1 |
लम्बी कविता: व्यापक परिदृश्य |
डॉ. रजनी बाला |
500 |
2 |
समकालीन साहित्य और आलोचना |
ए. बी. पद्मनाभ |
450 |
3 |
तुलसी का विराट व्यक्तित्व |
डॉ. ब्रह्मानन्द मिश्र |
450 |
4 |
हिन्दी साहित्य और माँ |
डॉ. विबी सी. |
400 |
5 |
समकालीन हिन्दी समीक्षा: एक दृष्टिकोण |
डॉ. ईश्वर सिंह चौहान |
450 |
6 |
रेणु और नागार्जुन के उपन्यासों में नारी समस्या |
डॉ. महेश चन्द्र |
325 |
7 |
मेहरुन्निसा परवेज़ का उपन्यास साहित्य |
डॉ. महबूब अली नदाफ |
375 |
8 |
साठोत्तर हिन्दी महिला कथाकारों के कहानी साहित्य में नारी |
डॉ. मिनि आर. |
475 |
9 |
छायावादोत्तर गीत काव्य में लोग चेतना |
डॉ. नारायण शुक्ला |
875 |
10 |
इक्कीसवीं सदी का गद्य साहित्य |
सं. डॉ. दिलीप मेहरा |
1250 |
11 |
समकालीन कविता में सौन्दर्य-बोध का मूल्यांकन |
डॉ. गया प्रसाद |
995 |
12 |
नारी विमर्श और मैत्रेयी पुष्पा का कथा साहित्य |
डॉ. अनिला पटेल |
900 |
13 |
हिन्दी महिला कथाकारों के साहित्य में दलित विमर्श |
डॉ. संगीता चौहान |
950 |
14 |
हिन्दी भाषा: प्रचार एवं प्रसार में योगदान |
डॉ. प्रकाश गायकवाड़ |
500 |
15 |
रामचरितमानस तथा भावार्थ रामायण |
डॉ. भुमरे एम. |
750 |
16 |
दखनी कवि श्री माणिक प्रभु |
डॉ. हणमंत पवार |
380 |
17 |
साहित्य के विविध पहलू |
डॉ. कुसुम राणा |
275 |
18 |
भगवतीचरण वर्मा के उपन्यासों का तात्विक विवेचन |
डॉ. अंधारे अशोक |
800 |
19 |
मैत्रेयी पुष्पा का उपन्यास इदन्नम् में सामाजिक जीवन |
डॉ. रत्नाकर हुसे |
300 |
20 |
हिन्दी और मराठी दलित आत्मकथाओं का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. कल्याण गुरुनाथ |
560 |
21 |
निर्मल वर्मा के निबन्ध साहित्य का समीक्षात्मक अध्ययन |
डॉ. नीलिमा तिवारी |
450 |
22 |
गोविन्द मिश्र की कथा यात्रा |
डॉ. कला जोशी |
400 |
23 |
मैत्रेयी पुष्पा नारी संवेदना के स्वर |
डॉ. प्रीती यादव |
895 |
24 |
प्रवासी हिन्दी साहित्य और सुदर्शन प्रियदर्शनी |
डॉ. प्रदीप श्रीधार |
500 |
25 |
यथार्थबोध का परिप्रेक्ष्य और स्वयं प्रकाश का साहित्य |
डॉ. नागेन्द्र प्रसाद |
300 |
26 |
रंगमंचीयता के परिप्रेक्ष्य में हिन्दी काव्य नाटक |
डॉ. नीलिमा दुबे |
995 |
27 |
स्त्री-संघर्ष संवेदना के साक्ष्य |
कल्याणी डाकोरे |
300 |
28 |
बाणभट्ट की आत्मकथा में नारी |
डॉ. रेविता कवले |
350 |
29 |
कबीर, रैदास और तुकाराम के काव्य में बौद्ध दर्शन |
डॉ. सुभाष क्षीरसागर |
295 |
30 |
आधुनिक हिन्दी साहित्य चर्चित आयाम |
सं. डॉ. सुनील बापू बनसोडे |
495 |
31 |
समकालीन हिन्दी साहित्य में नारी संवेदना |
डॉ. दयानन्द सालुंके |
1195 |
32 |
रमणिका गुप्ता के उपन्यासों में नारी |
आदिनाथ भाकड़ |
350 |
33 |
मोहन राकेश की कहानियों का समाजशास्त्रीय अध्ययन |
डॉ. संगीता उप्पे |
500 |
34 |
अम्बेडकरवादी चिंतन और दलित उपन्यास |
डॉ. प्रदीप सरवदे |
695 |
35 |
लिंग विद्यालय एवं समाज |
डॉ. हिंदूराव रामचन्द्र घरपणकर |
400 |
36 |
हिन्दी अध्यापन अधुनातन आयाम |
डॉ. हिन्दूराव रामचन्द्र घरपणकर |
525 |
37 |
उपन्यासकार सुशीला टाकभौरे एवं नारी अस्मिता |
संध्या दत्ता कदम |
350 |
38 |
बहुजन वैचारिकी और डॉ. अंबेडकर |
डॉ. राजबहादुर |
450 |
39 |
शंकर शेष: सम्पूर्ण साहित्य का अनुशीलन |
डॉ. संपतराव जाधव |
1195 |
40 |
समकालीन कवि विश्वनाथ प्रसाद तिवारी |
डॉ. शिवबसरैया सी. हिरेमठ |
550 |
41 |
उपन्यासकार शशिप्रभा शास्त्री |
डॉ. विजय कुमार सूर्यवंशी |
500 |
42 |
महिला आत्मकथाओं में नारी चिंतन |
डॉ. विट्ठल शंकर नाईक |
250 |
43 |
समकालीन हिन्दी साहित्य का वैचारिक परिप्रेक्ष्य |
डॉ. सविता कीर्ते |
350 |
44 |
मृणाल पाण्डे व्यक्तित्व एवं कृतित्व |
डॉ. प्रज्ञा तिवारी |
650 |
45 |
भारतीय काव्यशास्त्र आलोचना और आलोचक |
डॉ. सरोज पगारे |
400 |
46 |
अनुवाद के विविध आयाम |
डॉ. मोनिका देवी |
300 |
47 |
समकालीन हिन्दी कथा साहित्य के नए परिप्रेक्ष्य |
डॉ. आर. राजेश कुमार |
200 |
48 |
नाटककार नरेन्द्र मोहन |
संजय ढोडरे |
600 |
49 |
नारी विमर्श एवं क्षमा शर्मा का कथा साहित्य |
डॉ. लता गुजराती |
850 |
50 |
फेसबुक एक विमर्श |
डॉ. दिनेश धर्मपाल |
550 |
51 |
हिन्दी विधाओं का स्त्री परिप्रेक्ष्य |
डॉ. पद्मप्रिया |
200 |
52 |
गीतकार चन्द्रसेन विराट |
डॉ. कामिनी तिवारी |
600 |
53 |
आधुनिकता के पुरोधा निर्मल वर्मा |
डॉ. सुरेश ए. |
500 |
54 |
शशिप्रभा शास्त्री के कथा साहित्य में नारी विमर्श |
डॉ. अम्बिली वी. एस. |
350 |
55 |
समकालीन हिन्दी कहानी एवं दलित विमर्श |
डॉ. मोहम्मदरफी हंचिनाल |
450 |
56 |
नाटककार लक्ष्मीनारायण मिश्र |
डॉ. सुरेश ए. |
200 |
57 |
प्रगतिशील कविता के पचहत्तर वर्ष |
ओमप्रकाश त्रिपाठी |
550 |
58 |
जहीर कुरेशी की ग़ज़लों का चिंतन पक्ष |
डॉ. प्रीति सोनी |
600 |
59 |
राजेश जोशी का काव्य, संवेदना और शिल्प |
डॉ. वर्षा देशमुख |
600 |
60 |
प्रेमचंद के साहित्य में दलित एवं नारी विमर्श |
अनिल सूर्यवंशी |
500 |
61 |
भारतीय उपन्यासों में आदिवासी विमर्श |
डॉ. रेम्या बालन के. |
700 |
62 |
आधुनिक हिन्दी नाटक सर्जना और स्वरूप |
डॉ. लीना. बी. एल. |
600 |
63 |
दुष्यन्त कुमार के साहित्य का पुनर्मूल्यांकन |
डॉ. जिजाबराव पाटिल |
995 |
64 |
हिन्दी साहित्य में आदिवासी एवं स्त्री विमर्श |
डॉ. सविता चौधरी |
450 |
65 |
राहुल सांकृत्यायन एवं हिन्दी का यात्र साहित्य |
डॉ. रम्या के. आर. |
400 |
66 |
मोहम्मद अली जिन्ना एवं भारत विभाजन |
डॉ. सुरेन्द्र पाल सिंह |
300 |
67 |
कृषि भूमि उपयोग नियोजन |
डॉ. श्रीप्रकाश अस्थाना |
500 |
68 |
आदिवासी केन्द्रित हिन्दी उपन्यास |
डॉ. प्रमोद चौधरी |
650 |
69 |
कथाकार क्षमा शर्मा |
डॉ. प्रेरणा तिवारी |
600 |
70 |
जनवादी कहानीकार उदयप्रकाश |
टीना थामस |
300 |
71 |
नवउपनिवेश एवं समकालीन हिन्दी कहानी |
टीना थामस |
500 |
72 |
हिन्दी व्याकरण |
कामताप्रसाद गुरु |
700 |
73 |
समकालीन हिन्दी उपन्यासों में विस्थापन |
डॉ. रूबी एलसा जैकब |
400 |
74 |
भूमण्डलीकरण और आधुनिक हिन्दी साहित्य |
डॉ. संजय चोपडे |
200 |
75 |
महिला सशक्तिकरण और मानवाधिकार |
डॉ. राधामणि सी. |
500 |
76 |
धूमिल की काव्य.चेतना |
डॉ. गीता अस्थाना |
400 |
77 |
थर्ड जेण्डर के संघर्ष का यथार्थ (चित्र मुद्गल कृत नाला सोपारा के संदर्भ में) |
डॉ. शगुफ्रता नियाज |
450 |
78 |
सिनेमा की निगाह में थर्ड जेण्डर |
डॉ.एम.फीरोज़ खान, डॉ.शिप्रा किरण |
325 |
79 |
थर्ड जेण्डर: चर्चित कहानियाँ |
सं. डॉ. विमल सूर्यवंशी |
250 |
80 |
थर्ड जेण्डर पर केन्द्रित हिन्दी का प्रथम उपन्यास यमदीप |
डॉ. एम. फिरोज़ खान |
450 |
81 |
थर्ड जेण्डर: तीसरी ताली का सच |
सं. एम. फिरोज़ अहमद |
450 |
82 |
हमख़्याल (समलैंगिकता पर केन्द्रित कहानी संग्रह) |
सं. एम.फिरोज़ खान |
650 |
83 |
रवीन्द्र वर्मा के उपन्यासों में मध्यवर्ग का यथार्थ |
सुनील कुमार एस. यादव |
225 |
84 |
हिन्दी व्याकरण एवं रचना |
डॉ. विमल सूर्यवंशी |
650 |
85 |
मध्यकालीन कला और संस्कृति |
प्रा. रमेश झरेकर |
750 |
86 |
मन्नू भंडारी की कहानियों में नारी चेतना |
गुलाबराव हाडे |
550 |
87 |
वैश्विक संदर्भ में अनुवाद की भूमिका |
सं. डॉ. रजनी धारी |
350 |
88 |
इतिहास-बोध प्रतिरोध और संस्कृति |
प्रकाशचंद भट्ट |
350 |
89 |
उत्तर भारतीय संगीत की परम्परा में घरानों का ऐतिहासिक अध्ययन |
डॉ. दीपाली श्रीवास्तव |
195 |
90 |
समकालीन महिला रचनाकारों के काव्य में स्त्री विमर्श |
डॉ. कमलकिशोर एस. |
395 |
91 |
हिन्दी साहित्य में नारी अस्मिता के विविध रूप |
डॉ. सुमन सिंह |
550 |
92 |
संस्मरण साहित्य विधा शास्त्र और इतिहास |
डॉ. बापूराव देसाई |
400 |
93 |
निराला काव्य में नारी अस्मिता |
सत्यंवदा यादव |
195 |
94 |
केदारनाथ सिंह की आलोचना दृष्टि |
बेंद्रे बसवेश्वर नागोराव |
195 |
95 |
मोहन राकेश के नाटकों की प्रासंगिकता |
डॉ. विमल सूर्यवंशी |
550 |
96 |
