1 |
गोविंद मिश्र के उपन्यास और भारतीय परिवार |
अमृत कुमार |
375 |
2 |
कविता के वरिष्ठ नागरिक |
डॉ. ओम निश्चल |
495 |
3 |
सत्ता से संवाद |
मुकेश भारद्वाज |
400 |
4 |
व्यंग्य: एक नई दृष्टि |
सुरेश कांत |
450 |
5 |
आत्मकथा का आलोक |
सं. अर्पण कुमार |
395 |
6 |
भारतीय गल्प |
प्रभाकर श्रोत्रिय |
350 |
7 |
उत्तर आधुनिकता: समय और साहित्य |
सं.डॉ. प्रमोद कोवप्रत |
395 |
8 |
समकालीन साहित्य: आलोचनात्मक विवेचन |
रूपसिंह चंदेल |
550 |
9 |
प्रवासी साहित्य एवं हिन्दी भाषा का बदलता स्वरूप |
सं. डॉ. कोयल विश्वास |
295 |
10 |
युग निर्माता गांधी: साहित्य के आईने में |
सं. डॉ. आरसु |
375 |
11 |
उषा हिंडोलाःउषाकिरण खान का रचनासंसार |
सं. कुमार वरुण |
495 |
12 |
कहानीकार फणीश्वरनाथ रेणु |
भारत यायावर |
595 |
13 |
साहित्यिक अवधारणायें: सामयिक संदर्भ |
डॉ. एस. कृष्ण बाबु |
600 |
14 |
समकालीन हिन्दी कविता और भूमंडलीकरण |
सं. नीरज |
350 |
15 |
साहित्य, संस्कृति और भाषा |
ऋषभदेव शर्मा |
495 |
16 |
सदी की चौखट पर कविता (आलोचना) |
अरुण शीतांश |
395 |
17 |
समकालीन हिन्दी उपन्यासों में आदिवासी जीवन |
डॉ. आर. तारा सिंह |
525 |
18 |
बचपन और बाल साहित्य के सरोकार |
डॉ. ओमप्रकाश कश्यप |
795 |
19 |
प्रवासी साहित्य का सांस्कृतिक रेखांकन |
डॉ. इंद्र के.वी. |
395 |
20 |
थर्ड जेंडर: अस्मिता और संघर्ष |
सं.डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
495 |
21 |
भारतीय जन-जीवन और हिन्दी सिनेमा |
डॉ. जयकृष्णन जे. |
350 |
22 |
एक अन्तर्यात्री: सुरेन्द्र चतुर्वेदी |
सफलता सरोज |
495 |
23 |
आधुनिक हिन्दी नाटक में क्रांतदर्शी कबीर एवं अन्य निबंध |
वेदप्रकाश अमिताभ |
325 |
24 |
रचना के आइने में रचनाकार कृष्णा अग्निहोत्री |
डॉ. ऋतु भनोट |
295 |
25 |
रचना-प्रक्रिया और मनस्तत्व |
डॉ. रेखा प्रियश्री |
795 |
26 |
स्वाधीन होने का अर्थ और कविता |
नरेन्द्र मोहन |
495 |
27 |
अथ किन्नर-कथा संवाद (न दैन्यं न पलायनम्) |
सं. महेन्द्र भीष्म |
495 |
28 |
हिंदी कहानीःनई और पुरानी |
महेश दर्पण |
450 |
29 |
स्वाधीनता का महास्वप्न |
बलराम |
395 |
30 |
उनकी दृष्टि अपनी सृष्टि |
राकेश शुक्ल |
495 |
31 |
दूरदर्शन: हिन्दी धारावाहिक एवं नारी |
डॉ. विजयेश्वर मोहन |
950 |
32 |
जाग मछन्दर जाग(समकालीन आलेख) |
सुभाष राय |
325 |
33 |
छायावाद का व्यावहारिक सौन्दर्यशास्त्र |
डॉ. सूर्यप्रसाद दीक्षित |
695 |
34 |
हिन्दी उपन्यास: स्त्री की तरफ खुलती खिड़की |
तरसेम गुजराल |
525 |
35 |
किन्नर विमर्श: कल, आज और कल |
सं. सफलता सरोज |
495 |
36 |
संदर्भ और सवाल |
गोविन्द मिश्र |
425 |
37 |
लम्बी कविताएँ: स्वरूप, संवेदना और शिल्प |
डॉ. समता मिश्र |
895 |
38 |
इक्कीसवीं शती के हिन्दी उपन्यास |
सं. डॉ. प्रमोद कोवप्रत |
395 |
39 |
आमने-सामने (लेख संग्रह) |
डॉ. रणजीत |
495 |
40 |
मोबाइल में हिन्दी भाषा के अनुप्रयोग |
डॉ. नितीन कुंभार |
375 |
41 |
साहित्याकाश के दो चाँद: बंकिमचन्द्र और प्रेमचंद |
डॉ. कोयल विश्वास |
595
 |
42 |
हिन्दी का स्वातंत्र्योत्तर विचारात्मक गद्य |
सं. डॉ. कोयल विश्वास |
995 |
43 |
समकालीन हिन्दी उपन्यास : यथार्थबोध और उसकी भाषा आलोचना |
डॉ. रत्ना शर्मा |
395 |
44 |
समता समाज के प्रतिष्ठापक सुशीला टाकभौरे के उपन्यास |
डॉ. राजमुनि |
295 |
45 |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी कथा साहित्य की प्रवृत्तियाँ |
