपनी सृष्टि |
राकेश शुक्ल |
495 |
648 |
978-93-88260-48-0 |
दूरदर्शन: हिन्दी धारावाहिक एवं नारी |
डॉ. विजयेश्वर मोहन |
950 |
649 |
978-93-88260-44-2 |
जाग मछन्दर जाग(समकालीन आलेख) |
सुभाष राय |
325 |
650 |
978-93-88260-80-0 |
छायावाद का व्यावहारिक सौन्दर्यशास्त्र |
डॉ. सूर्यप्रसाद दीक्षित |
695 |
651 |
978-93-88260-95-4 |
हिन्दी उपन्यास: स्त्री की तरफ खुलती खिड़की |
तरसेम गुजराल |
525 |
652 |
978-93-88260-98-5 |
किन्नर विमर्श: कल, आज और कल |
सं. सफलता सरोज |
495 |
653 |
978-93-86604-80-4 |
संदर्भ और सवाल |
गोविन्द मिश्र |
425 |
654 |
978-93-86604-91-0 |
लम्बी कविताएँ: स्वरूप, संवेदना और शिल्प |
डॉ. समता मिश्र |
895 |
655 |
978-93-86604-72-9 |
इक्कीसवीं शती के हिन्दी उपन्यास |
सं. डॉ. प्रमोद कोवप्रत |
395 |
656 |
978-93-88260-82-4 |
आमने-सामने (लेख संग्रह) |
डॉ. रणजीत |
495 |
657 |
978-93-88260-06-0 |
मोबाइल में हिन्दी भाषा के अनुप्रयोग |
डॉ. नितीन कुंभार |
375 |
658 |
978-93-88260-61-9 |
साहित्याकाश के दो चाँद: बंकिमचन्द्र और प्रेमचंद |
डॉ. कोयल विश्वास |
595
 |
659 |
978-93-88260-45-9 |
हिन्दी का स्वातंत्र्योत्तर विचारात्मक गद्य |
सं. डॉ. कोयल विश्वास |
995 |
660 |
978-93-88260-83-1 |
समकालीन हिन्दी उपन्यास : यथार्थबोध और उसकी भाषा आलोचना |
डॉ. रत्ना शर्मा |
395 |
661 |
978-93-88260-92-3 |
समता समाज के प्रतिष्ठापक सुशीला टाकभौरे के उपन्यास |
डॉ. राजमुनि |
295 |
662 |
978-93-931782-4-9 |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी कथा साहित्य की प्रवृत्तियाँ |
कृष्णा श्रीवास्तव |
400 |
663 |
978-93-83637-79-9 |
विवेकीराय कृत चली फगुनाहट बौरे आम: लोकतत्व |
डॉ. अनुपमा तिवारी |
275 |
664 |
978-93-86784-11-7 |
धूमिल का काव्य समग्र: प्रासंगिकता के विविध संदर्भ |
डॉ. डॉली |
400 |
665 |
978-93-88260-27-5 |
नाट्यकर्मी सर्वेश्वरदयाल सक्सेना |
डॉ. देवीदास इंगले |
200 |
666 |
978-93-88260-25-1 |
आधुनिकता का पराग संक्रमण |
डॉ. सुप्रिया पी. |
325 |
667 |
978-93-86604-08-8 |
मैं कहूँ जगबीती |
गिरिराज किशोर |
295 |
668 |
978-93-86604-80-4 |
संदर्भ और सवाल |
गोविन्द मिश्र |
425 |
669 |
978-93-86604-81-1 |
रूपसिंह चंदेल का साहित्यिक मूल्यांकन |
सं. माधव सक्सेना |
725 |
670 |
978-93-86604-44-6 |
समीक्षा का लोकतंत्र |
विज्ञान भूषण |
375 |
671 |
978-93-86604-72-9 |
21वीं सदी के हिन्दी उपन्यास |
डॉ. प्रमोद कोवप्रत |
395 |
672 |
978-93-86604-49-1 |
विमर्श के पंख (समीक्षात्मक लेख) |
अम्बिली वी. एस. |
225 |
673 |
978-93-86604-24-8 |
भारतीय सिनेमा में भारतीय संस्कृति |
ऊषा कुमार के.पी. |
225 |
674 |
978-93-86604-78-1 |
सत्तरोत्तर हिन्दी उपन्यासों में व्यक्तित्व निर्माण के विविध आयाम |
डॉ. एन.सी. सुधादेवी |
675 |
675 |
978-93-86604-16-3 |
समकालीन हिन्दी कविता: विविध आयाम |
डॉ. सुचित, डॉ. ज्योति |
250 |
676 |
978-93-86604-14-9 |
गांधीबंदा व गिरमिटिया गांधी का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. सुलता राजाराम |
475 |
677 |
978-93-86604-68-2 |
मृदुला गर्ग: व्यक्तित्व और कृतित्व |
डॉ. एस. दीप्ति |
695 |
678 |
978-93-86604-59-0 |
समकालीनों की नजर में नासिरा शर्मा की कहानियाँ |
अंजुम ज़मा |
350 |
679 |
978-93-86604-69-9 |
स्त्री कविता में मानवीय संवेदना |
डॉ. शिवकुमार |
450 |
680 |
978-93-86604-13-2 |
संत कबीरदास और शिशुनाल शरीफ के साहित्य में जीवन मूल्य |
डॉ. सुलता राजाराम |
275 |
681 |
978-93-86604-12-5 |
मेहरुन्निसा परवेज़ की कहानियाँ : सामाजिक यथार्थ और कथाभाषा |
अनुपमा तिवारी |
650 |
682 |
978-93-86604-11-8 |
ममता कालिया की कहानियों में नारी |
डॉ. नीरजा वी. एस. |
595 |
683 |
978-93-86604-06-4 |
प्रमुख महिला कथाकारों की आत्म-कथाओं का शैलीवैज्ञानिक विश्लेषण |
प्रतिमा दवे |
550 |
684 |
978-93-86604-63-7 |
स्त्री: सत्ता, संस्कृति और समाज |
आरती रानी प्रजापति |
350 |
685 |
978-93-86604-64-4 |
सांकल: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन |
पूजा प्रजापति |
295 |
686 |
978-93-85476-66-2 |
समकालीन हिन्दी नाटक तथा रंगमंच |
डॉ. वी.जी. माग्रेट |
495 |
687 |
978-93-85476-33-4 |
मालती जोशी के कथा साहित्य का मनोवैज्ञानिक अध्ययन |
डॉ. भावना पाल |
650 |
688 |
978-93-85389-73-3 |
वर्तमान परिवेश और राष्ट्रीय चिंतन |
डॉ. कृष्णा अग्निहोत्री |
250 |
689 |
978-93-83682-93-5 |
साहित्य और राजनीति की तीसरी धारा |
कँवल भारती |
250 |
690 |
978-93-83682-23-2 |
फ़िलहाल |
गिरिराज किशोर |
550 |
691 |
978-93-83682-42-3 |
हिन्दी का वैश्विक स्वरूप तथा अन्य लेख |
डॉ. महीप सिंह |
495 |
692 |
978-93-83682-27-0 |
सरकंडे की कलम (रामदरश मिश्र-रचना संचयन) |
सं. सरस्वती मिश्र |
795 |
693 |
978-93-83682-45-4 |
छायावाद की सही परख पहचान |
डॉ. सूर्य प्रसाद दीक्षित |
250 |
694 |
978-93-85389-65-8 |
साहित्य का सामयिक सरोकार |
डॉ. प्रमोद कोव्वप्रत |
350 |
695 |
978-93-85389-67-2 |
शोध संस्कृति |
डॉ. संजय नवले |
250 |
696 |
978-93-83682-81-2 |
हिन्दी का अस्मितामूलक साहित्य और अस्मिताकार |
राजेन्द्र प्रसाद |
200 |
697 |
978-93-83682-74-4 |
जमीन की तलाश में (उपन्यासों की आलोचना) |
तरसेम गुजराल |
350 |
698 |
978-93-85389-66-5 |
रंगमंच के नाटककार मोहन राकेश |
प्रो. नारायण राजू |
400 |
699 |
978-93-85389-75-5 |
आधुनिक हिन्दी काव्य में युद्ध और शांति |
डॉ. प्रमिदा के. |
295 |
700 |
978-93-85389-04-7 |
समकालीन हिन्दी नाटक: युगबोध |
डॉ. उमा हेगड़े |
450 |
701 |
978-93-85389-77-1 |
नरेश मेहता के काव्य: एक अलग पहचान |
डॉ. जयरमन |
595 |
702 |
978-93-85389-48-1 |
नरेन्द्र मोहन: कविता समग्र (भाग-1, 2) |
सं.डॉ. गुरुचरण सिंह |
1500 |
703 |
978-93-85389-79-5 |
लीक से हटकर (समालोचना) |
डॉ. प्रेम कुमार |
450 |
704 |
978-93-85476-38-9 |
उपन्यासकार गोविन्द मिश्र |
सं. सुवास कुमार |
595 |
705 |
978-93-85389-88-7 |
हिन्दी दलित उपन्यासों का शिल्प-विधान |
डॉ. मनु प्रताप |
595 |
706 |
978-93-85476-81-5 |
हिन्दी साहित्य में ओमप्रकाश वाल्मीकि का प्रदान |
डॉ. महेन्द्र भाई वणकर |
650 |
707 |
978-93-85476-97-6 |
हिन्दी महिला नाट्य लेखन के सामाजिक सरोकार |
मिनी जोर्ज |
695 |
708 |
978-93-85476-98-3 |
मधु कांकरिया के कथा-साहित्य में सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना |
डॉ. शबाना हबीब |
695 |
709 |
978-93-85476-53-2 |
स्त्री विमर्श और समकालीन साहित्यिक संदर्भ |
प्रतिभा मुदलियार |
250 |
710 |
978-93-85476-62-4 |
डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी के साहित्य में चित्रित ग्रामीण जीवन सभ्यता |
डॉ. ए. फातिमा |
250 |
711 |
978-93-85476-57-0 |
समसामयिक कहानियों में कामकाजी महिला |
डॉ. एम. पवन कुमारी |
595 |
712 |
978-93-85476-77-8 |
उदयप्रकाश की कहानियों में समकालीन समाज एवं समस्याएँ |
डॉ. पी.जे. शिवकुमार |
250 |
713 |
978-93-85476-61-7 |
अन्तिम दशक के महिला कहानीकारों के बदलते सामाजिक सन्दर्भ |
डॉ. श्रावणी भट्टाचार्य |
395 |
714 |
978-93-85476-30-3 |
उपादेय साहित्यालोचन |
सं. देवीदास इंगले |
395 |
715 |
978-81-931782-0-1 |
डॉ. अमरसिंह वधान: चिंतन और संवेदना |
सं. डॉ. पंडित बन्ने |
600 |
716 |
978-93-85389-99-3 |
डॉ.मिथिलेशकुमारी मिश्रःआस्था और स्थापनाएँ |
डॉ. रेखा प्रियश्री |
495 |
717 |
978-93-85476-34-1 |
आंचलिक उपन्यासों में सामाजिक और राजनीतिक चेतना |
डॉ. अनिता बेलगांवकर |
300 |
718 |
978-93-85476-29-7 |
संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में समकालीन हिन्दी यात्रवृत्त |
डॉ. संगीता पी. |
350 |
719 |
978-93-83637-66-9 |
हिन्दी साहित्य के पत्र-साहित्य का अनुशीलन |
वर्षा गायकवाड |
695 |
720 |
978-93-85476-93-8 |
हिन्दी साहित्य की वैचारिक पृष्ठभूमि |
डॉ. संजय नवले |
295 |
721 |
978-93-85476-89-1 |
आधुनिक हिन्दी मिथकीय उपन्यासों में मानव सम्बन्ध |
डॉ. टी. हैमावती |
750 |
722 |
978-93-85389-76-4 |
समकालीन हिन्दी साहित्य में पर्यावरण विमर्श |
डॉ. सुमेश |
250 |
723 |
978-93-85389-47-4 |
स्त्री कथा: अन्तर्कथा (स्त्री विमर्श) |
कमल कुमार |
395 |
724 |
978-81-931782-8-7 |
राजीसेठ की कहानी साहित्य का अनुशीलन |
डॉ. मंजू देवी |
225 |
725 |
978-81-931782-5-6 |
डॉ. रामविलास शर्मा का व्यक्तित्व कृतित्व तथा उनकी साहित्येत्तर आलोचना |
डॉ. मंजुनाथ के. |
200 |
726 |
978-93-83637-50-8 |
गोदान: एक समीक्षा |
डॉ. मंजुनाथ के. |
195 |
727 |
978-93-85389-61-0 |
डॉ. रामविलास शर्मा की साहित्यिक आलोचना |
डॉ. मंजुनाथ के. |
350 |
728 |
978-93-85389-90-0 |
समकालीन साहित्य: विविध परिदृश्य |
डॉ. जयचन्द्रन |
495 |
729 |
978-93-85476-12-9 |
आधुनिक हिन्दी कविता से साक्षात्कार |
प्रभाकरन हेब्बर |
375 |
730 |
978-93-85476-13-6 |
भाषा और साहित्य: विविध परिदृश्य |
प्रभाकरन हेब्बर |
375 |
731 |
978-93-85389-72-6 |
विनोद कुमार शुक्ल के उपन्यासों में युवा वर्ग |
डॉ. सन्मुख मुच्छटे |
400 |
732 |
978-81-931782-2-5 |
समकालीन मलयालम और हिन्दी लेखिकाओं के उपन्यासों में चित्रित नारी मनोविज्ञान |
डॉ. कविता डी. के. |
400 |
733 |
978-81-931782-3-2 |
भीष्म साहनी के उपन्यासों में यथार्थवादी परिदृश्य |
डॉ. मंजूषा के. |
550 |
734 |
978-93-85389-50-4 |
रामायण: समय की कसौटी पर |
अरुणा त्रिवेदी |
550 |
735 |
978-93-83637-48-5 |
जगजीवन राम और उनका नेतृत्व |
ई. राजेन्द्र प्रसाद |
400 |
736 |
978-93-85389-19-1 |
कहानीकार स्वयं प्रकाश: रचना दृष्टि और रचना शिल्प |
डॉ. सायरा बानो |
400 |
737 |
978-93-83682-56-0 |
हिन्दी साहित्य में आदिवासी विमर्श |
डॉ. पं. बन्ने |
350 |
738 |
978-93-83682-39-9 |
नाटककार स्वदेश दीपक |
श्वेता कुमारी |
450 |
739 |
978-93-83682-55-3 |
हिन्दी साहित्य: समय से साक्षात्कार |
डॉ. प्रमोद कोवप्रत |
400 |
740 |
978-93-83682-40-5 |
हिन्दी आलोचना का वर्तमान |
डॉ. के. श्रीलता विष्णु |
450 |
741 |
978-93-83682-03-0 |
हिन्दी कहानी: आदि से आज तक |
डॉ. सुकुमार भण्डारे |
595 |
742 |
978-93-83682-24-5 |
हिन्दी के विविध परिदृश्य |
डॉ. करुणा उमरे |
450 |
743 |
978-93-83682-23-8 |
महादेवी के साहित्य का गद्य पर्व |
डॉ. मुक्तेश्वरनाथ तिवारी |
70 |
744 |
978-93-83682-26-9 |
आधुनिक हिन्दी साहित्य में आत्मकथा और संस्मरण विधा |
डॉ. ज्योति व्यास |
495 |
745 |
978-93-83682-91-1 |
समसामयिक साहित्य: चिंतन और चुनौतियाँ |
सं. डॉ. वीणा दाढे |
695 |
746 |
978-93-83682-92-8 |
उपन्यास का समकालीन |
डॉ. गुरुचरण सिंह |
450 |
747 |
978-93-83637-37-9 |
लम्बी कविता के आर-पार |
डॉ. नरेन्द्र मोहन |
300 |
748 |
978-93-83682-74-4 |
जमीन की तलाश में (आलोचना) |
डॉ. तरसेम गुजराल |
300 |
749 |
978-93-83637-41-6 |
कथाभाषा और काव्य भाषा का समाजभाषिक संदर्भ |
डॉ. एन. लक्ष्मी |
600 |
750 |
978-93-83637-44-7 |
अग्रणी कवि: बलदेव वंशी |
डॉ. बलवन्त जेऊरकर |
500 |
751 |
978-93-83682-80-5 |
भारतीय साहित्य में धर्म और दर्शन के आयाम |
सं. डॉ. सैय्यद मेहरून |
500 |
752 |
978-93-83682-53-9 |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी कहानी में सम्बन्ध विघटन और नारी संघर्ष चेतना |
डॉ. सैय्यद मेहरून |
895 |
753 |
978-93-83682-77-5 |
डॉ. अमर सिंह वधान का नारी विमर्श |
प्रा. शकुन्तला वाघ |
300 |
754 |
978-93-83682-79-9 |
साहित्येतर क्षेत्र में हिन्दी का योगदान |
सं. डॉ. विद्याश्री |
400 |
755 |
978-93-82432-13-5 |
जीवन से बतियाता साहित्य (समीक्षा) |
डॉ. सरजू प्रसाद मिश्र |
350 |
756 |
978-93-83682-01-0 |
चन्द्रकांत देवताले की कविताओं में युगबोध |
डॉ. गजानन भोसले |
595 |
757 |
978-93-83682-08-9 |
कथाकार: विष्णु प्रभाकर |
डॉ. महावीर हाके |
650 |
758 |
978-93-83682-02-7 |
कृष्णा सोबती के उपन्यासों में प्रतिबिंबित नारी जीवन |
डॉ. सुलोचना अंर्तरेड्डी |
495 |
759 |
978-93-83682-10-2 |
समकालीन हिन्दी नाटकःसमय और संवेदना |
डॉ. नवीन नन्दवाना |
350 |
760 |
978-93-83682-11-9 |
समकालीन कविता: विविध सन्दर्भ |
डॉ. नवीन नन्दवाना |
450 |
761 |
978-93-83682-24-9 |
डॉ. देवराज: सर्जक और आलोचक |
डॉ. धनलक्ष्मी वतनानी |
550 |
762 |
978-93-83637-04-1 |
डॉ. चन्द्रशेखरन नायर के साहित्य में सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय चेतना |
डॉ. पंडित बन्ने |
300 |
763 |
978-93-83682-21-8 |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी समीक्षा सिद्धान्त |
ब्रह्मदेव मिश्र |
650 |
764 |
978-93-83682-38-6 |
मुक्तिबोध और धूमिल का काव्य |
डॉ. स्वानन्द शिवप्रसाद |
450 |
765 |
978-93-82432-97-5 |
अमृतलाल नागर के उपन्यासों में यथार्थबोध |
डॉ. प्रतिभा प्रसाद |
500 |
766 |
978-93-82432-92-0 |
हिन्दी और बांग्ला: समशील उपन्यासकारों का |
डॉ. बुला कर |
800 |
767 |
978-81-925154-9-6 |
संतोष शैलजा के उपन्यासों में नारी |
समिता साहा |
150 |
768 |
978-93-82432-76-0 |
राधामाधव: राधाभाव और कृष्णत्व का नया विमर्श |
डॉ. कर्ण सिंह चौहान |
250 |
769 |
978-93-82432-77-7 |
रुद्रावतार और राम की शक्ति पूजा |
सं. लक्ष्मीकांत पाण्डेय |
250 |
770 |
978-93-82432-78-4 |
उद्भ्रांत का संस्कृति चिंतन |
नंद किशोर नौटियाल |
180 |
771 |
978-93-82432-79-1 |
साहित्य संवाद: केन्द्र में उद्भ्रांत |
अवध बिहारी श्रीवास्तव |
120 |
772 |
978-93-82432-73-9 |
कमलेश्वर का कथा साहित्य: समकालीन समस्याओं का जीवन्त आलेख |
डॉ. मिनि जार्ज |
450 |
773 |
978-93-82432-86-9 |
संवादात्मकता का रचनाकर्म |
डॉ. गोपाल कृष्णन् |
450 |
774 |
978-81-925154-4-1 |
अनुभूत क्षण: दृष्टि और सृष्टि |
डॉ. महेन्द्र भटनागर |
250 |
775 |
978-81-925154-6-5 |
21वीं सदी की हिन्दी स्त्री कविता : आशय और अभिव्यक्ति |
डॉ. संतोष टेळकीकर, डॉ. ज्योति मुंगल |
450 |
776 |
978-93-82432-10-4 |
सृजन स्मृति के हस्ताक्षर |
डॉ. बलदेव वंशी |
350 |
777 |
978-93-82432-39-5 |
राग संवेदन: दृष्टि और सृष्टि |
डॉ. महेन्द्र भटनागर |
250 |
778 |
978-93-82432-59-3 |
तुलनात्मक साहित्य: विश्व संस्कृति और भाषाएँ |
सं. डॉ. के. सीतालक्ष्मी |
500 |
779 |
978-93-82432-36-4 |
वक्रतुण्ड: मिथक की समकालीनता (आलोचना) |
सं.डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय |
65 |
780 |
978-93-82432-05-0 |
उद्भ्रांत का काव्य: मिथक के अनछुये पहलू |
डॉ. शिवपूजन लाल |
500 |
781 |
978-93-82432-40-3 |
रेणु का कथेत्तर साहित्य: समाज और संस्कृति |
डॉ. ऋषि कुमार |
400 |
782 |
978-93-82432-08-1 |
नागार्जुन का कथा साहित्य |
डॉ. मीरा चन्द्रा |
300 |
783 |
978-93-82432-11-1 |
आधुनिकता बोध और ऊषा प्रियंवदा |
डॉ. संदीप रणभिरकर |
500 |
784 |
978-93-82432-06-7 |
सप्तक-त्रय में आधुनिकता |
डॉ. पी. के. जयलक्ष्मी |
600 |
785 |
978-93-82432-15-9 |
भूमण्डलीकरण और हिन्दी कविता |
डॉ. बाबू जोसप़फ़ |
500 |
786 |
978-93-80417-99-8 |
समकालीन हिन्दी साहित्य: संवेदना और विमर्श |
डॉ. वेदप्रकाश अमिताभ |
350 |
787 |
978-93-80417-30-1 |
दक्षिण भारतीय हिन्दी साहित्य का इतिहास |
प्रो. पी. आदेश्वर राय |
700 |
788 |
978-93-80417-70-7 |
जनकवि नागार्जुन एवं प्रयोगवादी कवि अज्ञेय |
डॉ. वीणा दाढे |
350 |
789 |
978-93-80417-76-9 |
गद्यपथ के दीप (गद्य रचनाओं का प्रतिनिधि संकलन) |
डॉ. गौतम सचदेव |
300 |
790 |
978-93-80417-98-1 |
आधुनिक हिन्दी साहित्य: मनन और मूल्यांकन |
डॉ. सूर्यनारायण वर्मा |
400 |
791 |
978-93-80417-64-6 |
भारतीय साहित्य: कुछ परिदृश्य |
डॉ. तनुजा मजूमदार |
400 |
792 |
978-93-80417-53-0 |
विनोद कुमार शुक्ला का रचना संसार |
डॉ. एस. एन. मुच्छटे |
300 |
793 |
978-93-80417-54-7 |
हिन्दी नाटक विमर्श |
डॉ. देवीदास इंगले |
400 |
794 |
978-93-80417-55-4 |
दिनकर का कुरुक्षेत्र और मानवतावाद |
डॉ. मोहसिन ख़ान |
250 |
795 |
978-93-80417-56-1 |
हिन्दी उपन्यास: वस्तु एवं शिल्प |
डॉ. श्रद्धा उपाध्याय |
750 |
796 |
978-93-80417-57-8 |
महिला उपन्यासकारों की नारी: प्रगति एवं पीड़ा के आयाम |
डॉ. हरिशंकर दुबे |
350 |
797 |
978-93-80417-58-5 |
हिन्दी मराठी नुक्कड़ नाटक |
डॉ. वर्षा गायकवाड |
400 |
798 |
978-93-80417-59-2 |
हिन्दी के प्राचीन प्रतिनिधि कवि |
डॉ. पण्डित बन्ने |
550 |
799 |
978-93-80417-60-8 |
आधुनिक हिन्दी साहित्य की प्रवृत्तियाँ |
डॉ. भरत पटेल |
300 |
800 |
978-93-80417-62-2 |
सुमित्रनन्दन पंत के काव्य विकास का अध्ययन |
डॉ. रीता मेहरोत्र |
400 |
801 |
978-93-80417-63-9 |
हिन्दी के आधुनिक प्रतिनिधि कवि |
डॉ. राठौड़ बालू |
450 |
802 |
978-93-80417-65-3 |
यशपाल के उपन्यासों का अनुशीलन |
डॉ. शकुन्तला वाघ |
160 |
803 |
978-93-80417-69-1 |
समकालीन महिला उपन्यासकारों के उपन्यासों में नारी विमर्श |
डॉ. मुक्ता त्यागी |
400 |
804 |
978-93-80417-72-1 |
शशिप्रभा शास्त्री का कथा साहित्य |
डॉ. कविता चांदगुडे |
450 |
805 |
978-93-80417-71-4 |
समकालीन हिन्दी-कन्नड़ कविता में जनवादी चेतना |
डॉ. विद्याश्री |
250 |
806 |
978-93-80417-79-0 |
निर्मल वर्मा का कथा साहित्य (द्वितीय सं.) |
डॉ. रघुनाथ शिरगांवकर |
400 |
807 |
978-93-80417-80-6 |
मैत्रेयी पुष्पा और शान्ता गोखले की नारी दृष्टि |
डॉ. सुलोचना अंतर्रेड्डी |
300 |
808 |
978-93-80417-81-3 |
हिन्दी के आधुनिक प्रतिनिधि कवि |
डॉ. पण्डित बन्ने |
400 |
809 |
978-93-80417-83-7 |
हिन्दी कविता: भाषा और शिल्प: विविध प्रतिमाल |
डॉ. करुणा उमरे |
400 |
810 |
978-93-80417-84-4 |
बिहारी सतसई और रत्नाकर वर्णीकृत भरतेश वैभव: तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. एस. एम. मिट्ठलकोड |
200 |
811 |
978-93-80417-85-1 |
हिन्दी आंचलिकता का अभ्युदय और रेणु के उपन्यास |
डॉ. हरिशंकर दुबे |
300 |
812 |
978-93-80417-86-8 |
सप्तक-त्रय में समकालीन जीवन के संवेदनात्मक पक्ष |
डॉ. पी. के. जयलक्ष्मी |
250 |
813 |
978-93-80417-87-5 |
सियारामशरण गुप्त के उपन्यास और नारीपात्र |
डॉ. रेणु बाली |
200 |
814 |
978-93-80417-89-9 |
नरेश मेहता के काव्यों का सामाजिक चिंतन |
डॉ. टी. शुभानन्द |
300 |
815 |
978-93-80417-91-5 |
हरिशंकर परसाई के व्यंग्य-साहित्य में मिथकीय संरचना का अनुशीलन |
डॉ. शरद सुनेरी |
300 |
816 |
978-93-80417-93-6 |
आलोचना-विविधा (लेख संग्रह) |
डॉ.सी.जे. प्रसन्न कुमारी |
200 |
817 |
978-93-80417-94-3 |
मृदुला गर्ग के साहित्य में चित्रित समाज |
डॉ. किरण बाला जाजू |
40 |
818 |
978-93-80417-95-0 |
कुण्ठा एवं साहित्य-सर्जना |
डॉ. मनमोहन शुक्ल |
600 |
819 |
978-81-906617-1-3 |
हिन्दी का वैश्विक परिदृश्य (द्वितीय सं.) |
डॉ. पण्डित बन्ने |
275 |
820 |
978-93-80417-21-9 |
आधुनिक नारी एवं महिला सशक्तिकरण |
डॉ. अंजू शुक्ला |
400 |
821 |
978-93-80417-33-2 |
समकालीन हिन्दी कविता के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर |
डॉ. सरजू प्रसाद मिश्र |
450 |
822 |
978-93-80417-39-4 |
लम्बी कविता: काव्य सौन्दर्य |
डॉ. सोमाभाई पटेल |
200 |
823 |
978-93-80417-36-3 |
लोक जीवन के रंग |
डॉ. ओमप्रकाश राजपाली |
300 |
824 |
978-93-80417-35-6 |
हिन्दी लेखिकाओं की आत्मकथाएँ |
डॉ. सरजू प्रसाद मिश्र |
300 |
825 |
978-93-80417-42-4 |
रीतिसिद्धान्त और शैली विज्ञान |
डॉ. सूर्यकान्त त्रिपाठी |
300 |
826 |
978-93-80417-43-1 |
रांगेय राघव के उपन्यासों में आंचलिकता |
प्रो. जगन्नाथ पाटील |
200 |
827 |
978-93-80417-44-8 |
जैनेन्द्र के उपन्यासों का मनोविश्लेषणात्मक अध्ययन |
डॉ.सी.एस. अजित कुमार |
400 |
828 |
978-93-80417-45-5 |
हिन्दी दलित आत्मकथा |
डॉ. संजय नवले |
200 |
829 |
978-93-80417-48-6 |
जायसी कृत कन्हावत में सांस्कृतिक एकता एवं मानववाद |
डॉ. चमन लाल शर्मा |
300 |
830 |
978-93-80417-49-3 |
परसाई के साहित्य में समकालीन यथार्थ |
डॉ. संध्या कुमारी सिंह |
550 |
831 |
978-93-80417-50-9 |
उत्तर छायावादी काव्यधारा के परिप्रेक्ष्य में डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन |
डॉ. शोभना तिवारी |
650 |
832 |
978-93-80417-51-6 |
मैत्रेयी पुष्पा के साहित्य का समाजशास्त्रीय अध्ययन |
डॉ. व्यंकट पाटील |
550 |
833 |
978-93-80417-52-3 |
महादेवी वर्मा के रेखाचित्र एक अध्ययन |
प्रा. राठौड बी. बी. |
300 |
834 |
978-93-80417-14-1 |
शब्दों के नेपथ्य |
डॉ. सरजू प्रसाद मिश्र |
225 |
835 |
978-93-80417-15-8 |
हिन्दी साहित्य में नारी संवेदना |
डॉ. एन.जी. दौड़गौडर |
275 |
836 |
978-93-80417-16-5 |
गिरिराज किशोर के उपन्यासों में संवेदना और शिल्प |
डॉ. सोमाभाई पटेल |
500 |
837 |
978-93-80417-17-2 |
नाटककार ज्ञानदेव अग्निहोत्री |
डॉ. रमेश कुमार गवली |
200 |
838 |
978-93-80417-18-9 |
समकालीन हिन्दी कविता और कुमार अंबुज |
डॉ. बाबू जोसफ |
250 |
839 |
978-93-80417-19-6 |
रचनाकार डॉ. रामकुमार वर्मा: एक अवलोकन |
डॉ. देवीदास इंगले |
400 |
840 |
978-93-80417-26-4 |
आधुनिक हिन्दी साहित्य में जनवादी चेतना |
डॉ. विद्याश्री |
450 |
841 |
978-93-80417-20-2 |
हिन्दी की चुनी हुई लम्बी कविताओं पर बातचीत |
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सिंह |
150 |
842 |
978-93-80417-23-3 |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी उपन्यास साहित्य की सामाजिक चिन्ता |
डॉ. कुसुमराय |
450 |
843 |
978-93-80417-22-6 |
शतायुषी हिन्दी साहित्यकार और उनकी साहित्यिक साधना |
डॉ. विद्याश्री |
550 |
844 |
978-93-80417-08-0 |
राजभाषा हिन्दी के बहुमुखी आयाम |
डॉ. सी.जे. प्रसन्नकुमारी श्रीमती आर.आई. शांति |
300 |
845 |
978-93-80417-07-3 |
अवधी भाषा साहित्य का सांस्कृतिक परिवेश |
डॉ. गुणमाला खिमेसरा |
300 |
846 |
978-93-80417-06-6 |
सौंदर्यबोध शास्त्र |
डॉ. जगदीशसिंह मन्हास |
700 |
847 |
978-93-80417-04-2 |
हिन्दी नाटक साहित्य और लक्ष्मी नारायण लाल |
डॉ. भीमप्प एल. गुंडूर |
400 |
848 |
978-93-80417-05-9 |
कथाकार शिवानी व्यक्तित्व और कृतित्व |
डॉ. कृष्णा श्रीवास्तव |
300 |
849 |
978-81-908320-7-6 |
हिन्दी के जीवनीपरक उपन्यास एक अध्ययन |
डॉ. संगीता सहजवाणी |
250 |
850 |
978-81-908320-0-4 |
निराला के गद्य साहित्य में प्रगतिशील चेतना |
डॉ. नरेन्द्र शुक्ला |
250 |
851 |
978-81-906617-6-8 |
भारतीय बाल साहित्य की भूमिका |
डॉ. त्रिभुवन नाथ शुक्ल, डॉ. श्रीकृष्ण चन्द्र तिवारी राष्ट्रबन्धु |
250 |
852 |
978-81-906617-7-5 |
समीक्षक आचार्य नन्द दुलारे बाजपेयी |
सं. डॉ. त्रिभुवन नाथ शुक्ल |
300 |
853 |
978-81-906617-8-2 |
हिन्दी-मराठी नाटक और एब्सर्ड |
डॉ. सरजू प्रसाद मिश्र |
350 |
854 |
81-903830-2-7 |
भगवत्गीता का संवाद सौंदर्य |
डॉ. ज्ञानराज गायकवाड, डॉ. राजु बागलकोट |
300 |
855 |
- |
कवियों के कवि अज्ञेय |
डॉ. शंकर वसंत मुद्गल |
300 |
856 |
- |
राष्ट्रीयकृत बैंकों में हिन्दी |
डॉ. शंकर बुंदेले |
225 |
857 |
- |
अन्वेषण (आलेख संग्रह) |
डॉ. सुमंगला मुम्मिगट्टी |
200 |
858 |
- |
साठोत्तरी कन्नड़ और हिन्दी कवयित्रियाँ |
डॉ. सुमंगला मुम्मिगट्टी |
150 |
859 |
- |
भगवती प्रसाद वाजपेयी के गद्य साहित्य का अनुशीलन |
डॉ. सुमंगला मुम्मिगट्टी |
110 |
860 |
- |
कमलेश्वर की कहानियों का अनुशीलन |
डॉ. मंजुला देसाई |
300 |
861 |
- |
साहित्यिक रांगेय राघव |
डॉ. गीता पुजारी |
240 |
862 |
- |
समीक्षायें विविध आयाम |
डॉ. रवीन्द्रनाथ मिश्र |
75 |
863 |
- |
समीक्षा का व्यवहारिक संदर्भ |
डॉ. सत्यदेव त्रिपाठी |
125 |
864 |
- |
लोकसंचार माध्यम प्रस्तुति के रचनात्मक आयाम |
डॉ. सत्यदेव त्रिपाठी |
150 |
865 |
- |
समकालीन कविता के बदलते सरोकार |
डॉ. सुधा रणजीत |
110 |
866 |
- |
पर्यावरण और विकास |
डॉ. रणजीत |
140 |
867 |
- |
भारतीय प्रेमाख्यानायक काव्य परम्परा और दाऊदकृत चंदायान |
डॉ. बैकुण्ठ राय |
160 |
868 |
- |
श्रीमती चन्द्र किरण सोनरेक्सा एवं शरतचन्द्र के नारी पात्र |
डॉ. कुन्तल कुमारी |
125 |
869 |
- |
मार्कण्डेय का रचना संसार |
डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद |
250 |
870 |
- |
शंकर शेष के नाटकों में रंगमंचीय अनुशीलन |
डॉ. रमाकान्त दीक्षित |
250 |
871 |
- |
प्रसाद साहित्य में प्रेमभाव |
डॉ. आशा मणियार |
180 |
872 |
- |