जनसंचार, जनसम्पर्क एवं विज्ञापन |
डॉ. सुजाता वर्मा |
695 |
97 |
मध्यकालीन हिन्दी साहित्य का इतिहास |
डॉ. घनश्यामदास भुतड़ा |
595 |
98 |
साहित्यशास्त्र |
डॉ. सूर्यनारायण रणसुभे |
595 |
99 |
हिन्दी नाटक के बदलते तेवर |
डॉ. लव कुमार |
575 |
100 |
हिन्दी उपन्यासों में चित्रित कृषक जीवन |
डॉ. कुट्टे धनाजी सुभाष |
275 |
101 |
गौरव नेता नहीं अनुकर्ता बनने में |
डॉ. गार्गीशरण मिश्र मराल |
450 |
102 |
हिन्दी साहित्य के पुरोधा पं. विश्वम्भर नाथ शर्मा कौशिक |
डॉ. नीलाम्बर कौशिक |
395 |
103 |
भीष्म साहनी कृत हानूश का नाट्य सौन्दर्य |
डॉ. लव कुमार |
395 |
104 |
प्रभाकर श्रोत्रिय के नाटकों का अन्तर्पाठ |
डॉ. लव कुमार |
550 |
105 |
ओमप्रकाश बाल्मीकि के साहित्य में अम्बेडकरीय संवेदना |
डॉ. शिवाजी नागोबा |
450 |
106 |
अब्दुल बिस्मिल्लाह के साहित्य में संघर्षरत आम आदमी |
डॉ. शेख फक्रीद्दीन |
550 |
107 |
हिन्दी दलित कहानी: विविध आयाम |
डॉ. नारायण |
650 |
108 |
वस्तुनिष्ठ हिन्दी प्रतियोगिता (UGC, NET/SLET) |
डॉ. शंकर राठौड़ |
975 |
109 |
भारतीय और पाश्चात्य काव्यशास्त्र की रूपरेखा |
डॉ. पं. बन्ने |
395 |
110 |
सूर्यबाला की कहानियों का मनोवैज्ञानिक अध्ययन |
चितेरे कन्नूलाल |
225 |
111 |
कर्मभूमि उपन्यास में देश और समाज |
डॉ. एल. पी. लमाणी |
160 |
112 |
नजीर अकबराबादी के काव्य का परिचयात्मक विमर्श |
डॉ. शमशाद अली |
150 |
113 |
यादवेन्द्र शर्मा चन्द्र: व्यक्तित्व और कृतित्व |
गीता मा. बेणचेकर |
195 |
114 |
साहित्य और पत्रकारिता: एक परिक्रमा |
डॉ. चन्द्रकान्त मेहता |
600 |
115 |
कृष्णा सोबती की कहानियों में मनोवैज्ञानिकता |
भरत के. बावलिया |
350 |
116 |
अनुवाद विज्ञान |
डॉ. रामगोपाल सिंह |
700 |
117 |
दिनकर के काव्य में प्रगतिशील चेतना |
देवज्ञानी सेन |
895 |
118 |
हिन्दी कहानी एवं मुस्लिम परिवेश |
डॉ. इल्यास जेठवा |
1095 |
119 |
हिन्दी काव्य में औदात्य की अभिव्यंजना |
डॉ. चन्द्रकला भाटा |
175 |
120 |
श्री रामदरश मिश्र की कहानियों में युगबोध |
डॉ. अमी दवे |
895 |
121 |
जनसंचार माध्यम में हिन्दी की स्थिति और दिशा |
डॉ. कीर्ति कुमार जादव |
795 |
122 |
मोहन राकेश की कहानियों में युग चेतना |
दीप्ती पी. परमार |
675 |
123 |
अनुवाद के विविध आयाम |
डॉ. राम गोपाल सिंह |
650 |
124 |
आधुनिक हिन्दी का शोधपरक व्याकरण |
डॉ. राम गोपाल सिंह |
700 |
125 |
अमृता प्रीतम के उपन्यासों का समीक्षात्मक अनुशीलन |
डॉ. कल्पना सी. रायठटा |
795 |
126 |
हिन्दी के प्रमुख उपन्यासों में जनवादी चेतना विवेचनात्मक निबन्ध |
डॉ. महेन्द्र कुमार |
300 |
127 |
हिन्दी व बांग्ला के आदि काल के साहित्य में इतिहासबोध |
डॉ. शकीला खानम |
150 |
128 |
सुमित्र नन्दन पंत के काव्य में संस्कृति और जीवन दर्शन |
प्रो- शीला मिश्र |
150 |
129 |
रसखान विवेचनात्मक अध्ययन |
डॉ. दीपा गुप्ता |
300 |
130 |
नागार्जुन के काव्य में जीवन मूल्य |
डॉ. निर्मला नारायण |
200 |
131 |
नई कविता वस्तु और रूप तथा अन्य निबन्ध |
डॉ. त्रिवेणी झा |
400 |
132 |
हिन्दी साहित्य: एक दृष्टिकोण |
डॉ. श्याम राव |
400 |
133 |
हिन्दी के उत्पादक रुपिम और प्रयोजनमूलक आयाम |
डॉ. शुभदा बांजपे |
275 |
134 |
हिन्दी संज्ञा संरचना और कुछ रूपिम |
डॉ. प्रीति साहनी |
200 |
135 |
फणीश्वर नाथ रेणु के मैला आंचल का भाषा शैली परख अध्ययन |
डॉ. प्रीति सोहनी |
125 |
136 |
मुक्तिबोध जीवन संघर्ष बनाम काव्य संघर्ष |
डॉ. जी. प्रवीणा भाई |
250 |
137 |
सत्ता, साहित्य और पत्रकारिता |
डॉ. श्याम राव |
325 |
138 |
अज्ञेय के निबन्ध |
आलोक पाण्डेय |
200 |
139 |
सूरजपाल चौहान की आत्मकथा तिरस्कृत दलित चेतना |
सच्चिदानन्द चतुर्वेदी |
225 |
140 |
और भाषा |
डॉ. छाया |
225 |
141 |
आन्ध्र प्रदेश की आदिवासी संस्कृति |
सुरेश जगन्नाथम |
150 |
142 |
उपन्यासकार देवेश ठाकुर |
डॉ. संगीता कोटिया |
150 |
143 |
काव्यानुवाद की समस्याएँ |
डॉ. शकीला खानम |
150 |
144 |
समकालीन कहानियों में टूटते हुए मानवीय सम्बन्ध |
डॉ. टी. सुमति |
350 |
145 |
युग चेता निबन्धकार: डॉ. धर्मवीर भारती |
डॉ. मंजुषा श्रीवास्तव |
350 |
146 |
संस्कृत-साहित्य का मौलिक इतिहास |
डॉ. राकेश मणि त्रिपाठी |
550 |
147 |
हिन्दी साहित्य का तथ्यात्मक अनुशीलन |
बालमुकुंद सुखवाल |
600 |
148 |
आधुनिक कविता राष्ट्रीय सांस्कृतिक जागरण के सन्दर्भ में |
डॉ. एस. पद्मप्रिया |
350 |
149 |
वजही का साहित्य: सांस्कृतिक मूल्यांकन |
डॉ. अफसर उन्निसाँ बेगम |
500 |
150 |
धर्मवीर भारती का कथा संसार |
डॉ. मंजूषा श्रीवास्तव |
300 |
151 |
हिन्दी दलित आत्मकथाओं का सांस्कृतिक विश्लेषण |
डॉ. छाया |
400 |
152 |
उत्तरशती के हिन्दी उपन्यासों में मुस्लिम जनजीवन |
डॉ. टी. जे. रेखारानी |
400 |
153 |
इतिहास-बोध और आधुनिक हिन्दी नाटक |
डॉ. आर. शशिधस |
150 |
154 |
पत्रकारिता और न्यू मीडिया |
डॉ. सुजाता वर्मा |
750 |
155 |
गालिब के पत्र: विचार और विश्लेषण |
डॉ. रीता श्रीवास्तव |
295 |
156 |
विनोद कुमार शुक्ल का रचना संसार |
डॉ. महेन्द्र कुमार |
400 |
157 |
नरेन्द्र मोहन: विशिष्ट रचनायें |
नरेन्द्र मोहन |
1250 |
158 |
हिमांशु जोशी के आंचलित उपन्यास |
शरद शेषराव कदम |
250 |
159 |
भैरव प्रसाद गुप्त के उपन्यासों में मार्क्सवादी चेतना |
शेख मुखत्यार |
195 |
160 |
हिन्दी कहानी में नारी विमर्श |
सं. बाबूराव देसाई |
750 |
161 |
सिनेमा और फिल्मांतरित हिन्दी साहित्य |
डॉ. गोकुल क्षीरसागर |
595 |
162 |
हिन्दी की बोलियों में बोधगम्यता |
डॉ. आशा रानी |
450 |
163 |
मराठी साहित्यकार पु.ला. देशपाण्डे के हास्य.व्यंग्यात्मक |
लेखअनु. वेदकुमार वेदालंकार |
395 |
164 |
मन्नू भण्डारी कथा सृजजन की अन्तर्यात्रा |
प्रा. किशोर गिरडकर |
300 |
165 |
मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में स्त्री जीवन संघर्ष |
डॉ. शिवशेट्टे गोविन्द |
550 |
166 |
बीसवीं शदी के अंतिम दशक के उपन्यासों में ग्राम जीवन |
डॉ. शेख मोहसीन |
550 |
167 |
फणीश्वरनाथ रेणु के साहित्य में लोकतत्व |
डॉ. मालती शिंदे |
600 |
168 |
नासिरा शर्मा और सानिया के साहित्य में स्त्री विमर्श |
डॉ. महेश दवंगे |
750 |
169 |
बदलते सामाजिक परिदृश्य एवं हिन्दी साहित्य |
डॉ. सुमन सिंह |
450 |
170 |
हिन्दी की प्रगतिशील कविता |
सं. डॉ. यशवंतकर |
750 |
171 |
प्रभा खेतान का रचना संसार |
के. आशा |
450 |
172 |
साठोत्तरी हिन्दी गजल में समसामयिकता |
डॉ. मस्के संतोष विष्णु |
450 |
173 |
नागरी लिपि विमर्श |
सं. डॉ. शेख मुखत्यार |
650 |
174 |
नागरी लिपि विमर्श |
सं. शेख |
650 |
175 |
प्रयोजनमूलक हिन्दी चिंतन अनुचिंतन |
सं. संजय नवले |
695 |
176 |
आधुनिक हिन्दी मराठी नाटक |
सं. संजय नवले |
795 |
177 |
इक्कीसवीं सदी की हिन्दी कविता |
सं. सुकुमार भंडारे |
575 |
178 |
नयी कविता एवं नवगीत |
डॉ. गीता |
1095 |
179 |
साहित्यशास्त्र तथा आलोचना |
डॉ. माधव |
395 |
180 |
नई शती और हिन्दी कविता |
डॉ. श्यामबाबू |
295 |
181 |
रंगानुभूति और नरेन्द्र मोहन के नाटक |
डॉ. गुरचरण सिंह |
350 |
182 |
समकालीन कविता का सच |
डॉ. गुरचरण सिंह |
800 |
183 |
कामायनी शब्दानुक्रम कोश |
डॉ. त्रिभुवननाथ शुक्ल |
550 |
184 |
भीष्म साहनी का नाटक साहित्य संवेदना और शिल्प |
डॉ. प्रभाकर |
595 |
185 |
विनोद कुमार शुक्ल का रचना संसार |
डॉ. महेन्द्र |
400 |
186 |
मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में स्त्री जीवन संघर्ष |
डॉ. शिवशेट्टे |
550 |
187 |
स्त्री संघर्ष और मानवाधिकार |
ज्योति किरण |
250 |
188 |
साठोत्तरी हिन्दी गज़ल में समसामयिकता |
डॉ. मस्के |
450 |
189 |
संत साहित्य की अभिव्यंजक पद्धति |
..... |
395 |
190 |
मृदुला गर्ग के कथा साहित्य में नारी |
डॉ. रमा नवले |
875 |
191 |
स्त्रीवाद और महिला उपन्यासकार |
डॉ. वैशाली देशपांडे |
550 |
192 |
स्त्री शिक्षा का इतिहास |
डॉ. कीर्ति वर्मा |