कृष्णा श्रीवास्तव |
400 |
46 |
विवेकीराय कृत चली फगुनाहट बौरे आम: लोकतत्व |
डॉ. अनुपमा तिवारी |
275 |
47 |
धूमिल का काव्य समग्र: प्रासंगिकता के विविध संदर्भ |
डॉ. डॉली |
400 |
48 |
नाट्यकर्मी सर्वेश्वरदयाल सक्सेना |
डॉ. देवीदास इंगले |
200 |
49 |
आधुनिकता का पराग संक्रमण |
डॉ. सुप्रिया पी. |
325 |
50 |
मैं कहूँ जगबीती |
गिरिराज किशोर |
295 |
51 |
संदर्भ और सवाल |
गोविन्द मिश्र |
425 |
52 |
रूपसिंह चंदेल का साहित्यिक मूल्यांकन |
सं. माधव सक्सेना |
725 |
53 |
समीक्षा का लोकतंत्र |
विज्ञान भूषण |
375 |
54 |
21वीं सदी के हिन्दी उपन्यास |
डॉ. प्रमोद कोवप्रत |
395 |
55 |
विमर्श के पंख (समीक्षात्मक लेख) |
अम्बिली वी. एस. |
225 |
56 |
भारतीय सिनेमा में भारतीय संस्कृति |
ऊषा कुमार के.पी. |
225 |
57 |
सत्तरोत्तर हिन्दी उपन्यासों में व्यक्तित्व निर्माण के विविध आयाम |
डॉ. एन.सी. सुधादेवी |
675 |
58 |
समकालीन हिन्दी कविता: विविध आयाम |
डॉ. सुचित, डॉ. ज्योति |
250 |
59 |
गांधीबंदा व गिरमिटिया गांधी का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. सुलता राजाराम |
475 |
60 |
मृदुला गर्ग: व्यक्तित्व और कृतित्व |
डॉ. एस. दीप्ति |
695 |
61 |
समकालीनों की नजर में नासिरा शर्मा की कहानियाँ |
अंजुम ज़मा |
350 |
62 |
स्त्री कविता में मानवीय संवेदना |
डॉ. शिवकुमार |
450 |
63 |
संत कबीरदास और शिशुनाल शरीफ के साहित्य में जीवन मूल्य |
डॉ. सुलता राजाराम |
275 |
64 |
मेहरुन्निसा परवेज़ की कहानियाँ : सामाजिक यथार्थ और कथाभाषा |
अनुपमा तिवारी |
650 |
65 |
ममता कालिया की कहानियों में नारी |
डॉ. नीरजा वी. एस. |
595 |
66 |
प्रमुख महिला कथाकारों की आत्म-कथाओं का शैलीवैज्ञानिक विश्लेषण |
प्रतिमा दवे |
550 |
67 |
स्त्री: सत्ता, संस्कृति और समाज |
आरती रानी प्रजापति |
350 |
68 |
सांकल: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन |
पूजा प्रजापति |
295 |
69 |
समकालीन हिन्दी नाटक तथा रंगमंच |
डॉ. वी.जी. माग्रेट |
495 |
70 |
मालती जोशी के कथा साहित्य का मनोवैज्ञानिक अध्ययन |
डॉ. भावना पाल |
650 |
71 |
वर्तमान परिवेश और राष्ट्रीय चिंतन |
डॉ. कृष्णा अग्निहोत्री |
250 |
72 |
साहित्य और राजनीति की तीसरी धारा |
कँवल भारती |
250 |
73 |
फ़िलहाल |
गिरिराज किशोर |
550 |
74 |
हिन्दी का वैश्विक स्वरूप तथा अन्य लेख |
डॉ. महीप सिंह |
495 |
75 |
सरकंडे की कलम (रामदरश मिश्र-रचना संचयन) |
सं. सरस्वती मिश्र |
795 |
76 |
छायावाद की सही परख पहचान |
डॉ. सूर्य प्रसाद दीक्षित |
250 |
77 |
साहित्य का सामयिक सरोकार |
डॉ. प्रमोद कोव्वप्रत |
350 |
78 |
शोध संस्कृति |
डॉ. संजय नवले |
250 |
79 |
हिन्दी का अस्मितामूलक साहित्य और अस्मिताकार |
राजेन्द्र प्रसाद |
200 |
80 |
जमीन की तलाश में (उपन्यासों की आलोचना) |
तरसेम गुजराल |
350 |
81 |
रंगमंच के नाटककार मोहन राकेश |
प्रो. नारायण राजू |
400 |
82 |
आधुनिक हिन्दी काव्य में युद्ध और शांति |
डॉ. प्रमिदा के. |
295 |
83 |
समकालीन हिन्दी नाटक: युगबोध |
डॉ. उमा हेगड़े |
450 |
84 |
नरेश मेहता के काव्य: एक अलग पहचान |
डॉ. जयरमन |
595 |
85 |
नरेन्द्र मोहन: कविता समग्र (भाग-1, 2) |
सं.डॉ. गुरुचरण सिंह |
1500 |
86 |
लीक से हटकर (समालोचना) |
डॉ. प्रेम कुमार |
450 |
87 |
उपन्यासकार गोविन्द मिश्र |
सं. सुवास कुमार |
595 |
88 |
हिन्दी दलित उपन्यासों का शिल्प-विधान |
डॉ. मनु प्रताप |
595 |