विभिन्न विश्वविद्यालयों हेतु चयनित पाठ्य-पुस्तकें |
|
|
873 |
- |
अर्थान्तर (उपन्यास) |
चन्द्रकान्ता |
55 |
874 |
- |
किन्नर कथा (उपन्यास) |
महेन्द्र भीष्म |
225 |
875 |
- |
सेवासदन (उपन्यास) |
मुंशी प्रेमचन्द |
70 |
876 |
- |
प्रतिज्ञा (उपन्यास) |
मुंशी प्रेमचन्द |
40 |
877 |
- |
गबन (उपन्यास) |
मुंशी प्रेमचन्द |
75 |
878 |
- |
गोदान (उपन्यास) |
मुंशी प्रेमचन्द |
175 |
879 |
- |
निर्मला (उपन्यास) |
मुंशी प्रेमचन्द |
40 |
880 |
- |
आना इस देश (उपन्यास) |
कृष्णा अग्निहोत्री |
|
881 |
- |
अंतिम साक्ष्य (उपन्यास) |
चन्द्रकांता |
|
882 |
- |
दीक्षांत (उपन्यास) |
सूर्यबाला |
|
883 |
- |
एक था कलाकार (उपन्यास) |
रामदरश मिश्र |
|
884 |
- |
अपवाद (उपन्यास) |
श्यामसखा श्याम |
|
885 |
- |
सेवा और समर्पण (उपन्यास) |
जयन्ती प्रसाद नौटियाल |
|
886 |
- |
नदी पीछे नहीं मुड़ती (उपन्यास) |
से. रा. यात्री |
|
887 |
- |
चिड़ियाघर (उपन्यास) |
गिरिराज किशोर |
|
888 |
- |
कोहरे में कैद रंग (उपन्यास) (साहित्य अकादमी पुरस्कृत) |
गोविन्द मिश्र |
|
889 |
- |
लोकनायक युगे-युगे (नाटक) |
बलदेव वंशी |
|
890 |
- |
भूमि की ओर (नाटक) |
सुरेश शुक्ल ‘चन्द्र’ |
|
891 |
- |
काला पत्थर (नाटक) |
सुरेश शुक्ल ‘चन्द्र’ |
|
892 |
- |
कहै कबीर सुनो भई साधु (नाटक) |
नरेन्द्र मोहन |
|
893 |
- |
उत्तिष्ठ भारत (नाटक) |
डॉ. त्रिभुवन नाथ शुक्ल |
45 |
894 |
- |
चन्द्रगुप्त (नाटक) |
जयशंकर प्रसाद |
40 |
895 |
- |
स्कन्दगुप्त (नाटक) |
जयशंकर प्रसाद |
40 |
896 |
- |
अजातशत्रु (नाटक) |
जयशंकर प्रसाद |
40 |
897 |
- |
ध्रुवस्वामिनी (नाटक) |
जयशंकर प्रसाद |
20 |
898 |
- |
बात एक हर्ष की (नाटक) |
डॉ. सुरेश चन्द्र शुक्ल |
60 |
899 |
- |
रसगंगाधर (नाटक) |
अनु. प्रो. परिमला अंबेकर |
60 |
900 |
- |
राहुल (खण्डकाव्य) |
जयप्रकाश कर्दम |
65 |
901 |
- |
वक्रतुण्ड (खण्डकाव्य) |
उद्भ्रान्त |
80 |
902 |
- |
श्रद्धांजलि (खण्डकाव्य) |
डॉ. मिथिलेश कुमारी मिश्र |
|
903 |
- |
स्वयंप्रभा (खण्डकाव्य) |
उद्भ्रांत |
65 |
904 |
- |
हिन्दी साहित्य का इतिहास |
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल |
200 |
905 |
- |
हिन्दी व्याकरण |
कामता प्रसाद गुप्त |
295 |
906 |
- |
लोक कह्याँ बिगड़ी (स्त्री काव्य संकलन) |
संपा. प्रो. परिमला अंबेकर |
60 |
907 |
- |
साहित्य सोपान |
संपा. डॉ. प्रतिभा मुदलियार |
50 |
908 |
- |
अनुवाद: समस्याएँ एवं समाधान |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
350 |
909 |
- |
अनुवाद चिंतन |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
350 |
910 |
- |
भारतीय काव्य सिद्धान्त |
डॉ. ज्ञानराज गायकवाड |
250 |
911 |
- |
पाश्चात्य काव्य सिद्धान्त |
डॉ. ज्ञानराज गायकवाड |
200 |
912 |
- |
किन्नर विमर्श / आदिवासी विमर्श |
|
|
913 |
- |
हॉफ मैन (उपन्यास) |
भुवनेश्वर उपाध्याय |
400 |
914 |
- |
ऐ जिन्दगी तुझे सलाम (उपन्यास) |
हरभजन सिंह मेहरोत्रा |
475 |
915 |
- |
अस्तित्व और पहचान (किन्नरों पर आधारित कविता संग्रह) |
सं.डॉ. विजेंद्र प्रताप सिंह |
325 |
916 |
- |
थर्ड जेंडर: अस्मिता और संघर्ष (आलोचना) |
सं.डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
495 |
917 |
- |
किन्नर कथा (उपन्यास) |
महेन्द्र भीष्म |
395 |
918 |
- |
श्रापित किन्नर (उपन्यास) |
डॉ. मुक्ति शर्मा |
195 |
919 |
- |
इस जिंदगी के उस पार (कहानी-संग्रह) |
राकेश शंकर भारती |
425 |
920 |
- |
मैं पायल (उपन्यास) |
महेन्द्र भीष्म |
250 |
921 |
- |
दरमियाना (उपन्यास) |
सुभाष अखिल |
275 |
922 |
- |
अधूरी-देह (कविता-संग्रह) |
गीतिका वेदिका |
150 |
923 |
- |
किन्नर विमर्श: कल, आज और कल |
सं. सफलता सरोज |
495 |
924 |
- |
अथ किन्नर-कथा संवाद (न दैन्यं न पलायनम्) |
सं. महेन्द्र भीष्म |
495 |
925 |
- |
कथा और किन्नर (कहानी-संग्रह) |
सं. डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
295 |
926 |
- |
हिन्दी उपन्यासों के आइने में थर्ड जेंडर |
सं. डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
395 |
927 |
- |
भारतीय समाज एवं संस्कृति में तृतीय लिंगी विमर्श |
सं. डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
395 |
928 |
- |
समकालीन हिन्दी साहित्य में आदिवासी विमर्श |
डॉ. पण्डित बन्ने |
595 |
929 |
- |
आदिवासी उपन्यासों का समाजशास्त्र |
डॉ. राठौड पुंडलिक |
650 |
930 |
- |
समकालीन साहित्यः आदिवासी विमर्श |
हमीमा ओ.पी. |
300 |
931 |
- |
समकालीन हिन्दी उपन्यासों में आदिवासी जीवन |
डॉ. आर. तारा सिंह |
525 |
932 |
- |
थर्ड जेंडर के संघर्ष का यथार्थ (चित्र मुद्गल कृत नाला सोपारा के सन्दर्भ में) |
डॉ. शगुफ्रता नियाज |
625 |
933 |
- |
सिनेमा की निगाह में थर्ड जेंडर |
डॉ. फिरोज खान |
325 |
934 |
- |
थर्ड जेंडर: चर्चित कहानियाँ |
सं. डॉ. विमल सूर्यवंशी |
250 |
935 |
- |
थर्ड जेंडर पर केन्द्रित हिन्दी का प्रथम उपन्यास यमदीप |
डॉ. एम.फिरोज खान |
450 |
936 |
- |
थर्ड जेंडर: तीसरी ताली का सच |
डॉ. एम. फिरोज खान |
450 |
937 |
- |
थर्ड जेंडर: कथा आलोचना |
डॉ. एम. फिरोज खान |
650 |
938 |
- |
हिन्दी साहित्य में आदिवासी विमर्श |
डॉ. पण्डित बन्ने |
350 |
939 |
- |
हिन्दी दलित एवं आदिवासी साहित्य अंतरंग पड़ताल |
डॉ. धीरज भाई |
430 |
940 |
- |
आदिवासी समाज एवं संस्कृति |
डॉ. शैला चौहाण |
650 |
941 |
- |
आदिवासी साहित्य: विविध आयाम |
डॉ. रमेश कुरे |
550 |
942 |
- |
आदिवासी एवं उपेक्षित जन |
डॉ. भीमराव पिंगले |
995 |
943 |
- |
भारत के आदिवासी एवं जनजाति |
डॉ. किशन पवार |
550 |
944 |
- |
आदिवासी साहित्य: स्वरूप एवं विश्लेषण |
डॉ. शेख शेहनाज |
600 |
945 |
- |
भारतीय आदिम लोक साहित्य |
डॉ. शशिकांत सोनवणे |
1795 |
946 |
- |
आदिवासी लोक साहित्य |
गौतम भाईदास कुँवर |
650 |
947 |
- |
हिन्दी के आंचलिक उपन्यासों में आदिवासी जनजीवन |
भरत सगरे |
300 |
948 |
- |
आदिवासी केन्द्रित साहित्य |
डॉ. ऊषा कीर्ति राणावत |
600 |
949 |
- |
भारत के आदिवासी |
मधुसूदन त्रिपाठी |
600 |
950 |
- |
आदिवासी उपन्यासों का समाजशास्त्र |
डॉ. राठौड पुंडलिक |
625 |
951 |
- |
भारतीय उपन्यासों में आदिवासी विमर्श |
डॉ. रेम्या बालन के. |
700 |
952 |
- |
हिन्दी साहित्य में आदिवासी एवं स्त्री विमर्श |
डॉ. सविता चौधरी |
450 |
953 |
- |
आदिवासी केन्द्रित हिन्दी उपन्यास |
डॉ. प्रमोद चौधरी |
650 |
954 |
- |
उत्तरशती के उपन्यासों में आदिवासी विमर्श |
डॉ. स्वाति नारखेड़े |
300 |
955 |
- |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी उपन्यासों में आदिवासी चेतना |
डॉ. सविता चौधरी |
325 |
956 |
- |
आदिवासी अशांति: कारण चुनौतियाँ एवं सम्भावनाएँ |
डॉ. वी.एम. मलिक |
395 |
957 |
- |
आंध्र प्रदेश की आदिवासी संस्कृति |
सुरेश जगन्नाथ |
150 |
958 |
- |
आदिवासी कहानी विविध सन्दर्भ |
डॉ. श्रवण कुमार मीणा |
500 |
959 |
- |
कोश |
|
|
960 |
978-93-85476-28-0 |
रामचरितमानस शब्दानुक्रम कोश |
त्रिभुवननाथ शुक्ल |
1195 |
961 |
978-93-85389-08-5 |
समकालीन हिन्दी कविता कोश (दो भागों में) |
डॉ. गुरचरण सिंह |
330 |
962 |
978-93-80417-77-6 |
वृहद हिन्दी सूक्ति कोश (भाग प्रथम) |
डॉ. शोभना तिवारी |
500 |
963 |
978-93-80417-78-3 |
वृहद हिन्दी सूक्ति कोश (भाग द्वितीय) |
डॉ. शोभना तिवारी |
500 |
964 |
978-93-80417-12-7 |
पंचानवे भाषाओं का समेकित पर्याय शब्दकोश |
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सिंह |
400 |
965 |
- |
संस्कृत हिन्दी शब्दकोश |
वामन शिवराम आप्टे |
500 |
966 |
- |
बोलियाँ एवं बोली कोश |
डॉ. दीननाथ फुलवाडकर |
500 |
967 |
- |
पत्रकारिता कोश |
सुनील कुमार |
|
968 |
- |
आक्सफोर्ड अंग्रेजी-अंग्रेजी हिन्दी शब्दकोश |
आक्सफोर्ड |
445 |
969 |
- |
आक्सफोर्ड हिन्दी अंग्रेजी शब्दकोश |
|
395 |
970 |
- |
मानक हिन्दी अंग्रेजी शब्दकोश |
डॉ. एस. एस. गुप्ता |
300 |
971 |
- |
राजभाषा अंग्रेजी हिन्दी शब्दकोश |
डॉ. पुरुषोत्तम बाजपेयी |
750 |
972 |
- |
हिन्दी मुहावरा कोश |
डॉ. भोलानाथ तिवारी |
400 |
973 |
- |
अंग्रेजी-हिन्दी, हिन्दी अंग्रेजी शब्दकोश |
जोसेफ डब्लू राकर |
260 |
974 |
- |
मानक विशाल हिन्दी शब्दकोश |
सूर्यनारायण उपाध्याय |
550 |
975 |
- |
बृहत शिक्षार्थी हिन्दी शब्दकोश |
सूर्यनारायण उपाध्याय |
800 |
976 |
- |
राजभाषा प्रशासनिक एवं व्यावसायिक शब्दकोश |
डॉ. संगीता भोगले |
500 |
977 |
- |
व्यावहारिक सूक्तिकोश |
प्रेमलता गौतम |
1800 |
978 |
- |
संस्कृत - हिन्दी शब्दकोश |
वामन शिवराम आपटे |
440 |
979 |
- |
वृहत् हिन्दी अंग्रेजी कोश |
डॉ. बद्री नाथ कपूर |
700 |
980 |
- |
मानक विशाल हिन्दी शब्दकोश |
कृष्ण कान्त दीक्षित |
600 |
981 |
- |
संस्कृत हिन्दी अंग्रेजी शब्दकोश |
डॉ. उमा प्रसाद पाण्डे |
350 |
982 |
- |
वृहद हिन्दी अंग्रेजी शब्दकोश |
लक्ष्मीकांत उपाध्याय |
500 |
983 |
- |
Advanced Learning Dictionary English.English Hindi |
TC Singh |
495 |
984 |
- |
Standard Illustrated Advanced Dictionary Hindi English |
Dr. S.S. Gupta |
450 |
985 |
- |
Advanced Learning Dictionary English.English Hindi |
Dr. SN Sharma |
400 |
986 |
- |
मानक विशाल हिन्दी - हिन्दी शब्दकोश |
डॉ. शिवप्रसाद भारद्वाज |
525 |
987 |
- |
संस्कृत - हिन्दी - अंग्रेजी शब्दकोश |
डॉ. शिवप्रसाद शास्त्री |
500 |
988 |
- |
Advanced Urdu Hindi English Dictionary |
ST Sharma |
500 |
989 |
- |
नालन्दा विशाल हिन्दी शब्द सागर |
श्री नवल जी |
1040 |
990 |
- |
महिला विश्वकोश (10 भागों में) |
रमा शर्मा एम.के. मिश्रा |
9500 |
991 |
- |
पत्रकारिता विश्वकोश (10 भागों में) |
डॉ. यू. सी. गुप्ता |
9000 |
992 |
- |
पुस्तकालय विश्वकोश (10 भागों में) |
अजय कुमार सिंह |
8000 |
993 |
- |
भारतीय साहित्य कोश (4 भागों में) |
सुरेश गौतम, वीना गौतम |
12000 |
994 |
- |
भारतीय लोक साहित्य कोश (9 भागों में) |
सुरेश गौतम, वीना गौतम |
25000 |
995 |
- |
प्रसाद साहित्य कोश (6 भागों में) |
डॉ. सुरेश गौतम |
9500 |
996 |
- |
भारतीय बाल साहित्य कोश (8 भागों में) |
डॉ. सुरेश गौतम, वीणा गौतम |
24995 |
997 |
- |
भारतीय बाल लोक साहित्य कोश (4 भागों में) |
डॉ. सुरेश गौतम, वीणा गौतम |
14995 |
998 |
- |
भारतीय लोरी साहित्य कोश (2 भागों में) |
डॉ. सुरेश गौतम, वीणा गौतम |
6995 |
999 |
- |
वृहद हिन्दी शब्दकोश (2 भागों में) |
डॉ. श्याम बहादुर वर्मा |
2000 |
1000 |
- |
भारतीय शिक्षा का विश्वकोष (7 भागों में) |
एम.के. मिश्रा, वी.पी. शर्मा |
9500 |
1001 |
- |
संविधान का विश्वकोश (11 भागों में) |
नीता शर्मा |
11500 |
1002 |
- |
आधुनिक भारत का इतिहास विश्वकोश (3 भागों में) |
शिव गजरानी |
5000 |
1003 |
- |
कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश (10 भागों में) |
सीमा पारीक |
9000 |
1004 |
- |
हिन्दी विश्वकोष (30 भागों में) |
एम.कुमार, माधुरी सक्सेना |
35000 |
1005 |
- |
महात्मा गाँधी विश्वकोश (10 भागों में) |
एम. के. मिश्रा |
9900 |
1006 |
- |
पर्यावरण विश्वकोष (11 भागों में) |
दीप्ति शर्मा, महेन्द्र कुमार |
11500 |
1007 |
- |
दलित साहित्य |
|
|
1008 |
- |
दलित साहित्य के बढ़ते कदम |
माता प्रसाद |
295 |
1009 |
- |
दलित कविता: समकालीन परिदृश्य |
जयप्रकाश कर्दम |
325 |
1010 |
- |
दलित साहित्य एवं चिंतन: समकालीन परिदृश्य |
जयप्रकाश कर्दम |
425 |
1011 |
- |
रागदरबारी का समाजशास्त्रीय अध्ययन |
जयप्रकाश कर्दम |
350 |
1012 |
- |
दलित साहित्य: सामाजिक बदलाव की पटकथा |
जयप्रकाश कर्दम |
350 |
1013 |
- |
मेरे संवाद (साक्षात्कार) |
जयप्रकाश कर्दम |
300 |
1014 |
- |
बस्तियों से बाहर (कविता संग्रह) |
जयप्रकाश कर्दम |
120 |
1015 |
- |
दलित चिंतन में इस्लाम |
कँवल भारती |
300 |
1016 |
- |
कांशीराम के दो चेहरे (दलित पत्रकारिता) |
कँवल भारती |
225 |
1017 |
- |
मायावती और दलित आन्दोलन |
कँवल भारती |
250 |
1018 |
- |
कबीर: एक विश्लेषण |
कँवल भारती |
300 |
1019 |
- |
साहित्य और राजनीति की तीसरी धारा |
कँवल भारती |
250 |
1020 |
- |
चन्द्रिका प्रसाद जिज्ञासु रचनावली (भाग 1) |
सम्पा. कँवल भारती |
695 |
1021 |
- |
दलित विमर्श की भूमिका |
कंवल भारती |
250 |
1022 |
- |
सृजन रंग और रेखाएँ |
डॉ. संजय नवले |
400 |
1023 |
- |
दलित साहित्य: प्रकृति और सन्दर्भ |
संपा. डॉ. संजय नवले |
450 |
1024 |
- |
मेरे श्रेष्ठ दलित व्यंग्य |
राम अवतार यादव |
140 |
1025 |
- |
आलोचना की तीसरी परम्परा और जयप्रकाश कर्दम |
डॉ. नामदेव |
495 |
1026 |
- |
हिन्दी और मराठी के दलित साहित्य का तुलनात्मक अनुशीलन |
राजेश कुमार तिवारी |
750 |
1027 |
- |
दलित जीवन: संघर्ष और स्वप्न |
नितिन गायकवाड |
550 |
1028 |
- |
समता समाज के प्रतिष्ठापक: सुशीला टाकभौरे के उपन्यास |
डॉ. राजमुनि |
295 |
1029 |
- |
दलित चिन्तन की दिशायें |
सुरेश चन्द्र |
350 |
1030 |
- |
दलित साहित्यः विविध आयाम |
डॉ. सुनीता साखरे |
275 |
1031 |
- |
आधुनिक हिन्दी गद्य साहित्य में दलित संवेदना |
डॉ. एन. जी. दाडगौडर |
275 |
1032 |
- |
प्रेमचन्द्र का कथा साहित्यः दलित चिन्तन का परिप्रेक्ष्य |
डॉ. अर्चना धोटे |
795 |
1033 |
- |
दलित कविता का यथार्थवादी परिदृश्य |
डॉ. दोड्डा शेषु बाबु |
200 |
1034 |
- |
लोकार्पण की भूमिका: काव्य नाटक और दलित विमर्श |
उद्भ्रांत |
60 |
1035 |
- |
दलित कविता का सौन्दर्य बोध |
राम अवतार यादव |
250 |
1036 |
- |
आधुनिक हिन्दी कविता में दलित नारी |
डॉ. के. सुधा |
250 |
1037 |
- |
हिन्दी दलित आत्मकथा |
डॉ. संजय नवले |
200 |
1038 |
- |
हिन्दी दलित उपन्यासों में शिल्प विधान |
डॉ. मनु प्रताप |
595 |
1039 |
- |
हिन्दी मराठी दलित आत्मकथायें |
वीणा दाढ़े |
450 |
1040 |
- |
दलित आत्मकथा दलित महाकाव्य |
राम अवतार यादव |
600 |
1041 |
- |
हिन्दी दलित साहित्य में ओम प्रकाश वाल्मीकि का प्रदान |
डॉ. महेन्द्र वणकर |
650 |
1042 |
- |
हिन्दी का अस्मितामूलक साहित्य और साहित्यकार |
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सिंह |
200 |
1043 |
- |
हिन्दी दलित आत्मकथायें |
डॉ. साहबराव |
795 |
1044 |
- |
हिन्दी दलित आत्मकथा विमर्श |
डॉ. धीरजभाई |
360 |
1045 |
- |
हिन्दी दलित एवं आदिवासी साहित्य अंतरंग पड़ताल |
डॉ. धीरज भाई |
430 |
1046 |
- |
ओम प्रकाश वाल्मीकि के साहित्य में अम्बेडकरीय संवेदना |
डॉ. शिवाजी नागोबा |
450 |
1047 |
- |
हिन्दी मराठी दलित साहित्य: एक अध्ययन |
डॉ. सादिक तंबोली |
350 |
1048 |
- |
दलित उपन्यासों में व्यक्त स्त्री चरित्र |
डॉ. सुचिता गायकवाड |
695 |
1049 |
- |
आधुनिक भारत में दलित आन्दोलन |
डॉ. किशन पवार |
595 |
1050 |
- |
उत्तरशती के उपन्यासों में आदिवासी विमर्श |
डॉ. स्वाति नारखेड़े |
300 |
1051 |
- |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी उपन्यासों में आदिवासी चेतना |
डॉ. सविता चौधरी |
325 |
1052 |
- |
आदिवासी अशांति: कारण चुनौतियाँ एवं सम्भावनाएँ |
डॉ. वी.एम. मलिक |
395 |
1053 |
- |
आंध्र प्रदेश की आदिवासी संस्कृति |
सुरेश जगन्नाथ |
150 |
1054 |
- |
आदिवासी कहानी विविध सन्दर्भ |
डॉ. श्रवण कुमार मीणा |
500 |
1055 |
- |
हिन्दी गुजराती दलित उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. परमार |
625 |
1056 |
- |
प्रथम दशक के हिन्दी साहित्य में स्त्री एवं दलित विमर्श |
सं. रवीन्द्र ठाकरे |
500 |
1057 |
- |
ओम प्रकाश वाल्मीकि के साहित्य में दलित चेतना |
डॉ. चन्द्रभान सुरवाडे |
600 |
1058 |
- |
दलित का दर्द |
जगदीश चन्द्र |
250 |
1059 |
- |
प्रेमचन्द्र की भ्रष्टाचार परख कहानियाँ |
डॉ. माया प्रकाश |
400 |
1060 |
- |
हिन्दी गुजराती दलित कहानियों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. स्वीटी घुंघुरावाला |
600 |
1061 |
- |
दलित केन्द्रित हिन्दी उपन्यास |
डॉ. दिलीप मेहरा |
875 |
1062 |
- |
इक्कीसवीं सदी का दलित साहित्य |
डॉ. भरत धोंडी |
350 |
1063 |
- |
उत्तरसती के उपन्यासों में दलित विमर्श |
डॉ. विजय कुमार |
400 |
1064 |
- |
नई सदी और दलित |
डॉ. सुजाता वर्मा |
400 |
1065 |
- |
दलित आत्मकथा (हिन्दी) के सरोकार |
रूपा सिंह |
500 |
1066 |
- |
दलित महिला विकास योजना एवं बालिका शिक्षण |
डॉ. सीता जाडिया |
600 |
1067 |
- |
नई सहस्त्राब्दी का दलित आन्दोलन |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह |
995 |
1068 |
- |
दलित और शिक्षा |
डॉ. संजय सिंह |
|
1069 |
- |
भारतीय भाषाओं की दलित आत्मकथाओं का अनुशीलन |
कृष्णा गायकवाड |
250 |
1070 |
- |
हिन्दी में अनूदित दलित मराठी आत्मकथा |
डॉ. गोरख काकडे |
600 |
1071 |
- |
दिशाम् अन्तः (दलित कविताएँ) |
इन्द्रबहादुर सिंह |
200 |
1072 |
- |
हिन्दी दलित साहित्य आन्दोलन |
डॉ. सरोज पगारे |
375 |
1073 |
- |
दलित साहित्यशास्त्र विधा और इतिहास |
डॉ. बाबूराव देसाई |
500 |
1074 |
- |
हिन्दी उपन्यासों में दलित चेतना |
डॉ. रामचन्द्र माली |
350 |
1075 |
- |
समकालीन हिन्दी कविता में दलित चेतना |
डॉ. सुमन सिंह |
250 |
1076 |
- |
दलित विमर्श के आलोक में |
डॉ. रश्मि चतुर्वेदी |
350 |
1077 |
- |
हिन्दी दलित साहित्य विमर्श के विविध आयाम |
डॉ. रश्मि चतुर्वेदी |
400 |
1078 |
- |
हिन्दी दलित साहित्य की अवधारणा एवं स्वरूप |
डॉ. रश्मि चतुर्वेदी |
400 |
1079 |
- |
हिन्दी दलित साहित्य की विविध विधाएँ |
डॉ. रश्मि चतुर्वेदी |
400 |
1080 |
- |
दलित चेतना और हिन्दी उपन्यास |
डॉ. एन. एस. परमार |
495 |
1081 |
- |
दलित साहित्य और वैश्विकता |
डॉ. पाटील, डॉ. इबतवार |
225 |
1082 |
- |
हिन्दी का दलित आत्मकथा साहित्य |
डॉ. संजय मुनेश्वर |
650 |
1083 |
- |
हिन्दी साहित्य में दलित सरोकार |
डॉ. धनंजय चौहाण |
400 |
1084 |
- |
दलित चेतना के संदर्भ में जगदीश चन्द्र एवं जोसेफ |
डॉ. गोवर्धन बंजारा |
725 |
1085 |
- |
मेकवान के उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन |
|
|
1086 |
- |
बीसवीं सदी के नायक बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
995 |
1087 |
- |
भारत में दलित विकास |
मीनाक्षी सिंह |
450 |
1088 |
- |
सत्तामूलक समाज एवं सामाजिक परिवर्तन के युगपुरुष डॉ. भीमराव अम्बेडकर |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
995 |
1089 |
- |
दलित साहित्य अनुसंधान के आयाम |
डॉ. भरत सगरे |
300 |
1090 |
- |
दलित विमर्श |
डॉ. धीरजभाईवणकर |
325 |
1091 |
- |
नई सहस्त्रब्दी का दलित आन्दोलन मिथक एवं यथार्थ |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
995 |
1092 |
- |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी के आंचलिक उपन्यासों में चित्रित दलित जीवन |
डॉ. शम्भूनाथ रामचरण द्विवेदी |
1195 |
1093 |
- |
दलित साहित्य: संवेदनाओं का अनुशीलन |
डॉ. हणमंतराव पाटील |
300 |
1094 |
- |
विमल थोरात के दलित साहित्य में नारी |
मोहम्मदरफी हंचिनाल |
300 |
1095 |
- |
हिन्दी की चर्चित दलित कहानियाँ: एक मूल्यांकन |
मोहम्मदरफी हंचिनाल |
250 |
1096 |
- |
21वीं सदी के कथा साहित्य में दलित चेतना |
डॉ. सुनीता कावले |
350 |
1097 |
- |
21वीं सदी के हिन्दी नाटकों में दलित चेतना |
डॉ. सुरेश तायडे |
375 |
1098 |
- |
हिन्दी साहित्य: दलित विमर्श |
डॉ. उमाकांत बिरादार |
800 |
1099 |
- |
दलित विमर्श: नाटक एवं रंगमंच |
डॉ. उमाकांत बिरादार |
800 |
1100 |
- |
डॉ. अम्बेडकर: वैचारिक वं दलित विमर्श |
डॉ. कालीचरण स्नेही |
600 |
1101 |
- |
साठोत्तरी हिन्दी उपन्यासों में दलित चेतना |
डॉ. दिलीप कुमार |
895 |
1102 |
- |
मीडिया/पत्रकारिता |
|
|
1103 |
978-93-83682-45-5 |
Communication, Advertising & Public Relations |
Dr. I. M. Patil |
550 |
1104 |
978-93-83682-36-2 |
Press in India |
Dr. I. M. Patil |
350 |
1105 |
978-93-80417-38-7 |
मीडिया और हिन्दी |
डॉ. पण्डित बन्ने |
250 |
1106 |
978-93-86604-07-1 |
पत्रकारिता के ज्वलंत मुद्दे |
शशिधर खान |
275 |
1107 |
978-93-85476-79-2 |
हिन्दी पत्रकारिता के बढ़ते चरण |
त्रिभुवन राय |
695 |
1108 |
978-93-85389-80-1 |
हिन्दी विज्ञापन: भाषिक और शैलीगत अध्ययन |
डॉ. कौशल्या |
675 |
1109 |
978-93-83682-02-3 |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी पत्रकारिता: समग्र मूल्यांकन |
डॉ. सावित्री देवी |
595 |
1110 |
978-93-83682-90-4 |
क्लास रिपोर्टर |
जयप्रकाश त्रिपाठी |
400 |
1111 |
978-93-83682-34-8 |
मीडिया हूँ मैं |
जयप्रकाश त्रिपाठी |
550 |
1112 |
- |
मीडिया, हिन्दी और पत्रकारिता |
डॉ. आरिफ महात |
350 |
1113 |
- |
समाचार, फीचर लेखन एवं सम्पादन कला |
महेन्द्र कुमार |
1195 |
1114 |
- |
जनसंचारिकी: सिद्धान्त और अनुप्रयोग |
डॉ. रामलखन |
1295 |
1115 |
- |
मीडिया विमर्श: आधुनिक संदर्भ |
डॉ. रामलखन |
795 |
1116 |
- |
जनसम्पर्क: स्वरूप और सिद्धान्त |
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद |
750 |
1117 |
- |
पुस्तकालय सूचना और स्रोत सेवा |
डॉ. दिनेश कुमार |
995 |
1118 |
- |
कम्प्यूटर विज्ञान |
नीति मेहता |
450 |
1119 |
- |
कम्प्यूटर इंटरनेट शब्दकोश |
नीति मेहता |
450 |
1120 |
- |
इंटरनेट विज्ञान |
नीति मेहता |
450 |
1121 |
- |
पुस्तकालय और समाज |
डॉ. दिनेश कुमार |
995 |
1122 |
- |
पत्रकारिता के सिद्धान्त |
डॉ. महेन्द्र कुमार |
1095 |
1123 |
- |
समकालीन हिन्दी सिनेमा |
डॉ. भाष्कर राव |
295 |
1124 |
- |
हिन्दी सिनेमा के शिखर |
दीप भट्ट |
300 |
1125 |
- |
मीडिया लेखन: सिद्धान्त और व्यवहार |
चन्द्रप्रकाश |
1100 |
1126 |
- |
जनपत्रकारिता, जनसंचार एवं जनसम्पर्क |
सूर्यप्रसाद दीक्षित |
600 |
1127 |
- |
जनसंचार एवं पत्रकारिता |
रेशमा नदाफ |
250 |
1128 |
- |
जनसंचार माध्यम में हिन्दी की स्थिति और दिशा |
डॉ. कीर्ति कुमार |
795 |
1129 |
- |
सत्ता साहित्य और पत्रकारिता |
आलोक पाण्डे |
200 |
1130 |
- |
अनुवाद सिद्धान्त और समग्र पत्रचार |
डॉ. शम्भू नाथ |
350 |
1131 |
- |
हिन्दी विज्ञापन: परख और पहचान |
डॉ. आर. जयचन्द्रन |
300 |
1132 |
- |
साहित्य समाज और मीडिया |
डॉ. शीतला प्रसाद दुबे |
600 |
1133 |
- |
मीडिया लेखन कला |
निशांत सिंह |
650 |
1134 |
- |
भारतीय पत्रकारिता के आधार |
भारत भूषण डब्लू |
495 |
1135 |
- |
स्वतन्त्रता संग्राम और पत्रकारिता |
नरेन्द्र कुमार शर्मा |
550 |
1136 |
- |
पत्रकारिता और सम्पादन |
मीनाक्षी सिंह |
650 |
1137 |
- |
पत्रकारिता में सम्पादक का महत्व |
ज्ञानेश प्रकाश अवस्थी |
550 |
1138 |
- |
समाचारों की दुनिया |
भगवान दास |
500 |
1139 |
- |
हिन्दी पत्रकारिता का इतिहास |
मीनाक्षी सिंह |
650 |
1140 |
- |
हिन्दी पत्रकारिता का बदला स्वरूप |
श्रवण कुमार |
550 |
1141 |
- |
पत्रकारिता कल, आज और कल |
संतोष कुमार |
595 |
1142 |
- |
जनसम्पर्क प्रबन्ध |
मीनाक्षी सिंह |
450 |
1143 |
- |
आर्थिक पत्रकारिता: दशा और दिशा |
प्रो. मधुसूदन त्रिपाठी |
495 |
1144 |
- |
जनसंचार एवं पत्रकारिता |
कुमारी शिप्रा |
550 |
1145 |
- |
हिन्दी पत्रकारिता: इतिहास एवं विकास |
आर. के. गुप्ता |
550 |
1146 |
- |
विज्ञापन प्रबन्ध |
डॉ. निशांत सिंह |
400 |
1147 |
- |
पत्रकारिता और समाज |
संतोष कुमार |
650 |
1148 |
- |
भारत में प्रेस कानून |
प्रो. मधुसूदन त्रिपाठी |
650 |
1149 |
- |
हिन्दी पत्रकारिता और समाचार पत्रें की दुनिया |
रत्नाकर पाण्डेय |
795 |
1150 |
- |
लोकसंचार माध्यम प्रस्तुति के रचनात्मक आयाम |
डॉ. सत्यदेव त्रिपाठी |
150 |
1151 |
- |
प्रिंट मीडिया लेखन |
डॉ. हरीश अरोड़ा |
695 |
1152 |
- |
प्रायोगिक व्याकरण एवं पत्र लेखन |
डॉ. शिवाकान्त गोस्वामी |
350 |
1153 |
- |
पत्रकारिता और समाज |
डॉ. यू. सी. गुप्ता |
750 |
1154 |
- |
हिन्दी पत्रकारिता का स्वरूप |
डॉ. यू. सी. गुप्ता |
875 |
1155 |
- |
पत्रकारिता के विविध आयाम |
डॉ. यू. सी. गुप्ता |
680 |
1156 |
- |
पत्रकारिता समस्या और समाधान |
डॉ. यू. सी. गुप्ता |
775 |
1157 |
- |
इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया एवं सूचना प्रौद्योगिकी |
डॉ. यू. सी. गुप्ता |
875 |
1158 |
- |
मीडिया लेखन और प्रिंट पत्रकारिता |
डॉ. यू. सी. गुप्ता |
750 |
1159 |
- |
सम्पादन कला |
डॉ. यू. सी. गुप्ता |
700 |
1160 |
- |
व्यावहारिक पत्रकारिता |
डॉ. यू. सी. गुप्ता |
550 |
1161 |
- |
आधुनिक विज्ञान और जनसम्पर्क |
डॉ. यू. सी. गुप्ता |
850 |
1162 |
- |
मीडिया लेखन |
डॉ. यू. सी. गुप्ता |
700 |
1163 |
- |
समकालीन साहित्य: समाज और मीडिया |