195 |
193 |
भैरवप्रसाद गुप्त के उपन्यासों में आंचलिकता |
शेख सैबाशरीन |
225 |
194 |
लोक साहित्य विधा शास्त्र और इतिहास |
डॉ. बाबूराव देसाई |
475 |
195 |
प्रयोजनमूलक हिन्दी तथा मीडिया लेखन |
डॉ. बापूराव देसाई |
595 |
196 |
साम्प्रदायिक उपन्यास और कितने पाकिस्तान |
डॉ. लक्ष्मण तुलसीराम काले |
400 |
197 |
अनुवाद साहित्य विधा शास्त्र और इतिहास |
डॉ. बापूराव देसाई |
400 |
198 |
इक्कीसवीं सदी के शिखर उपन्यासों में संवेदना |
डॉ. सदानन्द भोसले |
375 |
199 |
यौन उत्पीड़न तथा अन्य निबन्ध |
डॉ. बापूराव देसाई |
295 |
200 |
मन्नू भण्डारी कथा सृजन की अन्तर्यात्रा |
प्रा. कशोर गिरडकर |
300 |
201 |
तीन पारिवारिक नाटक |
डॉ. सुरेश शुक्ल चन्द्र |
250 |
202 |
अजय प्रताप (नाटक) |
डॉ. सुरेश शुक्ल चन्द्र |
195 |
203 |
मृदुला गर्ग और गौरी देशपांडे के उपन्यास साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. प्रांजली भाऊ साहेब भोसले |
450 |
204 |
रंगचेता नाटककार नरेन्द्र मोहन |
डॉ. लवकुमार |
700 |
205 |
रामचरित मानस में लोक तत्व |
रश्मि श्रीवास्तव |
150 |
206 |
राजी सेठ का कथा साहित्य समाजशास्त्रीय एवं भाषिक अनुशीलन |
डॉ. सोनाली पंडित |
525 |
207 |
भारत में नारी सशक्तीकरण का व्यावहारिक स्वरूप |
डॉ. पूर्णिमा शर्मा |
400 |
208 |
बीसवीं शताब्दी का रंगकर्म |
डॉ. लव कुमार |
495 |
209 |
हिन्दी मराठी कविता के मील स्तम्भ |
डॉ. सुधाकर शेंडगे |
375 |
210 |
हिन्दी मराठी का अनूदित साहित्य |
स. डॉ. सोनटक्के, डॉ. शेंडगे |
400 |
211 |
आखर फुहार |
शंकर पुणताम्बेकर |
450 |
212 |
हिन्दी कृष्ण भक्त कवियों का रामकाव्य |
डॉ. इन्दु यादव |
600 |
213 |
भारतीय संगीत में रसानुभूति एवं सौंदर्य बोध |
सं. मीता जमाल, डॉ. संगीता श्रीवास्तव |
850 |
214 |
समकालीन महिला लेखन एवं नारी चेतना |
सं. गजाला वसीम, डॉ. माली |
775 |
215 |
कवि और आलोचक अशोक बाजपेयी |
डॉ. गोविन्द पांडव |
550 |
216 |
गोपीनाथ महान्ती और नागार्जुन के उपन्यासों में ग्राम्य चेतना |
डॉ. दयानिधि सा |
500 |
217 |
प्रवासी साहित्यकार सुनीता जैन का कथा साहित्य |
डॉ. प्रवीण अनंतराव शिंदे |
425 |
218 |
प्रयोजनमूलक हिन्दी: स्वरूप और व्याप्ति |
तेजपाल चौधरी |
400 |
219 |
छायावादोत्तर हिन्दी कविता |
डॉ. प्रतिभा गुर्जर |
650 |
220 |
प्रयोजनमूलक हिन्दी तथा मीडिया लेखन |
डॉ. बापूराव देसाई |
550 |
221 |
साठोत्तरी नारी कहानीकार |
विष्णु देव मलिक |
250 |
222 |
सूर्यबाला के कथा साहित्य का समाजशास्त्रीय अध्ययन |
डॉ. रत्नमाला धुले |
550 |
223 |
केदारनाथ अग्रवाल के काव्य में ग्रामीण चेतना |
डॉ. डी. जी. रानभरे |
500 |
224 |
बिखरे पन्ने (उपन्यास) |
शंकर पुणतांबेकर |
695 |
225 |
समकालीन एकांकी: संवेदना एवं शिल्प |
डॉ. रंजना वर्दे |
500 |
226 |
एक और द्रोणाचार्य: एक मूल्यांकन |
डॉ. रंजना वर्दे |
140 |
227 |
हिन्दी साहित्य: साम्प्रदायिक सद्भाव |
डॉ. रमेश संभाजी |
500 |
228 |
प्रेमचन्द्र के उपन्यासों में हिन्दू मुस्लिम एकता |
डॉ. अशोक जाधव |
400 |
229 |
प्रभा खेतान का रचना संसार |
के. आशा |
450 |
230 |
हिन्दी वस्तुनिष्ठ प्रतियोगिता |
डॉ. सदानन्द भोसले |
1095 |
231 |
भूमण्डलीकरण और समकालीन हिन्दी कविता |
डॉ. श्याम बाबू शर्मा |
850 |
232 |
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना कृत नाटक बकरी एक समीक्षात्मक अध्ययन |
डॉ. सुमन सिंह |
195 |
233 |
साहित्य विचार विमर्श |
डॉ. रमाकान्त आपरे |
350 |
234 |
आदिवासी समाज एवं संस्कृति |
डॉ. शैला चौहाण |
650 |
235 |
कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर की साहित्य साधना |
डॉ. ओम प्रकाश नायर |
350 |
236 |
कबीर और महात्मा फुले की कविता |
डॉ. बी. डी. मुण्डे |
450 |
237 |
मोहन राकेश और उनका साहित्य |
डॉ. नीलम फारुखी |
550 |
238 |
कबीर: ढाई आखर प्रेम का |
डॉ. बी. डी. मुण्डे |
130 |
239 |
भवानी प्रसाद मिश्र की साहित्य साधना |
डॉ. कुसुम श्रीवास्तव |
695 |
240 |
महिला लेखन |
विष्णु देव सिंह |
225 |
241 |
कबीर और महात्मा फुले (धार्मिक और राजनैतिक चेतना) |
डॉ. बी. डी. मुण्डे |
175 |
242 |
एक मंत्री स्वर्गलोक में |
शंकर पुणतांबेकर |
350 |
243 |
रामधारी सिंह दिनकर के साहित्य में जीवन मूल्य |
डॉ. सूर्यवंशी |
895 |
244 |
गरीबीली गरीबी के कथाकार: काशीनाथ सिंह |
डॉ. योगेश देसाई |
475 |
245 |
हिन्दी नाट्य साहित्य में महिला रचनाकारों का योगदान |
डॉ. दीप कुचेकर |
800 |
246 |
हिन्दी के पशु प्रतीकात्मक नाटक |
डॉ. लव कुमार |
475 |
247 |
सुमित्रनन्दन पन्त का काव्य शिल्प |
प्रकाश शिंदे |
200 |
248 |
झाड़े रहो कलक्टरगंज |
अमरीक सिंह दीप |
350 |
249 |
हिन्दी: संघर्ष और आयाम |
डॉ. जयश्री शुक्ल |
525 |
250 |
रामकुमार वर्मा का नाट्य रंग एवं प्रयोग |
डॉ. बी. संतोषी |
425 |
251 |
मुहम्मद कुली कुतुबशाह की साहित्य साधना |
डॉ. रजाक कसार |
575 |
252 |
विवेकानन्द की औपन्यासिक जीवनी का विश्लेषणात्मक अध्ययन |
डॉ. सुरेश गरुण |
595 |
253 |
साहित्य और मानवीय संवेदना |
डॉ. सदानन्द भोसले |
375 |
254 |
आदिवासी साहित्य: विविध आयाम |
डॉ. रमेश कुरे |
550 |
255 |
रंगकर्म: आयाम-दर-आयाम |
सतीष मेहता |
275 |
256 |
हरिऔध के महाकाव्यों की नारी पात्र |
रेणु श्रीवास्तव |
200 |
257 |
उत्तर आधुनिक समाज और विज्ञापन |
डॉ. रमा मुण्डे |
425 |
258 |
देश विभाजन और नारी की त्रसदी (भाग 1) |
डॉ. लखवीर कौर |
550 |
259 |
देश विभाजन और नारी की त्रसदी (भाग 2) |
डॉ. लखवीर कौर |
650 |
260 |
स्त्री विमर्श के विविध आयाम |
डॉ. यशवंतकर |
695 |
261 |
राही मासूम रज़ा के उपन्यास: सामाजिक दृष्टि |
डॉ. विलास कांबले |
500 |
262 |
नई सदी और दलित |
डॉ. सुजाता वर्मा |
400 |
263 |
सूर्यबाला के कथासाहित्य में युगबोध |
डॉ. वसंत माळी |
400 |
264 |
निर्मल वर्मा के उपन्यासों में पाश्चात्य सभ्यता |
डॉ. शेख मुखत्यार |
425 |
265 |
गिरिराज किशोर के कथा साहित्य में नारी |
डॉ. सुजीत सिंह |
450 |
266 |
नागार्जुन के काव्य में प्रगतिशील चिंतन |
डॉ. गोविन्द के. बुरसे |
500 |
267 |
साठोत्तरी हिन्दी नाटकों में युग चेतना |
डॉ. विजया गाडवे |
525 |
268 |
मुक्तिबोध की लम्बी कविता: संवेदना और शिल्प |
डॉ. प्रकाश जेधे |
450 |
269 |
21वीं सदी के साहित्यिक विमर्श |
डॉ. विष्णुदेव मल्लिक |
325 |
270 |
दि राइजिंग सन: बराक ओबामा |
शंकर पुणतांबेकर |
350 |
271 |
व्यंग्यालोचन का इतिहास |
डॉ. सुरेश माहेश्वरी |
525 |
272 |
साठोत्तर हिन्दी कहानियों में नारी |
डॉ. पुष्पा गायकवाड |
395 |
273 |
मैत्रेयी पुष्पा के कथात्मक आयाम |
डॉ. दया दीक्षित |
350 |
274 |
एकांकीकार मोहन राकेश |
डॉ. देवेन्द्र शुक्ल |
300 |
275 |
प्रयोजनमूलक तथा व्यावहारिक हिन्दी |
डॉ. सुकुमार भंडारे |
395 |
276 |
राजेन्द्र यादव के कथा साहित्य में महानगरीय जीवन |
डॉ. शोभा ढाणकीकर |
475 |
277 |
दिशाम् अन्तः (दलित कविताएँ) |
इन्द्र बहादुर सिंह |
200 |
278 |
डॉ. सुरेश शुक्ल चन्द्र की रंगयात्रा |
डॉ. लवकुमार लवलीन |
350 |
279 |
भारतीय युवाओं में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति |
डॉ. दीपाली सक्सेना |
250 |
280 |
महिला सशक्तिकरण सिद्धान्त और वास्तविकता |
डॉ. दीपाली सक्सेना |
575 |
281 |
21वीं सदी के श्रेष्ठ निबन्ध |
डॉ. बापूराव देसाई |
380 |
282 |
इस्लामिक प्रभाव में मध्ययुगीन कृष्णभक्ति सम्प्रदायों की भूमिका |
डॉ. रवि अग्रवाल |
400 |
283 |
हिन्दी दलित साहित्य आन्दोलन |
डॉ. सरोज पगारे |
375 |
284 |
डॉ. लक्ष्मीनारायण लाल के नाटकों में नारी पात्र |
डॉ. सैय्यद शौकत अली |
225 |
285 |
नागार्जुन के काव्य में जीवन-दर्शन |
डॉ. श्रीमती पूनम बोरसे |
695 |
286 |
हिन्दी साहित्यकारों के सामाजिक सरोकार |
डॉ. सुमन सिंह |
375 |
287 |
भारतीय साहित्य में पर्यावरण संरक्षण |
डॉ. सुमन सिंह |
270 |
288 |
भाषा और साहित्य के विभिन्न आयाम |