89 |
हिन्दी साहित्य में ओमप्रकाश वाल्मीकि का प्रदान |
डॉ. महेन्द्र भाई वणकर |
650 |
90 |
हिन्दी महिला नाट्य लेखन के सामाजिक सरोकार |
मिनी जोर्ज |
695 |
91 |
मधु कांकरिया के कथा-साहित्य में सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना |
डॉ. शबाना हबीब |
695 |
92 |
स्त्री विमर्श और समकालीन साहित्यिक संदर्भ |
प्रतिभा मुदलियार |
250 |
93 |
डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी के साहित्य में चित्रित ग्रामीण जीवन सभ्यता |
डॉ. ए. फातिमा |
250 |
94 |
समसामयिक कहानियों में कामकाजी महिला |
डॉ. एम. पवन कुमारी |
595 |
95 |
उदयप्रकाश की कहानियों में समकालीन समाज एवं समस्याएँ |
डॉ. पी.जे. शिवकुमार |
250 |
96 |
अन्तिम दशक के महिला कहानीकारों के बदलते सामाजिक सन्दर्भ |
डॉ. श्रावणी भट्टाचार्य |
395 |
97 |
उपादेय साहित्यालोचन |
सं. देवीदास इंगले |
395 |
98 |
डॉ. अमरसिंह वधान: चिंतन और संवेदना |
सं. डॉ. पंडित बन्ने |
600 |
99 |
डॉ.मिथिलेशकुमारी मिश्रःआस्था और स्थापनाएँ |
डॉ. रेखा प्रियश्री |
495 |
100 |
आंचलिक उपन्यासों में सामाजिक और राजनीतिक चेतना |
डॉ. अनिता बेलगांवकर |
300 |
101 |
संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में समकालीन हिन्दी यात्रवृत्त |
डॉ. संगीता पी. |
350 |
102 |
हिन्दी साहित्य के पत्र-साहित्य का अनुशीलन |
वर्षा गायकवाड |
695 |
103 |
हिन्दी साहित्य की वैचारिक पृष्ठभूमि |
डॉ. संजय नवले |
295 |
104 |
आधुनिक हिन्दी मिथकीय उपन्यासों में मानव सम्बन्ध |
डॉ. टी. हैमावती |
750 |
105 |
समकालीन हिन्दी साहित्य में पर्यावरण विमर्श |
डॉ. सुमेश |
250 |
106 |
स्त्री कथा: अन्तर्कथा (स्त्री विमर्श) |
कमल कुमार |
395 |
107 |
राजीसेठ की कहानी साहित्य का अनुशीलन |
डॉ. मंजू देवी |
225 |
108 |
डॉ. रामविलास शर्मा का व्यक्तित्व कृतित्व तथा उनकी साहित्येत्तर आलोचना |
डॉ. मंजुनाथ के. |
200 |
109 |
गोदान: एक समीक्षा |
डॉ. मंजुनाथ के. |
195 |
110 |
डॉ. रामविलास शर्मा की साहित्यिक आलोचना |
डॉ. मंजुनाथ के. |
350 |
111 |
समकालीन साहित्य: विविध परिदृश्य |
डॉ. जयचन्द्रन |
495 |
112 |
आधुनिक हिन्दी कविता से साक्षात्कार |
प्रभाकरन हेब्बर |
375 |
113 |
भाषा और साहित्य: विविध परिदृश्य |
प्रभाकरन हेब्बर |
375 |
114 |
विनोद कुमार शुक्ल के उपन्यासों में युवा वर्ग |
डॉ. सन्मुख मुच्छटे |
400 |
115 |
समकालीन मलयालम और हिन्दी लेखिकाओं के उपन्यासों में चित्रित नारी मनोविज्ञान |
डॉ. कविता डी. के. |
400 |
116 |
भीष्म साहनी के उपन्यासों में यथार्थवादी परिदृश्य |
डॉ. मंजूषा के. |
550 |
117 |
रामायण: समय की कसौटी पर |
अरुणा त्रिवेदी |
550 |
118 |
जगजीवन राम और उनका नेतृत्व |
ई. राजेन्द्र प्रसाद |
400 |
119 |
कहानीकार स्वयं प्रकाश: रचना दृष्टि और रचना शिल्प |
डॉ. सायरा बानो |
400 |
120 |
हिन्दी साहित्य में आदिवासी विमर्श |
डॉ. पं. बन्ने |
350 |
121 |
नाटककार स्वदेश दीपक |
श्वेता कुमारी |
450 |
122 |
हिन्दी साहित्य: समय से साक्षात्कार |
डॉ. प्रमोद कोवप्रत |
400 |
123 |
हिन्दी आलोचना का वर्तमान |
डॉ. के. श्रीलता विष्णु |
450 |
124 |
हिन्दी कहानी: आदि से आज तक |
डॉ. सुकुमार भण्डारे |
595 |
125 |
हिन्दी के विविध परिदृश्य |
डॉ. करुणा उमरे |
450 |
126 |
महादेवी के साहित्य का गद्य पर्व |
डॉ. मुक्तेश्वरनाथ तिवारी |
70 |
127 |
आधुनिक हिन्दी साहित्य में आत्मकथा और संस्मरण विधा |