माया प्रकाश पाण्डे |
400 |
1164 |
- |
हमारे प्रसारित प्रकाशन |
|
|
1165 |
- |
लम्बी कविता: व्यापक परिदृश्य |
डॉ. रजनी बाला |
500 |
1166 |
- |
समकालीन साहित्य और आलोचना |
ए. बी. पद्मनाभ |
450 |
1167 |
- |
तुलसी का विराट व्यक्तित्व |
डॉ. ब्रह्मानन्द मिश्र |
450 |
1168 |
- |
हिन्दी साहित्य और माँ |
डॉ. विबी सी. |
400 |
1169 |
- |
समकालीन हिन्दी समीक्षा: एक दृष्टिकोण |
डॉ. ईश्वर सिंह चौहान |
450 |
1170 |
- |
रेणु और नागार्जुन के उपन्यासों में नारी समस्या |
डॉ. महेश चन्द्र |
325 |
1171 |
- |
मेहरुन्निसा परवेज़ का उपन्यास साहित्य |
डॉ. महबूब अली नदाफ |
375 |
1172 |
- |
साठोत्तर हिन्दी महिला कथाकारों के कहानी साहित्य में नारी |
डॉ. मिनि आर. |
475 |
1173 |
- |
छायावादोत्तर गीत काव्य में लोग चेतना |
डॉ. नारायण शुक्ला |
875 |
1174 |
- |
इक्कीसवीं सदी का गद्य साहित्य |
सं. डॉ. दिलीप मेहरा |
1250 |
1175 |
- |
समकालीन कविता में सौन्दर्य-बोध का मूल्यांकन |
डॉ. गया प्रसाद |
995 |
1176 |
- |
नारी विमर्श और मैत्रेयी पुष्पा का कथा साहित्य |
डॉ. अनिला पटेल |
900 |
1177 |
- |
हिन्दी महिला कथाकारों के साहित्य में दलित विमर्श |
डॉ. संगीता चौहान |
950 |
1178 |
- |
हिन्दी भाषा: प्रचार एवं प्रसार में योगदान |
डॉ. प्रकाश गायकवाड़ |
500 |
1179 |
- |
रामचरितमानस तथा भावार्थ रामायण |
डॉ. भुमरे एम. |
750 |
1180 |
- |
दखनी कवि श्री माणिक प्रभु |
डॉ. हणमंत पवार |
380 |
1181 |
- |
साहित्य के विविध पहलू |
डॉ. कुसुम राणा |
275 |
1182 |
- |
भगवतीचरण वर्मा के उपन्यासों का तात्विक विवेचन |
डॉ. अंधारे अशोक |
800 |
1183 |
- |
मैत्रेयी पुष्पा का उपन्यास इदन्नम् में सामाजिक जीवन |
डॉ. रत्नाकर हुसे |
300 |
1184 |
- |
हिन्दी और मराठी दलित आत्मकथाओं का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. कल्याण गुरुनाथ |
560 |
1185 |
- |
निर्मल वर्मा के निबन्ध साहित्य का समीक्षात्मक अध्ययन |
डॉ. नीलिमा तिवारी |
450 |
1186 |
- |
गोविन्द मिश्र की कथा यात्रा |
डॉ. कला जोशी |
400 |
1187 |
- |
मैत्रेयी पुष्पा नारी संवेदना के स्वर |
डॉ. प्रीती यादव |
895 |
1188 |
- |
प्रवासी हिन्दी साहित्य और सुदर्शन प्रियदर्शनी |
डॉ. प्रदीप श्रीधार |
500 |
1189 |
- |
यथार्थबोध का परिप्रेक्ष्य और स्वयं प्रकाश का साहित्य |
डॉ. नागेन्द्र प्रसाद |
300 |
1190 |
- |
रंगमंचीयता के परिप्रेक्ष्य में हिन्दी काव्य नाटक |
डॉ. नीलिमा दुबे |
995 |
1191 |
- |
स्त्री-संघर्ष संवेदना के साक्ष्य |
कल्याणी डाकोरे |
300 |
1192 |
- |
बाणभट्ट की आत्मकथा में नारी |
डॉ. रेविता कवले |
350 |
1193 |
- |
कबीर, रैदास और तुकाराम के काव्य में बौद्ध दर्शन |
डॉ. सुभाष क्षीरसागर |
295 |
1194 |
- |
आधुनिक हिन्दी साहित्य चर्चित आयाम |
सं. डॉ. सुनील बापू बनसोडे |
495 |
1195 |
- |
समकालीन हिन्दी साहित्य में नारी संवेदना |
डॉ. दयानन्द सालुंके |
1195 |
1196 |
- |
रमणिका गुप्ता के उपन्यासों में नारी |
आदिनाथ भाकड़ |
350 |
1197 |
- |
मोहन राकेश की कहानियों का समाजशास्त्रीय अध्ययन |
डॉ. संगीता उप्पे |
500 |
1198 |
- |
अम्बेडकरवादी चिंतन और दलित उपन्यास |
डॉ. प्रदीप सरवदे |
695 |
1199 |
- |
लिंग विद्यालय एवं समाज |
डॉ. हिंदूराव रामचन्द्र घरपणकर |
400 |
1200 |
- |
हिन्दी अध्यापन अधुनातन आयाम |
डॉ. हिन्दूराव रामचन्द्र घरपणकर |
525 |
1201 |
- |
उपन्यासकार सुशीला टाकभौरे एवं नारी अस्मिता |
संध्या दत्ता कदम |
350 |
1202 |
- |
बहुजन वैचारिकी और डॉ. अंबेडकर |
डॉ. राजबहादुर |
450 |
1203 |
- |
शंकर शेष: सम्पूर्ण साहित्य का अनुशीलन |
डॉ. संपतराव जाधव |
1195 |
1204 |
- |
समकालीन कवि विश्वनाथ प्रसाद तिवारी |
डॉ. शिवबसरैया सी. हिरेमठ |
550 |
1205 |
- |
उपन्यासकार शशिप्रभा शास्त्री |
डॉ. विजय कुमार सूर्यवंशी |
500 |
1206 |
- |
महिला आत्मकथाओं में नारी चिंतन |
डॉ. विट्ठल शंकर नाईक |
250 |
1207 |
- |
समकालीन हिन्दी साहित्य का वैचारिक परिप्रेक्ष्य |
डॉ. सविता कीर्ते |
350 |
1208 |
- |
मृणाल पाण्डे व्यक्तित्व एवं कृतित्व |
डॉ. प्रज्ञा तिवारी |
650 |
1209 |
- |
भारतीय काव्यशास्त्र आलोचना और आलोचक |
डॉ. सरोज पगारे |
400 |
1210 |
- |
अनुवाद के विविध आयाम |
डॉ. मोनिका देवी |
300 |
1211 |
- |
समकालीन हिन्दी कथा साहित्य के नए परिप्रेक्ष्य |
डॉ. आर. राजेश कुमार |
200 |
1212 |
- |
नाटककार नरेन्द्र मोहन |
संजय ढोडरे |
600 |
1213 |
- |
नारी विमर्श एवं क्षमा शर्मा का कथा साहित्य |
डॉ. लता गुजराती |
850 |
1214 |
- |
फेसबुक एक विमर्श |
डॉ. दिनेश धर्मपाल |
550 |
1215 |
- |
हिन्दी विधाओं का स्त्री परिप्रेक्ष्य |
डॉ. पद्मप्रिया |
200 |
1216 |
- |
गीतकार चन्द्रसेन विराट |
डॉ. कामिनी तिवारी |
600 |
1217 |
- |
आधुनिकता के पुरोधा निर्मल वर्मा |
डॉ. सुरेश ए. |
500 |
1218 |
- |
शशिप्रभा शास्त्री के कथा साहित्य में नारी विमर्श |
डॉ. अम्बिली वी. एस. |
350 |
1219 |
- |
समकालीन हिन्दी कहानी एवं दलित विमर्श |
डॉ. मोहम्मदरफी हंचिनाल |
450 |
1220 |
- |
नाटककार लक्ष्मीनारायण मिश्र |
डॉ. सुरेश ए. |
200 |
1221 |
- |
प्रगतिशील कविता के पचहत्तर वर्ष |
ओमप्रकाश त्रिपाठी |
550 |
1222 |
- |
जहीर कुरेशी की ग़ज़लों का चिंतन पक्ष |
डॉ. प्रीति सोनी |
600 |
1223 |
- |
राजेश जोशी का काव्य, संवेदना और शिल्प |
डॉ. वर्षा देशमुख |
600 |
1224 |
- |
प्रेमचंद के साहित्य में दलित एवं नारी विमर्श |
अनिल सूर्यवंशी |
500 |
1225 |
- |
भारतीय उपन्यासों में आदिवासी विमर्श |
डॉ. रेम्या बालन के. |
700 |
1226 |
- |
आधुनिक हिन्दी नाटक सर्जना और स्वरूप |
डॉ. लीना. बी. एल. |
600 |
1227 |
- |
दुष्यन्त कुमार के साहित्य का पुनर्मूल्यांकन |
डॉ. जिजाबराव पाटिल |
995 |
1228 |
- |
हिन्दी साहित्य में आदिवासी एवं स्त्री विमर्श |
डॉ. सविता चौधरी |
450 |
1229 |
- |
राहुल सांकृत्यायन एवं हिन्दी का यात्र साहित्य |
डॉ. रम्या के. आर. |
400 |
1230 |
- |
मोहम्मद अली जिन्ना एवं भारत विभाजन |
डॉ. सुरेन्द्र पाल सिंह |
300 |
1231 |
- |
कृषि भूमि उपयोग नियोजन |
डॉ. श्रीप्रकाश अस्थाना |
500 |
1232 |
- |
आदिवासी केन्द्रित हिन्दी उपन्यास |
डॉ. प्रमोद चौधरी |
650 |
1233 |
- |
कथाकार क्षमा शर्मा |
डॉ. प्रेरणा तिवारी |
600 |
1234 |
- |
जनवादी कहानीकार उदयप्रकाश |
टीना थामस |
300 |
1235 |
- |
नवउपनिवेश एवं समकालीन हिन्दी कहानी |
टीना थामस |
500 |
1236 |
- |
हिन्दी व्याकरण |
कामताप्रसाद गुरु |
700 |
1237 |
- |
समकालीन हिन्दी उपन्यासों में विस्थापन |
डॉ. रूबी एलसा जैकब |
400 |
1238 |
- |
भूमण्डलीकरण और आधुनिक हिन्दी साहित्य |
डॉ. संजय चोपडे |
200 |
1239 |
- |
महिला सशक्तिकरण और मानवाधिकार |
डॉ. राधामणि सी. |
500 |
1240 |
- |
धूमिल की काव्य.चेतना |
डॉ. गीता अस्थाना |
400 |
1241 |
- |
थर्ड जेण्डर के संघर्ष का यथार्थ (चित्र मुद्गल कृत नाला सोपारा के संदर्भ में) |
डॉ. शगुफ्रता नियाज |
450 |
1242 |
- |
सिनेमा की निगाह में थर्ड जेण्डर |
डॉ.एम.फीरोज़ खान, डॉ.शिप्रा किरण |
325 |
1243 |
- |
थर्ड जेण्डर: चर्चित कहानियाँ |
सं. डॉ. विमल सूर्यवंशी |
250 |
1244 |
- |
थर्ड जेण्डर पर केन्द्रित हिन्दी का प्रथम उपन्यास यमदीप |
डॉ. एम. फिरोज़ खान |
450 |
1245 |
- |
थर्ड जेण्डर: तीसरी ताली का सच |
सं. एम. फिरोज़ अहमद |
450 |
1246 |
- |
हमख़्याल (समलैंगिकता पर केन्द्रित कहानी संग्रह) |
सं. एम.फिरोज़ खान |
650 |
1247 |
- |
रवीन्द्र वर्मा के उपन्यासों में मध्यवर्ग का यथार्थ |
सुनील कुमार एस. यादव |
225 |
1248 |
- |
हिन्दी व्याकरण एवं रचना |
डॉ. विमल सूर्यवंशी |
650 |
1249 |
- |
मध्यकालीन कला और संस्कृति |
प्रा. रमेश झरेकर |
750 |
1250 |
- |
मन्नू भंडारी की कहानियों में नारी चेतना |
गुलाबराव हाडे |
550 |
1251 |
- |
वैश्विक संदर्भ में अनुवाद की भूमिका |
सं. डॉ. रजनी धारी |
350 |
1252 |
- |
इतिहास-बोध प्रतिरोध और संस्कृति |
प्रकाशचंद भट्ट |
350 |
1253 |
- |
उत्तर भारतीय संगीत की परम्परा में घरानों का ऐतिहासिक अध्ययन |
डॉ. दीपाली श्रीवास्तव |
195 |
1254 |
- |
समकालीन महिला रचनाकारों के काव्य में स्त्री विमर्श |
डॉ. कमलकिशोर एस. |
395 |
1255 |
- |
हिन्दी साहित्य में नारी अस्मिता के विविध रूप |
डॉ. सुमन सिंह |
550 |
1256 |
- |
संस्मरण साहित्य विधा शास्त्र और इतिहास |
डॉ. बापूराव देसाई |
400 |
1257 |
- |
निराला काव्य में नारी अस्मिता |
सत्यंवदा यादव |
195 |
1258 |
- |
केदारनाथ सिंह की आलोचना दृष्टि |
बेंद्रे बसवेश्वर नागोराव |
195 |
1259 |
- |
मोहन राकेश के नाटकों की प्रासंगिकता |
डॉ. विमल सूर्यवंशी |
550 |
1260 |
- |
जनसंचार, जनसम्पर्क एवं विज्ञापन |
डॉ. सुजाता वर्मा |
695 |
1261 |
- |
मध्यकालीन हिन्दी साहित्य का इतिहास |
डॉ. घनश्यामदास भुतड़ा |
595 |
1262 |
- |
साहित्यशास्त्र |
डॉ. सूर्यनारायण रणसुभे |
595 |
1263 |
- |
हिन्दी नाटक के बदलते तेवर |
डॉ. लव कुमार |
575 |
1264 |
- |
हिन्दी उपन्यासों में चित्रित कृषक जीवन |
डॉ. कुट्टे धनाजी सुभाष |
275 |
1265 |
- |
गौरव नेता नहीं अनुकर्ता बनने में |
डॉ. गार्गीशरण मिश्र मराल |
450 |
1266 |
- |
हिन्दी साहित्य के पुरोधा पं. विश्वम्भर नाथ शर्मा कौशिक |
डॉ. नीलाम्बर कौशिक |
395 |
1267 |
- |
भीष्म साहनी कृत हानूश का नाट्य सौन्दर्य |
डॉ. लव कुमार |
395 |
1268 |
- |
प्रभाकर श्रोत्रिय के नाटकों का अन्तर्पाठ |
डॉ. लव कुमार |
550 |
1269 |
- |
ओमप्रकाश बाल्मीकि के साहित्य में अम्बेडकरीय संवेदना |
डॉ. शिवाजी नागोबा |
450 |
1270 |
- |
अब्दुल बिस्मिल्लाह के साहित्य में संघर्षरत आम आदमी |
डॉ. शेख फक्रीद्दीन |
550 |
1271 |
- |
हिन्दी दलित कहानी: विविध आयाम |
डॉ. नारायण |
650 |
1272 |
- |
वस्तुनिष्ठ हिन्दी प्रतियोगिता (UGC, NET/SLET) |
डॉ. शंकर राठौड़ |
975 |
1273 |
- |
भारतीय और पाश्चात्य काव्यशास्त्र की रूपरेखा |
डॉ. पं. बन्ने |
395 |
1274 |
- |
सूर्यबाला की कहानियों का मनोवैज्ञानिक अध्ययन |
चितेरे कन्नूलाल |
225 |
1275 |
- |
कर्मभूमि उपन्यास में देश और समाज |
डॉ. एल. पी. लमाणी |
160 |
1276 |
- |
नजीर अकबराबादी के काव्य का परिचयात्मक विमर्श |
डॉ. शमशाद अली |
150 |
1277 |
- |
यादवेन्द्र शर्मा चन्द्र: व्यक्तित्व और कृतित्व |
गीता मा. बेणचेकर |
195 |
1278 |
- |
साहित्य और पत्रकारिता: एक परिक्रमा |
डॉ. चन्द्रकान्त मेहता |
600 |
1279 |
- |
कृष्णा सोबती की कहानियों में मनोवैज्ञानिकता |
भरत के. बावलिया |
350 |
1280 |
- |
अनुवाद विज्ञान |
डॉ. रामगोपाल सिंह |
700 |
1281 |
- |
दिनकर के काव्य में प्रगतिशील चेतना |
देवज्ञानी सेन |
895 |
1282 |
- |
हिन्दी कहानी एवं मुस्लिम परिवेश |
डॉ. इल्यास जेठवा |
1095 |
1283 |
- |
हिन्दी काव्य में औदात्य की अभिव्यंजना |
डॉ. चन्द्रकला भाटा |
175 |
1284 |
- |
श्री रामदरश मिश्र की कहानियों में युगबोध |
डॉ. अमी दवे |
895 |
1285 |
- |
जनसंचार माध्यम में हिन्दी की स्थिति और दिशा |
डॉ. कीर्ति कुमार जादव |
795 |
1286 |
- |
मोहन राकेश की कहानियों में युग चेतना |
दीप्ती पी. परमार |
675 |
1287 |
- |
अनुवाद के विविध आयाम |
डॉ. राम गोपाल सिंह |
650 |
1288 |
- |
आधुनिक हिन्दी का शोधपरक व्याकरण |
डॉ. राम गोपाल सिंह |
700 |
1289 |
- |
अमृता प्रीतम के उपन्यासों का समीक्षात्मक अनुशीलन |
डॉ. कल्पना सी. रायठटा |
795 |
1290 |
- |
हिन्दी के प्रमुख उपन्यासों में जनवादी चेतना विवेचनात्मक निबन्ध |
डॉ. महेन्द्र कुमार |
300 |
1291 |
- |
हिन्दी व बांग्ला के आदि काल के साहित्य में इतिहासबोध |
डॉ. शकीला खानम |
150 |
1292 |
- |
सुमित्र नन्दन पंत के काव्य में संस्कृति और जीवन दर्शन |
प्रो- शीला मिश्र |
150 |
1293 |
- |
रसखान विवेचनात्मक अध्ययन |
डॉ. दीपा गुप्ता |
300 |
1294 |
- |
नागार्जुन के काव्य में जीवन मूल्य |
डॉ. निर्मला नारायण |
200 |
1295 |
- |
नई कविता वस्तु और रूप तथा अन्य निबन्ध |
डॉ. त्रिवेणी झा |
400 |
1296 |
- |
हिन्दी साहित्य: एक दृष्टिकोण |
डॉ. श्याम राव |
400 |
1297 |
- |
हिन्दी के उत्पादक रुपिम और प्रयोजनमूलक आयाम |
डॉ. शुभदा बांजपे |
275 |
1298 |
- |
हिन्दी संज्ञा संरचना और कुछ रूपिम |
डॉ. प्रीति साहनी |
200 |
1299 |
- |
फणीश्वर नाथ रेणु के मैला आंचल का भाषा शैली परख अध्ययन |
डॉ. प्रीति सोहनी |
125 |
1300 |
- |
मुक्तिबोध जीवन संघर्ष बनाम काव्य संघर्ष |
डॉ. जी. प्रवीणा भाई |
250 |
1301 |
- |
सत्ता, साहित्य और पत्रकारिता |
डॉ. श्याम राव |
325 |
1302 |
- |
अज्ञेय के निबन्ध |
आलोक पाण्डेय |
200 |
1303 |
- |
सूरजपाल चौहान की आत्मकथा तिरस्कृत दलित चेतना |
सच्चिदानन्द चतुर्वेदी |
225 |
1304 |
- |
और भाषा |
डॉ. छाया |
225 |
1305 |
- |
आन्ध्र प्रदेश की आदिवासी संस्कृति |
सुरेश जगन्नाथम |
150 |
1306 |
- |
उपन्यासकार देवेश ठाकुर |
डॉ. संगीता कोटिया |
150 |
1307 |
- |
काव्यानुवाद की समस्याएँ |
डॉ. शकीला खानम |
150 |
1308 |
- |
समकालीन कहानियों में टूटते हुए मानवीय सम्बन्ध |
डॉ. टी. सुमति |
350 |
1309 |
- |
युग चेता निबन्धकार: डॉ. धर्मवीर भारती |
डॉ. मंजुषा श्रीवास्तव |
350 |
1310 |
- |
संस्कृत-साहित्य का मौलिक इतिहास |
डॉ. राकेश मणि त्रिपाठी |
550 |
1311 |
- |
हिन्दी साहित्य का तथ्यात्मक अनुशीलन |
बालमुकुंद सुखवाल |
600 |
1312 |
- |
आधुनिक कविता राष्ट्रीय सांस्कृतिक जागरण के सन्दर्भ में |
डॉ. एस. पद्मप्रिया |
350 |
1313 |
- |
वजही का साहित्य: सांस्कृतिक मूल्यांकन |
डॉ. अफसर उन्निसाँ बेगम |
500 |
1314 |
- |
धर्मवीर भारती का कथा संसार |
डॉ. मंजूषा श्रीवास्तव |
300 |
1315 |
- |
हिन्दी दलित आत्मकथाओं का सांस्कृतिक विश्लेषण |
डॉ. छाया |
400 |
1316 |
- |
उत्तरशती के हिन्दी उपन्यासों में मुस्लिम जनजीवन |
डॉ. टी. जे. रेखारानी |
400 |
1317 |
- |
इतिहास-बोध और आधुनिक हिन्दी नाटक |
डॉ. आर. शशिधस |
150 |
1318 |
- |
पत्रकारिता और न्यू मीडिया |
डॉ. सुजाता वर्मा |
750 |
1319 |
- |
गालिब के पत्र: विचार और विश्लेषण |
डॉ. रीता श्रीवास्तव |
295 |
1320 |
- |
विनोद कुमार शुक्ल का रचना संसार |
डॉ. महेन्द्र कुमार |
400 |
1321 |
- |
नरेन्द्र मोहन: विशिष्ट रचनायें |
नरेन्द्र मोहन |
1250 |
1322 |
- |
हिमांशु जोशी के आंचलित उपन्यास |
शरद शेषराव कदम |
250 |
1323 |
- |
भैरव प्रसाद गुप्त के उपन्यासों में मार्क्सवादी चेतना |
शेख मुखत्यार |
195 |
1324 |
- |
हिन्दी कहानी में नारी विमर्श |
सं. बाबूराव देसाई |
750 |
1325 |
- |
सिनेमा और फिल्मांतरित हिन्दी साहित्य |
डॉ. गोकुल क्षीरसागर |
595 |
1326 |
- |
हिन्दी की बोलियों में बोधगम्यता |
डॉ. आशा रानी |
450 |
1327 |
- |
मराठी साहित्यकार पु.ला. देशपाण्डे के हास्य.व्यंग्यात्मक |
लेखअनु. वेदकुमार वेदालंकार |
395 |
1328 |
- |
मन्नू भण्डारी कथा सृजजन की अन्तर्यात्रा |
प्रा. किशोर गिरडकर |
300 |
1329 |
- |
मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में स्त्री जीवन संघर्ष |
डॉ. शिवशेट्टे गोविन्द |
550 |
1330 |
- |
बीसवीं शदी के अंतिम दशक के उपन्यासों में ग्राम जीवन |
डॉ. शेख मोहसीन |
550 |
1331 |
- |
फणीश्वरनाथ रेणु के साहित्य में लोकतत्व |
डॉ. मालती शिंदे |
600 |
1332 |
- |
नासिरा शर्मा और सानिया के साहित्य में स्त्री विमर्श |
डॉ. महेश दवंगे |
750 |
1333 |
- |
बदलते सामाजिक परिदृश्य एवं हिन्दी साहित्य |
डॉ. सुमन सिंह |
450 |
1334 |
- |
हिन्दी की प्रगतिशील कविता |
सं. डॉ. यशवंतकर |
750 |
1335 |
- |
प्रभा खेतान का रचना संसार |
के. आशा |
450 |
1336 |
- |
साठोत्तरी हिन्दी गजल में समसामयिकता |
डॉ. मस्के संतोष विष्णु |
450 |
1337 |
- |
नागरी लिपि विमर्श |
सं. डॉ. शेख मुखत्यार |
650 |
1338 |
- |
नागरी लिपि विमर्श |
सं. शेख |
650 |
1339 |
- |
प्रयोजनमूलक हिन्दी चिंतन अनुचिंतन |
सं. संजय नवले |
695 |
1340 |
- |
आधुनिक हिन्दी मराठी नाटक |
सं. संजय नवले |
795 |
1341 |
- |
इक्कीसवीं सदी की हिन्दी कविता |
सं. सुकुमार भंडारे |
575 |
1342 |
- |
नयी कविता एवं नवगीत |
डॉ. गीता |
1095 |
1343 |
- |
साहित्यशास्त्र तथा आलोचना |
डॉ. माधव |
395 |
1344 |
- |
नई शती और हिन्दी कविता |
डॉ. श्यामबाबू |
295 |
1345 |
- |
रंगानुभूति और नरेन्द्र मोहन के नाटक |
डॉ. गुरचरण सिंह |
350 |
1346 |
- |
समकालीन कविता का सच |
डॉ. गुरचरण सिंह |
800 |
1347 |
- |
कामायनी शब्दानुक्रम कोश |
डॉ. त्रिभुवननाथ शुक्ल |
550 |
1348 |
- |
भीष्म साहनी का नाटक साहित्य संवेदना और शिल्प |
डॉ. प्रभाकर |
595 |
1349 |
- |
विनोद कुमार शुक्ल का रचना संसार |
डॉ. महेन्द्र |
400 |
1350 |
- |
मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में स्त्री जीवन संघर्ष |
डॉ. शिवशेट्टे |
550 |
1351 |
- |
स्त्री संघर्ष और मानवाधिकार |
ज्योति किरण |
250 |
1352 |
- |
साठोत्तरी हिन्दी गज़ल में समसामयिकता |
डॉ. मस्के |
450 |
1353 |
- |
संत साहित्य की अभिव्यंजक पद्धति |
..... |
395 |
1354 |
- |
मृदुला गर्ग के कथा साहित्य में नारी |
डॉ. रमा नवले |
875 |
1355 |
- |
स्त्रीवाद और महिला उपन्यासकार |
डॉ. वैशाली देशपांडे |
550 |
1356 |
- |
स्त्री शिक्षा का इतिहास |
डॉ. कीर्ति वर्मा |
195 |
1357 |
- |
भैरवप्रसाद गुप्त के उपन्यासों में आंचलिकता |
शेख सैबाशरीन |
225 |
1358 |
- |
लोक साहित्य विधा शास्त्र और इतिहास |
डॉ. बाबूराव देसाई |
475 |
1359 |
- |
प्रयोजनमूलक हिन्दी तथा मीडिया लेखन |
डॉ. बापूराव देसाई |
595 |
1360 |
- |
साम्प्रदायिक उपन्यास और कितने पाकिस्तान |
डॉ. लक्ष्मण तुलसीराम काले |
400 |
1361 |
- |
अनुवाद साहित्य विधा शास्त्र और इतिहास |
डॉ. बापूराव देसाई |
400 |
1362 |
- |
इक्कीसवीं सदी के शिखर उपन्यासों में संवेदना |
डॉ. सदानन्द भोसले |
375 |
1363 |
- |
यौन उत्पीड़न तथा अन्य निबन्ध |
डॉ. बापूराव देसाई |
295 |
1364 |
- |
मन्नू भण्डारी कथा सृजन की अन्तर्यात्रा |
प्रा. कशोर गिरडकर |
300 |
1365 |
- |
तीन पारिवारिक नाटक |
डॉ. सुरेश शुक्ल चन्द्र |
250 |
1366 |
- |
अजय प्रताप (नाटक) |
डॉ. सुरेश शुक्ल चन्द्र |
195 |
1367 |
- |
मृदुला गर्ग और गौरी देशपांडे के उपन्यास साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. प्रांजली भाऊ साहेब भोसले |
450 |
1368 |
- |
रंगचेता नाटककार नरेन्द्र मोहन |
डॉ. लवकुमार |
700 |
1369 |
- |
रामचरित मानस में लोक तत्व |
रश्मि श्रीवास्तव |
150 |
1370 |
- |
राजी सेठ का कथा साहित्य समाजशास्त्रीय एवं भाषिक अनुशीलन |
डॉ. सोनाली पंडित |
525 |
1371 |
- |
भारत में नारी सशक्तीकरण का व्यावहारिक स्वरूप |
डॉ. पूर्णिमा शर्मा |
400 |
1372 |
- |
बीसवीं शताब्दी का रंगकर्म |
डॉ. लव कुमार |
495 |
1373 |
- |
हिन्दी मराठी कविता के मील स्तम्भ |
डॉ. सुधाकर शेंडगे |
375 |
1374 |
- |
हिन्दी मराठी का अनूदित साहित्य |
स. डॉ. सोनटक्के, डॉ. शेंडगे |
400 |
1375 |
- |
आखर फुहार |
शंकर पुणताम्बेकर |
450 |
1376 |
- |
हिन्दी कृष्ण भक्त कवियों का रामकाव्य |
डॉ. इन्दु यादव |
600 |
1377 |
- |
भारतीय संगीत में रसानुभूति एवं सौंदर्य बोध |
सं. मीता जमाल, डॉ. संगीता श्रीवास्तव |
850 |
1378 |
- |
समकालीन महिला लेखन एवं नारी चेतना |
सं. गजाला वसीम, डॉ. माली |
775 |
1379 |
- |
कवि और आलोचक अशोक बाजपेयी |
डॉ. गोविन्द पांडव |
550 |
1380 |
- |
गोपीनाथ महान्ती और नागार्जुन के उपन्यासों में ग्राम्य चेतना |
डॉ. दयानिधि सा |
500 |
1381 |
- |
प्रवासी साहित्यकार सुनीता जैन का कथा साहित्य |
डॉ. प्रवीण अनंतराव शिंदे |
425 |
1382 |
- |
प्रयोजनमूलक हिन्दी: स्वरूप और व्याप्ति |
तेजपाल चौधरी |
400 |
1383 |
- |
छायावादोत्तर हिन्दी कविता |
डॉ. प्रतिभा गुर्जर |
650 |
1384 |
- |
प्रयोजनमूलक हिन्दी तथा मीडिया लेखन |
डॉ. बापूराव देसाई |
550 |
1385 |
- |
साठोत्तरी नारी कहानीकार |
विष्णु देव मलिक |
250 |
1386 |
- |
सूर्यबाला के कथा साहित्य का समाजशास्त्रीय अध्ययन |
डॉ. रत्नमाला धुले |
550 |
1387 |
- |
केदारनाथ अग्रवाल के काव्य में ग्रामीण चेतना |
डॉ. डी. जी. रानभरे |
500 |
1388 |
- |
बिखरे पन्ने (उपन्यास) |
शंकर पुणतांबेकर |
695 |
1389 |
- |
समकालीन एकांकी: संवेदना एवं शिल्प |
डॉ. रंजना वर्दे |
500 |
1390 |
- |
एक और द्रोणाचार्य: एक मूल्यांकन |
डॉ. रंजना वर्दे |
140 |
1391 |
- |
हिन्दी साहित्य: साम्प्रदायिक सद्भाव |
डॉ. रमेश संभाजी |
500 |
1392 |
- |
प्रेमचन्द्र के उपन्यासों में हिन्दू मुस्लिम एकता |
डॉ. अशोक जाधव |
400 |
1393 |
- |
प्रभा खेतान का रचना संसार |
के. आशा |
450 |
1394 |
- |
हिन्दी वस्तुनिष्ठ प्रतियोगिता |
डॉ. सदानन्द भोसले |
1095 |
1395 |
- |
भूमण्डलीकरण और समकालीन हिन्दी कविता |
डॉ. श्याम बाबू शर्मा |
850 |
1396 |
- |
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना कृत नाटक बकरी एक समीक्षात्मक अध्ययन |
डॉ. सुमन सिंह |
195 |
1397 |
- |
साहित्य विचार विमर्श |
डॉ. रमाकान्त आपरे |
350 |
1398 |
- |
आदिवासी समाज एवं संस्कृति |
डॉ. शैला चौहाण |
650 |
1399 |
- |
कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर की साहित्य साधना |
डॉ. ओम प्रकाश नायर |
350 |
1400 |
- |
कबीर और महात्मा फुले की कविता |
डॉ. बी. डी. मुण्डे |
450 |
1401 |
- |
मोहन राकेश और उनका साहित्य |
डॉ. नीलम फारुखी |
550 |
1402 |
- |
कबीर: ढाई आखर प्रेम का |
डॉ. बी. डी. मुण्डे |
130 |
1403 |
- |
भवानी प्रसाद मिश्र की साहित्य साधना |
डॉ. कुसुम श्रीवास्तव |
695 |
1404 |
- |
महिला लेखन |
विष्णु देव सिंह |
225 |
1405 |
- |
कबीर और महात्मा फुले (धार्मिक और राजनैतिक चेतना) |
डॉ. बी. डी. मुण्डे |
175 |
1406 |
- |
एक मंत्री स्वर्गलोक में |
शंकर पुणतांबेकर |
350 |
1407 |
- |
रामधारी सिंह दिनकर के साहित्य में जीवन मूल्य |
डॉ. सूर्यवंशी |
895 |
1408 |
- |
गरीबीली गरीबी के कथाकार: काशीनाथ सिंह |
डॉ. योगेश देसाई |
475 |
1409 |
- |
हिन्दी नाट्य साहित्य में महिला रचनाकारों का योगदान |
डॉ. दीप कुचेकर |
800 |
1410 |
- |
हिन्दी के पशु प्रतीकात्मक नाटक |
डॉ. लव कुमार |
475 |
1411 |
- |
सुमित्रनन्दन पन्त का काव्य शिल्प |
प्रकाश शिंदे |
200 |
1412 |
- |
झाड़े रहो कलक्टरगंज |
अमरीक सिंह दीप |
350 |
1413 |
- |
हिन्दी: संघर्ष और आयाम |
डॉ. जयश्री शुक्ल |
525 |
1414 |
- |
रामकुमार वर्मा का नाट्य रंग एवं प्रयोग |
डॉ. बी. संतोषी |
425 |
1415 |
- |
मुहम्मद कुली कुतुबशाह की साहित्य साधना |
डॉ. रजाक कसार |
575 |
1416 |
- |
विवेकानन्द की औपन्यासिक जीवनी का विश्लेषणात्मक अध्ययन |
डॉ. सुरेश गरुण |
595 |
1417 |
- |
साहित्य और मानवीय संवेदना |
डॉ. सदानन्द भोसले |
375 |
1418 |
- |
आदिवासी साहित्य: विविध आयाम |
डॉ. रमेश कुरे |
550 |
1419 |
- |
रंगकर्म: आयाम-दर-आयाम |
सतीष मेहता |
275 |
1420 |
- |
हरिऔध के महाकाव्यों की नारी पात्र |
रेणु श्रीवास्तव |
200 |
1421 |
- |
उत्तर आधुनिक समाज और विज्ञापन |
डॉ. रमा मुण्डे |
425 |
1422 |
- |
देश विभाजन और नारी की त्रसदी (भाग 1) |
डॉ. लखवीर कौर |
550 |
1423 |
- |
देश विभाजन और नारी की त्रसदी (भाग 2) |
डॉ. लखवीर कौर |
650 |
1424 |
- |
स्त्री विमर्श के विविध आयाम |
डॉ. यशवंतकर |
695 |
1425 |
- |
राही मासूम रज़ा के उपन्यास: सामाजिक दृष्टि |
डॉ. विलास कांबले |
500 |
1426 |
- |
नई सदी और दलित |
डॉ. सुजाता वर्मा |
400 |
1427 |
- |
सूर्यबाला के कथासाहित्य में युगबोध |
डॉ. वसंत माळी |
400 |
1428 |
- |
निर्मल वर्मा के उपन्यासों में पाश्चात्य सभ्यता |
डॉ. शेख मुखत्यार |
425 |
1429 |
- |
गिरिराज किशोर के कथा साहित्य में नारी |
डॉ. सुजीत सिंह |
450 |
1430 |
- |
नागार्जुन के काव्य में प्रगतिशील चिंतन |
डॉ. गोविन्द के. बुरसे |
500 |
1431 |
- |
साठोत्तरी हिन्दी नाटकों में युग चेतना |
डॉ. विजया गाडवे |
525 |
1432 |
- |
मुक्तिबोध की लम्बी कविता: संवेदना और शिल्प |
डॉ. प्रकाश जेधे |
450 |
1433 |
- |
21वीं सदी के साहित्यिक विमर्श |
डॉ. विष्णुदेव मल्लिक |
325 |
1434 |
- |
दि राइजिंग सन: बराक ओबामा |
शंकर पुणतांबेकर |
350 |
1435 |
- |
व्यंग्यालोचन का इतिहास |
डॉ. सुरेश माहेश्वरी |
525 |
1436 |
- |
साठोत्तर हिन्दी कहानियों में नारी |
डॉ. पुष्पा गायकवाड |
395 |
1437 |
- |
मैत्रेयी पुष्पा के कथात्मक आयाम |
डॉ. दया दीक्षित |
350 |
1438 |
- |
एकांकीकार मोहन राकेश |
डॉ. देवेन्द्र शुक्ल |
300 |
1439 |
- |
प्रयोजनमूलक तथा व्यावहारिक हिन्दी |
डॉ. सुकुमार भंडारे |
395 |
1440 |
- |
राजेन्द्र यादव के कथा साहित्य में महानगरीय जीवन |
डॉ. शोभा ढाणकीकर |
475 |
1441 |
- |
दिशाम् अन्तः (दलित कविताएँ) |