डॉ. रमा नवले |
225 |
289 |
मार्क्सवाद और प्रगतिवादी काव्य |
डॉ. यशवंतकर |
450 |
290 |
दलित साहित्यशास्त्र विधा और इतिहास |
डॉ. बाबूराव देसाई |
500 |
291 |
दिनेश नन्दिनी डालमिया के सामाजिक एवं सांस्कृतिक उपन्यास |
डॉ. जहिरुद्दीन रेफियोद्दीन पठाण |
350 |
292 |
कहानीकार अज्ञेय संदर्भ और प्रकृति |
डॉ. चन्द्रभानु सोनवणे, डॉ. सूर्यनारायण रणसुभे |
250 |
293 |
कहानीकार कमलेश्वर संदर्भ और प्रकृति |
सूर्यनारायण रणसुभे |
300 |
294 |
मुक्तिबोध के साहित्य में सामाजिक बोध |
डॉ. सुमन सिंह |
225 |
295 |
मार्कण्डेय का कथा साहित्य और ग्रामीण सरोकार |
डॉ. जिभाऊ शामराव मोरे |
450 |
296 |
तमस उपन्यास में देश विभाजन की त्रसदी |
प्रा. दिलीप फोलाने |
175 |
297 |
मुस्लिम समाज जीवन और अब्दुल बिस्मिल्लाह के उपन्यास |
डॉ. बाबा साहेब रसूल शेख |
350 |
298 |
हिन्दी: कालजयी उपन्यास |
डॉ. सतीश यादव |
550 |
299 |
ममता कालिया के कथा साहित्य में नारी चेतना |
डॉ. सानप शाम |
400 |
300 |
अज्ञेय: साहित्य और जीवन दर्शन |
डॉ. रेनू श्रीवास्तव |
400 |
301 |
नयी कविता और रघुवीर सहाय का काव्य |
डॉ. अजिता तिवारी |
325 |
302 |
निराला के कथा साहित्य में समाजदर्शन और चरित्र सृष्टि |
डॉ. वन्दना दीक्षित |
300 |
303 |
महिला उपन्यासकारों की रचनाओं में चेतना के प्रवाह |
डॉ. माधुरी सोनटक्के |
375 |
304 |
साहित्यशास्त्र के सौ वर्ष |
डॉ. त्रिभुवननाथ शुक्ल |
500 |
305 |
समकालीन रंगधर्मी नाटककार |
लव कुमार लवलीन |
250 |
306 |
अतीत के रंग (एकांकी संग्रह) |
डॉ. सुरेश शुक्ल चन्द्र |
175 |
307 |
साकेत में अभिव्यक्ति जीवन दर्शन |
डॉ. त्रिवेणी सोनोने |
250 |
308 |
समय, रेत और फूफन फूफा (कहानी संग्रह) |
गोविन्द उपाध्याय |
175 |
309 |
हिन्दी साहित्य का इतिहास |
डॉ. माधव सोनटक्के |
695 |
310 |
नाटककार मणि मधुकर |
डॉ. विजय वाघ |
250 |
311 |
कड़े पानी का शहर |
अमरीक सिंह दीप |
295 |
312 |
कुसुम कुमार का नाट्य साहित्य |
दीपा कुचेकर |
225 |
313 |
बीसवीं शताब्दी के अन्तिम दशक की कहानियों में नारी |
डॉ. बबनराव बोडके |
500 |
314 |
नवम् दशक की कहानियों का समाजशास्त्रीय अध्ययन |
डॉ. रामेश्वर पवार |
350 |
315 |
गिरिराज किशोर की कहानियों में समकालीन प्रवृत्तियाँ |
डॉ. संजीव नरवाडे |
325 |
316 |
चलो अब मर जायें |
डॉ. बानो सरताज |
270 |
317 |
समकालीन हिन्दी लेखिकाओं के उपन्यासों में कामकाजी स्त्री |
डॉ. प्रेरणा तिवारी |
550 |
318 |
हिन्दी के प्रमुख उपन्यासों में लोक संस्कृति |
डॉ. दिनेश रबारी |
300 |
319 |
हिन्दी के प्रमुख उपन्यासों में ग्रामीण समाज जीवन |
डॉ. दिनेश रबारी |
300 |
320 |
माखनलाल चतुर्वेदी: काव्य एवं दर्शन |
डॉ. दिनेश चन्द्र वर्मा |
500 |
321 |
उपनिवेशवाद और उदय प्रकाश का साहित्य |
डॉ. धर्मेन्द प्रताप सिंह |
550 |
322 |
हिन्दी उपन्यासों में दाम्पत्य दरार |
डॉ. दिनेश रबारी |
200 |
323 |
प्रथम दशक के हिन्दी साहित्य में स्त्री एवं दलित विमर्श |
प्रा. रवीन्द्र ठकरे |
500 |
324 |
ओम प्रकाश वाल्मीकि के साहित्य में दलित चेतना |
डॉ. चन्द्रभान सुरवाडे |
600 |
325 |
उपन्यासकार भगवानदास मोरवाल |
डॉ. मधु खराटे |
500 |
326 |
आठवें दशक की हिन्दी कहानी में जीवन मूल्य |
डॉ. रमेश देशमुख |
650 |
327 |
काव्यशास्त्र विविध आयाम |
डॉ. मधु खराटे |
500 |
328 |
भाषा विज्ञान एवं भाषा विचार |
डॉ. पोतदार, डॉ. खराटे |
400 |
329 |
हिन्दी आत्मकथा |
प्रो. शिवाजी देवरे |
275 |
330 |
हिन्दी की महिला आत्मकथाकार |
डॉ. संजय ढोडरे |
350 |
331 |
चंद्रकांता का कथा साहित्य |
डॉ. अमोल पालकर |
500 |
332 |
श्रीकान्त वर्मा की कविता: समकालीन युगबोध |
डॉ. रामचन्द्र माली |
350 |
333 |
चित्रा मुदगल के कथा साहित्य में नारी |
राजेन्द्र बाविस्कर |
600 |
334 |
अरुण कमल एवं समकालीन हिन्दी कविता |
डॉ. प्राची शर्मा |
450 |
335 |
हिन्दी उपन्यासों में मुस्लिम समाज |
डॉ. ईनामदार |
800 |
336 |
हिन्दी ललित निबन्ध |
शिवाजी देवरे |
400 |
337 |
उषा प्रियंवदा के कथा साहित्य में नारी |
डॉ. भारती वळवी |
600 |
338 |
हिन्दी ग़ज़ल के नवरत्न |
डॉ. मधु खराटे |
550 |
339 |
मिथिलेश्वर की कहानियों में ग्रामीण जीवन |
डॉ. संगीता पाटील |
600 |
340 |
भारतीय साहित्य की मानवतावादी धाराएँ |
डॉ. वृषाली मांद्रेकर |
400 |
341 |
निबन्धकार विद्यानिवास मिश्र |
डॉ. निशी भदौरिया |
500 |
342 |
समकालीन लेखिकाओं के उपन्यासों में स्त्री विमर्श |
डॉ. महेन्द्र रघुवंशी |
400 |
343 |
महिला उपन्यासकार: एक मूल्यांकन |
डॉ. इशरत खान |
320 |
344 |
महिला रचनाकारों के उपन्यासों में नारी सशक्तिकरण |
डॉ. स्वाति नारखेडे |
300 |
345 |
हिन्दी उपन्यासों में छत्रपति शिवाजी |
डॉ. कृष्णात पाटील |
500 |
346 |
कुँअर बेचैन की गजलें: संवेदना और शिल्प |
डॉ. अभय खैरनार |
500 |
347 |
लोकगीतों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. वैशाली नायक |
800 |
348 |
इक्कीसवीं सदी का हिन्दी काव्य |
डॉ. माधवी जाधव |
300 |
349 |
दुष्यंतोत्तर हिन्दी गजल |
डॉ. मधु खराटे |
350 |
350 |
ऊषा प्रियंवदा के कथा साहित्य में युगबोध |
डॉ. जयश्री बज्हाटे |
450 |
351 |
समकालीन लेखिकाओं के उपन्यासों में नारी |
डॉ. रेखा पाटील |
300 |
352 |
प्रभा खेतान के उपन्यासों में नारी |
डॉ. अशोक मराठे |
400 |
353 |
21वीं शती का वैश्विक हिन्दी साहित्य |
डॉ. ललिता राठोड़/डॉ.ओमप्रकाश झंवर |
650 |
354 |
राजी सेठ का कथा साहित्य: चिंतन और शिल्प |
डॉ. सरोज शुक्ला |
800 |
355 |
प्रथम दशक के महिला लेखन में नारी विमर्श |
डॉ. मृदुला वर्मा |
450 |
356 |
उपन्यासकार कृष्णा सोबती एवं नारी अस्मिता |
डॉ. एन. जयश्री |
200 |
357 |
हिमांशु जोशी के आंचलिक उपन्यास |
डॉ. कृष्णात पाटील |
400 |
358 |
समकालीन लेखिकाओं के उपन्यासों में नारी |
डॉ. रेखा पाटील |
250 |
359 |
कुँअर वेचैन की गजलें संवेदना और शिल्प |
डॉ. अभय खैरनार |
500 |
360 |
हिन्दी ग़ज़ल और ग़ज़लकार |
डॉ. मधु खराटे |
500 |
361 |
चित्रा मुदगल का कथा साहित्य |
डॉ. कल्पना पाटील |
650 |
362 |
कथाकार मंजुल भगत |
डॉ. आनन्द खरात |
450 |
363 |
समकालीन कहानीकार उदय प्रकाश |
डॉ. देवकीनन्दन महाजन |
600 |
364 |
कथाकार मधु काँकरिया |
डॉ. सुनीता कावले |
600 |
365 |
निरूपमा सेवती के कथा साहित्य में नारी |
डॉ. शिवाजी देवरे |
250 |
366 |
राही मासूम रजा का साहित्य संवेदना और शिल्प |
डॉ. पूनम त्रिवेदी |
600 |
367 |
चन्द्रकांता का कथा साहित्य |
डॉ. जगदीश चव्हाण |
850 |
368 |
कुँअर वेचैन की गजलों का चिंतन पक्ष |
डॉ. रघुनाथ कश्यप |
600 |
369 |
कहानीकार मालती जोशी |
डॉ. विजय घुगे |
500 |
370 |
मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में नारी |
डॉ. संतोष पवार |
500 |
371 |
कहानीकार अमरकान्त |
डॉ. सुभाष जाधव |
500 |
372 |
उपन्यासकार कृष्णा सोबती |
डॉ. सुनीता कावळे |
250 |
373 |
नाटककार लक्ष्मी नारायण मिश्र |
डॉ. भगवान कांबळे |
400 |
374 |
अंतिम दशक के महिला उपन्यासकारों के उपन्यासों में स्त्री विमर्श |
डॉ. कृष्णा पोतदार |
300 |
375 |
मानक हिन्दी व्याकरण |
डॉ. लक्ष्मीकान्त पाण्डेय |
425 |
376 |
मृदुला गर्ग का कथा साहित्य |
डॉ. तारा अग्रवाल |
650 |
377 |
सुरेन्द्र वर्मा व्यक्ति और अभिव्यक्ति |
डॉ. जिजाबराव पाटील |
450 |
378 |
प्रायोगिक व्याकरण एवं पत्रलेखन |
डॉ. शिवाकांत गोस्वामी |
350 |
379 |
प्रभा खेतान के साहित्य में नारी विमर्श |
डॉ. कामिनी तिवारी |
600 |
380 |
राजेन्द्र अवस्थी की कहानियों में आंचलिकता |
डॉ.बी.एम. परदेशी, प्रा.एम.बी.तमखाने |
200 |
381 |
मेहरुन्निसा परवेज के कथासाहित्य में नारी |
डॉ. आर. एस. जगताप |
250 |
382 |
महिला उपन्यासकार (पारिवारिक जीवन के बदलते संदर्भ) |
डॉ. कल्पना किरण पाटोळे |
475 |
383 |
महिला लेखिकाओं के उपन्यासों में नारी |
डॉ. हरवंस कौर |
650 |
384 |
कथाकार ऊषा प्रियंवदा |
डॉ. सुभाष पवार |
500 |