डॉ. ज्योति व्यास |
495 |
128 |
समसामयिक साहित्य: चिंतन और चुनौतियाँ |
सं. डॉ. वीणा दाढे |
695 |
129 |
उपन्यास का समकालीन |
डॉ. गुरुचरण सिंह |
450 |
130 |
लम्बी कविता के आर-पार |
डॉ. नरेन्द्र मोहन |
300 |
131 |
जमीन की तलाश में (आलोचना) |
डॉ. तरसेम गुजराल |
300 |
132 |
कथाभाषा और काव्य भाषा का समाजभाषिक संदर्भ |
डॉ. एन. लक्ष्मी |
600 |
133 |
अग्रणी कवि: बलदेव वंशी |
डॉ. बलवन्त जेऊरकर |
500 |
134 |
भारतीय साहित्य में धर्म और दर्शन के आयाम |
सं. डॉ. सैय्यद मेहरून |
500 |
135 |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी कहानी में सम्बन्ध विघटन और नारी संघर्ष चेतना |
डॉ. सैय्यद मेहरून |
895 |
136 |
डॉ. अमर सिंह वधान का नारी विमर्श |
प्रा. शकुन्तला वाघ |
300 |
137 |
साहित्येतर क्षेत्र में हिन्दी का योगदान |
सं. डॉ. विद्याश्री |
400 |
138 |
जीवन से बतियाता साहित्य (समीक्षा) |
डॉ. सरजू प्रसाद मिश्र |
350 |
139 |
चन्द्रकांत देवताले की कविताओं में युगबोध |
डॉ. गजानन भोसले |
595 |
140 |
कथाकार: विष्णु प्रभाकर |
डॉ. महावीर हाके |
650 |
141 |
कृष्णा सोबती के उपन्यासों में प्रतिबिंबित नारी जीवन |
डॉ. सुलोचना अंर्तरेड्डी |
495 |
142 |
समकालीन हिन्दी नाटकःसमय और संवेदना |
डॉ. नवीन नन्दवाना |
350 |
143 |
समकालीन कविता: विविध सन्दर्भ |
डॉ. नवीन नन्दवाना |
450 |
144 |
डॉ. देवराज: सर्जक और आलोचक |
डॉ. धनलक्ष्मी वतनानी |
550 |
145 |
डॉ. चन्द्रशेखरन नायर के साहित्य में सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय चेतना |
डॉ. पंडित बन्ने |
300 |
146 |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी समीक्षा सिद्धान्त |
ब्रह्मदेव मिश्र |
650 |
147 |
मुक्तिबोध और धूमिल का काव्य |
डॉ. स्वानन्द शिवप्रसाद |
450 |
148 |
अमृतलाल नागर के उपन्यासों में यथार्थबोध |
डॉ. प्रतिभा प्रसाद |
500 |
149 |
हिन्दी और बांग्ला: समशील उपन्यासकारों का |
डॉ. बुला कर |
800 |
150 |
संतोष शैलजा के उपन्यासों में नारी |
समिता साहा |
150 |
151 |
राधामाधव: राधाभाव और कृष्णत्व का नया विमर्श |
डॉ. कर्ण सिंह चौहान |
250 |
152 |
रुद्रावतार और राम की शक्ति पूजा |
सं. लक्ष्मीकांत पाण्डेय |
250 |
153 |
उद्भ्रांत का संस्कृति चिंतन |
नंद किशोर नौटियाल |
180 |
154 |
साहित्य संवाद: केन्द्र में उद्भ्रांत |
अवध बिहारी श्रीवास्तव |
120 |
155 |
कमलेश्वर का कथा साहित्य: समकालीन समस्याओं का जीवन्त आलेख |
डॉ. मिनि जार्ज |
450 |
156 |
संवादात्मकता का रचनाकर्म |
डॉ. गोपाल कृष्णन् |
450 |
157 |
अनुभूत क्षण: दृष्टि और सृष्टि |
डॉ. महेन्द्र भटनागर |
250 |
158 |
21वीं सदी की हिन्दी स्त्री कविता : आशय और अभिव्यक्ति |
डॉ. संतोष टेळकीकर, डॉ. ज्योति मुंगल |
450 |
159 |
सृजन स्मृति के हस्ताक्षर |
डॉ. बलदेव वंशी |
350 |
160 |
राग संवेदन: दृष्टि और सृष्टि |
डॉ. महेन्द्र भटनागर |
250 |
161 |
तुलनात्मक साहित्य: विश्व संस्कृति और भाषाएँ |
सं. डॉ. के. सीतालक्ष्मी |
500 |
162 |
वक्रतुण्ड: मिथक की समकालीनता (आलोचना) |
सं.डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय |
65 |
163 |
उद्भ्रांत का काव्य: मिथक के अनछुये पहलू |
डॉ. शिवपूजन लाल |
500 |
164 |
रेणु का कथेत्तर साहित्य: समाज और संस्कृति |
डॉ. ऋषि कुमार |
400 |
165 |
नागार्जुन का कथा साहित्य |
डॉ. मीरा चन्द्रा |
300 |
166 |
आधुनिकता बोध और ऊषा प्रियंवदा |
डॉ. संदीप रणभिरकर |