इन्द्र बहादुर सिंह |
200 |
1442 |
- |
डॉ. सुरेश शुक्ल चन्द्र की रंगयात्रा |
डॉ. लवकुमार लवलीन |
350 |
1443 |
- |
भारतीय युवाओं में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति |
डॉ. दीपाली सक्सेना |
250 |
1444 |
- |
महिला सशक्तिकरण सिद्धान्त और वास्तविकता |
डॉ. दीपाली सक्सेना |
575 |
1445 |
- |
21वीं सदी के श्रेष्ठ निबन्ध |
डॉ. बापूराव देसाई |
380 |
1446 |
- |
इस्लामिक प्रभाव में मध्ययुगीन कृष्णभक्ति सम्प्रदायों की भूमिका |
डॉ. रवि अग्रवाल |
400 |
1447 |
- |
हिन्दी दलित साहित्य आन्दोलन |
डॉ. सरोज पगारे |
375 |
1448 |
- |
डॉ. लक्ष्मीनारायण लाल के नाटकों में नारी पात्र |
डॉ. सैय्यद शौकत अली |
225 |
1449 |
- |
नागार्जुन के काव्य में जीवन-दर्शन |
डॉ. श्रीमती पूनम बोरसे |
695 |
1450 |
- |
हिन्दी साहित्यकारों के सामाजिक सरोकार |
डॉ. सुमन सिंह |
375 |
1451 |
- |
भारतीय साहित्य में पर्यावरण संरक्षण |
डॉ. सुमन सिंह |
270 |
1452 |
- |
भाषा और साहित्य के विभिन्न आयाम |
डॉ. रमा नवले |
225 |
1453 |
- |
मार्क्सवाद और प्रगतिवादी काव्य |
डॉ. यशवंतकर |
450 |
1454 |
- |
दलित साहित्यशास्त्र विधा और इतिहास |
डॉ. बाबूराव देसाई |
500 |
1455 |
- |
दिनेश नन्दिनी डालमिया के सामाजिक एवं सांस्कृतिक उपन्यास |
डॉ. जहिरुद्दीन रेफियोद्दीन पठाण |
350 |
1456 |
- |
कहानीकार अज्ञेय संदर्भ और प्रकृति |
डॉ. चन्द्रभानु सोनवणे, डॉ. सूर्यनारायण रणसुभे |
250 |
1457 |
- |
कहानीकार कमलेश्वर संदर्भ और प्रकृति |
सूर्यनारायण रणसुभे |
300 |
1458 |
- |
मुक्तिबोध के साहित्य में सामाजिक बोध |
डॉ. सुमन सिंह |
225 |
1459 |
- |
मार्कण्डेय का कथा साहित्य और ग्रामीण सरोकार |
डॉ. जिभाऊ शामराव मोरे |
450 |
1460 |
- |
तमस उपन्यास में देश विभाजन की त्रसदी |
प्रा. दिलीप फोलाने |
175 |
1461 |
- |
मुस्लिम समाज जीवन और अब्दुल बिस्मिल्लाह के उपन्यास |
डॉ. बाबा साहेब रसूल शेख |
350 |
1462 |
- |
हिन्दी: कालजयी उपन्यास |
डॉ. सतीश यादव |
550 |
1463 |
- |
ममता कालिया के कथा साहित्य में नारी चेतना |
डॉ. सानप शाम |
400 |
1464 |
- |
अज्ञेय: साहित्य और जीवन दर्शन |
डॉ. रेनू श्रीवास्तव |
400 |
1465 |
- |
नयी कविता और रघुवीर सहाय का काव्य |
डॉ. अजिता तिवारी |
325 |
1466 |
- |
निराला के कथा साहित्य में समाजदर्शन और चरित्र सृष्टि |
डॉ. वन्दना दीक्षित |
300 |
1467 |
- |
महिला उपन्यासकारों की रचनाओं में चेतना के प्रवाह |
डॉ. माधुरी सोनटक्के |
375 |
1468 |
- |
साहित्यशास्त्र के सौ वर्ष |
डॉ. त्रिभुवननाथ शुक्ल |
500 |
1469 |
- |
समकालीन रंगधर्मी नाटककार |
लव कुमार लवलीन |
250 |
1470 |
- |
अतीत के रंग (एकांकी संग्रह) |
डॉ. सुरेश शुक्ल चन्द्र |
175 |
1471 |
- |
साकेत में अभिव्यक्ति जीवन दर्शन |
डॉ. त्रिवेणी सोनोने |
250 |
1472 |
- |
समय, रेत और फूफन फूफा (कहानी संग्रह) |
गोविन्द उपाध्याय |
175 |
1473 |
- |
हिन्दी साहित्य का इतिहास |
डॉ. माधव सोनटक्के |
695 |
1474 |
- |
नाटककार मणि मधुकर |
डॉ. विजय वाघ |
250 |
1475 |
- |
कड़े पानी का शहर |
अमरीक सिंह दीप |
295 |
1476 |
- |
कुसुम कुमार का नाट्य साहित्य |
दीपा कुचेकर |
225 |
1477 |
- |
बीसवीं शताब्दी के अन्तिम दशक की कहानियों में नारी |
डॉ. बबनराव बोडके |
500 |
1478 |
- |
नवम् दशक की कहानियों का समाजशास्त्रीय अध्ययन |
डॉ. रामेश्वर पवार |
350 |
1479 |
- |
गिरिराज किशोर की कहानियों में समकालीन प्रवृत्तियाँ |
डॉ. संजीव नरवाडे |
325 |
1480 |
- |
चलो अब मर जायें |
डॉ. बानो सरताज |
270 |
1481 |
- |
समकालीन हिन्दी लेखिकाओं के उपन्यासों में कामकाजी स्त्री |
डॉ. प्रेरणा तिवारी |
550 |
1482 |
- |
हिन्दी के प्रमुख उपन्यासों में लोक संस्कृति |
डॉ. दिनेश रबारी |
300 |
1483 |
- |
हिन्दी के प्रमुख उपन्यासों में ग्रामीण समाज जीवन |
डॉ. दिनेश रबारी |
300 |
1484 |
- |
माखनलाल चतुर्वेदी: काव्य एवं दर्शन |
डॉ. दिनेश चन्द्र वर्मा |
500 |
1485 |
- |
उपनिवेशवाद और उदय प्रकाश का साहित्य |
डॉ. धर्मेन्द प्रताप सिंह |
550 |
1486 |
- |
हिन्दी उपन्यासों में दाम्पत्य दरार |
डॉ. दिनेश रबारी |
200 |
1487 |
- |
प्रथम दशक के हिन्दी साहित्य में स्त्री एवं दलित विमर्श |
प्रा. रवीन्द्र ठकरे |
500 |
1488 |
- |
ओम प्रकाश वाल्मीकि के साहित्य में दलित चेतना |
डॉ. चन्द्रभान सुरवाडे |
600 |
1489 |
- |
उपन्यासकार भगवानदास मोरवाल |
डॉ. मधु खराटे |
500 |
1490 |
- |
आठवें दशक की हिन्दी कहानी में जीवन मूल्य |
डॉ. रमेश देशमुख |
650 |
1491 |
- |
काव्यशास्त्र विविध आयाम |
डॉ. मधु खराटे |
500 |
1492 |
- |
भाषा विज्ञान एवं भाषा विचार |
डॉ. पोतदार, डॉ. खराटे |
400 |
1493 |
- |
हिन्दी आत्मकथा |
प्रो. शिवाजी देवरे |
275 |
1494 |
- |
हिन्दी की महिला आत्मकथाकार |
डॉ. संजय ढोडरे |
350 |
1495 |
- |
चंद्रकांता का कथा साहित्य |
डॉ. अमोल पालकर |
500 |
1496 |
- |
श्रीकान्त वर्मा की कविता: समकालीन युगबोध |
डॉ. रामचन्द्र माली |
350 |
1497 |
- |
चित्रा मुदगल के कथा साहित्य में नारी |
राजेन्द्र बाविस्कर |
600 |
1498 |
- |
अरुण कमल एवं समकालीन हिन्दी कविता |
डॉ. प्राची शर्मा |
450 |
1499 |
- |
हिन्दी उपन्यासों में मुस्लिम समाज |
डॉ. ईनामदार |
800 |
1500 |
- |
हिन्दी ललित निबन्ध |
शिवाजी देवरे |
400 |
1501 |
- |
उषा प्रियंवदा के कथा साहित्य में नारी |
डॉ. भारती वळवी |
600 |
1502 |
- |
हिन्दी ग़ज़ल के नवरत्न |
डॉ. मधु खराटे |
550 |
1503 |
- |
मिथिलेश्वर की कहानियों में ग्रामीण जीवन |
डॉ. संगीता पाटील |
600 |
1504 |
- |
भारतीय साहित्य की मानवतावादी धाराएँ |
डॉ. वृषाली मांद्रेकर |
400 |
1505 |
- |
निबन्धकार विद्यानिवास मिश्र |
डॉ. निशी भदौरिया |
500 |
1506 |
- |
समकालीन लेखिकाओं के उपन्यासों में स्त्री विमर्श |
डॉ. महेन्द्र रघुवंशी |
400 |
1507 |
- |
महिला उपन्यासकार: एक मूल्यांकन |
डॉ. इशरत खान |
320 |
1508 |
- |
महिला रचनाकारों के उपन्यासों में नारी सशक्तिकरण |
डॉ. स्वाति नारखेडे |
300 |
1509 |
- |
हिन्दी उपन्यासों में छत्रपति शिवाजी |
डॉ. कृष्णात पाटील |
500 |
1510 |
- |
कुँअर बेचैन की गजलें: संवेदना और शिल्प |
डॉ. अभय खैरनार |
500 |
1511 |
- |
लोकगीतों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. वैशाली नायक |
800 |
1512 |
- |
इक्कीसवीं सदी का हिन्दी काव्य |
डॉ. माधवी जाधव |
300 |
1513 |
- |
दुष्यंतोत्तर हिन्दी गजल |
डॉ. मधु खराटे |
350 |
1514 |
- |
ऊषा प्रियंवदा के कथा साहित्य में युगबोध |
डॉ. जयश्री बज्हाटे |
450 |
1515 |
- |
समकालीन लेखिकाओं के उपन्यासों में नारी |
डॉ. रेखा पाटील |
300 |
1516 |
- |
प्रभा खेतान के उपन्यासों में नारी |
डॉ. अशोक मराठे |
400 |
1517 |
- |
21वीं शती का वैश्विक हिन्दी साहित्य |
डॉ. ललिता राठोड़/डॉ.ओमप्रकाश झंवर |
650 |
1518 |
- |
राजी सेठ का कथा साहित्य: चिंतन और शिल्प |
डॉ. सरोज शुक्ला |
800 |
1519 |
- |
प्रथम दशक के महिला लेखन में नारी विमर्श |
डॉ. मृदुला वर्मा |
450 |
1520 |
- |
उपन्यासकार कृष्णा सोबती एवं नारी अस्मिता |
डॉ. एन. जयश्री |
200 |
1521 |
- |
हिमांशु जोशी के आंचलिक उपन्यास |
डॉ. कृष्णात पाटील |
400 |
1522 |
- |
समकालीन लेखिकाओं के उपन्यासों में नारी |
डॉ. रेखा पाटील |
250 |
1523 |
- |
कुँअर वेचैन की गजलें संवेदना और शिल्प |
डॉ. अभय खैरनार |
500 |
1524 |
- |
हिन्दी ग़ज़ल और ग़ज़लकार |
डॉ. मधु खराटे |
500 |
1525 |
- |
चित्रा मुदगल का कथा साहित्य |
डॉ. कल्पना पाटील |
650 |
1526 |
- |
कथाकार मंजुल भगत |
डॉ. आनन्द खरात |
450 |
1527 |
- |
समकालीन कहानीकार उदय प्रकाश |
डॉ. देवकीनन्दन महाजन |
600 |
1528 |
- |
कथाकार मधु काँकरिया |
डॉ. सुनीता कावले |
600 |
1529 |
- |
निरूपमा सेवती के कथा साहित्य में नारी |
डॉ. शिवाजी देवरे |
250 |
1530 |
- |
राही मासूम रजा का साहित्य संवेदना और शिल्प |
डॉ. पूनम त्रिवेदी |
600 |
1531 |
- |
चन्द्रकांता का कथा साहित्य |
डॉ. जगदीश चव्हाण |
850 |
1532 |
- |
कुँअर वेचैन की गजलों का चिंतन पक्ष |
डॉ. रघुनाथ कश्यप |
600 |
1533 |
- |
कहानीकार मालती जोशी |
डॉ. विजय घुगे |
500 |
1534 |
- |
मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में नारी |
डॉ. संतोष पवार |
500 |
1535 |
- |
कहानीकार अमरकान्त |
डॉ. सुभाष जाधव |
500 |
1536 |
- |
उपन्यासकार कृष्णा सोबती |
डॉ. सुनीता कावळे |
250 |
1537 |
- |
नाटककार लक्ष्मी नारायण मिश्र |
डॉ. भगवान कांबळे |
400 |
1538 |
- |
अंतिम दशक के महिला उपन्यासकारों के उपन्यासों में स्त्री विमर्श |
डॉ. कृष्णा पोतदार |
300 |
1539 |
- |
मानक हिन्दी व्याकरण |
डॉ. लक्ष्मीकान्त पाण्डेय |
425 |
1540 |
- |
मृदुला गर्ग का कथा साहित्य |
डॉ. तारा अग्रवाल |
650 |
1541 |
- |
सुरेन्द्र वर्मा व्यक्ति और अभिव्यक्ति |
डॉ. जिजाबराव पाटील |
450 |
1542 |
- |
प्रायोगिक व्याकरण एवं पत्रलेखन |
डॉ. शिवाकांत गोस्वामी |
350 |
1543 |
- |
प्रभा खेतान के साहित्य में नारी विमर्श |
डॉ. कामिनी तिवारी |
600 |
1544 |
- |
राजेन्द्र अवस्थी की कहानियों में आंचलिकता |
डॉ.बी.एम. परदेशी, प्रा.एम.बी.तमखाने |
200 |
1545 |
- |
मेहरुन्निसा परवेज के कथासाहित्य में नारी |
डॉ. आर. एस. जगताप |
250 |
1546 |
- |
महिला उपन्यासकार (पारिवारिक जीवन के बदलते संदर्भ) |
डॉ. कल्पना किरण पाटोळे |
475 |
1547 |
- |
महिला लेखिकाओं के उपन्यासों में नारी |
डॉ. हरवंस कौर |
650 |
1548 |
- |
कथाकार ऊषा प्रियंवदा |
डॉ. सुभाष पवार |
500 |
1549 |
- |
निबन्धकार विवेकीराय |
डॉ. राजेश भामरे |
475 |
1550 |
- |
अहिन्दी भाषियों का हिन्दी साहित्य में योगदान |
डॉ. मधु खराटे |
225 |
1551 |
- |
महिला रचनाकारों की कहानियों में जीवन मूल्य |
डॉ. भारती शेलके |
350 |
1552 |
- |
साठोत्तरी हिन्दी उपन्यासों में परिवर्तित नारी जीवन मूल्य |
डॉ. छाया देवी घोरपडे |
600 |
1553 |
- |
केदारनाथ सिंह का काव्यालोक |
डॉ. शेरपाल सिंह |
300 |
1554 |
- |
काशीनाथ सिंह का संस्मरणात्मक साहित्य |
प्रा. संदीप लोटलीकर |
225 |
1555 |
- |
साठोत्तरी लेखिकाओं की कहानियों में परिवार |
डॉ. भारती शेळके |
450 |
1556 |
- |
विद्या निवास मिश्र का निबंधालोक |
डॉ. दिलीप देशमुख |
350 |
1557 |
- |
वाघ्मय दृष्टि के विविध आयाम |
डॉ. एन. टी. गामीत |
300 |
1558 |
- |
प्रेमचन्द के कथा साहित्य में सामाजिक सरोकार |
सं. डॉ. दिलीप मेहरा |
650 |
1559 |
- |
वाल्मीकि के राम |
डॉ. अश्विन निरंजन |
250 |
1560 |
- |
साहित्य और सिनेमा: बदलते परिदृश्य में |
डॉ. शैलजा भारद्वाज |
750 |
1561 |
- |
हिन्दी के प्रमुख उपन्यासों में ग्रामीण समाज जीवन |
डॉ. दिनेश |
300 |
1562 |
- |
हिन्दी के प्रमुख उपन्यासों में लोक संस्कृति |
डॉ. दिनेश |
300 |
1563 |
- |
हिन्दी उपन्यासों में दाम्पत्य दरार |
डॉ. दिनेश |
200 |
1564 |
- |
महादेवी वर्मा के गद्य साहित्य में सामाजिक चेतना एवं संवेदनाएँ |
डॉ. माधुरी |
650 |
1565 |
- |
हिन्दी एवं गुजराती दलित उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. परमार |
625 |
1566 |
- |
प्रथम दशक के हिन्दी साहित्य में स्त्री एवं दलित विमर्श |
सं. रवीन्द्र ठाकरे |
500 |
1567 |
- |
भैरवप्रसाद गुप्त के नारी प्रधान उपन्यासों में नारी पात्र एक अध्ययन |
डॉ. चंदाणा |
500 |
1568 |
- |
उदयप्रकाश कृत मोहनदास समीक्षात्मक अनुशीलन |
डॉ. धर्मेन्द्र |
300 |
1569 |
- |
डॉ. कुसुम कुमार एक प्रयोगधर्मी नाटककार |
डॉ. दत्तात्रय |
300 |
1570 |
- |
पंत का शिल्पगत सौन्दर्य |
डॉ. शीतल |
350 |
1571 |
- |
आधुनिक कथा साहित्य में चित्रित औद्योगीकरण |
डॉ. रेखा |
425 |
1572 |
- |
प्रेमचन्द की भ्रष्टाचार परख कहानियाँ |
डॉ. माया प्रकाश |
400 |
1573 |
- |
हिन्दी गुजराती दलित कहानियों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. स्वीटी घुंघरावाला |
600 |
1574 |
- |
राही मासूम रजा कृत कटरा बी आरजू: एक अध्ययन |
स्मिता मकवाड़ा |
250 |
1575 |
- |
बिहारी का काव्य सौष्ठव |
कल्पना पटेल |
300 |
1576 |
- |
नारी विमर्श और अल्का सरावगी का कथा साहित्य |
प्रीति त्रिवेदी |
500 |
1577 |
- |
कुबेरनाथ राय के निबन्धों का आलोचनात्मक अनुशीलन |
डॉ. माया मुंशी |
500 |
1578 |
- |
समकालीन साहित्य: बाजार और मीडिया |
माया प्रकाश पाण्डे |
400 |
1579 |
- |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी साहित्य में महाभारत का मिथक |
शैलजा भारद्वाज |
700 |
1580 |
- |
मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में अभिव्यक्त समाज |
कल्पना पटेल |
700 |
1581 |
- |
हिन्दी साहित्य के विविध स्वर |
भरत पटेल |
300 |
1582 |
- |
महादेवी वर्मा के गद्य साहित्य में सामाजिक चेतना एवं संवेदनाएँ |
माधुरी शुक्ला |
650 |
1583 |
- |
आधुनिक कथा साहित्य में चित्रित औद्योगीकरण |
रेखा पंत |
425 |
1584 |
- |
नवजागरण काल एवं प्रेमचन्द की कहानियाँ |
अमीषा शाह |
1100 |
1585 |
- |
कहानीकार शेखर जोशी और नयी कहानी |
डॉ. उपेन्द्र कुमार सिंह चंदेल |
300 |
1586 |
- |
विद्यापति पदावली का समीक्षात्मक अध्ययन |
कल्पना पटेल |
300 |
1587 |
- |
उत्तर आधुनिकता और उदय प्रकाश का साहित्य |
डॉ. सुरेश पटेल |
500 |
1588 |
- |
साहित्य और समाज |
प्रा. मुकेश कुमार कांजिया |
600 |
1589 |
- |
सूरदास एवं उनका भ्रमरगीत |
कल्पना पटेल |
300 |
1590 |
- |
उपन्यासकार शिवानी संवेदना और शिल्प |
डॉ. नज़मा अन्सारी |
400 |
1591 |
- |
आठवें दशक के हिन्दी नाटक |
डॉ. अनिल चौहान |
850 |
1592 |
- |
पृथ्वीराजरासो एवं आल्हखण्ड का साहित्यिक विवेचन |
प्रो. महेन्द्र कुमार सीजु |
600 |
1593 |
- |
मोहन राकेश और मधुराय के नाट्य साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. हसमुख बारोट |
650 |
1594 |
- |
जैनेन्द्र के उपन्यासों में सामाजिक समस्याएँ |
डॉ. एन. टी. गामीत |
400 |
1595 |
- |
मन्नू भण्डारी का कथा साहित्य: संवेदना एवं शिल्प |
डॉ. भूमिका पटेल |
400 |
1596 |
- |
हिन्दी कथा साहित्य के नये आयाम |
डॉ. मनीषा ठक्कर |
275 |
1597 |
- |
मनोवैज्ञानिक उपन्यासकार इलाचन्द्र जोशी एवं अज्ञेय |
डॉ. सुशील जी. धर्माणी |
450 |
1598 |
- |
मनोवैज्ञानिक उपन्यासकार जैनेन्द्र |
डॉ. सुशील जी. धर्माणी |
450 |
1599 |
- |
हिन्दी साहित्य: यू.जी.सी. नेट/स्लेट |
डॉ. शिव प्रसाद शुक्ल |
795 |
1600 |
- |
सुदर्शन मजीठिया के साहित्य में व्यंग्य |
डॉ. भगवान सिंह सोलंकी |
225 |
1601 |
- |
प्रसाद का चन्द्रगुप्त: एक अनुशीलन |
डॉ. शैलजा भारद्वाज |
175 |
1602 |
- |
इक्कीसवीं सदी की कविता: सम्वेदना के नये स्वर |
सं. डॉ. शैलजा भारद्वाज |
595 |
1603 |
- |
हिन्दी साहित्य में युगीन बोध |
सं. डॉ. शैलजा भारद्वाज |
995 |
1604 |
- |
मन्नू भण्डारी के उपन्यासों में नारी चेतना |
डॉ. फाल्गुनी एन. पटेल |
250 |
1605 |
- |
हिन्दी अनुसंधान: वैज्ञानिक पद्धतियाँ |
डॉ. कैलाशनाथ मिश्र |
450 |
1606 |
- |
अनुसंधान सर्जन एवं प्रक्रिया |
डॉ. अर्जुन तड़वी |
275 |
1607 |
- |
उषा प्रियंवदा की उपन्यास सृष्टि |
डॉ. शहनाज़ अकुली |
400 |
1608 |
- |
हिन्दी के आंचलिक उपन्यासों में पुरुष |
डॉ. संध्या मेरिया |
300 |
1609 |
- |
कविता की पड़ताल |
डॉ. शिव प्रसाद शुक्ल |
650 |
1610 |
- |
आँचलिक उपन्यासों में वर्ण एवं वर्ग संघर्ष |
डॉ. अशोक धुलधुले |
400 |
1611 |
- |
आधुनिक हिन्दी उपन्यास साहित्य में संस्कृति |
सं. प्रा. के. एम. मायावंशी |
250 |
1612 |
- |
हिन्दी काव्य में सांस्कृतिक चेतना |
सं. प्रा. मीना एन. पटेल |
300 |
1613 |
- |
हिन्दी साहित्य में सांस्कृतिक चेतना |
सं. प्रा. के. एम. मायावंशी |
375 |
1614 |
- |
कवि नरेश मेहता संवेदना और अभिव्यक्ति |
डॉ. भरत सुथार |
375 |
1615 |
- |
अमृतलाल नागर के उपन्यास भारतीयता की पहचान |
डॉ. बी.जे. पटेल ब्रिजेश |
895 |
1616 |
- |
नरेश मेहता के काव्य का अनुशीलन |
डॉ. कल्याण वैष्णव |
475 |
1617 |
- |
दलित चेतना और हिन्दी उपन्यास |
डॉ. एन. एस. परमार |
495 |
1618 |
- |
हिन्दी के मनोवैज्ञानिक उपन्यास एक विश्लेषणात्मक अध्ययन |
डॉ. मनीषा ठक्कर |
475 |
1619 |
- |
सुरेन्द्र वर्मा और आठवाँ सर्ग |
डॉ. अशोक एस. पटेल |
225 |
1620 |
- |
नाटककार सुरेन्द्र वर्मा |
डॉ. अशोक एम. पटेल |
600 |
1621 |
- |
कथाकार भीष्म साहनी |
डॉ. कृष्णा पटेल |
600 |
1622 |
- |
दयाराम का बृजभाषा काव्य और पुष्टिमार्ग |
प्रा. किरीट जोशी |
600 |
1623 |
- |
सुरेन्द्र वर्मा: व्यक्तित्व एवं कृतित्व |
डॉ. भानुभाई रोहित |
400 |
1624 |
- |
संस्कृत एवं हिन्दी के ऐतिहासिक नाटक |
डॉ. राजदेव मिश्र |
300 |
1625 |
- |
महादेवी वर्मा के काव्य में समाज एवं संस्कृति |
डॉ. कीर्ति कुमार जादव |
350 |
1626 |
- |
नरेन्द्र कोहली के उपन्यासों में युग चेतना |
डॉ. अजय पटेल |
400 |
1627 |
- |
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के उपन्यासों में संस्कृति और इतिहास |
डॉ. अरुण कुलकर्णी |
300 |
1628 |
- |
प्रेमचन्द्र और शैलेश मटियानी की कहानियों में दलित विमर्श |
डॉ. कल्पना गवली |
350 |
1629 |
- |
त्रिवेणी |
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल |
150 |
1630 |
- |
रस मीमांसा |
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल |
350 |
1631 |
- |
सूरदास |
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल |
200 |
1632 |
- |
हिन्दी भाषा एवं व्याकरण |
डॉ. माया प्रकाश पाण्डेय |
250 |
1633 |
- |
आधुनिक बृजभाषा: कवि और काव्य |
डॉ. माया प्रकाश पाण्डेय |
250 |
1634 |
- |
गोस्वामी तुलसीदास |
डॉ. माया प्रकाश पाण्डेय |
150 |
1635 |
- |
हिन्दी का कालजयी कहानी साहित्य |
सं. डॉ. साधना भंडारी |
600 |
1636 |
- |
साक्षात्कार विधा: साहित्य और पत्रकारिता में नया आयाम |
मनोहर बंसवाल |
250 |
1637 |
- |
श्रीलाल शुक्ल के उपन्यास: एक अनुशीलन |
डॉ. अमृत एल. बाळुवाले |
400 |
1638 |
- |
रागदरबारी में अभिव्यक्त ग्राम चेतना: एक अनुशीलन |
डॉ. अमृत एल. बाळुवाले |
200 |
1639 |
- |
भगवतीचरण वर्मा कृत रेखा का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण |
डॉ. जे. नागराज |
350 |
1640 |
- |
चित्र मुद्गल के कथा साहित्य में समाज |
डॉ. जे. नागराज |
500 |
1641 |
- |
चित्र मुद्गल: व्यक्तित्व एवं कृतित्व |
डॉ. मीना जाधव |
450 |
1642 |
- |
तुलसी साहित्य का पुनर्मुल्यांकन |
डॉ. रामानंद तोष्णीवाल |
1100 |
1643 |
- |
दलित का दर्द |
डॉ. जगदीश चंद सितारा |
250 |
1644 |
- |
उषा प्रियंवदा की प्रतिनिधि कहानियाँ |
सं. डॉ. गोखले पंचशीला एस. |
240 |
1645 |
- |
सामाजिक नियंत्रण एवं परिवर्तन |
प्रा. साहेबराव, प्रा. दीपक |
680 |
1646 |
- |
शिवानी और स्त्री का सामाजिक संघर्ष |
डॉ. मैत्री सिंह |
320 |
1647 |
- |
सामाजिक क्रांति और दलित साहित्य |
डॉ. भरत सगरे |
675 |
1648 |
- |
विष्णु प्रभाकर के यात्र वृत्तांतों का अनुशीलन |
डॉ. रामायण प्रसाद |
530 |
1649 |
- |
इलेक्ट्रॉनिक माध्यम बनाम मुद्रित माध्यम |
डॉ. राजकुमारी गडकर |
500 |
1650 |
- |
दलित और स्त्री विमर्श: विविध आयाम |
डॉ. जयश्री शिंदे |
500 |
1651 |
- |
अंतिम दशक की कहानियों में नवीन युगचेतना |
डॉ. साकोळे दत्ता |
400 |
1652 |
- |
प्रेमचंद विचारधारा: परम्परा एवं परिदृश्य |
सं. प्रो. ए. डी. शेरिकर |
650 |
1653 |
- |
नवम दशक के हिन्दी नाटकों की अद्यतन प्रवृत्तियाँ |
डॉ. सविता तिवारी |
500 |
1654 |
- |
हिन्दी के प्रयोगधर्मी नाटककार जि. जे. हरिजीत और उनका सम्भवामि युगे-युगे: एक अनुशीलन |
डॉ. सविता तिवारी |
160 |
1655 |
- |
जगदीश चन्द्र के साहित्य का अनुशीलन |
डॉ. दादासाहेब खंडेकर |
525 |
1656 |
- |
राष्ट्रीय चेतना के संदर्भ में भारत के राष्टंकवि मैथिलीशरण गुप्त एवं मॉरिशस के राष्टंकवि डॉ. ब्रजेन्द्र भगत मधुकर के काव्य का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. ज्योति ना. मंत्री |
620 |
1657 |
- |
संत कबीर और संत तुकड़ोजी के हिन्दी साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. संगीता जगताप |
400 |
1658 |
- |
नासिरा शर्मा की कहानियाँ और नारी विमर्श |
डॉ. सोनल राधाकिशन नंदनूरवाले |
400 |
1659 |
- |
डॉ. विवेकीराय का गद्य साहित्य (आंचलिकता, परम्परा और आधुनिकता के संदर्भ में) |
डॉ. अंजना मुवेल |
500 |
1660 |
- |
अंतरराष्ट्रीय कथा-साहित्य |
डॉ. धनराज मानधाने (माहेश्वरी) |
600 |
1661 |
- |
मृदुला गर्ग के उपन्यास में सामाजिक और राजनीतिक चेतना |
प्रा. डॉ. मुकुंद गायकवाड |
130 |
1662 |
- |
सुरेंद्र वर्मा के नाटकों में स्त्री विमर्श |
डॉ. बी. हेमलता |
350 |
1663 |
- |
कहावतों की संस्कृति: तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. अनीता गांगुली |
300 |
1664 |
- |
महाराष्टं की हिन्दी सन्त-काव्य परम्परा और सन्त तुकड़ोजी का काव्य |
डॉ. प्रवीण देशमुख |
480 |
1665 |
- |
गढ़वाली लोक-गाथाओं में अभिव्यक्त सामाजिक जीवनमूल्य |
डॉ. चमन लाल शर्मा |
150 |
1666 |
- |
नागार्जुन के काव्य में प्रगतिशीलता और शिल्पगत प्रयोग |
डॉ. संगीता एकनाथराव आहेर (ढास) |
410 |
1667 |
- |
हिन्दी खण्डकाव्य परम्परा: रामेश्वर दयाल दुबे का योगदान |
डॉ. सोमनाथ राव |
400 |
1668 |
- |
शरद जोशी के व्यंग्य नाटक |
सु. श्री अनुपमा भोरे |
180 |
1669 |
- |
उत्तर शती का हिन्दी साहित्य |
डॉ. सुरेश कुमार जैन |
270 |
1670 |
- |
नवम् दशक के उपन्यास: संवेदना और शिल्प |
डॉ. कल्पना व्हसाले |
350 |
1671 |
- |
नारी चिंतन: नयी चुनौतियाँ |
डॉ. राजकुमारी गडकर |
180 |
1672 |
- |
गिरिराज किशोर का उपन्यास साहित्य एक अनुशीलन |
डॉ. सुरेश चांगदेव सालुंके |
350 |
1673 |
- |
नवम् दशक की कहानियों में कामकाजी नारी की भूमिका |
डॉ. चौधरी वेदवती |
260 |
1674 |
- |
धर्मवीर भारती का अंधायुग |
प्रा. साधना चन्द्रकांत भंडारी |
150 |
1675 |
- |
डॉ. रामकुमार वर्मा के काव्य का मूल्यांकन |
डॉ. प्रभा भट्ट |
240 |
1676 |
- |
उपन्यास का मनोविश्लेषण |
डॉ. धनराज मानधानें (माहेश्वरी) |
1100 |
1677 |
- |
विजयपथ (उत्तम जीवन विकास हेतु मार्गदर्शन) |
अनु. डॉ. अनीता |
500 |
1678 |
- |
वाणी से वीणा तक (विविध शोधपरक लेखों का संकलन) |
डॉ. ज्योति व्यास |
250 |
1679 |
- |
नासिरा शर्मा के कथा साहित्य में समसामयिक बोध |
डॉ. शेख मोहम्मद शाकिर |
350 |
1680 |
- |
साहित्य प्रवाह और स्त्री विमर्श (विविध शोधपरक लेखों का संकलन) |
डॉ. ऋचा शर्मा |
190 |
1681 |
- |
नागार्जुन के उपन्यासों का तात्विक मूल्यांकन |
डॉ. यादव सी. मेंढे |
470 |
1682 |
- |
धर्मवीर भारती और उनका धर्मयुग |
डॉ. ज्योति व्यास |
240 |
1683 |
- |
साठोत्तरी महिला उपन्यासकारों के उपन्यासों में पात्रों का परिवर्तित मूल्यबोध |
डॉ. सीता मिश्र |
250 |
1684 |
- |
भवानी प्रसाद मिश्र का काव्य: वस्तु और रूप |
डॉ. तात्याराव सूर्यवंशी |
380 |
1685 |
- |
महादेवी वर्मा के काव्य में वेदना का मनोविश्लेषण |
रेनू यादव |
250 |
1686 |
- |
नरेंद्र कोहली के उपन्यास: समकालीन सरोकार |
प्रा. डॉ. सौ. माधवी रूपवाल |
480 |
1687 |
- |
हिन्दी व्यंग्य परम्परा में शंकर पुणतांबेकर का योगदान |
प्रा. डॉ. सौ. अनुपमा रत्नाकर प्रभुणे |
490 |
1688 |
- |
हिन्दी कहानी और नारी विमर्श के अहम् सवाल |
डॉ. शोभा पवार (निंबालकर) |
130 |
1689 |
- |
दूर शिक्षण स्रोत सामग्री: स्वरूप, संभावनाएँ एवं समस्याएँ |
डॉ. शोभा पवार (निंबालकर) |
100 |
1690 |
- |
हिन्दी भाषा, संरचना और व्यावहारिक व्याकरण |
प्रो.वै. वेंकटरमण राव |
200 |
1691 |
- |
चित्र मुद्गल के कथा साहित्य का अनुशीलन |
डॉ. गोरक्ष थोरात |
400 |
1692 |
- |
अंतिम दशक के हिन्दी उपन्यासों का समाजशास्त्रीय अध्ययन |
डॉ. गोरखनाथ तिवारी |
345 |
1693 |
- |
महीप सिंह की कहानी कला और समकालीन जीवन |
डॉ. हनुमंत दत्तु शेवाले |
395 |
1694 |
- |
हिन्दी उपन्यासों में शैक्षिक समस्याएँ |
डॉ. नीता पांढरी पांडे |
330 |
1695 |
- |
महादेवी के काव्य में बिम्ब विधान |
डॉ. पी. माणिक्याम्बा मणि |
295 |
1696 |
- |
दुष्यंतकुमार और उनका काव्य |
डॉ. सुरेश सालुंके |
120 |
1697 |
- |
डॉ. राही मासूम रज़ा और उनका हिन्दी उपन्यास साहित्य: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन |
डॉ. एम. एम. झिपारे |
320 |
1698 |
- |
अंतिम दशक के हिन्दी उपन्यासों में ग्रामीण जीवन का चित्रण |
डॉ. मोहम्मद जमील अहमद |
380 |
1699 |
- |
बीसवीं सदी के अंतिम दशक के हिन्दी उपन्यासों का प्रवृत्तिमूलक अनुशीलन |
डॉ. क्षितिज यादवराव धुमाळ |
550 |
1700 |
- |
विवेकीराय के साहित्य में ग्रामांचलिक जन.जीवन का चित्रण |
डॉ. दिलीप भस्मे |
600 |
1701 |
- |