385 |
निबन्धकार विवेकीराय |
डॉ. राजेश भामरे |
475 |
386 |
अहिन्दी भाषियों का हिन्दी साहित्य में योगदान |
डॉ. मधु खराटे |
225 |
387 |
महिला रचनाकारों की कहानियों में जीवन मूल्य |
डॉ. भारती शेलके |
350 |
388 |
साठोत्तरी हिन्दी उपन्यासों में परिवर्तित नारी जीवन मूल्य |
डॉ. छाया देवी घोरपडे |
600 |
389 |
केदारनाथ सिंह का काव्यालोक |
डॉ. शेरपाल सिंह |
300 |
390 |
काशीनाथ सिंह का संस्मरणात्मक साहित्य |
प्रा. संदीप लोटलीकर |
225 |
391 |
साठोत्तरी लेखिकाओं की कहानियों में परिवार |
डॉ. भारती शेळके |
450 |
392 |
विद्या निवास मिश्र का निबंधालोक |
डॉ. दिलीप देशमुख |
350 |
393 |
वाघ्मय दृष्टि के विविध आयाम |
डॉ. एन. टी. गामीत |
300 |
394 |
प्रेमचन्द के कथा साहित्य में सामाजिक सरोकार |
सं. डॉ. दिलीप मेहरा |
650 |
395 |
वाल्मीकि के राम |
डॉ. अश्विन निरंजन |
250 |
396 |
साहित्य और सिनेमा: बदलते परिदृश्य में |
डॉ. शैलजा भारद्वाज |
750 |
397 |
हिन्दी के प्रमुख उपन्यासों में ग्रामीण समाज जीवन |
डॉ. दिनेश |
300 |
398 |
हिन्दी के प्रमुख उपन्यासों में लोक संस्कृति |
डॉ. दिनेश |
300 |
399 |
हिन्दी उपन्यासों में दाम्पत्य दरार |
डॉ. दिनेश |
200 |
400 |
महादेवी वर्मा के गद्य साहित्य में सामाजिक चेतना एवं संवेदनाएँ |
डॉ. माधुरी |
650 |
401 |
हिन्दी एवं गुजराती दलित उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. परमार |
625 |
402 |
प्रथम दशक के हिन्दी साहित्य में स्त्री एवं दलित विमर्श |
सं. रवीन्द्र ठाकरे |
500 |
403 |
भैरवप्रसाद गुप्त के नारी प्रधान उपन्यासों में नारी पात्र एक अध्ययन |
डॉ. चंदाणा |
500 |
404 |
उदयप्रकाश कृत मोहनदास समीक्षात्मक अनुशीलन |
डॉ. धर्मेन्द्र |
300 |
405 |
डॉ. कुसुम कुमार एक प्रयोगधर्मी नाटककार |
डॉ. दत्तात्रय |
300 |
406 |
पंत का शिल्पगत सौन्दर्य |
डॉ. शीतल |
350 |
407 |
आधुनिक कथा साहित्य में चित्रित औद्योगीकरण |
डॉ. रेखा |
425 |
408 |
प्रेमचन्द की भ्रष्टाचार परख कहानियाँ |
डॉ. माया प्रकाश |
400 |
409 |
हिन्दी गुजराती दलित कहानियों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. स्वीटी घुंघरावाला |
600 |
410 |
राही मासूम रजा कृत कटरा बी आरजू: एक अध्ययन |
स्मिता मकवाड़ा |
250 |
411 |
बिहारी का काव्य सौष्ठव |
कल्पना पटेल |
300 |
412 |
नारी विमर्श और अल्का सरावगी का कथा साहित्य |
प्रीति त्रिवेदी |
500 |
413 |
कुबेरनाथ राय के निबन्धों का आलोचनात्मक अनुशीलन |
डॉ. माया मुंशी |
500 |
414 |
समकालीन साहित्य: बाजार और मीडिया |
माया प्रकाश पाण्डे |
400 |
415 |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी साहित्य में महाभारत का मिथक |
शैलजा भारद्वाज |
700 |
416 |
मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में अभिव्यक्त समाज |
कल्पना पटेल |
700 |
417 |
हिन्दी साहित्य के विविध स्वर |
भरत पटेल |
300 |
418 |
महादेवी वर्मा के गद्य साहित्य में सामाजिक चेतना एवं संवेदनाएँ |
माधुरी शुक्ला |
650 |
419 |
आधुनिक कथा साहित्य में चित्रित औद्योगीकरण |
रेखा पंत |
425 |
420 |
नवजागरण काल एवं प्रेमचन्द की कहानियाँ |
अमीषा शाह |
1100 |
421 |
कहानीकार शेखर जोशी और नयी कहानी |
डॉ. उपेन्द्र कुमार सिंह चंदेल |
300 |
422 |
विद्यापति पदावली का समीक्षात्मक अध्ययन |
कल्पना पटेल |
300 |
423 |
उत्तर आधुनिकता और उदय प्रकाश का साहित्य |
डॉ. सुरेश पटेल |
500 |
424 |
साहित्य और समाज |
प्रा. मुकेश कुमार कांजिया |
600 |
425 |
सूरदास एवं उनका भ्रमरगीत |
कल्पना पटेल |
300 |
426 |
उपन्यासकार शिवानी संवेदना और शिल्प |
डॉ. नज़मा अन्सारी |
400 |
427 |
आठवें दशक के हिन्दी नाटक |
डॉ. अनिल चौहान |
850 |
428 |
पृथ्वीराजरासो एवं आल्हखण्ड का साहित्यिक विवेचन |
प्रो. महेन्द्र कुमार सीजु |
600 |
429 |
मोहन राकेश और मधुराय के नाट्य साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. हसमुख बारोट |
650 |
430 |
जैनेन्द्र के उपन्यासों में सामाजिक समस्याएँ |
डॉ. एन. टी. गामीत |
400 |
431 |
मन्नू भण्डारी का कथा साहित्य: संवेदना एवं शिल्प |
डॉ. भूमिका पटेल |
400 |
432 |
हिन्दी कथा साहित्य के नये आयाम |
डॉ. मनीषा ठक्कर |
275 |
433 |
मनोवैज्ञानिक उपन्यासकार इलाचन्द्र जोशी एवं अज्ञेय |
डॉ. सुशील जी. धर्माणी |
450 |
434 |
मनोवैज्ञानिक उपन्यासकार जैनेन्द्र |
डॉ. सुशील जी. धर्माणी |
450 |
435 |
हिन्दी साहित्य: यू.जी.सी. नेट/स्लेट |
डॉ. शिव प्रसाद शुक्ल |
795 |
436 |
सुदर्शन मजीठिया के साहित्य में व्यंग्य |
डॉ. भगवान सिंह सोलंकी |
225 |
437 |
प्रसाद का चन्द्रगुप्त: एक अनुशीलन |
डॉ. शैलजा भारद्वाज |
175 |
438 |
इक्कीसवीं सदी की कविता: सम्वेदना के नये स्वर |
सं. डॉ. शैलजा भारद्वाज |
595 |
439 |
हिन्दी साहित्य में युगीन बोध |
सं. डॉ. शैलजा भारद्वाज |
995 |
440 |
मन्नू भण्डारी के उपन्यासों में नारी चेतना |
डॉ. फाल्गुनी एन. पटेल |
250 |
441 |
हिन्दी अनुसंधान: वैज्ञानिक पद्धतियाँ |
डॉ. कैलाशनाथ मिश्र |
450 |
442 |
अनुसंधान सर्जन एवं प्रक्रिया |
डॉ. अर्जुन तड़वी |
275 |
443 |
उषा प्रियंवदा की उपन्यास सृष्टि |
डॉ. शहनाज़ अकुली |
400 |
444 |
हिन्दी के आंचलिक उपन्यासों में पुरुष |
डॉ. संध्या मेरिया |
300 |
445 |
कविता की पड़ताल |
डॉ. शिव प्रसाद शुक्ल |
650 |
446 |
आँचलिक उपन्यासों में वर्ण एवं वर्ग संघर्ष |
डॉ. अशोक धुलधुले |
400 |
447 |
आधुनिक हिन्दी उपन्यास साहित्य में संस्कृति |
सं. प्रा. के. एम. मायावंशी |
250 |
448 |
हिन्दी काव्य में सांस्कृतिक चेतना |
सं. प्रा. मीना एन. पटेल |
300 |
449 |
हिन्दी साहित्य में सांस्कृतिक चेतना |
सं. प्रा. के. एम. मायावंशी |
375 |
450 |
कवि नरेश मेहता संवेदना और अभिव्यक्ति |
डॉ. भरत सुथार |
375 |
451 |
अमृतलाल नागर के उपन्यास भारतीयता की पहचान |
डॉ. बी.जे. पटेल ब्रिजेश |
895 |
452 |
नरेश मेहता के काव्य का अनुशीलन |
डॉ. कल्याण वैष्णव |
475 |
453 |
दलित चेतना और हिन्दी उपन्यास |
डॉ. एन. एस. परमार |
495 |
454 |
हिन्दी के मनोवैज्ञानिक उपन्यास एक विश्लेषणात्मक अध्ययन |
डॉ. मनीषा ठक्कर |
475 |
455 |
सुरेन्द्र वर्मा और आठवाँ सर्ग |
डॉ. अशोक एस. पटेल |
225 |
456 |
नाटककार सुरेन्द्र वर्मा |
डॉ. अशोक एम. पटेल |
600 |
457 |
कथाकार भीष्म साहनी |
डॉ. कृष्णा पटेल |
600 |
458 |
दयाराम का बृजभाषा काव्य और पुष्टिमार्ग |
प्रा. किरीट जोशी |
600 |
459 |
सुरेन्द्र वर्मा: व्यक्तित्व एवं कृतित्व |
डॉ. भानुभाई रोहित |
400 |
460 |
संस्कृत एवं हिन्दी के ऐतिहासिक नाटक |
डॉ. राजदेव मिश्र |
300 |
461 |
महादेवी वर्मा के काव्य में समाज एवं संस्कृति |
डॉ. कीर्ति कुमार जादव |
350 |
462 |
नरेन्द्र कोहली के उपन्यासों में युग चेतना |
डॉ. अजय पटेल |
400 |
463 |
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के उपन्यासों में संस्कृति और इतिहास |
डॉ. अरुण कुलकर्णी |
300 |
464 |
प्रेमचन्द्र और शैलेश मटियानी की कहानियों में दलित विमर्श |
डॉ. कल्पना गवली |
350 |
465 |
त्रिवेणी |
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल |
150 |
466 |
रस मीमांसा |
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल |
350 |
467 |
सूरदास |
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल |
200 |
468 |
हिन्दी भाषा एवं व्याकरण |
डॉ. माया प्रकाश पाण्डेय |
250 |
469 |
आधुनिक बृजभाषा: कवि और काव्य |
डॉ. माया प्रकाश पाण्डेय |
250 |
470 |
गोस्वामी तुलसीदास |
डॉ. माया प्रकाश पाण्डेय |
150 |
471 |
हिन्दी का कालजयी कहानी साहित्य |
सं. डॉ. साधना भंडारी |
600 |
472 |
साक्षात्कार विधा: साहित्य और पत्रकारिता में नया आयाम |
मनोहर बंसवाल |
250 |
473 |
श्रीलाल शुक्ल के उपन्यास: एक अनुशीलन |
डॉ. अमृत एल. बाळुवाले |
400 |
474 |
रागदरबारी में अभिव्यक्त ग्राम चेतना: एक अनुशीलन |
डॉ. अमृत एल. बाळुवाले |