500 |
167 |
सप्तक-त्रय में आधुनिकता |
डॉ. पी. के. जयलक्ष्मी |
600 |
168 |
भूमण्डलीकरण और हिन्दी कविता |
डॉ. बाबू जोसप़फ़ |
500 |
169 |
समकालीन हिन्दी साहित्य: संवेदना और विमर्श |
डॉ. वेदप्रकाश अमिताभ |
350 |
170 |
दक्षिण भारतीय हिन्दी साहित्य का इतिहास |
प्रो. पी. आदेश्वर राय |
700 |
171 |
जनकवि नागार्जुन एवं प्रयोगवादी कवि अज्ञेय |
डॉ. वीणा दाढे |
350 |
172 |
गद्यपथ के दीप (गद्य रचनाओं का प्रतिनिधि संकलन) |
डॉ. गौतम सचदेव |
300 |
173 |
आधुनिक हिन्दी साहित्य: मनन और मूल्यांकन |
डॉ. सूर्यनारायण वर्मा |
400 |
174 |
भारतीय साहित्य: कुछ परिदृश्य |
डॉ. तनुजा मजूमदार |
400 |
175 |
विनोद कुमार शुक्ला का रचना संसार |
डॉ. एस. एन. मुच्छटे |
300 |
176 |
हिन्दी नाटक विमर्श |
डॉ. देवीदास इंगले |
400 |
177 |
दिनकर का कुरुक्षेत्र और मानवतावाद |
डॉ. मोहसिन ख़ान |
250 |
178 |
हिन्दी उपन्यास: वस्तु एवं शिल्प |
डॉ. श्रद्धा उपाध्याय |
750 |
179 |
महिला उपन्यासकारों की नारी: प्रगति एवं पीड़ा के आयाम |
डॉ. हरिशंकर दुबे |
350 |
180 |
हिन्दी मराठी नुक्कड़ नाटक |
डॉ. वर्षा गायकवाड |
400 |
181 |
हिन्दी के प्राचीन प्रतिनिधि कवि |
डॉ. पण्डित बन्ने |
550 |
182 |
आधुनिक हिन्दी साहित्य की प्रवृत्तियाँ |
डॉ. भरत पटेल |
300 |
183 |
सुमित्रनन्दन पंत के काव्य विकास का अध्ययन |
डॉ. रीता मेहरोत्र |
400 |
184 |
हिन्दी के आधुनिक प्रतिनिधि कवि |
डॉ. राठौड़ बालू |
450 |
185 |
यशपाल के उपन्यासों का अनुशीलन |
डॉ. शकुन्तला वाघ |
160 |
186 |
समकालीन महिला उपन्यासकारों के उपन्यासों में नारी विमर्श |
डॉ. मुक्ता त्यागी |
400 |
187 |
शशिप्रभा शास्त्री का कथा साहित्य |
डॉ. कविता चांदगुडे |
450 |
188 |
समकालीन हिन्दी-कन्नड़ कविता में जनवादी चेतना |
डॉ. विद्याश्री |
250 |
189 |
निर्मल वर्मा का कथा साहित्य (द्वितीय सं.) |
डॉ. रघुनाथ शिरगांवकर |
400 |
190 |
मैत्रेयी पुष्पा और शान्ता गोखले की नारी दृष्टि |
डॉ. सुलोचना अंतर्रेड्डी |
300 |
191 |
हिन्दी के आधुनिक प्रतिनिधि कवि |
डॉ. पण्डित बन्ने |
400 |
192 |
हिन्दी कविता: भाषा और शिल्प: विविध प्रतिमाल |
डॉ. करुणा उमरे |
400 |
193 |
बिहारी सतसई और रत्नाकर वर्णीकृत भरतेश वैभव: तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. एस. एम. मिट्ठलकोड |
200 |
194 |
हिन्दी आंचलिकता का अभ्युदय और रेणु के उपन्यास |
डॉ. हरिशंकर दुबे |
300 |
195 |
सप्तक-त्रय में समकालीन जीवन के संवेदनात्मक पक्ष |
डॉ. पी. के. जयलक्ष्मी |
250 |
196 |
सियारामशरण गुप्त के उपन्यास और नारीपात्र |
डॉ. रेणु बाली |
200 |
197 |
नरेश मेहता के काव्यों का सामाजिक चिंतन |
डॉ. टी. शुभानन्द |
300 |
198 |
हरिशंकर परसाई के व्यंग्य-साहित्य में मिथकीय संरचना का अनुशीलन |
डॉ. शरद सुनेरी |
300 |
199 |
आलोचना-विविधा (लेख संग्रह) |
डॉ.सी.जे. प्रसन्न कुमारी |
200 |
200 |
मृदुला गर्ग के साहित्य में चित्रित समाज |
डॉ. किरण बाला जाजू |
40 |
201 |
कुण्ठा एवं साहित्य-सर्जना |
डॉ. मनमोहन शुक्ल |
600 |
202 |
हिन्दी का वैश्विक परिदृश्य (द्वितीय सं.) |
डॉ. पण्डित बन्ने |
275 |
203 |
आधुनिक नारी एवं महिला सशक्तिकरण |
डॉ. अंजू शुक्ला |
400 |
204 |
समकालीन हिन्दी कविता के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर |
डॉ. सरजू प्रसाद मिश्र |
450 |
205 |
लम्बी कविता: काव्य सौन्दर्य |
डॉ. सोमाभाई पटेल |
200 |
206 |
लोक जीवन के रंग |