हिन्दी उपन्यासों में चित्रित वेश्या जीवन |
डॉ. मारुती द. शिंदे |
320 |
1702 |
- |
बालश्रम: समस्या एवं समाधान |
डॉ. भावना कमाने |
500 |
1703 |
- |
भारतीय संस्कृति एवं संस्कार |
डॉ. ललिता राठौड़ |
300 |
1704 |
- |
जनजातीय विकास की अवधारणा |
डॉ. कमाने, डॉ. त्रिपाठी |
400 |
1705 |
- |
अन्तिम दशक की हिन्दी लेखिकाओं के उपन्यासों में नारी |
डॉ. सैय्यद अमर |
650 |
1706 |
- |
प्रजातंत्र और प्रश्नकाल |
डॉ. आभा तिवारी |
450 |
1707 |
- |
आधुनिक हिन्दी साहित्य में सामाजिक चेतना |
डॉ. दिग्यवोर |
600 |
1708 |
- |
परिवारों के बदलते स्वरूप |
डॉ. सुषमा शर्मा |
600 |
1709 |
- |
महिला सशक्तिकरण का वर्तमान परिदृश्य सम्भावनायें एवं चुनौतियाँ |
दीपक कुमार, डॉ. कमाने |
600 |
1710 |
- |
महिला उपन्यासकारों के हिन्दी उपन्यासों का मनोवैज्ञानिक अध्ययन |
डॉ. अपर्णा कुचेकर |
700 |
1711 |
- |
नरेश मेहता के काव्य में प्रकृति चित्रण |
शांतारामजी |
450 |
1712 |
- |
स्वांत्रयोत्तर हिन्दी नाटक |
डॉ. रणजीत जाधव |
400 |
1713 |
- |
भीष्म साहनी के उपन्यासों में सामाजिक यथार्थ |
डॉ. रवंदारे चंदू |
550 |
1714 |
- |
साँक्षी संस्कृति का खण्डहर: कश्मीर |
डॉ. आशीष पाण्डे |
550 |
1715 |
- |
नयी कविता और जगदीश गुप्त |
डॉ. आशीष पाण्डे |
250 |
1716 |
- |
कवि पंत का काव्य.शिल्प एवं शैली |
डॉ. शंकर गंगाधर |
525 |
1717 |
- |
राष्टंवादी चिन्तक माखनलाल चतुर्वेदी |
गोपीनाथ कालभोर |
300 |
1718 |
- |
अमृतलाल नागर के उपन्यासों में नर.नारी सम्बन्ध |
डॉ. बी. ज्योति |
400 |
1719 |
- |
भारतीय काव्यशास्त्र के सिद्धान्त |
डॉ. मधु एम. |
500 |
1720 |
- |
पाश्चात्य काव्यशास्त्र के सिद्धान्त |
डॉ. मधु एम. |
400 |
1721 |
- |
राजेन्द्र यादव के सारा आकाश उपन्यास का शैलीगत अध्ययन |
डॉ. वसंत क्षीरसागर |
250 |
1722 |
- |
डॉ. रामकुमार वर्मा के एकांकी नाटक |
डॉ. जाधव |
450 |
1723 |
- |
बीसवीं सदी का रामकथा साहित्य |
डॉ. हरिणी रानी |
600 |
1724 |
- |
आधुनिकता: स्त्री विमर्श |
डॉ. ललिता राठोड़ |
300 |
1725 |
- |
आदिवासी साहित्य: स्वरूप एवं विश्लेषण |
डॉ. शेख शहेनाज |
600 |
1726 |
- |
डॉ. रामकुमार वर्मा का नाट्य साहित्य |
डॉ. धीरज व्हन्ते |
800 |
1727 |
- |
हिन्दी उपन्यासों की समीक्षा |
डॉ. जाधव, डॉ. कुरे |
300 |
1728 |
- |
अमृतलाल नागर के उपन्यासों का अनुशीलन |
डॉ. रमेश कुरे |
750 |
1729 |
- |
बाजे पायलिया के घुँघरू |
डॉ. बिक्कड |
160 |
1730 |
- |
निराला और मुक्तिबोध की प्रगतिशील कविता |
डॉ. हणमंतराव पाटील |
240 |
1731 |
- |
रचनाकार परिचय |
डॉ. इबतवार, दीपक |
400 |
1732 |
- |
हिन्दी साहित्य के विविध रूप |
डॉ. हणमंत राव पाटील |
300 |
1733 |
- |
डॉ. शंकर शेष के नाटक |
डॉ. सर्जेराव नारायणराव जाधव |
250 |
1734 |
- |
हिन्दी उपन्यासों की समीक्षा |
डॉ. सर्जेराव नारायणराव जाधव |
300 |
1735 |
- |
हिन्दी साहित्य संवेदनाओं की विवेचना |
डॉ. सचिन सपाट |
280 |
1736 |
- |
कमलेश्वर के उपन्यासों में नारी |
डॉ. भगवान गव्हाडे |
450 |
1737 |
- |
नयी कविता और प्रबन्ध रचनाएँ |
डॉ. चित्र धामणे |
480 |
1738 |
- |
साहित्यकार धर्मवीर भारती |
डॉ. अभिमन्यु बिक्कड |
300 |
1739 |
- |
निराला और मुक्तिबोध के काव्य का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. ओम प्रकाश झंवर |
425 |
1740 |
- |
शंकर शेष की नाट्य-कला |
डॉ. प्रकाश जाधव |
240 |
1741 |
- |
दलित साहित्य और वैश्विकता |
डॉ. पाटील, डॉ. इबतवार |
225 |
1742 |
- |
केदारनाथ सिंह के काव्य की गवेषणा |
डॉ. सांगळे |
500 |
1743 |
- |
साहित्य दर्पण |
डॉ. इबतवार, डॉ. क्षीरसागर |
100 |
1744 |
- |
मोहन राकेश के नाटक |
डॉ. क्षीरसागर |
175 |
1745 |
- |
हिन्दी ललित निबन्धों का सां. तथा ऐति. अध्ययन |
डॉ. वट्टमवार |
400 |
1746 |
- |
लक्ष्मीनारायण लाल के नाटक एक अध्ययन |
डॉ. शेळगे |
300 |
1747 |
- |
ग़ज़लकार दुष्यन्तकुमार |
डॉ. अविनास कासांडे |
425 |
1748 |
- |
कुटज एक अनुशीलन |
डॉ. वट्टमवार |
175 |
1749 |
- |
भारतीय साहित्य संवेदनाओं का अनुशीलन |
डॉ. हणमंतराव पाटील |
350 |
1750 |
- |
गढ़ कुण्डार एक अध्ययन |
डॉ. राजेन्द्र चौहान |
150 |
1751 |
- |
कबीर और आधुनिक हिन्दी काव्य |
डॉ. ललिता राठौड |
200 |
1752 |
- |
बोलियाँ एवं बोलीकोश |
डॉ. फुलवाड़कर |
500 |
1753 |
- |
नरेन्द्र कोहली के पौराणिक उपन्यासों का स. अ. |
डॉ. इबतवार |
525 |
1754 |
- |
भक्तिकालीन काव्य का मानवीय मूल्य |
डॉ. हणमंतराव पाटील |
200 |
1755 |
- |
मोहन राकेश का कथात्मक साहित्य |
डॉ. वी. डी. क्षीरसागर |
400 |
1756 |
- |
वैश्विक धरोहर: लोणार-विवर सरोवर |
डॉ. व्यास |
170 |
1757 |
- |
निर्मल वर्मा के साहित्य में नारी |
डॉ. ठाकुर विजय सिंह |
300 |
1758 |
- |
हिन्दी कथा साहित्य में ग्रामीण चेतना |
डॉ. सांगोळे |
275 |
1759 |
- |
युग प्रवर्तक श्री नारायण गुरु |
डॉ. सी. एस. सुचित |
400 |
1760 |
- |
समकालीन कविता की जमीन |
डॉ. गुरचरण सिंह |
950 |
1761 |
- |
जगदीश गुप्त का ब्रजभाषा काव्य |
डॉ. निशा रम्पाल |
200 |
1762 |
- |
चित्र मुदगल के उपन्यासों में महानगरीय बोध |
डॉ. सुभाष मारुतीी कदम |
495 |
1763 |
- |
हिन्दी दलित आत्मकथायें |
डॉ. साहेबराव गायकवाड़ |
795 |
1764 |
- |
दूरस्थ शिक्षा में संचार के नये माध्यमों का अनुप्रयोग |
डॉ. दिलीप कुमार |
300 |
1765 |
- |
हिन्दी कहानियों का अतियथार्थवादी स्वर |
डॉ. श्रीमाया सी. |
500 |
1766 |
- |
भारतीय स्त्री साहित्य |
डॉ. शशिकांत सोनवणे |
750 |
1767 |
- |
हिन्दी साहित्य समीक्षा के विविध आयाम |
डॉ. शिवशंकर पाण्डेय |
790 |
1768 |
- |
फणीश्वरनाथ रेणु का कहानी साहित्य: संवेदना और शिल्प |
डॉ. गीता यादव |
290 |
1769 |
- |
हिन्दी दलित आत्मकथा विमर्श |
डॉ. धीरजभाई वणकर |
360 |
1770 |
- |
हिन्दी और संस्कृत कृष्ण काव्य: एक विश्लेषण |
डॉ. पूर्णिमा आर. |
750 |
1771 |
- |
लोकनायक तुलसी और महात्मा कबीर के साहित्यों की प्रासंगिकता |
डॉ. स्टेल्लाम्मा सेल्यर |
600 |
1772 |
- |
नागार्जुन और थॉमस हार्डी के आंचलिक उपन्यासों की तुलना |
डॉ. राखी बालगोपाल |
800 |
1773 |
- |
डॉ. शशिप्रभा शास्त्री का कथा साहित्य: कथ्य एवं शिल्प |
डॉ. अम्बिली वी. एस. |
850 |
1774 |
- |
श्रीलाल शुक्ल का औपन्यासिक यथार्थ: एक समाजशास्त्रीय दृष्टि |
डॉ. लेखा एम. |
475 |
1775 |
- |
अमृतलाल नागर के उपन्यास एवं ऐतिहासिक परिवेश |
डॉ. श्रीप्रकाश पंडया |
900 |
1776 |
- |
नरेश मेहता का कथा साहित्य |
डॉ. पदम पटेल |
850 |
1777 |
- |
हिन्दी नाटक और मिथक |
डॉ. सुरेश बी. पटेल |
350 |
1778 |
- |
दलित केन्द्रित हिन्दी उपन्यास |
डॉ. दिलीप मेहरा |
875 |
1779 |
- |
लिपि माध्यम और साहित्य |
डॉ. शिव प्रसाद शुक्ल |
850 |
1780 |
- |
मनोहर श्याम जोशी और मधुराय के उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. नियाज़ ए. पठान |
525 |
1781 |
- |
हिन्दी कहानी संग्रह |
कराड जना शिवाजीराव |
395 |
1782 |
- |
भारतीय आदिम लोक साहित्य |
डॉ. शशिकांत सोनवणे |
1795 |
1783 |
- |
हिन्दी मलयालम दलित साहित्य |
डॉ. सी. जे. प्रसन्नकुमारी |
250 |
1784 |
- |
मोहन राकेश की रचनाओं में आधुनिक भावबोध |
डॉ. सी. विश्वनाथन |
400 |
1785 |
- |
हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंधों में मानवीय चिंतन |
डॉ. सुरिंदर कौर |
350 |
1786 |
- |
डॉ. हरिवंश राय बच्चन का आत्मकथात्मक साहित्य |
प्रा. श्रीनिवास |
250 |
1787 |
- |
कमलेश्वर के उपन्यासों में आधुनिकता बोध |
डॉ. श्रीकला |
500 |
1788 |
- |
भवानी प्रसाद मिश्र की कविता: रचनादृष्टि संदेवना और शिल्प |
अश्विनी कुमार शुक्ल |
725 |
1789 |
- |
कविता की समकालीनता |
डॉ. शिवप्रसाद शुक्ल |
625 |
1790 |
- |
भारत की उपेक्षित लोक संस्कृतियाँ |
शशिकान्त सोनवणे |
1000 |
1791 |
- |
मालती जोशी के कथा साहित्य में पारिवारिक तनाव |
डॉ. वीर श्री वशिष्ठ जी आर्य |
600 |
1792 |
- |
मलयालम से हिन्दी में अनूदित साहित्य: समस्याएँ और सम्भावनाएँ |
डॉ. लेखा एस. नयर |
250 |
1793 |
- |
हिन्दी साहित्य में दलित सरोकार |
डॉ. धनंजय चौहाण |
400 |
1794 |
- |
भीष्म साहनी के उपन्यासों में चित्रित भारतीय सामाजिक और राजनैतिक परिवेश |
डॉ. शालिनी एन. सी. |
425 |
1795 |
- |
रांगेय राघव के उपन्यासों का कथ्य एवं शिल्प |
डॉ. दक्षा निमावत |
725 |
1796 |
- |
प्रयोजनमूलक हिन्दी |
डॉ. दक्षा निमावत |
200 |
1797 |
- |
नरेन्द्र कोहली के उपन्यासों का अनुशीलन |
डॉ. प्रदीप सी. लाड |
775 |
1798 |
- |
जगदीश गुप्त का काव्य विविध आयाम |
डॉ. सुरेश यशवंत शिंदे |
650 |
1799 |
- |
वैश्वीकरण एवं हिन्दी गद्य साहित्य |
डॉ. शिवप्रसाद शुक्ल |
450 |
1800 |
- |
काका हाथरसी के काव्य में चित्रित हास्य व्यंग्य |
प्रा. अपर्णा भारत कुचेकर |
200 |
1801 |
- |
मंगलेश डबराल व्यक्तित्व एवं कृतित्व |
डॉ. विद्यावती जी. राजपूत |
350 |
1802 |
- |
प्रेमचन्द्र के उपन्यास: पुनर्मूल्यांकन |
डॉ. कनुभाई निनामा |
500 |
1803 |
- |
द्विवेदी युगीन कविता में नई जीवन दृष्टि |
डॉ. उदय नारायण मिश्र |
500 |
1804 |
- |
प्रभाकर माचवे का रचना संसार |
डॉ. अंजली तुकाराम कुंभारे |
450 |
1805 |
- |
कृष्णा सोबती का कथा साहित्य एवं नारी समस्याएँ |
डॉ. वासमेह |
500 |
1806 |
- |
हिन्दी एब्सर्ड नाट्य साहित्य |
डॉ. वानमारे गोरे |
300 |
1807 |
- |
शिव प्रसाद सिंह कथ्य और शिल्प |
डॉ. अश्विनी कुमार पाण्डेय |
350 |
1808 |
- |
नागार्जुन और नारायण सुर्वे के काव्य में प्रगतिशील चेतना |
डॉ. अलका निकम वागदरे |
500 |
1809 |
- |
दुष्यंतकुमार और सुरेशभट्ट की ग़ज़लों का सामाजिक चिंतन |
डॉ. अलका निकम वागदरे |
200 |
1810 |
- |
कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर चिंतन और साहित्य |
डॉ. जयप्रकाश नारायण सिंह |
220 |
1811 |
- |
समकालीन भारतीय साहित्य में आधुनिक युगबोध |
डॉ. सुशील धर्माणी, डॉ. हिंगोराणी |
625 |
1812 |
- |
धर्मवीर भारती के कथा साहित्य में मनोवैज्ञानिकता |
डॉ. सुधा ए. एस. |
425 |
1813 |
- |
हिन्दी साहित्य में रूबाई का विकास |
डॉ. अकीला महेबूब शेख |
600 |
1814 |
- |
हिन्दी विज्ञापन: परख और पहचान |
डॉ. जय चन्द्रन |
300 |
1815 |
- |
रांगेय राघव के उपन्यासों का कथ्य और शिल्प |
डॉ. दक्षा निमावत |
725 |
1816 |
- |
भाषा विज्ञान और हिन्दी भाषा के बढ़ते कदम |
शुभवंदा पाण्डेय |
350 |
1817 |
- |
अम्बेडकरवादी चिंतन और हिन्दी साहित्य |
डॉ. जयश्री शिंदे |
325 |
1818 |
- |
माध्यम, साहित्य तथा भाषा: विविध आयाम |
डॉ. मीरा निचले |
350 |
1819 |
- |
हिन्दी और मराठी संत साहित्य |
सं. डॉ. विद्या शिंदे |
495 |
1820 |
- |
हिन्दी विविधा |
डॉ. शिद्राम कृष्णा खोत |
300 |
1821 |
- |
हिन्दी गजल: अंतिम दशक |
डॉ. जयराम सूर्यवंशी |
595 |
1822 |
- |
निबन्धकार निर्मल वर्मा |
डॉ. उत्तरा कुलकर्णी |
695 |
1823 |
- |
समकालीन हिन्दी कविता का समाजशास्त्र |
डॉ. साईनाथ उमाटे |
450 |
1824 |
- |
भीष्म साहनी के साहित्य में समसामयिकता |
डॉ. दयानंद सालुंके |
550 |
1825 |
- |
उपन्यासकार शशिप्रभा शास्त्री |
डॉ. विजयकुमार सूर्यवंशी |
500 |
1826 |
- |
हिन्दी मराठी दलित साहित्य एक अध्ययन |
डॉ. सादिक तंबोली |
350 |
1827 |
- |
दलित उपन्यासों में व्यक्त स्त्री चरित्र |
डॉ. सुचिता गायकवाड़ |
695 |
1828 |
- |
मृणाल पाण्डे: व्यक्तित्व एवं कृतित्व |
डॉ. प्रज्ञा तिवारी |
650 |
1829 |
- |
नरेश मेहता के नाट्य-काव्य |
डॉ. सादिक तंबोली |
400 |
1830 |
- |
मंजुल भगत के कथा साहित्य में नारी |
डॉ. मैना जगताप |
595 |
1831 |
- |
कहानीकार मंटो |
डॉ. प्रवीण कुमार चौगुले |
595 |
1832 |
- |
राहुल सांकृत्यायन के कथा साहित्य में अभिव्यक्त बौद्ध दर्शन |
डॉ. माधव गायकवाड |
625 |
1833 |
- |
माता प्रसाद का साहित्य |
डॉ. साताप्पा सावंत |
300 |
1834 |
- |
डॉ. शंकर शेष के चेहरे नाटक का समीक्षात्मक अध्ययन |
प्रा. शोभाताई दिलीपराव नाईक |
200 |
1835 |
- |
जीरो रोड एक अध्ययन |
टी. घनश्याम |
350 |
1836 |
- |
कौशल्या बेसंत्री कृत दोहरा अभिशाप एक अनुशीलन |
डॉ. भीमराव पाटील |
395 |
1837 |
- |
साठोत्तरी हिन्दी उपन्यासों में दलित चेतना |
डॉ. दिलीप कुमार कसबे |
895 |
1838 |
- |
साहित्य, समाज और हिन्दी सिनेमा |
डॉ. सुनील बापू बनसोडे |
1100 |
1839 |
- |
डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन के काव्य में सामाजिक चेतना |
डॉ. रजि़या शेख |
595 |
1840 |
- |
धूमिल और उनका काव्य |
डॉ. नाजिम शेख |
475 |
1841 |
- |
आधुनिक हिन्दी कविता में ग़जल |
लता गुरव |
400 |
1842 |
- |
हरिशंकर परसाई कृत ठिठुरता हुआ गणतन्त्र |
सुचिता गायकवाड |
400 |
1843 |
- |
शेवडे जी के उपन्यासों में नारी चरित्र |
सुपर्णा संसुद्धि |
295 |
1844 |
- |
हिन्दी उपन्यासों में मुस्लिम आर्थिक जीवन |
डॉ. शाहीन एज़ाज |
795 |
1845 |
- |
कहानीकार विष्णु प्रभाकर |
हणमंत सोहनी |
350 |
1846 |
- |
यशपाल के उपन्यास और राष्टं |
डॉ. शाहू दशरथ |
995 |
1847 |
- |
अशोक बाजपेई के काव्य का मूल्यांकन |
डॉ. भारत उपाध्य |
525 |
1848 |
- |
हिन्दी महिला नाटककार |
डॉ. भगवान जाधव |
795 |
1849 |
- |
प्रेमचन्द्र के उपन्यासों में नारी पात्रों का चित्रण |
डॉ. ज्योति गायकवाड़ |
395 |
1850 |
- |
मार्कण्डेय के साहित्य में ग्रामीण जीवन |
डॉ. गोरखनाथ |
625 |
1851 |
- |
विनय की काव्य सम्पदा |
डॉ. बोइनवाड नागोराव नामदेव राव |
300 |
1852 |
- |
शैली विज्ञान संकल्पना एवं स्वरूप |
डॉ. पाण्डुरंग चिलगर |
475 |
1853 |
- |
गिरिराज किशोर का कथा साहित्य |
डॉ. आरती वर्मा |
450 |
1854 |
- |
हिन्दी उपन्यासों का मूल्यपरक विवेचन |
डॉ. सविता चोखो वाकिर्ते |
400 |
1855 |
- |
जनवादी कवि धूमिल |
डॉ. कविडे मुकुंद माधवराव |
295 |
1856 |
- |
हिन्दी उपन्यास और विमर्श अद्यतन दृष्टि |
डॉ. जयश्री शिंदे |
295 |
1857 |
- |
कथाकार नासिरा शर्मा |
डॉ. ओहालमोहन विट्ठलराव |
450 |
1858 |
- |
वर्तमान सन्दर्भ में निर्मल वर्मा के पात्र |
डॉ. ज्योति मुंगल |
525 |
1859 |
- |
दौड़ में भूमण्डलीकरण की सार्थकता का यथार्थ चित्रण |
डॉ. विद्याशशि शेखर शिंदे |
150 |
1860 |
- |
संजीव की कहानियाँ शिल्प एवं शैलीगत अध्ययन |
डॉ. स्नेहा पाटील |
275 |
1861 |
- |
इक्कीसवीं सदी की कहानियों का अनुशीलन |
सुश्री अश्विनी रमेश काकडे |
350 |
1862 |
- |
हिन्दी मराठी महिला नाट्यलेखन में नारीवाद |
डॉ. रघुनाथ गणपत देसाई |
300 |
1863 |
- |
हिन्दी भीमकाव्य में चिन्तन |
डॉ. सताप्पा शामराव सावंत |
350 |
1864 |
- |
नागार्जुन और रघुवीर सहाय की कविताओं में राजनीतिक चेतना |
सन्तोष टेलकीकर |
275 |
1865 |
- |
कवि जयप्रकाश कर्दम: एक अध्ययन |
डॉ. सुनील बनसोडे,श्री सचिन काम्बले |
295 |
1866 |
- |
हिन्दी के प्रतिनिधि नाटकों में समकालीन संवेदनायें |
डॉ. ईश्वर पवार |
180 |
1867 |
- |
हिन्दी साहित्य: बाजार में बाजारवाद तक |
डॉ. भगवान गव्हाड़े |
600 |
1868 |
- |
समकालीन हिन्दी साहित्य में मूल्य बोध |
डॉ. बबन चौरे |
495 |
1869 |
- |
निर्मल वर्मा की कहानियों में स्त्री.पुरुष सम्बन्धों का चित्रण |
मधुकर देशमुख |
350 |
1870 |
- |
मैत्रेयी पुष्पा के साहित्य में स्त्री |
डॉ. राजेन्द्र वड़जे |
650 |
1871 |
- |
हिन्दी और गुजराती रूप रचना: तुलनात्मक अध्ययन |
भावना ठक्कर |
775 |
1872 |
- |
सर्जना: सप्तवर्णी |
डॉ. शिवशंकर पाण्डेय |
550 |
1873 |
- |
समकालीन हिन्दी कहानी और नारी जीवन |
डॉ. गीता यादव |
300 |
1874 |
- |
भाषा विज्ञान: सैद्धांतिकी एवं व्यवहार |
डॉ. ईश्वर पवार |
710 |
1875 |
- |
हिन्दी दलित एवं आदिवासी साहित्य अंतरंग पड़ताल |
डॉ. धीरजभाई वणकर |
430 |
1876 |
- |
धर्मवीर भारती और उनका कथा साहित्य |
डॉ. उषा मिश्रा |
330 |
1877 |
- |
मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों का अनुशीलन |
डॉ. सावित्री ढोले |
750 |
1878 |
- |
छायावादी कवियों का छायावादोत्तर काव्य |
डॉ. ए. एन. पाण्डेय |
860 |
1879 |
- |
मानवतावादी कवि भवानीप्रसाद मिश्र |
डॉ. प्रवीण ब्रिजलाल |
580 |
1880 |
- |
द्रौपदी: मिथक और मानवीय |
शीला आहूजा |
460 |
1881 |
- |
हिन्दी - गुजराती दलित साहित्य में विविध सन्दर्भ |
धीरजभाई वणकर |
395 |
1882 |
- |
हिन्दी आत्मकथायें: सन्दर्भ और प्रकृति |
श्यामसुन्दर पाण्डे |
750 |
1883 |
- |
नई कहानी और हरीशंकर परसाई का कथा साहित्य |
कान्ता गुप्ता |
575 |
1884 |
- |
रेणु और कमलेश्वर की कहानियों में आंचलिकता |
धीरज भाई वणकर |
350 |
1885 |
- |
हिन्दी कहानी: संवेदना और शिल्प |
शिवशंकर पाण्डे |
695 |
1886 |
- |
कहानीकार निर्मल वर्मा और मधुराय |
मधुकर पाड़वी |
450 |
1887 |
- |
बच्चन की कविताओं का शैली वैज्ञानिक अध्ययन |
शीला शर्मा |
300 |
1888 |
- |
भगवतशरण अग्रवाल का हाइकू काव्य |
गोवर्धन बंजारा |
395 |
1889 |
- |
रामचरित मानस में हास्य व्यंग्य |
आरती राठौर |
425 |
1890 |
- |
कृष्णा सोबती का साहित्य |
सरिता बहुखंडी |
650 |
1891 |
- |
विष्णु प्रभाकर के कहानी साहित्य पर गाँधीवादी चिन्तन प्रभाव |
डॉ. सोनम पटवा |
280 |
1892 |
- |
काशीनाथ सिंह की कहानियाँ |
डॉ. अभय परमार |
225 |
1893 |
- |
समकालीन हिन्दी कहानी: सरोकार विमर्श |
डॉ. श्याम सुन्दर पाण्डेय |
570 |
1894 |
- |
हिमांशु जोशी की कहानियों में परिवेश का अनुशीलन |
दिनेश भाई किशोरी |
350 |
1895 |
- |
मध्ययुगीन काव्य में वैचारिक सरोकार |
डॉ. शिवप्रसाद शुक्ल |
750 |
1896 |
- |
महापण्डित राहुल सांकृत्यायन के उपन्यासों का अनुशीलन |
डॉ. शंकर शुक्ला |
425 |
1897 |
- |
सुरेन्द्र वर्मा के नाटकों का अनुशीलन |
डॉ. जयश्री सिंह |
750 |
1898 |
- |
पंत की कविताओं में मानवतावाद |
दिलीप गावित |
280 |
1899 |
- |
मृणाल पाण्डे के कथा साहित्य का शिल्प विधान |
अमित भाई पटेल |
525 |
1900 |
- |
21वीं शताब्दी के चर्चित उपन्यास: एक दृष्टिक्षेप |
डॉ. ईश्वर भाई पवार |
275 |
1901 |
- |
आंचलिकता और हिन्दी उपन्यास |
डॉ. अनिल सिंह |
320 |
1902 |
- |
रघुवीर सहाय की कविता चिंतन एवं शिल्प |
डॉ. उषा मिश्रा |
425 |
1903 |
- |
साहित्य का समवेत अनुशीलन |
डॉ. शशि पंजाबी |
225 |
1904 |
- |
ऊषा प्रियंवदा के उपन्यासों में सामाजिक चेतना |
प्रो. पारेख नेहा |
225 |
1905 |
- |
सुरेन्द्र वर्मा के नाटकों का अनुशीलन |
डॉ. जयश्री सिंह |
725 |
1906 |
- |
महापण्डित राहुल सांकृत्यायन के उपन्यासों का अनुशीलन |
डॉ. सविता शुक्ला |
425 |
1907 |
- |
आतंकवाद: वर्तमान संदर्भ और रामचरित मानस |
डॉ. राम उजागर तिवारी |
325 |
1908 |
- |
विष्णु प्रभाकर का उपन्यास साहित्य संवेदना और शिल्प |
डॉ. पूनम पटवा |
725 |
1909 |
- |
भारतीय साहित्य |
डॉ. शशि पंजाबी |
500 |
1910 |
- |
हिन्दी साहित्य: नव विमर्श |
डॉ. जशवंत भाई पंड्या |
200 |
1911 |
- |
समकालीन हिन्दी साहित्य नव आकलन |
डॉ. जशवंत भाई पंड्या |
275 |
1912 |
- |
आधुनिक हिन्दी प्रबन्ध काव्य में मिथक और नारी |
डॉ. शीला आहुजा |
650 |
1913 |
- |
साहित्य विचार |
डॉ. अर्जुन के तड़वी |
290 |
1914 |
- |
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के साहित्य में सौन्दर्य एवं प्रेम |
डॉ. चन्द्रशेखर मालवीय |
450 |
1915 |
- |
देवेश ठाकुर के उपन्यासों में चरित्र-शिल्प |
डॉ. वन्दना प्रदीप |
350 |
1916 |
- |
हिन्दी साहित्य विविध आयाम |
डॉ. जशवंत भाई पंड्या |
225 |
1917 |
- |
नवगीत: एक अनवरत धारा |
डॉ. पारवती जे. गोस्वामी |
950 |
1918 |
- |
मध्यकालीन हिन्दी काव्य |
डॉ. दिलीप मेहरा |
500 |
1919 |
- |
कमलेश्वर का कहानी साहित्य और सामाजिक यथार्थ |
डॉ. धीरजभाई वणकर |
550 |
1920 |
- |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी नाटक: संवेदना और शिल्प |
डॉ. श्याम सुन्दर पाण्डे |
300 |
1921 |
- |
सर्वेश्वरदयाल सक्सेना के कथा साहित्य में नारी |
डॉ. राजेश भाई पटेल |
415 |
1922 |
- |
महादेवी वर्मा का रचना वैविध्य |
डॉ. किशोर सिंह राव |
275 |
1923 |
- |
विद्या निवास मिश्र का निबन्ध साहित्य |
डॉ. श्याम सुन्दर पाण्डे |
450 |
1924 |
- |
राजेन्द्र यादव के उपन्यासों में ग्रामीण चेतना |
डॉ. अर्जुन के. तडवी |
190 |
1925 |
- |
सर्वेश्वर व्यक्ति और रचनाकार |
डॉ. अखिलेश गोस्वामी |
670 |
1926 |
- |
रामदरश मिश्र के उपन्यास साहित्य में सांस्कृतिक चेतना |
डॉ. गीता यादव |
575 |
1927 |
- |
दलित चेतना के सन्दर्भ में जगदीश चन्द्र एवं जोसेफ मेकवान के उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. गोवर्धन बंजारा |
725 |
1928 |
- |
दलित विमर्श |
डॉ. धीरज भाई वणकर |
325 |
1929 |
- |
अमृतलाल नागगर के उपन्यासों का समाजशास्त्रीय अध्ययन |
डॉ. अशोक मिश्र |
530 |
1930 |
- |
संसद से सड़क तक और गोलपिठा |
अनंत केदारे |
300 |
1931 |
- |
मध्यकालीन हिन्दी गुजराती राम काव्यों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. निरंजन जे. कंटारिया |
540 |
1932 |
- |
गजल का काव्यशास्त्र |
डॉ. महेश गुप्ता |
225 |
1933 |
- |
समकालीन हिन्दी नाटकों में सामाजिक चेतना |
डॉ. करसन रावत |
325 |
1934 |
- |
कृष्णा सोबती के कथा-साहित्य में चित्रित ग्रामीण जीवन |
डॉ. सुरेखा तांबे |
545 |
1935 |
- |
कुसुम अंसल के हिन्दी साहित्य में चित्रित नारी जीवन के विविध आयाम |
डॉ. आर. पी. भोसले |
400 |
1936 |
- |
हिन्दी भाषा एवं व्याकरण |
डॉ. शम्भूनाथ द्विवेदी |
475 |
1937 |
- |
मीडिया: हिन्दी और पत्रकारिता |
डॉ. आरिफ महात |
350 |
1938 |
- |
आधे-अधूरे एवं घाशीराम कोतवाल का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. बलीराम संभाजी |
250 |
1939 |
- |
कुसुम अंसल के काव्य साहित्य में चित्रित नारी जीवन के विमर्श |
डॉ. आर. पी. भोसले |
250 |
1940 |
- |
शरद जोशी का व्यंग्य साहित्य |
डॉ. सूर्यकान्त शिन्दे |
395 |
1941 |
- |
त्रिजटा तथा अन्य कविताएँ |
प्रकाश कृष्णा |
200 |
1942 |
- |
अनुवाद सिद्धान्त और समग्र पत्राचार |
डॉ. शम्भूनाथ द्विवेदी |
350 |
1943 |
- |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी के आंचलिक उपन्यासों में चित्रित दलित जीवन |
डॉ. शम्भूनाथ द्विवेदी |
1195 |
1944 |
- |
मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों का कथ्य और शिल्प |
डॉ. जोगेन्द्र सिंह |
400 |
1945 |
- |
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियों का कथ्य और शिल्प |
डॉ. जोगेन्द्र सिंह |
250 |
1946 |
- |
हिन्दी साहित्य: दलित विमर्श |
डॉ. उमाकांत बिरादार |
800 |
1947 |
- |
हिन्दी उपन्यासों में चित्रित आंचलिक जीवन |
डॉ. गिरीश कासिद |
800 |
1948 |
- |
दलित विमर्श: नाटक तथा रंगमंच |
डॉ. उमाकांत बिरादार |
800 |
1949 |
- |
आठवें दशक के आंचलिक उपन्यास |
डॉ. अनिल सालुखे |
300 |
1950 |
- |
दलित साहित्य अनुसंधान के आयाम |
डॉ. भरत सगरे |
300 |
1951 |
- |
संजीव जनधर्मी कथाशिल्पी |
डॉ. गिरीश काशिद |
300 |
1952 |
- |
उत्तरशती के उपन्यासों में दलित विमर्श |
डॉ. विजय कुमार |
400 |
1953 |
- |
नई कविता हिन्दी मराठी |
डॉ. मनोहर |
550 |
1954 |
- |
हिन्दी के आंचलिक उपन्यासों के आदिवासी जनजीवन |
भरत सगरे |
300 |
1955 |
- |
नासिरा शर्मा: व्यक्तित्व और कृतित्व |
डॉ. विजय राउत |
500 |
1956 |
- |
अमेरिकन दौड़धूप |
डॉ. चन्दा गिरीश |
600 |
1957 |
- |
राही मासूम रजा का कथा साहित्य |
डॉ. सुभाष दुरागकर |
350 |
1958 |
- |
तुलसीदास |
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल |
200 |
1959 |
- |
उपेन्द्रनाथ अश्क का नाट्य साहित्य |
डॉ. महमूद रसूल पटेल |
400 |
1960 |
- |
एकांकीकार उपेन्द्रनाथ अश्क |
डॉ. पण्डित बन्ने |
250 |
1961 |
- |
त्रिलोचन की काव्यदृष्टि |
डॉ. लता शिरोडकर |
500 |
1962 |
- |
वक्रोति सिद्धान्त और सूर का काव्य |
डॉ. शिवप्रसाद मिश्र |
450 |
1963 |
- |
उपन्यासकार जयशंकर प्रसाद |
डॉ. गोरखनाथ माने |
175 |
1964 |
- |
दर्शन बौद्ध दर्शन |
डॉ. भानुदास आगेड़कर |
625 |
1965 |
- |
हरिकृष्ण प्रेमी के नाटकों में मुस्लिम पात्रें का चरित्र-चित्रण |
प्रा. जैजुल्लाखान पठाण |
200 |
1966 |
- |
सत्तरोत्तरी हिन्दी नाटकों में चित्रित यथार्थ |
डॉ. गोरखनाथ माने |
275 |
1967 |
- |
स्वांत्रयोत्तर हिन्दी कहानियों में अभिव्यक्त कस्बाई चेतना |
डॉ. अशोक शिंदे |
325 |
1968 |
- |
समकालीन हिन्दी साहित्य विविध विमर्श |
डॉ. भगवान गव्हाडे |
375 |
1969 |
- |
महाराष्टं के हिन्दी सन्त कवियों पर ज्ञानेश्वर का प्रभाव |
डॉ. गुरुदत्त राजपूत |
600 |
1970 |
- |
यशपाल के उपन्यासों में चित्रित पात्रें का स्वरूप विश्लेषण |
डॉ. विजय कुमार विठ्ठल जाधव |
350 |
1971 |
- |
स्वांत्रयोत्तर हिन्दी नाटक: जनसाधारण के परिप्रेक्ष्य में |
डॉ. रंजन तिवारी |
450 |