200 |
475 |
भगवतीचरण वर्मा कृत रेखा का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण |
डॉ. जे. नागराज |
350 |
476 |
चित्र मुद्गल के कथा साहित्य में समाज |
डॉ. जे. नागराज |
500 |
477 |
चित्र मुद्गल: व्यक्तित्व एवं कृतित्व |
डॉ. मीना जाधव |
450 |
478 |
तुलसी साहित्य का पुनर्मुल्यांकन |
डॉ. रामानंद तोष्णीवाल |
1100 |
479 |
दलित का दर्द |
डॉ. जगदीश चंद सितारा |
250 |
480 |
उषा प्रियंवदा की प्रतिनिधि कहानियाँ |
सं. डॉ. गोखले पंचशीला एस. |
240 |
481 |
सामाजिक नियंत्रण एवं परिवर्तन |
प्रा. साहेबराव, प्रा. दीपक |
680 |
482 |
शिवानी और स्त्री का सामाजिक संघर्ष |
डॉ. मैत्री सिंह |
320 |
483 |
सामाजिक क्रांति और दलित साहित्य |
डॉ. भरत सगरे |
675 |
484 |
विष्णु प्रभाकर के यात्र वृत्तांतों का अनुशीलन |
डॉ. रामायण प्रसाद |
530 |
485 |
इलेक्ट्रॉनिक माध्यम बनाम मुद्रित माध्यम |
डॉ. राजकुमारी गडकर |
500 |
486 |
दलित और स्त्री विमर्श: विविध आयाम |
डॉ. जयश्री शिंदे |
500 |
487 |
अंतिम दशक की कहानियों में नवीन युगचेतना |
डॉ. साकोळे दत्ता |
400 |
488 |
प्रेमचंद विचारधारा: परम्परा एवं परिदृश्य |
सं. प्रो. ए. डी. शेरिकर |
650 |
489 |
नवम दशक के हिन्दी नाटकों की अद्यतन प्रवृत्तियाँ |
डॉ. सविता तिवारी |
500 |
490 |
हिन्दी के प्रयोगधर्मी नाटककार जि. जे. हरिजीत और उनका सम्भवामि युगे-युगे: एक अनुशीलन |
डॉ. सविता तिवारी |
160 |
491 |
जगदीश चन्द्र के साहित्य का अनुशीलन |
डॉ. दादासाहेब खंडेकर |
525 |
492 |
राष्ट्रीय चेतना के संदर्भ में भारत के राष्टंकवि मैथिलीशरण गुप्त एवं मॉरिशस के राष्टंकवि डॉ. ब्रजेन्द्र भगत मधुकर के काव्य का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. ज्योति ना. मंत्री |
620 |
493 |
संत कबीर और संत तुकड़ोजी के हिन्दी साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. संगीता जगताप |
400 |
494 |
नासिरा शर्मा की कहानियाँ और नारी विमर्श |
डॉ. सोनल राधाकिशन नंदनूरवाले |
400 |
495 |
डॉ. विवेकीराय का गद्य साहित्य (आंचलिकता, परम्परा और आधुनिकता के संदर्भ में) |
डॉ. अंजना मुवेल |
500 |
496 |
अंतरराष्ट्रीय कथा-साहित्य |
डॉ. धनराज मानधाने (माहेश्वरी) |
600 |
497 |
मृदुला गर्ग के उपन्यास में सामाजिक और राजनीतिक चेतना |
प्रा. डॉ. मुकुंद गायकवाड |
130 |
498 |
सुरेंद्र वर्मा के नाटकों में स्त्री विमर्श |
डॉ. बी. हेमलता |
350 |
499 |
कहावतों की संस्कृति: तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. अनीता गांगुली |
300 |
500 |
महाराष्टं की हिन्दी सन्त-काव्य परम्परा और सन्त तुकड़ोजी का काव्य |
डॉ. प्रवीण देशमुख |
480 |
501 |
गढ़वाली लोक-गाथाओं में अभिव्यक्त सामाजिक जीवनमूल्य |
डॉ. चमन लाल शर्मा |
150 |
502 |
नागार्जुन के काव्य में प्रगतिशीलता और शिल्पगत प्रयोग |
डॉ. संगीता एकनाथराव आहेर (ढास) |
410 |
503 |
हिन्दी खण्डकाव्य परम्परा: रामेश्वर दयाल दुबे का योगदान |
डॉ. सोमनाथ राव |
400 |
504 |
शरद जोशी के व्यंग्य नाटक |
सु. श्री अनुपमा भोरे |
180 |
505 |
उत्तर शती का हिन्दी साहित्य |
डॉ. सुरेश कुमार जैन |
270 |
506 |
नवम् दशक के उपन्यास: संवेदना और शिल्प |
डॉ. कल्पना व्हसाले |
350 |
507 |
नारी चिंतन: नयी चुनौतियाँ |
डॉ. राजकुमारी गडकर |
180 |
508 |
गिरिराज किशोर का उपन्यास साहित्य एक अनुशीलन |
डॉ. सुरेश चांगदेव सालुंके |
350 |
509 |
नवम् दशक की कहानियों में कामकाजी नारी की भूमिका |
डॉ. चौधरी वेदवती |
260 |
510 |
धर्मवीर भारती का अंधायुग |
प्रा. साधना चन्द्रकांत भंडारी |
150 |
511 |
डॉ. रामकुमार वर्मा के काव्य का मूल्यांकन |
डॉ. प्रभा भट्ट |
240 |
512 |
उपन्यास का मनोविश्लेषण |
डॉ. धनराज मानधानें (माहेश्वरी) |
1100 |
513 |
विजयपथ (उत्तम जीवन विकास हेतु मार्गदर्शन) |
अनु. डॉ. अनीता |
500 |
514 |
वाणी से वीणा तक (विविध शोधपरक लेखों का संकलन) |
डॉ. ज्योति व्यास |
250 |
515 |
नासिरा शर्मा के कथा साहित्य में समसामयिक बोध |
डॉ. शेख मोहम्मद शाकिर |
350 |
516 |
साहित्य प्रवाह और स्त्री विमर्श (विविध शोधपरक लेखों का संकलन) |
डॉ. ऋचा शर्मा |
190 |
517 |
नागार्जुन के उपन्यासों का तात्विक मूल्यांकन |
डॉ. यादव सी. मेंढे |
470 |
518 |
धर्मवीर भारती और उनका धर्मयुग |
डॉ. ज्योति व्यास |
240 |
519 |
साठोत्तरी महिला उपन्यासकारों के उपन्यासों में पात्रों का परिवर्तित मूल्यबोध |
डॉ. सीता मिश्र |
250 |
520 |
भवानी प्रसाद मिश्र का काव्य: वस्तु और रूप |
डॉ. तात्याराव सूर्यवंशी |
380 |
521 |
महादेवी वर्मा के काव्य में वेदना का मनोविश्लेषण |
रेनू यादव |
250 |
522 |
नरेंद्र कोहली के उपन्यास: समकालीन सरोकार |
प्रा. डॉ. सौ. माधवी रूपवाल |
480 |
523 |
हिन्दी व्यंग्य परम्परा में शंकर पुणतांबेकर का योगदान |
प्रा. डॉ. सौ. अनुपमा रत्नाकर प्रभुणे |
490 |
524 |
हिन्दी कहानी और नारी विमर्श के अहम् सवाल |
डॉ. शोभा पवार (निंबालकर) |
130 |
525 |
दूर शिक्षण स्रोत सामग्री: स्वरूप, संभावनाएँ एवं समस्याएँ |
डॉ. शोभा पवार (निंबालकर) |
100 |
526 |
हिन्दी भाषा, संरचना और व्यावहारिक व्याकरण |
प्रो.वै. वेंकटरमण राव |
200 |
527 |
चित्र मुद्गल के कथा साहित्य का अनुशीलन |
डॉ. गोरक्ष थोरात |
400 |
528 |
अंतिम दशक के हिन्दी उपन्यासों का समाजशास्त्रीय अध्ययन |
डॉ. गोरखनाथ तिवारी |
345 |
529 |
महीप सिंह की कहानी कला और समकालीन जीवन |
डॉ. हनुमंत दत्तु शेवाले |
395 |
530 |
हिन्दी उपन्यासों में शैक्षिक समस्याएँ |
डॉ. नीता पांढरी पांडे |
330 |
531 |
महादेवी के काव्य में बिम्ब विधान |
डॉ. पी. माणिक्याम्बा मणि |
295 |
532 |
दुष्यंतकुमार और उनका काव्य |
डॉ. सुरेश सालुंके |
120 |
533 |
डॉ. राही मासूम रज़ा और उनका हिन्दी उपन्यास साहित्य: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन |
डॉ. एम. एम. झिपारे |
320 |
534 |
अंतिम दशक के हिन्दी उपन्यासों में ग्रामीण जीवन का चित्रण |
डॉ. मोहम्मद जमील अहमद |
380 |
535 |
बीसवीं सदी के अंतिम दशक के हिन्दी उपन्यासों का प्रवृत्तिमूलक अनुशीलन |
डॉ. क्षितिज यादवराव धुमाळ |
550 |
536 |
विवेकीराय के साहित्य में ग्रामांचलिक जन.जीवन का चित्रण |
डॉ. दिलीप भस्मे |
600 |
537 |
हिन्दी उपन्यासों में चित्रित वेश्या जीवन |
डॉ. मारुती द. शिंदे |
320 |
538 |
बालश्रम: समस्या एवं समाधान |
डॉ. भावना कमाने |
500 |
539 |
भारतीय संस्कृति एवं संस्कार |
डॉ. ललिता राठौड़ |
300 |
540 |
जनजातीय विकास की अवधारणा |
डॉ. कमाने, डॉ. त्रिपाठी |
400 |
541 |
अन्तिम दशक की हिन्दी लेखिकाओं के उपन्यासों में नारी |
डॉ. सैय्यद अमर |
650 |
542 |
प्रजातंत्र और प्रश्नकाल |
डॉ. आभा तिवारी |
450 |
543 |
आधुनिक हिन्दी साहित्य में सामाजिक चेतना |
डॉ. दिग्यवोर |
600 |
544 |
परिवारों के बदलते स्वरूप |
डॉ. सुषमा शर्मा |
600 |
545 |
महिला सशक्तिकरण का वर्तमान परिदृश्य सम्भावनायें एवं चुनौतियाँ |
दीपक कुमार, डॉ. कमाने |
600 |
546 |
महिला उपन्यासकारों के हिन्दी उपन्यासों का मनोवैज्ञानिक अध्ययन |
डॉ. अपर्णा कुचेकर |
700 |
547 |
नरेश मेहता के काव्य में प्रकृति चित्रण |
शांतारामजी |
450 |
548 |
स्वांत्रयोत्तर हिन्दी नाटक |
डॉ. रणजीत जाधव |
400 |
549 |
भीष्म साहनी के उपन्यासों में सामाजिक यथार्थ |
डॉ. रवंदारे चंदू |
550 |
550 |
साँक्षी संस्कृति का खण्डहर: कश्मीर |
डॉ. आशीष पाण्डे |
550 |
551 |
नयी कविता और जगदीश गुप्त |
डॉ. आशीष पाण्डे |
250 |
552 |
कवि पंत का काव्य.शिल्प एवं शैली |
डॉ. शंकर गंगाधर |
525 |
553 |
राष्टंवादी चिन्तक माखनलाल चतुर्वेदी |
गोपीनाथ कालभोर |
300 |
554 |
अमृतलाल नागर के उपन्यासों में नर.नारी सम्बन्ध |
डॉ. बी. ज्योति |
400 |
555 |
भारतीय काव्यशास्त्र के सिद्धान्त |
डॉ. मधु एम. |
500 |
556 |
पाश्चात्य काव्यशास्त्र के सिद्धान्त |
डॉ. मधु एम. |
400 |
557 |
राजेन्द्र यादव के सारा आकाश उपन्यास का शैलीगत अध्ययन |