डॉ. ओमप्रकाश राजपाली |
300 |
207 |
हिन्दी लेखिकाओं की आत्मकथाएँ |
डॉ. सरजू प्रसाद मिश्र |
300 |
208 |
रीतिसिद्धान्त और शैली विज्ञान |
डॉ. सूर्यकान्त त्रिपाठी |
300 |
209 |
रांगेय राघव के उपन्यासों में आंचलिकता |
प्रो. जगन्नाथ पाटील |
200 |
210 |
जैनेन्द्र के उपन्यासों का मनोविश्लेषणात्मक अध्ययन |
डॉ.सी.एस. अजित कुमार |
400 |
211 |
हिन्दी दलित आत्मकथा |
डॉ. संजय नवले |
200 |
212 |
जायसी कृत कन्हावत में सांस्कृतिक एकता एवं मानववाद |
डॉ. चमन लाल शर्मा |
300 |
213 |
परसाई के साहित्य में समकालीन यथार्थ |
डॉ. संध्या कुमारी सिंह |
550 |
214 |
उत्तर छायावादी काव्यधारा के परिप्रेक्ष्य में डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन |
डॉ. शोभना तिवारी |
650 |
215 |
मैत्रेयी पुष्पा के साहित्य का समाजशास्त्रीय अध्ययन |
डॉ. व्यंकट पाटील |
550 |
216 |
महादेवी वर्मा के रेखाचित्र एक अध्ययन |
प्रा. राठौड बी. बी. |
300 |
217 |
शब्दों के नेपथ्य |
डॉ. सरजू प्रसाद मिश्र |
225 |
218 |
हिन्दी साहित्य में नारी संवेदना |
डॉ. एन.जी. दौड़गौडर |
275 |
219 |
गिरिराज किशोर के उपन्यासों में संवेदना और शिल्प |
डॉ. सोमाभाई पटेल |
500 |
220 |
नाटककार ज्ञानदेव अग्निहोत्री |
डॉ. रमेश कुमार गवली |
200 |
221 |
समकालीन हिन्दी कविता और कुमार अंबुज |
डॉ. बाबू जोसफ |
250 |
222 |
रचनाकार डॉ. रामकुमार वर्मा: एक अवलोकन |
डॉ. देवीदास इंगले |
400 |
223 |
आधुनिक हिन्दी साहित्य में जनवादी चेतना |
डॉ. विद्याश्री |
450 |
224 |
हिन्दी की चुनी हुई लम्बी कविताओं पर बातचीत |
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सिंह |
150 |
225 |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी उपन्यास साहित्य की सामाजिक चिन्ता |
डॉ. कुसुमराय |
450 |
226 |
शतायुषी हिन्दी साहित्यकार और उनकी साहित्यिक साधना |
डॉ. विद्याश्री |
550 |
227 |
राजभाषा हिन्दी के बहुमुखी आयाम |
डॉ. सी.जे. प्रसन्नकुमारी श्रीमती आर.आई. शांति |
300 |
228 |
अवधी भाषा साहित्य का सांस्कृतिक परिवेश |
डॉ. गुणमाला खिमेसरा |
300 |
229 |
सौंदर्यबोध शास्त्र |
डॉ. जगदीशसिंह मन्हास |
700 |
230 |
हिन्दी नाटक साहित्य और लक्ष्मी नारायण लाल |
डॉ. भीमप्प एल. गुंडूर |
400 |
231 |
कथाकार शिवानी व्यक्तित्व और कृतित्व |
डॉ. कृष्णा श्रीवास्तव |
300 |
232 |
हिन्दी के जीवनीपरक उपन्यास एक अध्ययन |
डॉ. संगीता सहजवाणी |
250 |
233 |
निराला के गद्य साहित्य में प्रगतिशील चेतना |
डॉ. नरेन्द्र शुक्ला |
250 |
234 |
भारतीय बाल साहित्य की भूमिका |
डॉ. त्रिभुवन नाथ शुक्ल, डॉ. श्रीकृष्ण चन्द्र तिवारी राष्ट्रबन्धु |
250 |
235 |
समीक्षक आचार्य नन्द दुलारे बाजपेयी |
सं. डॉ. त्रिभुवन नाथ शुक्ल |
300 |
236 |
हिन्दी-मराठी नाटक और एब्सर्ड |
डॉ. सरजू प्रसाद मिश्र |
350 |
237 |
भगवत्गीता का संवाद सौंदर्य |
डॉ. ज्ञानराज गायकवाड, डॉ. राजु बागलकोट |
300 |
238 |
कवियों के कवि अज्ञेय |
डॉ. शंकर वसंत मुद्गल |
300 |
239 |
राष्ट्रीयकृत बैंकों में हिन्दी |
डॉ. शंकर बुंदेले |
225 |
240 |
अन्वेषण (आलेख संग्रह) |
डॉ. सुमंगला मुम्मिगट्टी |
200 |
241 |
साठोत्तरी कन्नड़ और हिन्दी कवयित्रियाँ |
डॉ. सुमंगला मुम्मिगट्टी |
150 |
242 |
भगवती प्रसाद वाजपेयी के गद्य साहित्य का अनुशीलन |
डॉ. सुमंगला मुम्मिगट्टी |
110 |
243 |
कमलेश्वर की कहानियों का अनुशीलन |
डॉ. मंजुला देसाई |
300 |
244 |