1972 |
- |
बुद्ध: दर्शन, साधना और साहित्य |
डॉ. दिनेश चन्द्र द्विवेदी |
400 |
1973 |
- |
उत्तर प्रदेश में सड़क परिवहन का इतिहास |
डॉ. सतीश कुमार सिंह |
500 |
1974 |
- |
संस्कृति की धरोहर |
डॉ. कन्हैया लाल अवस्थी |
350 |
1975 |
- |
मानस एक: दृष्टि अनेक |
रमेश चन्द्र त्रिवेदी |
400 |
1976 |
- |
रीतिकाल: तथ्य और चिन्तन |
डॉ. सरोजनी पाण्डेय |
600 |
1977 |
- |
डॉ. शिवप्रसाद सिंह का कथा साहित्य |
डॉ. अमित अवस्थी |
500 |
1978 |
- |
वाघ्मय विवेक |
डॉ. राजनारायण पाण्डेय |
450 |
1979 |
- |
गाँधीवादी कथाशिल्पी श्री अनन्त गोपाल शेवडे: वैचारिकता के विविध आयाम |
डॉ. नीरू रस्तोगी |
300 |
1980 |
- |
रीतिकालीन प्रबन्ध काव्य |
डॉ. रमेश चन्द्र शुक्ल |
500 |
1981 |
- |
रामकथा विश्राम |
पं. रमापति पाण्डेय |
400 |
1982 |
- |
पहाड़ों से प्रयाग तक |
सुशील राकेश |
200 |
1983 |
- |
सौन्दर्य का अभिशाप |
डॉ. राजनारायण पाण्डेय |
450 |
1984 |
- |
मनोज सोनकर का काव्य: एक अनुशीलन |
डॉ. रामचन्द्र सलुंके |
700 |
1985 |
- |
बाल कविता में सामाजिक सांस्कृतिक चेतना |
डॉ. शिरोमणि सिंह |
500 |
1986 |
- |
हिन्दी बाल कविता की प्रवृत्तियाँ |
डॉ. उदय सिंह उदय |
500 |
1987 |
- |
डॉ. अम्बेडकर: वैचारिक एवं दलित विमर्श |
डॉ. कालीचरण स्नेही |
600 |
1988 |
- |
बाल समस्यायें: कारण और निदान |
जयजयराम आनन्द |
500 |
1989 |
- |
भारत में समाजवाद: दशा एवं दिशा |
वीरेन्द्र सिंह यादव |
500 |
1990 |
- |
हिन्दी के महिला उपन्यास लेखन में स्त्री आन्दोलन |
भुनेश यादव |
500 |
1991 |
- |
शशिप्रभा शास्त्री के कथा साहित्य में नारी |
डॉ. अनीता शर्मा |
500 |
1992 |
- |
हिन्दी यात्र साहित्य की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि |
डॉ. संध्या शर्मा |
500 |
1993 |
- |
हिन्दी बाल साहित्य में मनोरंजन एवं नैतिकता |
डॉ. राम शंकर आर्य |
400 |
1994 |
- |
डॉ. राममनोहर लोहिया: वैचारिक विमर्श |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
600 |
1995 |
- |
डॉ. राममनोहर लोहिया का समाजवाद एवं सामाजिक समरसता |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
600 |
1996 |
- |
डॉ. राममनोहर लोहिया: समाजवादी विमर्श |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
600 |
1997 |
- |
डॉ. लोहिया का समाजवाद एवं अर्थ दर्शन |
डॉ. यतीन्द्र नाथ शर्मा |
500 |
1998 |
- |
डॉ. अंबेडकर: वैचारिकी एवं दलित विमर्श |
डॉ. कालीचरण स्नेही |
600 |
1999 |
- |
हिन्दी भाषा एक अबाध प्रवाह |
डॉ. मीता, डॉ. सुमन |
350 |
2000 |
- |
आधुनिक हिन्दी कविता में लोक चेतना |
डॉ. मीता, डॉ. सुमन |
350 |
2001 |
- |
रेणु का कथा साहित्य |
डॉ. सुरेश चन्द्र मेहरोत्र |
500 |
2002 |
- |
रामचंद्रिका में वक्रोक्ति सिद्धान्त का अनुशीलन |
डॉ. ममता गंगवार |
500 |
2003 |
- |
बुंदेलखण्ड के साहित्यकारों का साहित्यिक अवदान |
डॉ. छाया राहुल |
700 |
2004 |
- |
जायसी और कबीर: सामासिक संस्कृति के सन्दर्भ में |
डॉ. डी. आर. राहुल |
600 |
2005 |
- |
हाशिये पर (कहानी संग्रह) |
डॉ. कामिनी |
150 |
2006 |
- |
बाल कविता में सामाजिक.सांस्कृतिक चेतना |
डॉ. शिरोमणि सिंह पथ |
500 |
2007 |
- |
डॉ. देवीशंकर अवस्थी की आलोचना दृष्टि |
डॉ. निशा सिंह |
500 |
2008 |
- |
उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनावों में महिलाओं की सहभागिता |
डॉ. अनीता |
400 |
2009 |
- |
रामायण और महाभारत में व्यक्त राजनीतिक विचार |
डॉ. कान्ती शर्मा |
600 |
2010 |
- |
हिन्दी बाल साहित्य के संदर्भ में श्री चंद्रपाल सिंह यादव मयंक के साहित्य साधना का मूल्यांकन |
डॉ. कंचनलता यादव |
550 |
2011 |
- |
विश्व पर्यावरण एवं राजनीतिक संघर्ष |
डॉ. आर. के. त्रिपाठी |
400 |
2012 |
- |
संस्कार गीत और लोकजीवन |
डॉ. सीता. डॉ. कामिनी |
200 |
2013 |
- |
नयी कहानी अस्तित्व एवं स्वरूप |
डॉ. संगीता अग्रवाल |
200 |
2014 |
- |
प्रसाद नाट्य साहित्य में हास्य और व्यंग्य |
डॉ. संगीता अग्रवाल |
200 |
2015 |
- |
अक्षर अनन्य की काव्यभाषा |
डॉ. सबीहा ताबीर |
350 |
2016 |
- |
राजाराम मिश्र कमलेश: व्यक्तित्व कृतित्व |
डॉ. प्रदीप मिश्र |
200 |
2017 |
- |
शिवानी के उपन्यासों में कूर्मांचलीय लोक संस्कृति |
डॉ. अलका मिश्र |
300 |
2018 |
- |
महाप्राण निराला: पुनर्मूल्यांकन |
डॉ. प्रदीप मिश्र |
400 |
2019 |
- |
बुन्देलखण्ड की साहित्य सर्जना |
डॉ. किरण र्श्मा |
350 |
2020 |
- |
नारी स्वर |
ज्ञानचन्द्र गुप्त |
200 |
2021 |
- |
शृंगार शिरोमणि का रस.भाव विवेचन |
डॉ. प्रदीप मिश्र |
500 |
2022 |
- |
कालजयी नाटककार लक्ष्मीनारायण मिश्र |
डॉ. मंजुला श्रीवास्तव |
400 |
2023 |
- |
भारतीय नारी का धर्मशास्त्रीय अध्ययन |
डॉ. पूजा श्रीवास्तव |
300 |
2024 |
- |
तुम न आये सितारों को नींद आ गई |
मंजुल मयंक |
300 |
2025 |
- |
मेरी हम जिन्दगी मेरी हमशाइरी |
डॉ. सुरेन्द्र प्रताप सिंह |
200 |
2026 |
- |
गजानन माधव मुक्तिबोध एक अनुशीलन |
डॉ. सविता सबनीश |
300 |
2027 |
- |
मोहन राकेश और विजय तेंदुलकर के नाटकों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. पद्मा सतीश देशपांडे |
495 |
2028 |
- |
निराला की साहित्य साधना: एक मूल्यांकन |
डॉ. बबन आश्रुबा चौरे |
725 |
2029 |
- |
गोविन्द चातक के नाटक एवं नाट्यालोचना |
डॉ. अप्पा साहेब टाळके |
750 |
2030 |
- |
शोध धारा |
डॉ. मुरलीधर लहाड़े |
200 |
2031 |
- |
नागार्जुन के साहित्य में आँचलिकता |
डॉ. अर्जुन जानू घरत |
700 |
2032 |
- |
कृष्णा अग्निहोत्री की कहानियों में नारी |
डॉ. बालाजी भुरे |
450 |
2033 |
- |
नासिरा शर्मा का कथा साहित्य: वर्तमान समय के सरोकार |
डॉ. शेख अफरोज फातिमा |
795 |
2034 |
- |
हिन्दी और मराठी नाट्य साहित्य में छत्रपति शिवाजी |
डॉ. विष्णु गव्हाणे |
800 |
2035 |
- |
हिन्दी.मराठी साहित्य: तुलनात्मक विमर्श |
डॉ. सुधाकर शेंडगे |
395 |
2036 |
- |
मराठी कवि कुसुमाग्रज की कविताएँ |
डॉ. विद्या केशव चिटको |
250 |
2037 |
- |
संत तुकाराम की अभंग वाणी |
डॉ. वासंती सालवेकर |
500 |
2038 |
- |
आदिवासी केन्द्रित हिन्दी साहित्य |
डॉ. ऊषा कीर्ति राणावत |
600 |
2039 |
- |
अज्ञेय का साहित्य चिंतन: परोक्ष.अपरोक्ष |
नामदेव जासूद |
300 |
2040 |
- |
हिन्दी में अनूदित दलित मराठी आत्मकथा |
डॉ. गोरख काकडे |
600 |
2041 |
- |
साहित्य समाज और मीडिया |
डॉ. शीतला प्रसाद दुबे |
600 |
2042 |
- |
राजभाषा हिन्दी की प्रयुक्तिपरक विश्लेषण |
डॉ. सुषमा कोंडे |
550 |
2043 |
- |
डा. शिवप्रसाद सिंह का कथा साहित्य |
डॉ. प्रतिज्ञा पतकी |
695 |
2044 |
- |
हिन्दी उपन्यासों के खल पात्र |
डॉ. चव्हाण विश्वास |
550 |
2045 |
- |
यथार्थवादी उपन्यासकार उपेन्द्रनाथ अश्क |
प्रो. डॉ. शंकर रा. पजई |
700 |
2046 |
- |
रामदरशमिश्र कृत पानी के प्राचीर में में चित्रित ग्रामीण जीवन |
प्रा. महंमद रउफ इब्राहिम |
220 |
2047 |
- |
समकालीन हिन्दी नाटकों में पशु प्रतीक |
डॉ. वसंत गाडे |
520 |
2048 |
- |
21वीं सदी के कथा साहित्य में दलित चेतना |
डॉ. सुनीता कावले |
350 |
2049 |
- |
पाश्चात्य साहित्य सिद्धान्त विवेचन |
डॉ. ओम प्रकाश शर्मा |
625 |
2050 |
- |
धूमिल और नारायण सुर्वे का कवि कर्म |
डॉ. न. पु. काले |
750 |
2051 |
- |
राष्टंभाषा हिन्दी: कितनी सही कितनी प्रेरक |
डॉ. सुनील कुलकर्णी |
395 |
2052 |
- |
राष्टांर्पित गोपाल कृष्ण गोखले |
डॉ. विद्या केेशव |
300 |
2053 |
- |
अंतिम दशक के हिन्दी उपन्यास और नारी की अस्मिता |
डॉ. मीना ढोले |
560 |
2054 |
- |
लोक साहित्य के मूल स्रोत |
डॉ. उर्मिला पाटिल |
475 |
2055 |
- |
हिन्दी आत्मकथा: स्वरूप विवेचन और विकास |
डॉ. सविता सिंह |
600 |
2056 |
- |
अमरकांत की कहानियों का अनुशीलन |
डॉ. नारायण बागुल |
500 |
2057 |
- |
मैत्रेयी पुष्पा का समग्र साहित्य: एक अनुशीलन |
डॉ. मीना मिलिंद |
300 |
2058 |
- |
21वीं सदी के हिन्दी संस्मरणों का अनुशीलन |
डॉ. संगीता सिंह |
600 |
2059 |
- |
सुधाकर मिश्र की काव्य संवेदना |
डॉ. अवनीश सिंह |
650 |
2060 |
- |
भूमंडलीकरण और हिन्दी |
डॉ. शीतला प्रसाद दुबे |
500 |
2061 |
- |
कमलेश्वर की कहानियों में यथार्थबोध |
डॉ. मुरलीधर लहाणे |
350 |
2062 |
- |
कमलेश्वर की कहानियों का शिल्पगत अध्ययन |
डॉ. मुरलीधर लहाणे |
350 |
2063 |
- |
स्वांत्रयोत्तर हिन्दी उपन्यासों में आदिवासी चेतना |
डॉ. सविता चौधरी |
325 |
2064 |
- |
अलका सरावगी का कहानी साहित्य |
डॉ. शीतला प्रसाद दुबे |
395 |
2065 |
- |
अष्टछाप कवियों के काव्य में लोक तत्व |
डॉ. संध्या गर्जे |
795 |
2066 |
- |
रामविलास शर्मा की साहित्य साधना |
डॉ. मिथिलेश शर्मा |
725 |
2067 |
- |
समकालीन नाटकों में आधुनिकता बोध |
डॉ. काझी नासेर |
400 |
2068 |
- |
21वीं सदी के हिन्दी नाटकों में दलित चेतना |
डॉ. सुरेश तायडे |
375 |
2069 |
- |
अलका सरावगी का उपन्यास साहित्य |
डॉ. शीतला प्रसाद दुबे |
495 |
2070 |
- |
कमलेश्वर की कहानियों में कस्बाई चेतना |
डॉ. गोपाल बाहेती |
325 |
2071 |
- |
मध्यकालीन हिन्दी गुजराती राम काव्यों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. निरंजन जे. |
540 |
2072 |
- |
चरितात्मक उपन्यास और रांगेय राघव |
डॉ. बाबूलाल |
500 |
2073 |
- |
जैनेन्द्र के उपन्यास: कथ्य एवं शिल्प |
डॉ. यूनुस गाहा |
650 |
2074 |
- |
मोहन राकेश की कहानियों में आधुनिकता बोध |
डॉ. चेतना राठोड़ |
540 |
2075 |
- |
भोजपुरी भाषा: मानक रूप |
डॉ. रामकुँवर सिंह |
200 |
2076 |
- |
स्वांत्रयोत्तर हिन्दी निबन्ध साहित्य के विकास में कुबेरनाथ राय का योगदान |
डॉ. रवीन्द्र राय |
575 |
2077 |
- |
मध्यकालीन संत परम्परा एवं रैदास |
डॉ. जीवन सांसिया |
450 |
2078 |
- |
मीडिया और हिन्दी भाषा का स्वरूप |
डॉ. मनीष गोहिल |
325 |
2079 |
- |
ब्लैक होल (काव्य नाटक) |
उद्भ्रांत |
350 |
2080 |
- |
आलोचना का वाचिक (वाचिक आलोचना) |
उद्भ्रांत |
695 |
2081 |
- |
अस्ति |
उद्भ्रांत |
750 |
2082 |
- |
अभिनव पाण्डव |
उद्भ्रांत |
300 |
2083 |
- |
सृजन की भूमि |
उद्भ्रांत |
757 |
2084 |
- |
लघु पत्रकारिता आन्दोलन |
उद्भ्रांत |
547 |
2085 |
- |
सदी का महाराग (उद्भ्रांत की कविताओं का संचयन) |
रेवती रमण |
297 |
2086 |
- |
कहानी का सातवां दशक |
उद्भ्रांत |
127 |
2087 |
- |
हँसो बतर्ज रघुवीर सहाय |
उद्भ्रांत |
297 |
2088 |
- |
उद्भ्रांत की गजलों का यथार्थवादी दर्शन |
ऐ. सिन्हा |
127 |
2089 |
- |
मार्क्स प्रेमचन्द, प्रसाद, मुक्तिबोध |
डॉ. सुरेश गौतम |
1295 |
2090 |
- |
अज्ञेय स्मृतियों के झरोखे से |
नीलम ऋषिकल्प |
795 |
2091 |
- |
हिन्दी उपन्यास सांस्कृतिक परिदृश्य |
ज्योति वत्स |
1195 |
2092 |
- |
जनसंचारिकी सिद्धान्त और अनुप्रयोग |
डॉ. रामलखन मीना |
1295 |
2093 |
- |
चन्द्रकांता संतति (भाग 1-6) |
देवकीनन्दन खत्री |
2400 |
2094 |
- |
भारतीय समाज |
डॉ. एम. के. मिश्रा |
1195 |
2095 |
- |
भारतीय दर्शन के विविध आयाम |
शीलक राम |
695 |
2096 |
- |
बीसवीं शताब्दी के अंतिम दशक के हिन्दी उपन्यासों में जीवन दृष्टि |
डॉ. रुपिन्द्र शर्मा |
750 |
2097 |
- |
कम्प्यूटर इंटरनेट शब्दकोश |
नीति मेहता |
450 |
2098 |
- |
कबीर और मानवाधिकार |
डॉ. शिवमंगल कुमार |
395 |
2099 |
- |
इंटरनेट विज्ञान |
नीति मेहता |
450 |
2100 |
- |
आज का दर्शनशास्त्र |
शीलक राम |
895 |
2101 |
- |
अज्ञेय एक अलक्षित पत्रकार |
डॉ. अमरीश सिन्हा |
595 |
2102 |
- |
आदिवासी अशांति: कारण चुनौतियाँ एवं सम्भावनाएँ |
डॉ. वी. एम. मलिक |
395 |
2103 |
- |
प्रमुख देशों की विदेश नीतियाँ |
एम. के. मिश्रा |
995 |
2104 |
- |
हिन्दी साहित्य एवं भाषा के विविध आयाम |
डॉ. जितेन्द्र सिंह |
1295 |
2105 |
- |
व्यावहारिक दर्शन शास्त्र |
शीलक राम |
595 |
2106 |
- |
मानवाधिकार एवं मुद्दे |
राजेश चहल |
495 |
2107 |
- |
सम्पूर्ण नाटक एवं एकांकी (भाग - 1, 2) |
डॉ. सुरेश गौतम |
2500 |
2108 |
- |
जयशंकर प्रसाद - सम्पूर्ण उपन्यास |
डॉ. सुरेश गौतम |
1195 |
2109 |
- |
जयशंकर प्रसाद - सम्पूर्ण निबन्ध |
डॉ. सुरेश गौतम |
995 |
2110 |
- |
जयशंकर प्रसाद - सम्पूर्ण कहानियाँ |
डॉ. सुरेश गौतम |
995 |
2111 |
- |
निबन्धकार जयशंकर प्रसाद |
डॉ. सुरेश गौतम |
395 |
2112 |
- |
प्रसाद साहित्य की बीजभूमि |
डॉ. सुुरेश गौतम |
495 |
2113 |
- |
जयशंकर प्रसाद नाटक एवं रंगमच |
डॉ. सुरेश गौतम |
395 |
2114 |
- |
कबीरवाणी का भाषा वैज्ञानिक अध्ययन |
डॉ. वेदवृत शर्मा |
395 |
2115 |
- |
बुनियादी शिक्षा: समस्यायें और सम्भावनाएँ |
डॉ. अभिषेक कुमार |
695 |
2116 |
- |
प्रकृति पर्यावरण और हम |
राजेश्वरी झा |
200 |
2117 |
- |
कबीर एक जीवंत स्पंदन |
डॉ. यामिनी |
195 |
2118 |
- |
भारत की प्रमुख स्मृतियाँ |
डॉ. विप्लव |
1095 |
2119 |
- |
लोकतन्त्र के प्रमुख स्तम्भ |
डॉ. विप्लव |
1095 |
2120 |
- |
भारत में महिला मानवाधिकार |
डॉ. विप्लव |
995 |
2121 |
- |
हिन्दी साहित्य के प्रतिमान |
डॉ. संतराम संघर्षी |
450 |
2122 |
- |
प्रशासनिक सिद्धान्त |
डॉ. विप्लव |
995 |
2123 |
- |
ब्रजलोक साहित्य नव चिंतन |
डॉ. शैफाली चतुर्वेदी |
595 |
2124 |
- |
कबीर: व्यक्तित्व, कृतित्व एवं सिद्धान्त (दो भागों में) |
डॉ. सरनाम सिंह शर्मा |
2500 |
2125 |
- |
हिन्दी लोक साहित्य का प्रबन्धन |
डॉ. राजेश्वर उनियाल |
1095 |
2126 |
- |
प्रयोजनमूलक हिन्दी: सृजन और समीक्षा |
डॉ. रामलखन मीणा |
995 |
2127 |
- |
बौद्ध दर्शन का उद्भव और विकास |
डॉ. मनीष मेश्राम |
995 |
2128 |
- |
ब्रज लोक साहित्य: नवचिंतन |
डॉ. शेफाली चतुर्वेदी |
595 |
2129 |
- |
भारत में मानवाधिकार |
डॉ. दीपक वर्मा |
995 |
2130 |
- |
प्रशासनिक एवं कार्यालयी हिन्दी |
प्रो. सरिता वशिष्ठ |
1495 |
2131 |
- |
गाँधी और राष्टंभाषा हिन्दी |
डॉ. सुनीता कुमारी चौरसिया |
895 |
2132 |
- |
भाषा विज्ञान |
प्रो. सरिता वशिष्ठ |
995 |
2133 |
- |
हिन्दी साहित्य के इतिहास का बिन्दुवार अध्ययन |
डॉ. अरुण कुमार |
495 |
2134 |
- |
भारतीय वाघमय में धर्म और संस्कृति |
डॉ. विद्या बिन्दु सिंह |
995 |
2135 |
- |
महिलाओं के कानूनी अधिकार |
डॉ. महेन्द्र कुमार मिश्र |
995 |
2136 |
- |
महादेवी वर्मा की साहित्य-साधना |
प्रो. पुष्पारानी |
595 |
2137 |
- |
भारत का सामाजिक अधिकार |
डॉ. महेन्द्र कु. मिश्र |
1095 |
2138 |
- |
भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति |
डॉ. महेन्द्र कु. मिश्र |
995 |
2139 |
- |
बाल विकास तथा बाल मनोविज्ञान |
डॉ. दीपक वर्मा |
995 |
2140 |
- |
भारत का संविधान |
राजेश चहल |
595 |
2141 |
- |
भारत में परिवार-विवाह और नातेदारी |
डॉ. एम. के. मिश्र |
995 |
2142 |
- |
भारत में जिला प्रशासन |
डॉ. कमलेश गुप्त |
595 |
2143 |
- |
हिन्दी साहित्य वर्तमान दशक |
सरिता वशिष्ट |
450 |
2144 |
- |
हिन्दी भाषा एवं साहित्य |
संतराम संघर्षी |
895 |
2145 |
- |
हिन्दी के कालजयी कवि |
सरिता वशिष्ट |
695 |
2146 |
- |
गुरुदत्त का उपन्यास साहित्य |
संतराम संघर्षी |
450 |
2147 |
- |
कबीर वाणी में काव्य रूढि़याँ |
राकेश कुमार बब्बर |
850 |
2148 |
- |
समकालीन यात्र-वृत्तों में सांस्कृतिक सन्दर्भ |
डॉ. हरिसिमरन कोर मुल्लर |
700 |
2149 |
- |
श्रीमद्भागवत और तुलसी-साहित्य |
डॉ. हरिशंकर मिश्रा |
650 |
2150 |
- |
हिन्दी उपन्यासों में सामाजिक चेतना |
डॉ. राजेश रानी |
395 |
2151 |
- |
डॉ. जगदीश गुप्त और उनका ब्रजभाषा काव्य |
डॉ. अजय सिंह चौहान |
450 |
2152 |
- |
हिन्दी साहित्य और समीक्षा |
डॉ. कृष्ण गोपाल मिश्रा |
495 |
2153 |
- |
वाल्मीकि और प्राकृत अपभ्रंश राम साहित्य |
पं. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी |
750 |
2154 |
- |
दूधनाथ सिंह का साहित्य |
हरि सिमरन भुल्ला |
750 |
2155 |
- |
कठपुतली में युग सत्य |
रजनी बाला |
250 |
2156 |
- |
भारतीय स्वतन्त्रता का इतिहास |
शिवानी गुप्ता |
900 |
2157 |
- |
भारत के राष्टंपति |
गीता शर्मा |
825 |
2158 |
- |
भारत में जातीय व्यवस्था |
शिवानी गुप्ता |
925 |
2159 |
- |
भारतीय राजनीति की दिशा एवं दशा (स्वतंत्रता के पूर्व) |
पवन कुमार |
850 |
2160 |
- |
भारतीय राजनीति की दिशा एवं दशा (स्वतंत्रता के पश्चात्) |
पवन कुमार |
850 |
2161 |
- |
पंचायती राज और ग्रामीण विकास |
सुरेन्द्र त्यागी |
950 |
2162 |
- |
भारत का संविधान (दो भागों में) |
डॉ. महेन्द्र कुमार मिश्र |
2590 |
2163 |
- |
आधुनिक भारत में सामाजिक परिवर्तन |
सुरेन्द्र त्यागी |
925 |
2164 |
- |
भारत में प्रशासनिक संस्थाएँ |
पवन कुमार |
875 |
2165 |
- |
भारत (पं. जवाहर लाल नेहरू से मनमोहन सिंह तक) |
गीता शर्मा |
850 |
2166 |
- |
अस्तित्ववाद और मोहन राकेश का साहित्य |
डॉ. गीता यादव |
650 |
2167 |
- |
वैश्वीकरण और मानवाधिकार |
डॉ. विनोद |
500 |
2168 |
- |
सामाजिक स्त्रीकरण तथा परिवर्तन |
वंदना वोरा |
750 |
2169 |
- |
महानगरों में महिला अपराध |
डॉ. अपर्णा त्रिपाठी |
750 |
2170 |
- |
महिला अधिकार एवं महिला श्रम |
मीनाक्षी सिंह |
695 |
2171 |
- |
पर्यावरण विधि |
विनायक त्रिपाठी |
900 |
2172 |
- |
पर्यावरण संरक्षण: एक चुनौती |
डॉ. विनोद |
450 |
2173 |
- |
बाल शोषण एवं बाल श्रम |
निशांत सिंह |
795 |
2174 |
- |
मीडिया की आधुनिक चुनौतियां |
प्रो. मधुसूदन त्रिपाठी |
700 |
2175 |
- |
दलित आत्मकथा (हिन्दी) के सरोकार |
रूपा सिंह |
500 |
2176 |
- |
स्त्री विमर्श के विविध सन्दर्भ |
डॉ. सियाराम |
900 |
2177 |
- |
महिला स्वास्थ्य शिक्षा प्रसार के आयाम |
डॉ. कविता कुमारी |
600 |
2178 |
- |
महिला कानून |
मीनाक्षी सिंह |
700 |
2179 |
- |
आधुनिकता और महिला उत्पीड़न |
मीनाक्षी निशान्त सिंह |
450 |
2180 |
- |
महिला उद्यमिता |
डॉ. अंशुजा तिवारी, डॉ. संजय |
500 |
2181 |
- |
महिला राजनीति और आरक्षण |
डॉ. निशान्त सिंह |
450 |
2182 |
- |
महिला विकास: एक मूल्यांकन |
प्रो. मधुसूदन त्रिपाठी |
500 |
2183 |
- |
भारत में कार्यशील महिलाएँ |
अंजली वर्मा |
450 |
2184 |
- |
महिला अपराध और कानून |
नारेन्द्र कुमार शर्मा |
750 |
2185 |
- |
इक्कीसवीं सदी का महिला सशक्तीकरणःमिथक एवं यथार्थ |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
700 |
2186 |
- |
दलित महिला विकास योजना एवं बालिका शिक्षण |
डॉ. सीता जडिया |
600 |
2187 |
- |
स्त्री सशक्तीकरण: एक मूल्यांकन |
डॉ. निशान्त सिंह |
450 |
2188 |
- |
स्वतन्त्रता संग्राम और महिलाएँ |
मीनाक्षी सिंह |
600 |
2189 |
- |
मानवाधिकार और दलित |
मीनाक्षी सिंह |
650 |
2190 |
- |
नई सहस्राब्दि का दलित आन्दोलन |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
995 |
2191 |
- |
दलित और शिक्षा |
डॉ. संजय सिंह |
795 |
2192 |
- |
ग्रामीण जनचेतना में संचार माध्यम |
डॉ. आलोक कुमार कश्यप |
575 |
2193 |
- |
भाषा विज्ञान एवं हिन्दी भाषा |
बी. डी. शर्मा |
600 |
2194 |
- |
भारतीय पत्रकारिता के आधार |
भारत भूषण डब्लू |
495 |
2195 |
- |
महिला राजनीति और आरक्षण |
डॉ. निशान्त सिंह |
450 |
2196 |
- |
शोध प्रविधि |
वंदना वोहरा |
600 |
2197 |
- |
बीसवीं सदी के महानायक बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
995 |
2198 |
- |
उत्तर आधुनिकता की पृष्ठभूमि: कुछ विचार कुछ प्रश्न |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
795 |
2199 |
- |
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का रचना संसार: एक पुनर्मूल्यांकन |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
600 |
2200 |
- |
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के साहित्य में भावबोध: स्थापनाएँ और प्रस्थापनाएँ |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
600 |
2201 |
- |
जनसंचार एवं पत्रकारिता |
कुमारी शिप्रा |
550 |
2202 |
- |
उत्तर आधुनिकता विचार और मूल्यांकन |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
650 |
2203 |
- |
मेरी आत्मकथा: सत्य के प्रयोग |
मोहनदास करमचंद गाँधी |
695 |
2204 |
- |
मोहनदास करमचन्द गाँधी |
प्रो. मधुसूदन त्रिपाठी |
300 |
2205 |
- |
महिला सशक्तिकरण का सच |
मीनाक्षी निशांत सिंह |
400 |
2206 |
- |
भारत में मानवाधिकार |
प्रो. मधुसूदन त्रिपाठी |
450 |
2207 |
- |
नई सहस्त्रब्दी का दलित आन्दोलन मिथक एवं यथार्थ |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
995 |
2208 |
- |
नई सहस्त्रब्दी में मानवाधिकार के विविध सन्दर्भ |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
795 |
2209 |
- |
सत्तामूलक समाज एवं सामाजिक परिवर्तन के युगपुरुष: डॉ. भीमराव अम्बेडकर |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
995 |
2210 |
- |
भारत में पंचायती राज |
अंजली वर्मा |
600 |
2211 |
- |
भारत के आदिवासी |
प्रो. मधुसूदन त्रिपाठी |
600 |
2212 |
- |
इक्कीसवीं सदी में मुसलमान चिन्तन एवं सरोकार (2 भागों में) |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
1500 |
2213 |
- |
नई सहस्त्रब्दी का महिला सशक्तिकरण अवधारण, चिन्तन एवं सरोकार (3 भागों में) |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
2100 |
2214 |
- |
ग़ज़ल और ग़ज़ल की तकनीकि |
रामप्रसाद शर्मा महर्षी |
347 |
2215 |
- |
राम की शक्तिपूजा और रुद्रावतार |
शीतल सेठ |
107 |
2216 |
- |
हिन्दी ग़ज़ल का सौन्दर्यात्मक विश्लेषण |
अनिरुद्ध सिन्हा |
137 |
2217 |
- |
ज्ञानी ताहि बखानी |
डॉ. रामस्वरूप शर्मा |
247 |
2218 |
- |
मॉरीशसीय हिन्दी भाषा और साहित्य |
डॉ. सतीश चन्द्र अग्रवाल |
200 |
2219 |
- |
मोहन राकेश के नाटक एक विश्लेषणात्मक अध्ययन |
डॉ. के. गोमतिअम्मा |
350 |
2220 |
- |
आंचलिक उपन्यास के आईने में दक्षिण भारत |
डॉ. वी. बालकृष्णन् |
350 |
2221 |
- |
निराला की जातीय चेतना |
नीरज कुमार |
400 |
2222 |
- |
बीसवीं शताब्दी का उत्तरार्द्ध |
डॉ. सुधा गुप्ता |
400 |
2223 |
- |
व्यवहारिक हिन्दी |
प्रो. रवीन्द्र नाथ यादव |
325 |
2224 |
- |
अद्भुत भारत (दो भागों में) |
घनश्याम सिंह |
4000 |
2225 |
- |
व्यवहारिक सूक्ति कोश (दो भागों में) |
प्रेमलता गौतम |
1800 |
2226 |
- |
नरेश मेहता के कथा साहित्य में मध्य वर्ग |
डॉ. जयकरण |
1195 |
2227 |
- |
द्विजवेद और उनका काव्य-भाव |
भावना शर्मा |
895 |
2228 |
- |
नाटककार दया प्रकाश सिन्हा-समीक्षायन |
रवीन्द्र नाथ |
995 |
2229 |
- |
मार्क्सवाद: एक पुर्नविचार |
डॉ. परबत सिंह |
300 |
2230 |
- |
दूरदर्शन का स्वरूप एवं हिन्दी प्रस्तुतीकरण |
डॉ. उन्मेष मिश्र |
200 |
2231 |
- |
विभाजक रेखा |
सुभद्रा |
300 |
2232 |
- |
नया परिदृश्य: नरेन्द्र मोहन के नाटक |
डॉ. गुरुचरण सिंह |
500 |
2233 |
- |
यशपाल के उपन्यासों में मध्यवर्ग |
रामप्रकाश द्विवेदी |
300 |
2234 |
- |
सत्ता व्यक्ति और भूमण्डलीकरण |
रामप्रकाश द्विवेदी |
300 |
2235 |
- |
शिवानी के उपन्यासों में नारी विमर्श |
कृष्णा जून |
500 |
2236 |
- |
आदिकालीन धार्मिक रासकाव्य: परम्परा एवं प्रवृत्तियाँ |
डॉ. कृष्णा जून |
300 |
2237 |
- |
नरेन्द्र मोहन का नाट्य कर्म |
डॉ. गुरुचरण सिंह |
500 |
2238 |
- |
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और हिन्दी |
डॉ. रेशमा नदाफ |
300 |
2239 |
- |
व्यवहारिक हिन्दी व्याकरण |
आचार्य निशान्त केतु |
300 |
2240 |
- |
निराला काव्य में प्रकृति |
रेणु बाला |
400 |
2241 |
- |
हिन्दी कहानी और मुस्लिम समाज |
दीपिका रानी |
275 |
2242 |
- |
नयी कविता का सौन्दर्य बोध |
डॉ. तिलक राज शर्मा |
500 |
2243 |
- |
प्रतिरोध का दस्तावेज: महिला आत्मकथाएँ |
नीरू |
400 |
2244 |
- |
जनसंचार एवं पत्रकारिता |
डॉ. रेशमा नदाफ |
250 |
2245 |
- |
महादेवी की सूक्तियाँ |
डॉ. विमल शंकर |
500 |
2246 |
- |
मानव मुक्ति और सन्त साहित्य |
डॉ. अजैब सिंह |
500 |
2247 |
- |
भीष्म साहनी का साहित्य: युग सन्दर्भ |
डॉ. पठान रहीम खान |
995 |
2248 |
- |
शमशेर बहादुर सिंह के काव्य का अर्थोत्कर्ष |
डॉ. अनुपाल भारद्वाज |
400 |
2249 |
- |
जनसम्पर्क: स्वरूप और सिद्धान्त |
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद |
750 |
2250 |
- |
समकालीन विमर्श: विविध परिदृश्य |
सं. डॉ. श्रवण मीणा |
795 |
2251 |
- |
विविध साहित्यिक वाद |
डॉ. रामसजन पाण्डे |
500 |
2252 |
- |
उत्प्रेक्षा अलंकार-विमर्श |
डॉ. रामसजन पाण्डे |
500 |
2253 |
- |
अनुवाद: अनुभूति और अनुभव |
डॉ. सुरेश सिंहल |
1050 |
2254 |
- |
निर्गुण काव्य की सांस्कृतिक भूमिका |
डॉ. रामसजन पाण्डे |
995 |
2255 |
- |
आदिवासी कहानी विविध संदर्भ |
डॉ. श्रवण कुमार मीणा |
500 |
2256 |
- |