डॉ. वसंत क्षीरसागर |
250 |
558 |
डॉ. रामकुमार वर्मा के एकांकी नाटक |
डॉ. जाधव |
450 |
559 |
बीसवीं सदी का रामकथा साहित्य |
डॉ. हरिणी रानी |
600 |
560 |
आधुनिकता: स्त्री विमर्श |
डॉ. ललिता राठोड़ |
300 |
561 |
आदिवासी साहित्य: स्वरूप एवं विश्लेषण |
डॉ. शेख शहेनाज |
600 |
562 |
डॉ. रामकुमार वर्मा का नाट्य साहित्य |
डॉ. धीरज व्हन्ते |
800 |
563 |
हिन्दी उपन्यासों की समीक्षा |
डॉ. जाधव, डॉ. कुरे |
300 |
564 |
अमृतलाल नागर के उपन्यासों का अनुशीलन |
डॉ. रमेश कुरे |
750 |
565 |
बाजे पायलिया के घुँघरू |
डॉ. बिक्कड |
160 |
566 |
निराला और मुक्तिबोध की प्रगतिशील कविता |
डॉ. हणमंतराव पाटील |
240 |
567 |
रचनाकार परिचय |
डॉ. इबतवार, दीपक |
400 |
568 |
हिन्दी साहित्य के विविध रूप |
डॉ. हणमंत राव पाटील |
300 |
569 |
डॉ. शंकर शेष के नाटक |
डॉ. सर्जेराव नारायणराव जाधव |
250 |
570 |
हिन्दी उपन्यासों की समीक्षा |
डॉ. सर्जेराव नारायणराव जाधव |
300 |
571 |
हिन्दी साहित्य संवेदनाओं की विवेचना |
डॉ. सचिन सपाट |
280 |
572 |
कमलेश्वर के उपन्यासों में नारी |
डॉ. भगवान गव्हाडे |
450 |
573 |
नयी कविता और प्रबन्ध रचनाएँ |
डॉ. चित्र धामणे |
480 |
574 |
साहित्यकार धर्मवीर भारती |
डॉ. अभिमन्यु बिक्कड |
300 |
575 |
निराला और मुक्तिबोध के काव्य का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. ओम प्रकाश झंवर |
425 |
576 |
शंकर शेष की नाट्य-कला |
डॉ. प्रकाश जाधव |
240 |
577 |
दलित साहित्य और वैश्विकता |
डॉ. पाटील, डॉ. इबतवार |
225 |
578 |
केदारनाथ सिंह के काव्य की गवेषणा |
डॉ. सांगळे |
500 |
579 |
साहित्य दर्पण |
डॉ. इबतवार, डॉ. क्षीरसागर |
100 |
580 |
मोहन राकेश के नाटक |
डॉ. क्षीरसागर |
175 |
581 |
हिन्दी ललित निबन्धों का सां. तथा ऐति. अध्ययन |
डॉ. वट्टमवार |
400 |
582 |
लक्ष्मीनारायण लाल के नाटक एक अध्ययन |
डॉ. शेळगे |
300 |
583 |
ग़ज़लकार दुष्यन्तकुमार |
डॉ. अविनास कासांडे |
425 |
584 |
कुटज एक अनुशीलन |
डॉ. वट्टमवार |
175 |
585 |
भारतीय साहित्य संवेदनाओं का अनुशीलन |
डॉ. हणमंतराव पाटील |
350 |
586 |
गढ़ कुण्डार एक अध्ययन |
डॉ. राजेन्द्र चौहान |
150 |
587 |
कबीर और आधुनिक हिन्दी काव्य |
डॉ. ललिता राठौड |
200 |
588 |
बोलियाँ एवं बोलीकोश |
डॉ. फुलवाड़कर |
500 |
589 |
नरेन्द्र कोहली के पौराणिक उपन्यासों का स. अ. |
डॉ. इबतवार |
525 |
590 |
भक्तिकालीन काव्य का मानवीय मूल्य |
डॉ. हणमंतराव पाटील |
200 |
591 |
मोहन राकेश का कथात्मक साहित्य |
डॉ. वी. डी. क्षीरसागर |
400 |
592 |
वैश्विक धरोहर: लोणार-विवर सरोवर |
डॉ. व्यास |
170 |
593 |
निर्मल वर्मा के साहित्य में नारी |
डॉ. ठाकुर विजय सिंह |
300 |
594 |
हिन्दी कथा साहित्य में ग्रामीण चेतना |
डॉ. सांगोळे |
275 |
595 |
युग प्रवर्तक श्री नारायण गुरु |
डॉ. सी. एस. सुचित |
400 |
596 |
समकालीन कविता की जमीन |
डॉ. गुरचरण सिंह |
950 |
597 |
जगदीश गुप्त का ब्रजभाषा काव्य |
डॉ. निशा रम्पाल |
200 |
598 |
चित्र मुदगल के उपन्यासों में महानगरीय बोध |
डॉ. सुभाष मारुतीी कदम |
495 |
599 |
हिन्दी दलित आत्मकथायें |
डॉ. साहेबराव गायकवाड़ |
795 |
600 |
दूरस्थ शिक्षा में संचार के नये माध्यमों का अनुप्रयोग |
डॉ. दिलीप कुमार |
300 |
601 |
हिन्दी कहानियों का अतियथार्थवादी स्वर |
डॉ. श्रीमाया सी. |
500 |
602 |
भारतीय स्त्री साहित्य |
डॉ. शशिकांत सोनवणे |
750 |
603 |
हिन्दी साहित्य समीक्षा के विविध आयाम |
डॉ. शिवशंकर पाण्डेय |
790 |
604 |
फणीश्वरनाथ रेणु का कहानी साहित्य: संवेदना और शिल्प |
डॉ. गीता यादव |
290 |
605 |
हिन्दी दलित आत्मकथा विमर्श |
डॉ. धीरजभाई वणकर |
360 |
606 |
हिन्दी और संस्कृत कृष्ण काव्य: एक विश्लेषण |
डॉ. पूर्णिमा आर. |
750 |
607 |
लोकनायक तुलसी और महात्मा कबीर के साहित्यों की प्रासंगिकता |
डॉ. स्टेल्लाम्मा सेल्यर |
600 |
608 |
नागार्जुन और थॉमस हार्डी के आंचलिक उपन्यासों की तुलना |
डॉ. राखी बालगोपाल |
800 |
609 |
डॉ. शशिप्रभा शास्त्री का कथा साहित्य: कथ्य एवं शिल्प |
डॉ. अम्बिली वी. एस. |
850 |
610 |
श्रीलाल शुक्ल का औपन्यासिक यथार्थ: एक समाजशास्त्रीय दृष्टि |
डॉ. लेखा एम. |
475 |
611 |
अमृतलाल नागर के उपन्यास एवं ऐतिहासिक परिवेश |
डॉ. श्रीप्रकाश पंडया |
900 |
612 |
नरेश मेहता का कथा साहित्य |
डॉ. पदम पटेल |
850 |
613 |
हिन्दी नाटक और मिथक |
डॉ. सुरेश बी. पटेल |
350 |
614 |
दलित केन्द्रित हिन्दी उपन्यास |
डॉ. दिलीप मेहरा |
875 |
615 |
लिपि माध्यम और साहित्य |
डॉ. शिव प्रसाद शुक्ल |
850 |
616 |
मनोहर श्याम जोशी और मधुराय के उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. नियाज़ ए. पठान |
525 |
617 |
हिन्दी कहानी संग्रह |
कराड जना शिवाजीराव |
395 |
618 |
भारतीय आदिम लोक साहित्य |
डॉ. शशिकांत सोनवणे |
1795 |
619 |
हिन्दी मलयालम दलित साहित्य |
डॉ. सी. जे. प्रसन्नकुमारी |
250 |
620 |
मोहन राकेश की रचनाओं में आधुनिक भावबोध |
डॉ. सी. विश्वनाथन |
400 |
621 |
हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंधों में मानवीय चिंतन |
डॉ. सुरिंदर कौर |
350 |
622 |
डॉ. हरिवंश राय बच्चन का आत्मकथात्मक साहित्य |
प्रा. श्रीनिवास |
250 |
623 |
कमलेश्वर के उपन्यासों में आधुनिकता बोध |
डॉ. श्रीकला |
500 |
624 |
भवानी प्रसाद मिश्र की कविता: रचनादृष्टि संदेवना और शिल्प |
अश्विनी कुमार शुक्ल |
725 |
625 |
कविता की समकालीनता |
डॉ. शिवप्रसाद शुक्ल |
625 |
626 |
भारत की उपेक्षित लोक संस्कृतियाँ |
शशिकान्त सोनवणे |
1000 |
627 |
मालती जोशी के कथा साहित्य में पारिवारिक तनाव |
डॉ. वीर श्री वशिष्ठ जी आर्य |
600 |
628 |
मलयालम से हिन्दी में अनूदित साहित्य: समस्याएँ और सम्भावनाएँ |
डॉ. लेखा एस. नयर |
250 |
629 |
हिन्दी साहित्य में दलित सरोकार |
डॉ. धनंजय चौहाण |
400 |
630 |
भीष्म साहनी के उपन्यासों में चित्रित भारतीय सामाजिक और राजनैतिक परिवेश |
डॉ. शालिनी एन. सी. |
425 |
631 |
रांगेय राघव के उपन्यासों का कथ्य एवं शिल्प |
डॉ. दक्षा निमावत |
725 |
632 |
प्रयोजनमूलक हिन्दी |
डॉ. दक्षा निमावत |
200 |
633 |
नरेन्द्र कोहली के उपन्यासों का अनुशीलन |
डॉ. प्रदीप सी. लाड |
775 |
634 |
जगदीश गुप्त का काव्य विविध आयाम |
डॉ. सुरेश यशवंत शिंदे |
650 |
635 |
वैश्वीकरण एवं हिन्दी गद्य साहित्य |
डॉ. शिवप्रसाद शुक्ल |
450 |
636 |
काका हाथरसी के काव्य में चित्रित हास्य व्यंग्य |
प्रा. अपर्णा भारत कुचेकर |
200 |
637 |
मंगलेश डबराल व्यक्तित्व एवं कृतित्व |
डॉ. विद्यावती जी. राजपूत |
350 |
638 |
प्रेमचन्द्र के उपन्यास: पुनर्मूल्यांकन |
डॉ. कनुभाई निनामा |
500 |
639 |
द्विवेदी युगीन कविता में नई जीवन दृष्टि |
डॉ. उदय नारायण मिश्र |
500 |
640 |
प्रभाकर माचवे का रचना संसार |
डॉ. अंजली तुकाराम कुंभारे |
450 |
641 |
कृष्णा सोबती का कथा साहित्य एवं नारी समस्याएँ |
डॉ. वासमेह |
500 |
642 |
हिन्दी एब्सर्ड नाट्य साहित्य |
डॉ. वानमारे गोरे |
300 |
643 |
शिव प्रसाद सिंह कथ्य और शिल्प |
डॉ. अश्विनी कुमार पाण्डेय |
350 |
644 |
नागार्जुन और नारायण सुर्वे के काव्य में प्रगतिशील चेतना |
डॉ. अलका निकम वागदरे |
500 |
645 |
दुष्यंतकुमार और सुरेशभट्ट की ग़ज़लों का सामाजिक चिंतन |
डॉ. अलका निकम वागदरे |
200 |
646 |
कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर चिंतन और साहित्य |
डॉ. जयप्रकाश नारायण सिंह |
220 |
647 |
समकालीन भारतीय साहित्य में आधुनिक युगबोध |
डॉ. सुशील धर्माणी, डॉ. हिंगोराणी |
625 |
648 |
धर्मवीर भारती के कथा साहित्य में मनोवैज्ञानिकता |
डॉ. सुधा ए. एस. |
425 |
649 |
हिन्दी साहित्य में रूबाई का विकास |
डॉ. अकीला महेबूब शेख |
600 |
650 |
हिन्दी विज्ञापन: परख और पहचान |
डॉ. जय चन्द्रन |
300 |
651 |
रांगेय राघव के उपन्यासों का कथ्य और शिल्प |
डॉ. दक्षा निमावत |