साहित्यिक रांगेय राघव |
डॉ. गीता पुजारी |
240 |
245 |
समीक्षायें विविध आयाम |
डॉ. रवीन्द्रनाथ मिश्र |
75 |
246 |
समीक्षा का व्यवहारिक संदर्भ |
डॉ. सत्यदेव त्रिपाठी |
125 |
247 |
लोकसंचार माध्यम प्रस्तुति के रचनात्मक आयाम |
डॉ. सत्यदेव त्रिपाठी |
150 |
248 |
समकालीन कविता के बदलते सरोकार |
डॉ. सुधा रणजीत |
110 |
249 |
पर्यावरण और विकास |
डॉ. रणजीत |
140 |
250 |
भारतीय प्रेमाख्यानायक काव्य परम्परा और दाऊदकृत चंदायान |
डॉ. बैकुण्ठ राय |
160 |
251 |
श्रीमती चन्द्र किरण सोनरेक्सा एवं शरतचन्द्र के नारी पात्र |
डॉ. कुन्तल कुमारी |
125 |
252 |
मार्कण्डेय का रचना संसार |
डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद |
250 |
253 |
शंकर शेष के नाटकों में रंगमंचीय अनुशीलन |
डॉ. रमाकान्त दीक्षित |
250 |
254 |
प्रसाद साहित्य में प्रेमभाव |
डॉ. आशा मणियार |
180 |
255 |
साहित्यिक शोध और बोध |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
495 |
256 |
विश्वमंच पर हिंदी: विविध् आयाम |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
250 |
257 |
केरल के दिवंगत हिंदी सेवी और डॉ. जे. हैमवती अम्मा |
सं. डॉ. आरसु |
1475 |
258 |
नारी सशक्तिकरण के आयाम और चुनौतियाँ |
डॉ. वी.एन. सिंह |
495 |
259 |
नारी सशक्तिकरण और समाज |
डॉ. वी. एन. सिंह |
495 |
260 |
दलित और आदिवासी साहित्य चिंतन के आद्य बिन्दु (आलोचना) |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
475 |
261 |
हिन्दी उपन्यासों में विभाजन |
षीना एम. ए. |
325 |
262 |
हिन्दी: भाषा, संस्कृति और राष्ट्रीयता (आलोचना) |
जयप्रकाश कर्दम |
250 |
263 |
हिन्दी भाषा एवं साहित्य: एक समग्र अवलोकन (नेट/स्लेट) |
डॉ. विद्यासागर सिंह |
595 |
264 |
साहित्यिक कालजयी रचनाकार प्रेमचन्द |
डॉ. राजेश कुमार |
275 |
265 |
डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का साहित्य विमर्श |
डॉ. पीयूष कुमार द्विवेदी |
295 |
266 |
चन्द्रकान्ता के उपन्यासों में जीवन संघर्ष |
आजाद सक्सेना |
725 |
267 |
हिन्दी गजल: कथ्य और शिल्प |
डॉ. शमीम निग्हत |
475 |
268 |
राष्ट्रकूट साम्राज्य और जैन धर्म |
अनु. प्रतिभा मुदलियार |
695 |
269 |
डॉ. सूर्यबाला कृत दीक्षांत एक परिचय |
डॉ. बलवंत बी.एस. |
195 |
270 |
सद्गुरु शोभन सरकार |
डॉ. दीपमाला सेंगर |
- |
271 |
हिन्दी का उपन्यास साहित्य: मिथकीय चेतना और सामाजिक सरोकार |
डॉ. एस. कृष्ण बाबु |
625 |
272 |
सामाजिक समस्याओं के परिप्रेक्ष्य में नरेन्द्र कोहली की कहानियाँ |
डॉ. सौम्या बी. एल. |
725 |
273 |
मृदुला गर्ग के उपन्यास "उसके हिस्से की धूप" एक प्रेमकथा |
डॉ. मुक्कप्पा राठोड |
250 |
274 |
साहित्य साध्ना (डॉ. देवीदास इंगले गौरव ग्रंथ) |
सं. डॉ. अशोक मर्डे |
795 |
275 |
मुक्तिबोध् कृत "अँधेरे में" पाठ व अर्थ की खोज |
विवेक कुमार मिश्र |
295 |
276 |
मोहन राकेश के उपन्यासों में नारी |
डॉ. के. सध्या रानी |
525 |
277 |
बहुआयामी पूर्वोत्तर भारत |
सं. आलोक सिंह |
650 |
278 |
भाषा और साहित्य: विमर्श एवं विश्लेषण (आलोचना) |
डॉ. के. श्रीलता विष्णु |
450 |
279 |
नयी सदी की कविता में विविध् विमर्श (आलोचना) |
डॉ. शिव कुमार |
395 |
280 |
मलयालम कविता के विविध् सोपान (आलोचना) |
डॉ. बिनु पुलारी |
250 |
281 |
स्नेह सृजन एवं स्त्री सशक्तिकरण (प्रतिभा मुदलियार अभिनंदन ग्रंथ) |
सं. अरविंद बाजपेयी |
725 |
282 |