महिला सशक्तिकरण |
डॉ. ऊषा रानी |
600 |
2257 |
- |
अनुवाद संवेदना और सरोकार |
डॉ. सुरेश सिंहल |
1150 |
2258 |
- |
महादेवी वर्मा के साहित्य में स्त्री छवि |
डॉ. अरविन्दर कौर |
995 |
2259 |
- |
रचना और आलोचना का वर्तमान परिदृश्य |
प्रो. आलोक गुप्त |
500 |
2260 |
- |
सिनेमा वक्त के आइने में |
राजेन्द्र सहगल |
400 |
2261 |
- |
संवाद के बहाने |
डॉ. गुरचरण सिंह |
350 |
2262 |
- |
मीडिया लेखन: सिद्धान्त और व्यवहार |
डॉ. चन्द्रप्रकाश मिश्र |
1100 |
2263 |
- |
हिन्दी नाटक वर्तमान सन्दर्भ |
डॉ. परमेश्वरी शर्मा |
250 |
2264 |
- |
दूरदर्शन के श्रव्य और दृश्य तत्व |
डॉ. उन्मेष मिश्र |
450 |
2265 |
- |
हिन्दी साहित्य का इतिहास |
डॉ. रामसजन पाण्डेय |
600 |
2266 |
- |
मालिक अम्बर (नाटक) |
नरेन्द्र मोहन |
200 |
2267 |
- |
दलित सशक्तिकरण |
डॉ. नीतू काजल |
750 |
2268 |
- |
नाटककार रमेश मेहता रंग-समग्र (दो खण्डों में) |
रवीन्द्र नाथ बहोरे |
2150 |
2269 |
- |
उदयराज सिंह का कथा साहित्य |
डॉ. उषा सिन्हा |
350 |
2270 |
- |
भक्तिकालीन सन्त साहित्य |
प्रो. वीरेन्द्र नारायण |
650 |
2271 |
- |
छायावादोत्तर हिन्दी कविता में ग्राम्य बोध |
डॉ. सरोज वर्मा |
400 |
2272 |
- |
पंत समग्र |
डॉ. सूर्य प्रसाद दीक्षित |
400 |
2273 |
- |
उपन्यासों में मार्क्सवाद |
डॉ. वीरेन्द्र कुमार |
695 |
2274 |
- |
नालन्दा जिले की विरासत: अतीत एवं वर्तमान |
डॉ. मनोज कुमार |
300 |
2275 |
- |
बाबा नागार्जुन और उनके उपन्यास |
डॉ. दिनेश प्रसाद |
450 |
2276 |
- |
रामकथा की दिग्विजय |
डॉ. भूपेन्द्र कलसी |
595 |
2277 |
- |
विभु, व्यापक विष्णु के विविध नामों का समीक्षात्मक अनुशीलन |
डॉ. दिवांशु कुमार |
750 |
2278 |
- |
डॉ. रामदरश मिश्र के उपन्यास |
डॉ. दिनेश प्रसाद सिंह |
650 |
2279 |
- |
भव्य भारत (दो भागों में) |
आचार्य चन्द्र |
6000 |
2280 |
- |
मृणाल पांडे के साहित्य में युगबोध |
डॉ. ऊषा रानी |
1495 |
2281 |
- |
बोधा और ठाकुर की काव्यधारा |
डॉ. संगीता गुप्ता |
1100 |
2282 |
- |
उपन्यासकार राजेन्द्र यादव |
डॉ. अजमेर सिंह |
900 |
2283 |
- |
हिन्दी भाषा और साहित्य |
डॉ. नरेश मिश्र |
600 |
2284 |
- |
नागार्जुन की कविता |
डॉ. जोगेन्द्र मीणा |
600 |
2285 |
- |
बावन पत्तों का रहस्य |
रवीन्द्र नाथ |
695 |
2286 |
- |
सपने बोलते हैं |
रवीन्द्र नाथ बहोरे |
795 |
2287 |
- |
लोक साहित्य अर्थ और व्याप्ति |
डॉ. सुरेश गौतम |
900 |
2288 |
- |
स्वांत्रयोत्तर भारतीय साहित्य के सामाजिक सरोकार |
डॉ. हेमलता राठौर |
750 |
2289 |
- |
स्त्री विमर्श: भारतीय नवजागरण काल |
प्रो. मणिक्यांब मणि |
750 |
2290 |
- |
उत्तरशती की हिन्दी समीक्षा और विचार प्रणालियाँ |
दीपक नरेश |
450 |
2291 |
- |
उपन्यास |
|
|
2292 |
- |
मैं याज्ञसेनी..... |
मालती त्रिपाठी |
225 |
2293 |
- |
किन्नर कथा |
महेन्द्र भीष्म |
225 |
2294 |
- |
आखिरी दरख़्त |
महेन्द्र भीष्म |
225 |
2295 |
- |
हॉफ मैन (ए पेनफुल जर्नी) |
भुवनेश्वर उपाध्याय |
250 |
2296 |
- |
फॉग लोक के ईसुरी |
डॉ. दया दीक्षित |
175 |
2297 |
- |
कनक का कत्लेआम |
अनु. अमरीक सिंह दीप |
150 |
2298 |
- |
माणिकपाला महासम्मत |
सुधीर मौर्य |
195 |
2299 |
- |
तीसरी सत्ता |
गिरिराज किशोर |
350 |
2300 |
- |
नारी चिंगारी |
हरी जोशी |
175 |
2301 |
- |
ए ज़िन्दगी तुझे सलाम |
हरभजन सिंह मेहरोत्रा |
275 |
2302 |
- |
आज़ादी की विडम्बना |
विष्णु चन्द्र शर्मा |
425 |
2303 |
- |
एक महानगर दो गौतम |
नंदकिशोर नौटियाल |
525 |
2304 |
- |
चिंगारी |
रामचन्द्र सरस |
135 |
2305 |
- |
दिशा खोजती जिंदगियाँ |
कमलेश बख्शी |
160 |
2306 |
- |
दरमियाना (द्वितीय संस्करण) |
सुभाष अखिल |
150 |
2307 |
- |
वैलेंटाइन डे |
राजेन्द्र मोहन भटनागर |
350 |
2308 |
- |
उन्हीं रास्तों से गुजरते हुए |
नीरजा हेमेन्द्र |
250 |
2309 |
- |
रंगशाला |
सिम्मी हर्षिता |
175 |
2310 |
- |
मिल्कियत की बागडोर |
जयनन्दन |
225 |
2311 |
- |
अपने-अपने युद्ध |
दयानंद पांडेय |
300 |
2312 |
- |
सीढ़ियाँ - द स्केलेटर्स |
गिरीश पंकज |
160 |
2313 |
- |
खाली कुओं की कथा |
अनु. सुभाष नीरव |
275 |
2314 |
- |
जॉब बची सो.... |
सुरेश कांत |
225 |
2315 |
- |
बांसुरीवाली |
राजकमल |
200 |
2316 |
- |
तलाक-तड़ाक, तलाक-सड़ाक |
हरि जोशी |
250 |
2317 |
- |
एक कम सौ |
भुवनेश्वर उपाध्याय |
250 |
2318 |
- |
बलि का राज आये |
सुधीर मौर्य |
250 |
2319 |
- |
कानपुर टु कालापानी |
रूपसिंह चन्देल |
225 |
2320 |
- |
दरमियाना |
सुभाष अखिल |
150 |
2321 |
- |
दीक्षांत |
सूर्यबाला |
125 |
2322 |
- |
पुतलघर |
संतोष गोयल |
175 |
2323 |
- |
पिघले चेहरे |
सच्चिदानंद चतुर्वेदी |
195 |
2324 |
- |
पन्हैयानर्तन |
हरि जोशी |
250 |
2325 |
- |
एक था कलाकार |
रामदरश मिश्र |
125 |
2326 |
- |
दंडकाल |
रेखा प्रियश्री |
225 |
2327 |
- |
भूख से आगे |
डॉ. सरवर हुसैन हाशमी |
275 |
2328 |
- |
ठाकुर सॉ दरवाजा |
सुमति सक्सेना लाल |
225 |
2329 |
- |
समय बहेलिया |
विद्याधर द्विवेदी |
250 |
2330 |
- |
संघर्ष |
पं. विश्वम्भरनाथ शर्मा |
275 |
2331 |
- |
पुरवाई |
कृष्णा अग्निहोत्री |
195 |
2332 |
- |
धूप |
उदयभान मिश्र |
125 |
2333 |
- |
कोहरे में कैद रंग |
गोविन्द मिश्र |
195 |
2334 |
- |
मझधार |
सच्चिदानंद चतुर्वेदी |
195 |
2335 |
- |
प्रजातंत्र के प्रेत |
शशिकांत सिंह शशि |
175 |
2336 |
- |
अरीबा |
सुधीर मौर्य |
125 |
2337 |
- |
अँधेरी गलियाँ |
अनु. सुभाष नीरव |
150 |
2338 |
- |
दहssशत |
नीलम कुलश्रेष्ठ |
250 |
2339 |
- |
चिड़ियाघर |
गिरिराज किशोर |
125 |
2340 |
- |
मैं पायल |
महेन्द्र भीष्म |
125 |
2341 |
- |
माँ |
विश्वम्भरनाथ शर्मा कौशिक |
350 |
2342 |
- |
उजालों के साये |
चन्द्र भार्गव |
125 |
2343 |
- |
नारो भास्कर की माया बिट्टो |
माया हरीराम |
200 |
2344 |
- |
सम्बन्धों के किनारे |
सिम्मी हर्षिता |
175 |
2345 |
- |
बोनसाई |
ज्योति व्यास |
150 |
2346 |
- |
जय हिन्द की सेना |
महेन्द्र भीष्म |
150 |
2347 |
- |
सन् 2000 का जून |
संतोष गोयल |
175 |
2348 |
- |
लवंगी |
डॉ. मिथिलेश कुमारी मिश्र |
80 |
2349 |
- |
उपन्यास का आदमी |
डॉ. इन्दु पाण्डे |
65 |
2350 |
- |
कौन नहीं अपराधी |
कृष्णा अग्निहोत्री |
175 |
2351 |
- |
आना इस देश |
कृष्णा अग्निहोत्री |
55 |
2352 |
- |
अभिषेक |
कृष्णा अग्निहोत्री |
80 |
2353 |
- |
बित्ता भर की छोकरी |
कृष्णा अग्निहोत्री |
200 |
2354 |
- |
वनपाखी |
अमरीक सिंह दीप |
70 |
2355 |
- |
एक और पांचाली |
अमरीक सिंह दीप |
95 |
2356 |
- |
सम्बन्धों के किनारे |
सिम्मी हर्षिता |
80 |
2357 |
- |
प्रशस्तेकर्माणी |
कृष्णा अग्निहोत्री |
150 |
2358 |
- |
रेखाएँ आड़ी तिरछी |
प्रतिभा जौहरी |
140 |
2359 |
- |
यातना शिविर |
सिम्मी हर्षिता |
150 |
2360 |
- |
सेवा और समर्पण |
जयन्ती प्रसाद नौटियाल |
55 |
2361 |
- |
अंतिम साक्ष्य |
चन्द्रकांता |
80 |
2362 |
- |
भिखारिणी |
पं. विश्वम्भरनाथ कौशिक |
95 |
2363 |
- |
रेत में डूबी नदियाँ |
मूल अमरीक सिंह दीप |
0 |
2364 |
- |
नदी पीछे नहीं मुड़ती |
से. रा. यात्री |
0 |
2365 |
- |
अपवाद |
श्यामसखा श्याम |
0 |
2366 |
- |
कहानी - संग्रह |
|
|
2367 |
- |
ज़िन्दगी लौट आई थी |
रामदरश मिश्र |
150 |
2368 |
- |
पोलो विक्ट्री में गाइड |
राजेन्द्र राव |
195 |
2369 |
- |
भीड़ का चेहरा नहीं होता |
गोविन्द उपाध्याय |
175 |
2370 |
- |
कोठा नं- 64 |
राकेश शंकर भारती |
225 |
2371 |
- |
अपनी-अपनी दुनिया |
अवधेश श्रीवास्तव |
225 |
2372 |
- |
हाउस ऑफ लस्ट |
नरेन्द्र नागदेव |
195 |
2373 |
- |
लकीर |
गजेन्द्र रावत |
195 |
2374 |
- |
कानपुर की घातक कथाएँ-1 |
मृदुल कपिल |
185 |
2375 |
- |
कथापर्व (21 उत्कृष्ट कहानियाँ) |
सं. माधव सक्सेना |
295 |
2376 |
- |
गाँधी को मेरा सलाम |
एम. अली मदहोश |
150 |
2377 |
- |
नदी के उंगलियों के निशान |
कुसुम भट्ट |
125 |
2378 |
- |
इस जिन्दगी के उस पार |
राकेश शंकर भारती |
225 |
2379 |
- |
तुम ऐसी तो नहीं थी |
गोविन्द उपाध्याय |
160 |
2380 |
- |
एक पाती ऐसी भी |
कृष्णा अग्निहोत्री |
160 |
2381 |
- |
समर्पिता |
डॉ. नरेन्द्र मोहन अवस्थी |
175 |
2382 |
- |
तीन दुनियाओं की 21 और कहानियाँ |
अनु.व सं.तरसेम गुजराल |
250 |
2383 |
- |
तीर्थटन के बाद |
अमरीक सिंह दीप |
160 |
2384 |
- |
गाँव-परिवेश की कहानियाँ |
डॉ. सूर्यदीन यादव |
250 |
2385 |
- |
घुरिया |
मीना पाठक |
225 |
2386 |
- |
जीवन-मृत्यु (अस्पताल की कहानियाँ) |
सं. उर्मिला शिरीष |
225 |
2387 |
- |
जलपाश |
मृदुला श्रीवास्तव |
195 |
2388 |
- |
ताई |
पं. विश्वंभरनाथ शर्मा |
175 |
2389 |
- |
मेरा कमरा बदल दीजिए |
राजेश कुमार |
195 |
2390 |
- |
बा-मुलाहिजा होशियार |
हरभजन सिंह मेहरोत्रा |
160 |
2391 |
- |
इस जिन्दगी के उस पार |
राकेश शंकर भारती |
225 |
2392 |
- |
उपच्छाया |
दीपक शर्मा |
140 |
2393 |
- |
काफिल का कुत्ता |
विक्रम सिंह |
150 |
2394 |
- |
कभी हम भी तुम भी थे आसना |
मणिका मोहिनी |
150 |
2395 |
- |
स्पर्श रेखायें |
दीपक शर्मा |
150 |
2396 |
- |
गोड़पोछना |
जयनंदन |
225 |
2397 |
- |
एक थी माला |
इरा ठाकुर |
195 |
2398 |
- |
चाहती क्या है लड़की |
निर्मला डोसी |
160 |
2399 |
- |
कथानगर |
चन्द्रकान्ता |
195 |
2400 |
- |
और एक दिन |
नीरजा हेमेन्द्र |
195 |
2401 |
- |
ए लव स्टोरी वाया फेसबुक |
गिरीश पंकज |
175 |
2402 |
- |
एक अप्रेषित पत्र |
महेन्द्र भीष्म |
195 |
2403 |
- |
बदसूरत आदमी |
रणीराम गढ़वाली |
175 |
2404 |
- |
नैनसी का धूड़ा (स्वयं प्रकाश की ग्रामीण जीवन पर कहानियाँ) |
सं. रचना सिंह |
195 |
2405 |
- |
यह मिथक नहीं |
अमरीक सिंह दीप |
175 |
2406 |
- |
कथा और किन्नर |
डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
175 |
2407 |
- |
मंटो: विभाजन की कहानियाँ |
सं. नरेन्द्र मोहन |
150 |
2408 |
- |
कोठे पर कागा |
चन्द्रकांता |
125 |
2409 |
- |
चुनाव-मैदान में बंदूक सिंह |
सुरेश कांत |
150 |
2410 |
- |
ईश्वर की प्रतीक्षा |
गिरीश पंकज |
125 |
2411 |
- |
पंजाबी की चुनी हुई कहानियाँ |
सं. अमरीकसिंह दीप |
135 |
2412 |
- |
लड़कियों वाला घर |
सुभाष नीरव |
95 |
2413 |
- |
दफन हुए शिलालेख |
हरभजन सिंह मेहरोत्रा |
0 |
2414 |
- |
वनपाखी |
अमरीक सिंह दीप |
0 |
2415 |
- |
चन्द्रकांता की यादगारी कहानियाँ |
चन्द्रकान्ता |
135 |
2416 |
- |
सैन्य जीवन की कहानियाँ |
सं. हरेन्द्र सिंह भदौरिया |
195 |
2417 |
- |
नो मैन्स लैण्ड |
अनु. अमरीक सिंह दीप |
75 |
2418 |
- |
एक टुकड़ा कस्तूरी |
सूर्यबाला |
65 |
2419 |
- |
गैरहाजिरी के बावजूद |
सूर्यबाला |
65 |
2420 |
- |
विदा की तकलीफ |
से. रा. यात्री |
70 |
2421 |
- |
वे नहीं आये |
गिरिराज किशोर |
70 |
2422 |
- |
दहलीज पर न्याय |
चन्द्रकांता |
70 |
2423 |
- |
पतली गली का बंद मकान |
रणीराम गढ़वाली |
70 |
2424 |
- |
बरगद की छाँव में |
उषा भटनागर |
95 |
2425 |
- |
और कितने टुकड़े |
विक्रम सिंह |
85 |
2426 |
- |
जी हाँ मैं लेखिका हूँ |
नीरजा हेमेन्द्र |
125 |
2427 |
- |
हाशिए पर उगते हुए सूरज |
डॉ. दीप्ती गुप्ता |
125 |
2428 |
- |
आधी पीली आधी हरी |
डॉ. गौतम सचदेव |
75 |
2429 |
- |
कविता - संग्रह |
|
|
2430 |
- |
तिनका-तिनका आग |
जयप्रकाश कर्दम |
175 |
2431 |
- |
कठघरे में खड़े जंगल का बयान |
डॉ. सुरेश अवस्थी |
250 |
2432 |
- |
हिन्दू |
डॉ. सर्वेश सिंह |
150 |
2433 |
- |
दस्तक |
डॉ. आरिफ महात |
225 |
2434 |
- |
वर्तमान की वैदेही |
संगीता गौतम |
225 |
2435 |
- |
रुह से कविता (भाग-5) |
नीलम रानी गुप्ता |
275 |
2436 |
- |
बुढ़िया, सूत और सपने |
विश्वनाथ सचदेव |
175 |
2437 |
- |
कविता की चौखट |
भूपिंदर कौर |
125 |
2438 |
- |
दर्द के दायरे |
विजय निकोर |
175 |
2439 |
- |
पुकारता हूँ कबीर |
भरत प्रसाद |
175 |
2440 |
- |
बहता है दर्द |
विजय निकोर |
125 |
2441 |
- |
इक पावक ऋतुओं पर भारी |
अशोक सिंह |
70 |
2442 |
- |
दफन हुए शिलालेख |
हरभजन सिंह मेहरोत्रा |
140 |
2443 |
- |
समय के अश्व पर |
उद्भ्रांत |
150 |
2444 |
- |
देवदारु सी लम्बी - गहरी सागर सी |
उद्भ्रांत |
100 |
2445 |
- |
गीत गंगा |
गोपाल दास नीरज |
60 |
2446 |
- |
प्रवेशिका - प्रथम |
गोपाल दास नीरज |
60 |
2447 |
- |
प्रवेशिका - द्वितीय |
गोपाल दास नीरज |
60 |
2448 |
- |
गीत श्री |
गोपाल दास नीरज |
60 |
2449 |
- |
गीत गंगा |
गोपाल दास नीरज |
60 |
2450 |
- |
चुनी हुई कहानियाँ श्रंखला |
|
|
2451 |
- |
सूर्यबाला : चुनी हुई कहानियाँ |
तरसेम गुजराल |
125 |
2452 |
- |
तरसेम गुजराल : चुनी हुई कहानियाँ |
तरसेम गुजराल |
125 |
2453 |
- |
सुधा अरोड़ा : चुनी हुई कहानियाँ |
सं. अरुण होता |
150 |
2454 |
- |
दामोदर खड़से: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलराम |
125 |
2455 |
- |
सुरेश उनियाल: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलराम |
125 |
2456 |
- |
राजकमल: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलराम |
125 |
2457 |
- |
बलराम: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलराम |
125 |
2458 |
- |
गोविन्द उपाध्याय: चुनी हुई कहानियाँ |
गोविन्द उपाध्याय |
135 |
2459 |
- |
सुशीला टाकभौरे: चुनी हुई कहानियाँ |
सुशीला टाकभौरे |
150 |
2460 |
- |
क़मर मेवाड़ी: चुनी हुई कहानियाँ |
क़मर मेवाड़ी |
150 |
2461 |
- |
नीलाम्बर कौशिक: चुनी हुई कहानियाँ |
नीलाम्बर कौशिक |
125 |
2462 |
- |
सत्येन्द्र चतुर्वेदी : चुनी हुई कहानियाँ |
सत्येन्द्र चतुर्वेदी |
95 |
2463 |
- |
असगर वजाहत : चुनी हुई कहानियाँ |
अनीता मिश्र |
150 |
2464 |
- |
अमरेन्द्र मिश्र : चुनी हुई कहानियाँ |
अमरेन्द्र मिश्रा |
125 |
2465 |
- |
रूप सिंह चंदेल : चुनी हुई कहानियाँ |
रूप सिंह चंदेल |
150 |
2466 |
- |
विष्णु प्रभाकर: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलदेव वंशी |
65 |
2467 |
- |
रामदरश मिश्र: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलदेव वंशी |
65 |
2468 |
- |
वल्लभ डोभाल: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलदेव वंशी |
65 |
2469 |
- |
महीप सिंह: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलदेव वंशी |
65 |
2470 |
- |
रमेश बक्षी: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलदेव वंशी |
65 |
2471 |
- |
वेदप्रकाश अमिताभ: चुनी हुई कहानियाँ |
डॉ. वेदप्रकाश अमिताभ |
75 |
2472 |
- |
राजी सेठ: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. डॉ. बलदेव वंशी |
60 |
2473 |
- |
मृदुला गर्ग: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. डॉ. बलदेव वंशी |
70 |
2474 |
- |
नासिरा शर्मा: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. डॉ. बलदेव वंशी |
75 |
2475 |
- |
सिम्मी हर्षिता: चुनी हुई कहानियाँ |
सिम्मी हर्षिता |
75 |
2476 |
- |
विश्वम्भरनाथ कौशिक: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. अमरीकसिंह दीप |
100 |
2477 |
- |
चित्र मुद्गल: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. डॉ. बलदेव वंशी |
80 |
2478 |
- |
मुक्ताः चुनी हुई कहानियाँ |
मुक्ता |
70 |
2479 |
- |
चंद्रकांताः चुनी हुई कहानियाँ |
चंद्रकांता |
70 |
2480 |
- |
अमरीक सिंह दीप: चुनी हुई कहानियाँ |
अमरीक सिंह दीप |
95 |
2481 |
- |
राजेन्द्र राव: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. अमरीक सिंह दीप |
125 |
2482 |
- |
कृष्ण बिहारी: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. अमरीक सिंह दीप |
150 |
2483 |
- |
जयनन्दन: चुनी हुई कहानियाँ |
जयनंदन |
175 |
2484 |
- |
कुसुम अंसल: चुनी हुई कहानियाँ |
सं. बलदेव वंशी |
195 |
2485 |
- |
कुसुम खेमानी: चुनी हुई कहानियाँ |
कुसुम खेमानी |
175 |
2486 |
- |
हरीश पाठक: चुनी हुई कहानियाँ |
हरीश पाठक |
195 |
2487 |
- |
उर्मिला शिरीष: चुनी हुई कहानियाँ |
उर्मिला शिरीष |
195 |
2488 |
- |
रणीराम गढ़वाली: चुनी हुई कहानियाँ |
रणीराम गढ़वाली |
150 |
2489 |
- |
धीरेन्द्र अस्थाना: चुनी हुई कहानियाँ |
धीरेन्द्र अस्थाना |
175 |
2490 |
- |
राजेन्द्र मोहन भटनागर : चुनी हुई कहानियाँ |
रा.मो. भटनागर |
175 |
2491 |
- |
व्यंग्य-संग्रह |
|
|
2492 |
- |
हंसो हंसो यार हंसो |
प्रेम जनमेजय |
195 |
2493 |
- |
लेखक की दाढ़ी में चमचा |
सुरेश कांत |
225 |
2494 |
- |
बेशर्म समय में |
डॉ. अतुल चतुर्वेदी |
175 |
2495 |
- |
पांडे जी ओ पांडे जी |
लालित्य ललित |
195 |
2496 |
- |
पन्हैयानर्तन |
हरि जोशी |
0 |
2497 |
- |
मौसम है सेल्फियाना |
गिरीश पंकज |
195 |
2498 |
- |
लक्ष्मी से अनबन |
राजेन्द्र वर्मा |
150 |
2499 |
- |
व्यंग्य-शतक |
शशिकांत सिंह |
175 |
2500 |
- |
मुल्ला तीन प्याजा |
सुरेश कांत |
195 |
2501 |
- |
जोकर जि़ंदाबाद |
शशिकांत सिंह शशि |
160 |
2502 |
- |
राग लन्तरानी |
सुशील सिद्धार्थ |
195 |
2503 |
- |
बॉस, तुसी ग्रेट हो! |
सुरेश कांत |
195 |
2504 |
- |
हरपाल सिंह का लोकतंत्र |
अरविन्द कुमार खेड़े |
175 |
2505 |
- |
नये नवेले व्यंग्य |
सं. सुशील, राहुल |
225 |
2506 |
- |
कुछ अलग |
सुरेश कांत |
195 |
2507 |
- |
दशानन का हलफनामा |
डॉ. सुरेश अवस्थी |
150 |
2508 |
- |
बुद्धिमान की मूर्खता |
वीरेन्द्र सरल |
160 |
2509 |
- |
मेरी शिकायत यह है कि |
राजेश कुमार |
175 |
2510 |
- |
व्यंग्य नहीं हकीकत है ये |
निर्मला सिंह |
95 |
2511 |
- |
तरकश के तीर |
शरद सुनेरी |
125 |
2512 |
- |
इस हमाम में |
सूर्यबाला |
95 |
2513 |
- |
नाटक / एकांकी |
|
|
2514 |
- |
उत्तिष्ठ भारत |
डॉ. त्रिभुवन नाथ शुक्ल |
45 |
2515 |
- |
लोकनायक युगे-युगे |
डॉ. बलदेव वंशी |
70 |
2516 |
- |
कहै कबीर सुनो भई साधु |
नरेन्द्र मोहन |
40 |
2517 |
- |
समवादी सत्ता |
डॉ. सुरेश चन्द्र |
95 |
2518 |
- |
बात एक हर्ष की |
डॉ. सुरेश चन्द्र शुक्ल |
60 |
2519 |
- |
कठपुतली का विद्रोह |
डॉ. धरणेन्द्र कुरकुरी |
40 |
2520 |
- |
झीनी-झीनी भीनी चदरिया |
डॉ. सरजू प्रसाद मिश्र |
50 |
2521 |
- |
चन्द्रगुप्त |
जयशंकर प्रसाद |
40 |
2522 |
- |
स्कंदगुप्त |
जयशंकर प्रसाद |
40 |
2523 |
- |
अजातशत्रु |
जयशंकर प्रसाद |
40 |
2524 |
- |
ध्रुवस्वामिनी |
जयशंकर प्रसाद |
20 |
2525 |
- |
संस्मरण |
|
|
2526 |
- |
कर्मयोगी (मुख्यमंत्री उ. प्र. आदित्यनाथ के संस्करण) |
रामेन्द्र सिन्हा |
225 |
2527 |
- |
यादों के झरोखे से |
अरुण प्रकाश अग्निहोत्री |
125 |
2528 |
- |
कानपुर ओह कानपुर |
उद्भ्रांत |
200 |
2529 |
- |
डायरी / पत्र साहित्य / आत्मकथा |
|
|
2530 |
- |
विश्वास जिन्दा है (डायरी) |
रामदरश मिश्र |
175 |
2531 |
- |
कोहिनूर जहां भी रहा अनमोल रहा (उदय प्रताप सिंह की जीवनी) |
मनोरमा श्रीवास्तव |
200 |
2532 |
- |
पत्र भी इतिहास भी (पत्र-साहित्य) |
उद्भ्रांत |
495 |
2533 |
- |
मैंने जो जिया (बीज की यात्र) भाग-1 (आत्मकथा) |
उद्भ्रांत |
395 |
2534 |
- |
दलित साहित्य |
|
|
2535 |
- |
चन्द्रिका प्रसाद जिज्ञासु रचनावली (भाग 1) |
सम्पा. कँवल भारती |
395 |
2536 |
- |
लोकार्पण की भूमिका: काव्य नाटक और दलित विमर्श |
उद्भ्रांत |
60 |
2537 |
- |
जगजीवन राम और उनका नेतृत्व |
ई. राजेन्द्र प्रसाद |
250 |
2538 |
- |
संत साहित्य |
|
|
2539 |
- |
रामायण: समय की कसौटी पर |
अरुणा त्रिवेदी |
225 |
2540 |
- |
कुम्भ : संतों का मेला |
देवकीनन्दन मिश्र |
125 |
2541 |
- |
संत गाडगे और उनका जीवन संघर्ष |
इं. राजेन्द्र प्रसाद |
125 |
2542 |
- |
युग संत कवि रामतीर्थ |
डॉ. मीनाक्षी मोहन |
100 |
2543 |
- |
समर्थ गुरु स्वामी रामदास |
डॉ. केशव प्रथमवीर |
80 |
2544 |
- |
भारतीय संत परम्परा और नारायण गुरु |
श्री नीलकंठन नंपुतिरि |
80 |
2545 |
- |
संत कवि अख़ा जी |
बसन्त कुमार परिहार |
80 |
2546 |
- |
संत जनाबाई |
घोरपड़े पदमजा |
60 |
2547 |
- |
संत शिरोमणि पीपा जी |
डॉ. जगमल सिंह |
100 |
2548 |
- |
संत एकनाथ |
सुनीति चिटगोपेकर |
100 |
2549 |
- |
संत कवि आपा |
उदय प्रताप सिंह |
70 |
2550 |
- |
ग़ज़ल /शायरी संग्रह |
|
|
2551 |
- |
नीरज की ग़ज़लें |
गोपालदास नीरज |
50 |
2552 |
- |
वक्त के आइने (नज़्म संग्रह) |
सं. दीप्ती गुप्ता |
95 |
2553 |
- |
इस जिन्दगी की जय |
चन्द्रसेन विराट |
195 |
2554 |
- |
बिखरी यादें |
राजेन्द्र अख्तर |
100 |
2555 |
- |
ज़माना कहता रहे |
नलिन श्रीवास्तव |
100 |
2556 |
- |
अकबर इलाहाबादी की शायरी (भाग-1) |
सं. प्रो.ओमराज |
100 |
2557 |
- |
अकबर इलाहाबादी की शायरी (भाग-2) |
सं. प्रो.ओमराज |
100 |
2558 |
- |
वक्त के आइने (नज़्म संग्रह) |
सुरेन्द्र भूटानी |
95 |
2559 |
- |
मीडिया/पत्रकारिता |
|
|
2560 |
- |
मीडिया हूँ मैं |
जयप्रकाश त्रिपाठी |
550 |
2561 |
- |
क्लास रिपोर्टर |
जयप्रकाश त्रिपाठी |
80 |
2562 |
- |
प्रयोजनमूलक हिन्दी/अनुवाद विज्ञान/भाषा विज्ञान/व्याकरण/काव्यशास्त्र |
|
|
2563 |
- |
प्रयोजनमूलक हिंदी के नए आयाम |
डॉ. पंडित बन्ने |
250 |
2564 |
- |
अनुवाद: समस्याएँ एवं समाधान |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
350 |
2565 |
- |
अनुवाद चिंतन |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
350 |
2566 |
- |
हिन्दी साहित्य का इतिहास |
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल |
200 |
2567 |
- |
हिंदीतर प्रदेशों में हिन्दी भाषा शिक्षण |
डॉ. पुष्पा |
295 |
2568 |
- |
हिन्दी व्याकरण |
कामता प्रसाद गुप्त |
295 |
2569 |
- |
भारतीय काव्यशास्त्र |
सच्चिदानंद चतुर्वेदी |
175 |
2570 |
- |
भारतीय काव्य सिद्धान्त |
डॉ. ज्ञानराज गायकवाड |
200 |
2571 |
- |
पाश्चात्य काव्य सिद्धान्त |
डॉ. ज्ञानराज गायकवाड |
200 |
2572 |
- |
ज्ञानवर्धक/समाजवाद/ज्योतिष विज्ञान/वास्तुशास्त्र |
|
|
2573 |
- |
पीले सोने का देश (द चंबल बुक) |
आदर्श गुप्ता |
595 |
2574 |
- |
एक अंतर्यात्री : सुरेन्द्र चतुर्वेदी |
सफलता सरोज |
295 |
2575 |
- |
श्री रामनाथ कोविंद: परौंख से राष्ट्रपति भवन तक |
सं. नीलाम्बर कौशिक |
175 |
2576 |
- |
1857: गदर या क्रांति |
डॉ. अरविंद अरोड़ा |
175 |
2577 |
- |
जियो जी भर के |
सुबोध मिश्र |
195 |
2578 |
- |
कर्म योगी (संस्मरण) |
रामेन्द्र सिन्हा |
225 |
2579 |
- |
ओंग सान सू की |
शशिधर खान |
175 |
2580 |
- |
जीत और हार (हौसलों की उड़ान) |
सूरज महेन्द्र दीक्षित |
70 |
2581 |
- |
हिन्दुत्व में जातिप्रथा और अन्तर्जातीय विवाह |
डॉ. सीताराम पासवान |
95 |
2582 |
- |
आईने में उतरा एक आकाश (डॉ. शम्भुनाथ की जीवनी) |
मनोरमा श्रीवास्तव |
125 |
2583 |
- |
तूती-ए-हिन्दुस्तां : पटियाली के अमीर खुसरो |
डॉ. ओम गुप्ता |
295 |
2584 |
- |
कम्प्यूटर शिक्षण एवं आधुनिक तकनीक |
श्याम सिंह |
195 |
2585 |
- |
सत्य की खोज |
देवेन्द्र कुमार |
60 |
2586 |
- |
मेरी संवेदना मैं वास्तविकता का शौकीन हूँ |
अखिलेश निगम अखिल |
80 |
2587 |
- |
Learning Hindi Through English |
Dr. Vidya Shree |
100 |
2588 |
- |
जीतने के लिये फिर खेलना होगा |
श्याम प्रीत |
60 |
2589 |
- |
रामायण: समय की कसौटी पर |
अरुणा त्रिवेदी |
225 |
2590 |
- |
विश्वस्तरीय भारतीय ज्योतिष विज्ञान |
डॉ. सीताराम पासवान |
195 |
2591 |
- |
वास्तुशास्त्र का आसान अध्ययन |
डॉ. सीताराम पासवान |
150 |
2592 |
- |
खण्ड काव्य / प्रबन्ध काव्य / लोक साहित्य / लोक संस्कृति / समाजवाद |
|
|
2593 |
- |
स्वयंप्रभा (खण्डकाव्य) |
उद्भ्रांत |
150 |
2594 |
- |
वक्रतुण्ड (खण्डकाव्य) |
उद्भ्रान्त |
70 |
2595 |
- |
राधामाधव (प्रबंध काव्य) |
उद्भ्रांत |
195 |
2596 |
- |
पंखुरियाँ अंतर्द्वंद्वों की (प्रबंध काव्य) |
सं.डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
60 |
2597 |
- |
चन्द तस्वीरें: चन्द खतूूत |
सं. एस.एम. शाहिद |
225 |
2598 |
- |
मूसा से मार्क्स तक (समाजवाद) |
अनु. सईद नकवी |
175 |
2599 |
- |
लोक कला / मनोविज्ञान / शोध संस्कृति / स्त्री काव्य |
|
|
2600 |
- |
कर्नाटक की लोक कलाएँ |
अनु.प्रो.परिमला अंबेकर |
100 |
2601 |
- |
अधिगम के लिए आकलन |
डॉ. पुष्पा |
150 |
2602 |
- |
शोध संस्कृति |
संजय नवले |
150 |
2603 |
- |
लोक कह्याँ बिगड़ी (स्त्री काव्य संकलन) |
संपा. प्रो. परिमला अंबेकर |
60 |
2604 |
- |
प्रेमचन्द साहित्य |
|
|
2605 |
- |
प्रतिज्ञा |
मुंशी प्रेमचन्द |
40 |
2606 |
- |
गबन |
मुंशी प्रेमचन्द |
75 |
2607 |
- |
सेवासदन |
मुंशी प्रेमचन्द |
70 |
2608 |
- |
निर्मला |
मुंशी प्रेमचन्द |
40 |
2609 |
- |
गोदान |
मुंशी प्रेमचन्द |
175 |
2610 |
- |
प्रसाद साहित्य |
|
|
2611 |
- |
ध्रुवस्वामिनी |
जयशंकर प्रसाद |
20 |
2612 |
- |
चन्द्रगुप्त |
जयशंकर प्रसाद |
40 |
2613 |
- |
स्कन्दगुप्त |
जयशंकर प्रसाद |
40 |
2614 |
- |
अजातशत्रु |
जयशंकर प्रसाद |
40 |
2615 |
- |
पेपरबैक संस्करण |
|
|
2616 |
- |
2022-23 |
|
|
2617 |
- |
उपन्यास |
|
|
2618 |
978-93-90265-25-1 |
उड़ान |
रूपसिंह चंदेल |
450 |
2619 |
978-93-90265-29-9 |
बाकी सब खैरियत है |
चन्द्रकान्ता |
325 |
2620 |
978-93-90265-33-6 |
3020 ई. |
राकेश शंकर भारती |
450 |
2621 |
978-93-945410-6-6 |
पंथ-पंथ निहारि |
तरसेम गुजराल |
495 |
2622 |
978-93-90265-51-0 |
अमेरिकी लालू (व्यंग्य उपन्यास) |
हरी जोशी |
400 |
2623 |
978-93-91913-01-4 |
देह के पुल पर खड़ी लड़की |
कृष्णा नागपाल |
325 |
2624 |
978-93-91913-10-6 |
हवा में चिराग |
गोविन्द मिश्र |
340 |
2625 |
978-93-91913-16-8 |
अनन्त की ओर |
प्रभा माथुर |
250 |
2626 |
978-93-91913-24-3 |
वेलकम प्रज्ञा |
गोविन्द उपाध्याय |
295 |
2627 |
978-93-91913-95-3 |
कोई एक सपना |
उर्मिला शिरीष |
250 |
2628 |
978-93-91913-92-2 |
पनिहारी |
प्रभा माथुर |
250 |
2629 |
978-93-91912-54-0 |
निजाम |
मोहनदास नैमिषराय |
|
2630 |
- |
मंगलम |
कृष्णा अग्निहोत्राी |
|
2631 |
978-93-91912-81-6 |
भीगा बचपन |
ऋचा दीक्षित |
200 |
2632 |
978-93-91913-70-0 |
वृंदावन से वृंदावनलाल वर्मा |
डॉ. दया दीक्षित |
450 |
2633 |
978-93-91913-63-2 |
यादों के दायरे |
अनु. अरिफा शेख |
325 |
2634 |
978-93-90265-52-7 |
हनी ट्रैप |
गिरीश पंकज |
425 |
2635 |
- |
कहानी - संग्रह |
|
|
2636 |
978-93-91913-55-7 |
पोशनूल की वापसी |
चंद्रकांता |
250 |
2637 |
978-93-91913-22-9 |
तू चलता चल |
तेजेन्द्र शर्मा |
375 |
2638 |
978-93-91913-46-5 |
महाशूद्र-महाब्राह्मण |
मोहनदास नैमिशराय |
325 |
2639 |
978-93-91913-85-4 |
तलाश |
जयप्रकाश कर्दम |
300 |
2640 |
978-93-91913-96-0 |
पिया मेंहदी लगाए द मोतीझील से |
नीहार गीते |
350 |
2641 |
978-93-91913-36-6 |
हासिये पर लोग (वृद्ध विमर्श की कहानियां ) |
रूप सिंह चंदेल |
350 |
2642 |
978-93-91913-80-9 |
नैवेद्य |
सूर्यबाला |
|
2643 |
978-93-90265-53-4 |
पहला प्यार तथा अन्य कहानियां |
प्रदीप पंत |
350 |
2644 |
- |
कविता-संग्रह |
|
|
2645 |
978-93-91913-53-3 |
समवेत |
रामदरश मिश्र |
175 |
2646 |
978-93-90265-26-8 |
दुनिया के बाजार में |
जयप्रकाश कर्दम |
295 |
2647 |
978-93-90265-34-3 |
ग्राम्य-दर्शन |
रघुवीर सिंह |
395 |
2648 |
978-93-90265-35-0 |
दीवारें सुन रही है... |
डॉ. सुरेश अवस्थी |
225 |
2649 |
978-93-90265-40-4 |
सहमी सहमी सदी |
डॉ. कमल मुसद्दी |
250 |
2650 |
978-93-90265-45-9 |
पृथ्वी-आकाश |
उद्भ्रांत |
325 |
2651 |
978-93-90265-47-3 |
मेरे भीतर और बाहर एक पृथ्वी |
डॉ. राणा प्रताप सिंह |
325 |
2652 |
978-93-90265-48-0 |
वो अपना घर |
डॉ. बी.आर. गुप्ता |
275 |
2653 |
978-93-90265-50-3 |
चरैवेति चरैवति |
शीलेन्द्र वशिष्ठ |
295 |
2654 |
978-93-91913-15-1 |
वन्दे भारत |
कुसुम सिंह |
350 |
2655 |
978-93-91913-32-8 |
धरती का बचपन, बचपन की धरती |
सं. भरत प्रसाद |
475 |
2656 |
978-93-91913-48-9 |
दुपट्टा |
डॉ. मुकेश कुमार सिंह |
275 |
2657 |
978-93-91913-72-4 |
मेरी कविताओं का आकाश |
डॉ. वी. एन. सिंह |
195 |
2658 |
978-93-91913-84-7 |
विठोबा |
उर्मिला चाकूरकर |
150 |
2659 |
978-93-91913-28-1 |
लहरिया ई पावन हो |
अम्बे कुमारी |
150 |
2660 |
978-93-91913-27-4 |
हर दिशा विक्षित कमल ज्यों |
डॉ. राम कुमार त्रिपाठी |
400 |
2661 |
978-93-91913-35-9 |
गाओं मन के गीत प्रिये |
डॉ. राम कुमार त्रिपाठी |
400 |
2662 |
978-93-91913-44-1 |
जलता रहे दिया तथा अन्य कवितायें |
डॉ. राकेश शुक्ला |
175 |
2663 |
- |
साक्षात्कार/इतिहास/आत्मकथा/संस्मरण |
|
|
2664 |
978-93-91913-78-6 |
राष्ट्रमंथन |
पायल सोनी |
400 |
2665 |
978-93-90265-41-1 |
सवालों से टकराते हुए (साक्षात्कार) |
दिविक रमेश |
495 |
2666 |
978-93-90265-49-7 |
अमावन्त (भारत का प्राचीनतम नाम) |
अखिलेश चंद्र उपाध्याय |
425 |
2667 |
978-93-91913-17-5 |
गोरों का दुस्साहस (इतिहास) |
राजगोपाल सिंह वर्मा |
495 |
2668 |
978-93-90265-37-4 |
कानपुर की चित्राकला, मूर्तिकला और स्थापत्य कला का इतिहास |
डॉ. सर्वेश कुमार |
750 |
2669 |
978-93-91913-49-6 |
कानपुर के हिन्दी साहित्य का इतिहास |
डॉ. सर्वेश कुमार |
550 |
2670 |
978-93-91913-73-1 |
नर्क से स्वर्ग तक (आत्मकथा) |
अनु. युक्तेश्वर कुमार |
450 |
2671 |
978-93-91913-30-4 |
दुख ही जीवन की कथा रही (निराला की आत्मकथा) |
डॉ. सूर्यप्रसाद दीक्षित |
550 |
2672 |
978-93-91913-14-4 |
मैंने जो जिया-2: किस रह से गुजरा हूँ (आत्मकथा का दूसरा भाग) |
उद्भ्रांत |
895 |
2673 |
978-93-91913-61-8 |
सुधियों के छंद (संस्मरण) |
चन्द्रकान्ता |
300 |
2674 |
- |
व्यंग्य संग्रह/समग्र साहित्य: मूल्यांकन |
|
|
2675 |
978-93-91913-79-3 |
पति पत्नी और हिन्दी साहित्य (व्यंग्य) |
सूर्यबाला |
250 |
2676 |
978-93-91913-97-7 |
बबूल मेज (कथाकार शशांक की सृजन यात्रा) |
सं. उर्मिला शिरीष |
495 |
2677 |
978-93-91913-56-4 |
मुक्ता की सृजन भूमि (आलोचना) |
सं. ध्नंजय सिंह |
700 |
2678 |
978-93-91913-31-1 |
स्त्राी पक्षध्रता का मुखर स्वर: सुध अरोड़ा (आलोचना) |
सं. सूर्यनारायण रणसुभे |
995 |
2679 |
- |
आलोचना |
|
|
2680 |
978-93-90265-31-2 |
साहित्यिक शोध् और बोध् |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
495 |
2681 |
978-93-90265-32-9 |
विश्वमंच पर हिंदी: विविध् आयाम |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
250 |
2682 |
978-93-90265-36-7 |
केरल के दिवंगत हिंदी सेवी और डॉ. जे. हैमवती अम्मा |
सं. डॉ. आरसु |
1475 |
2683 |
978-93-91913-18-2 |
नारी सशक्तिकरण के आयाम और चुनौतियाँ |
डॉ. वी.एन. सिंह |
495 |
2684 |
978-93-91913-09-0 |
नारी सशक्तिकरण और समाज |
डॉ. वी. एन. सिंह |
495 |
2685 |
978-93-91913-41-0 |
दलित और आदिवासी साहित्य चिंतन के आद्य बिन्दु |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
475 |
2686 |
978-93-90265-27-5 |
हिन्दी उपन्यासों में विभाजन |
षीना एम. ए. |
325 |
2687 |
978-93-91913-71-7 |
हिन्दी: भाषा, संस्कृति और राष्ट्रीयता |
जयप्रकाश कर्दम |
250 |
2688 |
978-93-90265-46-6 |
हिन्दी भाषा एवं साहित्य: एक समग्र अवलोकन (नेट/स्लेट) |
डॉ. विद्यासागर सिंह |
595 |
2689 |
978-93-90265-30-5 |
साहित्यिक कालजयी रचनाकार प्रेमचन्द |
डॉ. राजेश कुमार |
275 |
2690 |
978-93-90265-39-8 |
डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का साहित्य विमर्श |
डॉ. पीयूष कुमार द्विवेदी |
295 |
2691 |
978-93-90265-42-8 |
चन्द्रकान्ता के उपन्यासों में जीवन संघर्ष |
आजाद सक्सेना |
725 |
2692 |
978-93-90265-44-2 |
हिन्दी गजल: कथ्य और शिल्प |
डॉ. शमीम निग्हत |
475 |
2693 |
978-93-90265-54-1 |
राष्ट्रकूट साम्राज्य और जैन धर्म |
अनु. प्रतिभा मुदलियार |
695 |
2694 |
978-93-90265-55-8 |
डॉ. सूर्यबाला कृत दीक्षांत एक परिचय |
डॉ. बलवंत बी.एस. |
195 |
2695 |
978-93-90265-56-5 |
सद्गुरु शोभन सरकार |
डॉ. दीपमाला सेंगर |
- |
2696 |
978-93-90265-57-2 |
हिन्दी का उपन्यास साहित्य: मिथकीय चेतना और सामाजिक सरोकार |
डॉ. एस. कृष्ण बाबु |
625 |
2697 |
978-93-90265-59-6 |
सामाजिक समस्याओं के परिप्रेक्ष्य में नरेन्द्र कोहली की कहानियाँ |
डॉ. सौम्या बी. एल. |
725 |
2698 |
978-93-90265-61-9 |
मृदुला गर्ग के उपन्यास "उसके हिस्से की धूप" एक प्रेमकथा |
डॉ. मुक्कप्पा राठोड |
250 |
2699 |
978-93-91913-00-7 |
साहित्य साध्ना (डॉ. देवीदास इंगले गौरव ग्रंथ) |
सं. डॉ. अशोक मर्डे |
795 |
2700 |
978-93-91913-02-1 |
मुक्तिबोध् कृत "अंधेरे में" पाठ व अर्थ की खोज |
विवेक कुमार मिश्र |
295 |
2701 |
978-93-91913-07-6 |
मोहन राकेश के उपन्यासों में नारी |
डॉ. के. सध्या रानी |
525 |
2702 |
978-93-91913-33-5 |
बहुआयामी पूर्वोत्तर भारत |
सं. आलोक सिंह |
650 |
2703 |
978-93-91913-50-2 |
भाषा और साहित्य: विमर्श एवं विश्लेषण |
डॉ. के. श्रीलता विष्णु |
450 |
2704 |
978-93-91913-65-6 |
नयी सदी की कविता में विविध् विमर्श |
डॉ. शिव कुमार |
395 |
2705 |
978-93-91913-87-8 |
मलयालम कविता के विविध् सोपान |
डॉ. बिनु पुलारी |
250 |
2706 |
978-93-91913-88-5 |
स्नेह सृजन एवं स्त्राी सशक्तिकरण (प्रतिभा मुदलियार अभिनंदन ग्रंथ) |
सं. अरविंद बाजपेयी |
725 |
2707 |
978-93-91913-45-8 |
संस्कृत भाषा का तथ्यपरक इतिहास तथा प्रमुख प्राचीन लिपियाँ |
शिव प्रसाद लाल |
495 |
2708 |
978-93-91913-04-5 |
भारतीय संस्कृति के विविध् पक्ष |
डॉ. स्वाति पाण्डेय |
400 |
2709 |
978-93-91913-60-1 |
मुक्तिबोध् का साहित्य |
डॉ. जसटी एमानुएल |
375 |
2710 |
978-93-91913-11-3 |
समकालीन हिंदी साहित्य: विविध् परिदृश्य |
डॉ. प्रमोद कोव्वप्रत |
695 |
2711 |
978-93-91913-19-9 |
लगन से गगन तक |
सुबोध् मिश्रा |
295 |
2712 |
978-93-91913-76-2 |
मानवीय संवेदनाओं के कथाकार: तेजेन्द्र शर्मा |
सं. योग्यता भार्गव |
- |
2713 |
978-93-91913-93-9 |
हिंदी क्रिया कोष |
डॉ. त्रिभुवन नाथ शुक्ला |
795 |
2714 |
978-93-91913-62-6 |
मिथकीय सीमाओं से परे "रुद्रावतार" |
दिनेश कुमार माली |
250 |
2715 |
978-93-91913-64-0 |
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के उपन्यासों एवं निबंधें में आये संदर्भों की मौलिक गवेषणा |
डॉ. मनमोहन शुक्ल |
895 |
2716 |
978-93-92439-05-6 |
समकालीन साहित्य में तृतीय प्रकृति समुदाय |
डॉ. शबाना हबीब |
300 |
2717 |
978-93-86784-53-7 |
पाली जातक कथाओं में बुद्धकीय प्रबंधन |
डॉ. जसबीर चावला |
295 |
2718 |
978-93-91913-23-6 |
आदिवासी साहित्य चिंतन एवं दिशाएँ |
डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
475 |
2719 |
978-93-90265-25-1 |
उड़ान |
रूपसिंह चंदेल |
450 |
2720 |
978-93-90265-29-9 |
बाकी सब खैरियत है |
चन्द्रकान्ता |
325 |
2721 |
- |
मंगलम |
कृष्णा अग्निहोत्राी |
|
2722 |
978-93-90265-33-6 |
3020 ई. |
राकेश शंकर भारती |
450 |
2723 |
978-93-945410-6-6 |
पंथ निहारि निहारि |
तरसेम गुजराल |
495 |
2724 |
978-93-90265-51-0 |
अमेरिकी लालू (व्यंग्य उपन्यास) |
हरि जोशी |
400 |
2725 |
978-93-91913-01-4 |
देह के पुल पर खड़ी लड़की |
कृष्णा नागपाल |
325 |
2726 |
978-93-91913-10-6 |
हवा में चिराग |
गोविन्द मिश्र |
340 |
2727 |
978-93-91913-16-8 |
अनन्त की ओर |
प्रभा माथुर |
250 |
2728 |
978-93-91913-92-2 |
पनिहारी |
प्रभा माथुर |
250 |
2729 |
978-93-91913-24-3 |
वेलकम प्रज्ञा |
गोविन्द उपाध्याय |
295 |
2730 |
978-93-91913-95-3 |
कोई एक सपना |
उर्मिला शिरीष |
250 |
2731 |
978-93-91912-54-0 |
निजाम |
मोहनदास नैमिषराय |
|
2732 |
978-93-91912-81-6 |
भीगा बचपन |
ऋचा दीक्षित |
200 |
2733 |
978-93-91913-70-0 |
वृंदावन से वृंदावनलाल वर्मा |
डॉ. दया दीक्षित |
450 |
2734 |
978-93-91913-63-2 |
यादों के दायरे |
अनु. अरिपफा शेख |
325 |
2735 |
978-93-90265-12-1 |
बर्फ और अंगारे |
सुधाकर अदीब |
450 |
2736 |
978-93-90265-08-4 |
कितनी मरीचिकाएँ |
मीना गुप्ता |
295 |
2737 |
978-93-91913-55-7 |
पोशनूल की वापसी |
चंद्रकांता |
250 |
2738 |
978-93-91913-22-9 |
तू चलता चल |
तेजेन्द्र शर्मा |
375 |
2739 |
978-93-91913-46-5 |
महाशूद्र-महाब्राह्मण |
मोहनदास नैमिशराय |
325 |
2740 |
978-93-91913-85-4 |
तलाश |
जयप्रकाश कर्दम |
300 |
2741 |
978-93-91913-96-0 |
पिया मेंहदी लगाए द मोतीझील से |
नीहार गीते |
350 |
2742 |
978-93-91913-36-6 |
हासिये पर लोग (वृद्ध विमर्श की कहानियां) |
रूप सिंह चंदेल |
350 |
2743 |
978-93-91913-80-9 |
नैवेद्य |
सूर्यबाला |
|
2744 |
978-93-90265-53-4 |
पहला प्यार तथा अन्य कहानियां |
प्रदीप पंत |
350 |
2745 |
978-93-91913-73-1 |
नर्क से स्वर्ग तक (आत्मकथा) |
अनु. युक्तेश्वर कुमार |
450 |
2746 |
978-93-91913-30-4 |
दुख ही जीवन की कथा रही (निराला की आत्मकथा) |
डॉ. सूर्यप्रसाद दीक्षित |
550 |
2747 |
978-93-91913-31-1 |
स्त्राी पक्षध्रता का मुखर स्वर: सुध अरोड़ा (आलोचना) |
सं. सूर्यनारायण रणसुभे |
995 |
2748 |
978-93-91913-97-7 |
बबूल मेज (कथाकार शशांक की सृजन यात्रा) |
सं. उर्मिला शिरीष |
495 |
2749 |
978-93-91913-53-3 |
समवेत |
रामदरश मिश्र |
175 |
2750 |
978-93-90265-45-9 |
पृथ्वी-आकाश |
उद्भ्रांत |
325 |
2751 |
978-93-90265-26-8 |
दुनिया के बाजार में |
जयप्रकाश कर्दम |
295 |
2752 |
978-93-90265-34-3 |
ग्राम्य-दर्शन |
रघुवीर सिंह |
395 |
2753 |
978-93-90265-35-0 |
दीवारें सुन रही है... |
डॉ. सुरेश अवस्थी |
225 |
2754 |
978-93-90265-40-4 |
सहमी सहमी सदी |
डॉ. कमल मुसद्दी |
250 |
2755 |
978-93-90265-47-3 |
मेरे भीतर और बाहर एक पृथ्वी |
डॉ. राणा प्रताप सिंह |
325 |
2756 |
978-93-90265-48-0 |
वो अपना घर |
डॉ. बी.आर. गुप्ता |
275 |
2757 |
978-93-90265-50-3 |
चरैवेति चरैवति |
शीलेन्द्र वशिष्ठ |
295 |
2758 |
978-93-91913-15-1 |
वन्दे भारत |
कुसुम सिंह |
350 |
2759 |
978-93-91913-32-8 |
ध्रती का बचपन, बचपन की ध्रती |
सं. भरत प्रसाद |
475 |
2760 |
978-93-91913-48-9 |
दुपट्टा |
डॉ. मुकेश कुमार सिंह |
275 |
2761 |
978-93-91913-72-4 |
मेरी कविताओं का आकाश |
डॉ. वी. एन. सिंह |
195 |
2762 |
978-93-91913-84-7 |
विठोबा |
उर्मिला चाकूरकर |
150 |
2763 |
978-93-91913-28-1 |
लहरिया ई पावन हो |
अम्बे कुमारी |
150 |
2764 |
978-93-91913-27-4 |
हर दिशा विक्षित कमल ज्यों |
डॉ. राम कुमार त्रिपाठी |
400 |
2765 |
978-93-91913-35-9 |
गाओं मन के गीत प्रिये |
डॉ. राम कुमार त्रिपाठी |
400 |
2766 |
978-93-91913-44-1 |
जलता रहे दिया तथा अन्य कविताये |
डॉ. राकेश शुक्ला |
175 |
2767 |
978-93-90265-15-2 |
लौटा दे जन्नत मेरी |
डॉ. सी.एस. सुचित |
295 |
2768 |
978-93-90265-13-8 |
प्रेम ना बाड़ी ऊपजै |
सिंधु कुमारी |
395 |
2769 |
978-93-86784-39-1 |
अधखुले वातायन |
सं. इन्दु झुनझुनवाला |
175 |
2770 |
978-93-86784-43-8 |
मुखरित मौन |
सं. इन्दु झुनझुनवाला |
175 |
2771 |
978-93-90265-41-1 |
सवालों से टकराते हुए |
दिविक रमेश |
495 |
2772 |
978-93-91913-78-6 |
राष्ट्रमंथन |
पायल सोनी |
400 |
2773 |
978-93-91913-79-3 |
पति पत्नी और हिन्दी साहित्य |
सूर्यबाला |
250 |
2774 |
978-93-90265-51-0 |
अमेरिकी लालू (व्यंग्य उपन्यास) |
हरि जोशी |
400 |
2775 |
- |
समकालीन साहित्य में तृतीय प्रकृति समुदाय |
डॉ. शबाना हबीब |
300 |
2776 |
- |
आदिवासी साहित्य: चिंतन एवं दिशाएँ |
डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
475 |
2777 |
- |
लैंगिक विमर्श और यमदीप |
हर्षिता द्विवेदी |
495 |
2778 |
978-93-91913-45-8 |
संस्कृत भाषा का तथ्यपरक इतिहास तथा प्रमुख प्राचीन लिपियाँ |
शिवप्रसाद लाल |
495 |
2779 |
- |
दलित और आदिवासी साहित्य: चिंतन के आद्य बिंदु |
डॉ. अर्जुन चौहान |
475 |
2780 |
- |
डॉ. सुशीला टाकभौरे के साहित्य में दलित नारी संवेदना |
शिवगंगा |
425 |
2781 |
978-93-91913-61-8 |
सुधियों के छंद (संस्मरण) |
चन्द्रकान्ता |
300 |
2782 |
978-81-945410-3-5 |
हिन्दी सिनेमा: साहित्य में अंर्तसम्बन्धों की खोज |
डॉ. सौम्य रंजन |
1195 |
2783 |
978-93-90265-03-9 |
मीडिया और साहित्य: समकालीन संदर्भ |
सं. डॉ. के. श्रीलता विष्णु |
525 |
2784 |
978-81-945410-0-4 |
भारतीय जन-जीवन और हिन्दी सिनेमा (आलो) |
डॉ. जयकृष्णन जे. |
350 |
2785 |
978-93-83637-88-1 |
Covid-19 & Its Impact on the Indian Economy |
Ed. Sujith A.S. |
450 |
2786 |
978-93-83637-91-1 |
Higher Education after Covid-19 : An Indian Perspective |
Ed. Sujith A.S. |
425 |
2787 |
978-93-83637-92-8 |
Reflection of Nyaya Darshan in Indian Thoughts |
Ed. Laxmi Vijayan |
295 |
2788 |
978-93-83637-89-8 |
Sant of Rebeuions : An Untold Story of Gadgebaba |
Rejentra Prasad |
325 |
2789 |
978-93-91913-63-2 |
यादों के दायरे |
अनु. अरिफा शेख |
325 |
2790 |
978-93-90265-46-6 |
हिंदी भाषा एवं साहित्य: एक समग्र अवलोकन (नेट/स्लेट) |
डॉ. विद्यासागर |
595 |
2791 |
978-93-91913-19-9 |
लगन से गगन तक |
सुबोध् मिश्र |
295 |
2792 |
978-93-91913-93-9 |
हिंदी क्रिया कोश |
त्रिभुवननाथ शुक्ल |
795 |
2793 |
978-93-85389-08-5 |
समकालीन हिन्दी कविता कोश (दो भागों में) |
डॉ. गुरचरण सिंह |
330 |
2794 |
978-93-90265-31-2 |
साहित्यिक शोध और बोध |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
495 |
2795 |
978-93-90265-32-9 |
विश्वमंच पर हिंदी: विविध् आयाम |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
250 |
2796 |
978-93-90265-36-7 |
केरल के दिवंगत हिंदी सेवी और डॉ. जे. हैमवती अम्मा |
सं. डॉ. आरसु |
1475 |
2797 |
978-93-91913-18-2 |
नारी सशक्तिकरण के आयाम और चुनौतियाँ |
डॉ. वी.एन. सिंह |
495 |
2798 |
978-93-91913-09-0 |
नारी सशक्तिकरण और समाज |
डॉ. वी. एन. सिंह |
495 |
2799 |
978-93-91913-41-0 |
दलित और आदिवासी साहित्य चिंतन के आद्य बिन्दु (आलोचना) |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
475 |
2800 |
978-93-90265-27-5 |
हिन्दी उपन्यासों में विभाजन |
षीना एम. ए. |
325 |
2801 |
978-93-91913-71-7 |
हिन्दी: भाषा, संस्कृति और राष्ट्रीयता (आलोचना) |
जयप्रकाश कर्दम |
250 |
2802 |
978-93-90265-46-6 |
हिन्दी भाषा एवं साहित्य: एक समग्र अवलोकन (नेट/स्लेट) |
डॉ. विद्यासागर सिंह |
595 |
2803 |
978-93-90265-30-5 |
साहित्यिक कालजयी रचनाकार प्रेमचन्द |
डॉ. राजेश कुमार |
275 |
2804 |
978-93-90265-39-8 |
डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का साहित्य विमर्श |
डॉ. पीयूष कुमार द्विवेदी |
295 |
2805 |
978-93-90265-42-8 |
चन्द्रकान्ता के उपन्यासों में जीवन संघर्ष |
आजाद सक्सेना |
725 |
2806 |
978-93-90265-44-2 |
हिन्दी गजल: कथ्य और शिल्प |
डॉ. शमीम निग्हत |
475 |
2807 |
978-93-90265-54-1 |
राष्ट्रकूट साम्राज्य और जैन धर्म |
अनु. प्रतिभा मुदलियार |
695 |
2808 |
978-93-90265-55-8 |
डॉ. सूर्यबाला कृत दीक्षांत एक परिचय |
डॉ. बलवंत बी.एस. |
195 |
2809 |
978-93-90265-56-5 |
सद्गुरु शोभन सरकार |
डॉ. दीपमाला सेंगर |
- |
2810 |
978-93-90265-57-2 |
हिन्दी का उपन्यास साहित्य: मिथकीय चेतना और सामाजिक सरोकार |
डॉ. एस. कृष्ण बाबु |
625 |
2811 |
978-93-90265-59-6 |
सामाजिक समस्याओं के परिप्रेक्ष्य में नरेन्द्र कोहली की कहानियाँ |
डॉ. सौम्या बी. एल. |
725 |
2812 |
978-93-90265-61-9 |
मृदुला गर्ग के उपन्यास "उसके हिस्से की धूप" एक प्रेमकथा |
डॉ. मुक्कप्पा राठोड |
250 |
2813 |
978-93-91913-00-7 |
साहित्य साध्ना (डॉ. देवीदास इंगले गौरव ग्रंथ) |
सं. डॉ. अशोक मर्डे |
795 |
2814 |
978-93-91913-02-1 |
मुक्तिबोध् कृत "अँधेरे में" पाठ व अर्थ की खोज |
विवेक कुमार मिश्र |
295 |
2815 |
978-93-91913-07-6 |
मोहन राकेश के उपन्यासों में नारी |
डॉ. के. सध्या रानी |
525 |
2816 |
978-93-91913-33-5 |
बहुआयामी पूर्वोत्तर भारत |
सं. आलोक सिंह |
650 |
2817 |
978-93-91913-50-2 |
भाषा और साहित्य: विमर्श एवं विश्लेषण (आलोचना) |
डॉ. के. श्रीलता विष्णु |
450 |
2818 |
978-93-91913-65-6 |
नयी सदी की कविता में विविध् विमर्श (आलोचना) |
डॉ. शिव कुमार |
395 |
2819 |
978-93-91913-87-8 |
मलयालम कविता के विविध् सोपान (आलोचना) |
डॉ. बिनु पुलारी |
250 |
2820 |
978-93-91913-88-5 |
स्नेह सृजन एवं स्त्री सशक्तिकरण (प्रतिभा मुदलियार अभिनंदन ग्रंथ) |
सं. अरविंद बाजपेयी |
725 |
2821 |
978-93-91913-45-8 |
संस्कृत भाषा का तथ्यपरक इतिहास तथा प्रमुख प्राचीन लिपियाँ |
शिव प्रसाद लाल |
495 |
2822 |
978-93-91913-04-5 |
भारतीय संस्कृति के विविध पक्ष (आलोचना) |
डॉ. स्वाति पाण्डेय |
400 |
2823 |
978-93-91913-60-1 |
मुक्तिबोध् का साहित्य (आलोचना) |
डॉ. जसटी एमानुएल |
375 |
2824 |
978-93-91913-11-3 |
समकालीन हिंदी साहित्य: विविध परिदृश्य |
डॉ. प्रमोद कोव्वप्रत |
695 |
2825 |
978-93-91913-19-9 |
लगन से गगन तक |
सुबोध मिश्रा |
295 |
2826 |
978-93-91913-76-2 |
मानवीय संवेदनाओं के कथाकार: तेजेन्द्र शर्मा |
सं. योग्यता भार्गव |
|
2827 |
978-93-91913-93-9 |
हिंदी शब्द या कोष |
डॉ. त्रिभुवन नाथ शुक्ला |
795 |
2828 |
978-93-91913-62-6 |
मिथकीय सीमाओं से परे "रुद्रावतार" |
दिनेश कुमार माली |
250 |
2829 |
978-93-91913-64-0 |
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के उपन्यासों एवं निबंधों में आये संदर्भों की मौलिक गवेषणा |
डॉ. मनमोहन शुक्ल |
895 |
2830 |
978-93-92439-05-6 |
समकालीन साहित्य में तृतीय प्रकृति समुदाय |
डॉ. शबाना हबीब |
300 |
2831 |
978-93-86784-53-7 |
पाली जातक कथाओं में बुकीय प्रबंधन |
डॉ. जसबीर चावला |
295 |
2832 |
978-93-91913-23-6 |
आदिवासी साहित्य चिंतन एवं दिशाएँ |
डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
475 |
2833 |
978-93-90265-00-8 |
भारतीय कानून में महिलाओं के अधिकार |
सत्या सिंह |
295 |
2834 |
978-93-90265-18-3 |
नक्सल आंदोलन के 50 साल: रास्ता किधर है? |
डॉ. शशिधर खान |
675 |
2835 |
978-81-945410-8-0 |
भूमंडलीकरण और समकालीन कविता का यथार्थ (आलोचना) |
सं. नीरज |
350 |
2836 |
978-81-945410-9-7 |
साहित्य, संस्कृति और भाषा (आलोचना) |
ऋषभदेव शर्मा |
495 |
2837 |
978-93-89220-70-4 |
थर्ड जेंडर: अस्मिता और संघर्ष (आलोचना) |
सं. डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
495 |
2838 |
978-93-90265-19-0 |
लैंगिक विमर्श और यमदीप |
हर्षिता द्विवेदी |
495 |
2839 |
978-81-945410-3-5 |
हिन्दी सिनेमा: साहित्य में अंर्तसम्बन्धों की खोज |
डॉ. सौम्य रंजन |
1195 |
2840 |
978-93-90265-17-6 |
इक्कीसवीं सदी का साहित्यिक परिदृश्य |
सीमा चन्द्रन |
495 |
2841 |
978-93-90265-14-5 |
समकालीन हिन्दी साहित्य में युगबोध |
सं. गायत्राी एन. |
325 |
2842 |
978-93-90265-09-1 |
डॉ. सुशीला टाकभौरे के साहित्य में दलित नारी संवेदना |
शिवगंगा |
425 |
2843 |
978-93-90265-07-7 |
स्वयंप्रभा: मूल्यांकन के नये आयाम |
सं. डॉ. अनिल सिंह |
550 |
2844 |
978-93-90265-04-6 |
रमेश बक्षी के कथा साहित्य का यथार्थ |
डॉ. श्याम प्रसाद के.एन. |
725 |
2845 |
978-93-90265-03-9 |
मीडिया और साहित्य: समकालीन संदर्भ |
सं. डॉ. के. श्रीलता विष्णु |
525 |
2846 |
978-93-90265-01-5 |
कबीर के मानवीय मूल्यों का पुनर्पाठ |
डॉ. उमा टी.एम. |
425 |
2847 |
978-93-86784-42-1 |
21वीं सदी के हिन्दी साहित्य का समकालीन पक्ष |
सं. ऊषा कुमारी |
250 |
2848 |
978-93-89220-71-1 |
सदी की चौखट पर कविता (आलोचना) |
अरुण शीतांश |
395 |
2849 |
978-93-89220-58-2 |
प्रवासी साहित्य का सांस्कृतिक रेखांकन |
डॉ. इंदू के. वी. |
395 |
2850 |
978-93-89220-99-5 |
पीले सोने का देश (द चंबल बुक) |
आदर्श गुप्ता |
895 |
2851 |
978-93-89220-61-2 |
जाफरान सी महकती जन्नत कश्मीर |
अलका प्रदीप दीक्षित |
150 |
2852 |
978-93-89220-63-6 |
अनुवाद: समस्याएँ एवं समाधन |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
650 |
2853 |
978-93-89220-60-5 |
अनुवाद चिंतन |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
650 |
2854 |
978-93-89220-59-9 |
चन्द तस्वीरें: चन्द खतूूत |
सं. एस.एम. शाहिद |
375 |
2855 |
978-93-89220-51-3 |
बुद्ध: जीवन दर्शन |
डॉ. उमा शशि दुर्गा |
250 |
2856 |
978-93-89220-43-8 |
मूसा से मार्क्स तक (समाजवाद) |
अनु. सईद नकवी |
295 |
2857 |
978-93-89220-32-2 |
कोहिनूर जहां भी रहा अनमोल रहा (उदय प्रताप सिंह की जीवनी) |
मनोरमा श्रीवास्तव |
200 |
2858 |
978-93-89220-23-0 |
समसामयिक साहित्यःचेतना के नए स्वर |
सं. डॉ. शेखर |
1195 |
2859 |
978-93-86784-34-6 |
पाश्चात्य काव्य सिद्धान्त |
डॉ. ज्ञानराज गायकवाड |
395 |
2860 |
978-93-86784-33-9 |
भारतीय काव्य सिद्धान्त |
डॉ. ज्ञानराज गायकवाड |
495 |
2861 |
978-93-86784-28-5 |
दिव्य जीवन ज्योति |
राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय |
100 |