संस्कृत भाषा का तथ्यपरक इतिहास तथा प्रमुख प्राचीन लिपियाँ |
शिव प्रसाद लाल |
495 |
283 |
भारतीय संस्कृति के विविध पक्ष (आलोचना) |
डॉ. स्वाति पाण्डेय |
400 |
284 |
मुक्तिबोध् का साहित्य (आलोचना) |
डॉ. जसटी एमानुएल |
375 |
285 |
समकालीन हिंदी साहित्य: विविध परिदृश्य |
डॉ. प्रमोद कोव्वप्रत |
695 |
286 |
लगन से गगन तक |
सुबोध मिश्रा |
295 |
287 |
मानवीय संवेदनाओं के कथाकार: तेजेन्द्र शर्मा |
सं. योग्यता भार्गव |
|
288 |
हिंदी शब्द या कोष |
डॉ. त्रिभुवन नाथ शुक्ला |
795 |
289 |
मिथकीय सीमाओं से परे "रुद्रावतार" |
दिनेश कुमार माली |
250 |
290 |
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के उपन्यासों एवं निबंधों में आये संदर्भों की मौलिक गवेषणा |
डॉ. मनमोहन शुक्ल |
895 |
291 |
समकालीन साहित्य में तृतीय प्रकृति समुदाय |
डॉ. शबाना हबीब |
300 |
292 |
पाली जातक कथाओं में बुकीय प्रबंधन |
डॉ. जसबीर चावला |
295 |
293 |
आदिवासी साहित्य चिंतन एवं दिशाएँ |
डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
475 |
294 |
भारतीय कानून में महिलाओं के अधिकार |
सत्या सिंह |
295 |
295 |
नक्सल आंदोलन के 50 साल: रास्ता किधर है? |
डॉ. शशिधर खान |
675 |
296 |
भूमंडलीकरण और समकालीन कविता का यथार्थ (आलोचना) |
सं. नीरज |
350 |
297 |
साहित्य, संस्कृति और भाषा (आलोचना) |
ऋषभदेव शर्मा |
495 |
298 |
थर्ड जेंडर: अस्मिता और संघर्ष (आलोचना) |
सं. डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
495 |
299 |
लैंगिक विमर्श और यमदीप |
हर्षिता द्विवेदी |
495 |
300 |
हिन्दी सिनेमा: साहित्य में अंर्तसम्बन्धों की खोज |
डॉ. सौम्य रंजन |
1195 |
301 |
इक्कीसवीं सदी का साहित्यिक परिदृश्य |
सीमा चन्द्रन |
495 |
302 |
समकालीन हिन्दी साहित्य में युगबोध |
सं. गायत्राी एन. |
325 |
303 |
डॉ. सुशीला टाकभौरे के साहित्य में दलित नारी संवेदना |
शिवगंगा |
425 |
304 |
स्वयंप्रभा: मूल्यांकन के नये आयाम |
सं. डॉ. अनिल सिंह |
550 |
305 |
रमेश बक्षी के कथा साहित्य का यथार्थ |
डॉ. श्याम प्रसाद के.एन. |
725 |
306 |
मीडिया और साहित्य: समकालीन संदर्भ |
सं. डॉ. के. श्रीलता विष्णु |
525 |
307 |
कबीर के मानवीय मूल्यों का पुनर्पाठ |
डॉ. उमा टी.एम. |
425 |
308 |
21वीं सदी के हिन्दी साहित्य का समकालीन पक्ष |
सं. ऊषा कुमारी |
250 |
309 |
सदी की चौखट पर कविता (आलोचना) |
अरुण शीतांश |
395 |
310 |
प्रवासी साहित्य का सांस्कृतिक रेखांकन |
डॉ. इंदू के. वी. |
395 |
311 |
पीले सोने का देश (द चंबल बुक) |
आदर्श गुप्ता |
895 |
312 |
जाफरान सी महकती जन्नत कश्मीर |
अलका प्रदीप दीक्षित |
150 |
313 |
अनुवाद: समस्याएँ एवं समाधन |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
650 |
314 |
अनुवाद चिंतन |
डॉ. अर्जुन चव्हाण |
650 |
315 |
चन्द तस्वीरें: चन्द खतूूत |
सं. एस.एम. शाहिद |
375 |
316 |
बुद्ध: जीवन दर्शन |
डॉ. उमा शशि दुर्गा |
250 |
317 |
मूसा से मार्क्स तक (समाजवाद) |
अनु. सईद नकवी |
295 |
318 |
कोहिनूर जहां भी रहा अनमोल रहा (उदय प्रताप सिंह की जीवनी) |
मनोरमा श्रीवास्तव |
200 |
319 |
समसामयिक साहित्यःचेतना के नए स्वर |
सं. डॉ. शेखर |
1195 |
320 |
पाश्चात्य काव्य सिद्धान्त |
डॉ. ज्ञानराज गायकवाड |
395 |
321 |
भारतीय काव्य सिद्धान्त |
डॉ. ज्ञानराज गायकवाड |
495 |
322 |
दिव्य जीवन ज्योति |
राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय |
100 |