725 |
652 |
भाषा विज्ञान और हिन्दी भाषा के बढ़ते कदम |
शुभवंदा पाण्डेय |
350 |
653 |
अम्बेडकरवादी चिंतन और हिन्दी साहित्य |
डॉ. जयश्री शिंदे |
325 |
654 |
माध्यम, साहित्य तथा भाषा: विविध आयाम |
डॉ. मीरा निचले |
350 |
655 |
हिन्दी और मराठी संत साहित्य |
सं. डॉ. विद्या शिंदे |
495 |
656 |
हिन्दी विविधा |
डॉ. शिद्राम कृष्णा खोत |
300 |
657 |
हिन्दी गजल: अंतिम दशक |
डॉ. जयराम सूर्यवंशी |
595 |
658 |
निबन्धकार निर्मल वर्मा |
डॉ. उत्तरा कुलकर्णी |
695 |
659 |
समकालीन हिन्दी कविता का समाजशास्त्र |
डॉ. साईनाथ उमाटे |
450 |
660 |
भीष्म साहनी के साहित्य में समसामयिकता |
डॉ. दयानंद सालुंके |
550 |
661 |
उपन्यासकार शशिप्रभा शास्त्री |
डॉ. विजयकुमार सूर्यवंशी |
500 |
662 |
हिन्दी मराठी दलित साहित्य एक अध्ययन |
डॉ. सादिक तंबोली |
350 |
663 |
दलित उपन्यासों में व्यक्त स्त्री चरित्र |
डॉ. सुचिता गायकवाड़ |
695 |
664 |
मृणाल पाण्डे: व्यक्तित्व एवं कृतित्व |
डॉ. प्रज्ञा तिवारी |
650 |
665 |
नरेश मेहता के नाट्य-काव्य |
डॉ. सादिक तंबोली |
400 |
666 |
मंजुल भगत के कथा साहित्य में नारी |
डॉ. मैना जगताप |
595 |
667 |
कहानीकार मंटो |
डॉ. प्रवीण कुमार चौगुले |
595 |
668 |
राहुल सांकृत्यायन के कथा साहित्य में अभिव्यक्त बौद्ध दर्शन |
डॉ. माधव गायकवाड |
625 |
669 |
माता प्रसाद का साहित्य |
डॉ. साताप्पा सावंत |
300 |
670 |
डॉ. शंकर शेष के चेहरे नाटक का समीक्षात्मक अध्ययन |
प्रा. शोभाताई दिलीपराव नाईक |
200 |
671 |
जीरो रोड एक अध्ययन |
टी. घनश्याम |
350 |
672 |
कौशल्या बेसंत्री कृत दोहरा अभिशाप एक अनुशीलन |
डॉ. भीमराव पाटील |
395 |
673 |
साठोत्तरी हिन्दी उपन्यासों में दलित चेतना |
डॉ. दिलीप कुमार कसबे |
895 |
674 |
साहित्य, समाज और हिन्दी सिनेमा |
डॉ. सुनील बापू बनसोडे |
1100 |
675 |
डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन के काव्य में सामाजिक चेतना |
डॉ. रजि़या शेख |
595 |
676 |
धूमिल और उनका काव्य |
डॉ. नाजिम शेख |
475 |
677 |
आधुनिक हिन्दी कविता में ग़जल |
लता गुरव |
400 |
678 |
हरिशंकर परसाई कृत ठिठुरता हुआ गणतन्त्र |
सुचिता गायकवाड |
400 |
679 |
शेवडे जी के उपन्यासों में नारी चरित्र |
सुपर्णा संसुद्धि |
295 |
680 |
हिन्दी उपन्यासों में मुस्लिम आर्थिक जीवन |
डॉ. शाहीन एज़ाज |
795 |
681 |
कहानीकार विष्णु प्रभाकर |
हणमंत सोहनी |
350 |
682 |
यशपाल के उपन्यास और राष्टं |
डॉ. शाहू दशरथ |
995 |
683 |
अशोक बाजपेई के काव्य का मूल्यांकन |
डॉ. भारत उपाध्य |
525 |
684 |
हिन्दी महिला नाटककार |
डॉ. भगवान जाधव |
795 |
685 |
प्रेमचन्द्र के उपन्यासों में नारी पात्रों का चित्रण |
डॉ. ज्योति गायकवाड़ |
395 |
686 |
मार्कण्डेय के साहित्य में ग्रामीण जीवन |
डॉ. गोरखनाथ |
625 |
687 |
विनय की काव्य सम्पदा |
डॉ. बोइनवाड नागोराव नामदेव राव |
300 |
688 |
शैली विज्ञान संकल्पना एवं स्वरूप |
डॉ. पाण्डुरंग चिलगर |
475 |
689 |
गिरिराज किशोर का कथा साहित्य |
डॉ. आरती वर्मा |
450 |
690 |
हिन्दी उपन्यासों का मूल्यपरक विवेचन |
डॉ. सविता चोखो वाकिर्ते |
400 |
691 |
जनवादी कवि धूमिल |
डॉ. कविडे मुकुंद माधवराव |
295 |
692 |
हिन्दी उपन्यास और विमर्श अद्यतन दृष्टि |
डॉ. जयश्री शिंदे |
295 |
693 |
कथाकार नासिरा शर्मा |
डॉ. ओहालमोहन विट्ठलराव |
450 |
694 |
वर्तमान सन्दर्भ में निर्मल वर्मा के पात्र |
डॉ. ज्योति मुंगल |
525 |
695 |
दौड़ में भूमण्डलीकरण की सार्थकता का यथार्थ चित्रण |
डॉ. विद्याशशि शेखर शिंदे |
150 |
696 |
संजीव की कहानियाँ शिल्प एवं शैलीगत अध्ययन |
डॉ. स्नेहा पाटील |
275 |
697 |
इक्कीसवीं सदी की कहानियों का अनुशीलन |
सुश्री अश्विनी रमेश काकडे |
350 |
698 |
हिन्दी मराठी महिला नाट्यलेखन में नारीवाद |
डॉ. रघुनाथ गणपत देसाई |
300 |
699 |
हिन्दी भीमकाव्य में चिन्तन |
डॉ. सताप्पा शामराव सावंत |
350 |
700 |
नागार्जुन और रघुवीर सहाय की कविताओं में राजनीतिक चेतना |
सन्तोष टेलकीकर |
275 |
701 |
कवि जयप्रकाश कर्दम: एक अध्ययन |
डॉ. सुनील बनसोडे,श्री सचिन काम्बले |
295 |
702 |
हिन्दी के प्रतिनिधि नाटकों में समकालीन संवेदनायें |
डॉ. ईश्वर पवार |
180 |
703 |
हिन्दी साहित्य: बाजार में बाजारवाद तक |
डॉ. भगवान गव्हाड़े |
600 |
704 |
समकालीन हिन्दी साहित्य में मूल्य बोध |
डॉ. बबन चौरे |
495 |
705 |
निर्मल वर्मा की कहानियों में स्त्री.पुरुष सम्बन्धों का चित्रण |
मधुकर देशमुख |
350 |
706 |
मैत्रेयी पुष्पा के साहित्य में स्त्री |
डॉ. राजेन्द्र वड़जे |
650 |
707 |
हिन्दी और गुजराती रूप रचना: तुलनात्मक अध्ययन |
भावना ठक्कर |
775 |
708 |
सर्जना: सप्तवर्णी |
डॉ. शिवशंकर पाण्डेय |
550 |
709 |
समकालीन हिन्दी कहानी और नारी जीवन |
डॉ. गीता यादव |
300 |
710 |
भाषा विज्ञान: सैद्धांतिकी एवं व्यवहार |
डॉ. ईश्वर पवार |
710 |
711 |
हिन्दी दलित एवं आदिवासी साहित्य अंतरंग पड़ताल |
डॉ. धीरजभाई वणकर |
430 |
712 |
धर्मवीर भारती और उनका कथा साहित्य |
डॉ. उषा मिश्रा |
330 |
713 |
मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों का अनुशीलन |
डॉ. सावित्री ढोले |
750 |
714 |
छायावादी कवियों का छायावादोत्तर काव्य |
डॉ. ए. एन. पाण्डेय |
860 |
715 |
मानवतावादी कवि भवानीप्रसाद मिश्र |
डॉ. प्रवीण ब्रिजलाल |
580 |
716 |
द्रौपदी: मिथक और मानवीय |
शीला आहूजा |
460 |
717 |
हिन्दी - गुजराती दलित साहित्य में विविध सन्दर्भ |
धीरजभाई वणकर |
395 |
718 |
हिन्दी आत्मकथायें: सन्दर्भ और प्रकृति |
श्यामसुन्दर पाण्डे |
750 |
719 |
नई कहानी और हरीशंकर परसाई का कथा साहित्य |
कान्ता गुप्ता |
575 |
720 |
रेणु और कमलेश्वर की कहानियों में आंचलिकता |
धीरज भाई वणकर |
350 |
721 |
हिन्दी कहानी: संवेदना और शिल्प |
शिवशंकर पाण्डे |
695 |
722 |
कहानीकार निर्मल वर्मा और मधुराय |
मधुकर पाड़वी |
450 |
723 |
बच्चन की कविताओं का शैली वैज्ञानिक अध्ययन |
शीला शर्मा |
300 |
724 |
भगवतशरण अग्रवाल का हाइकू काव्य |
गोवर्धन बंजारा |
395 |
725 |
रामचरित मानस में हास्य व्यंग्य |
आरती राठौर |
425 |
726 |
कृष्णा सोबती का साहित्य |
सरिता बहुखंडी |
650 |
727 |
विष्णु प्रभाकर के कहानी साहित्य पर गाँधीवादी चिन्तन प्रभाव |
डॉ. सोनम पटवा |
280 |
728 |
काशीनाथ सिंह की कहानियाँ |
डॉ. अभय परमार |
225 |
729 |
समकालीन हिन्दी कहानी: सरोकार विमर्श |
डॉ. श्याम सुन्दर पाण्डेय |
570 |
730 |
हिमांशु जोशी की कहानियों में परिवेश का अनुशीलन |
दिनेश भाई किशोरी |
350 |
731 |
मध्ययुगीन काव्य में वैचारिक सरोकार |
डॉ. शिवप्रसाद शुक्ल |
750 |
732 |
महापण्डित राहुल सांकृत्यायन के उपन्यासों का अनुशीलन |
डॉ. शंकर शुक्ला |
425 |
733 |
सुरेन्द्र वर्मा के नाटकों का अनुशीलन |
डॉ. जयश्री सिंह |
750 |
734 |
पंत की कविताओं में मानवतावाद |
दिलीप गावित |
280 |
735 |
मृणाल पाण्डे के कथा साहित्य का शिल्प विधान |
अमित भाई पटेल |
525 |
736 |
21वीं शताब्दी के चर्चित उपन्यास: एक दृष्टिक्षेप |
डॉ. ईश्वर भाई पवार |
275 |
737 |
आंचलिकता और हिन्दी उपन्यास |
डॉ. अनिल सिंह |
320 |
738 |
रघुवीर सहाय की कविता चिंतन एवं शिल्प |
डॉ. उषा मिश्रा |
425 |
739 |
साहित्य का समवेत अनुशीलन |
डॉ. शशि पंजाबी |
225 |
740 |
ऊषा प्रियंवदा के उपन्यासों में सामाजिक चेतना |
प्रो. पारेख नेहा |
225 |
741 |
सुरेन्द्र वर्मा के नाटकों का अनुशीलन |
डॉ. जयश्री सिंह |
725 |
742 |
महापण्डित राहुल सांकृत्यायन के उपन्यासों का अनुशीलन |
डॉ. सविता शुक्ला |
425 |
743 |
आतंकवाद: वर्तमान संदर्भ और रामचरित मानस |
डॉ. राम उजागर तिवारी |
325 |
744 |
विष्णु प्रभाकर का उपन्यास साहित्य संवेदना और शिल्प |
डॉ. पूनम पटवा |
725 |
745 |
भारतीय साहित्य |
डॉ. शशि पंजाबी |
500 |
746 |
हिन्दी साहित्य: नव विमर्श |
डॉ. जशवंत भाई पंड्या |
200 |
747 |
समकालीन हिन्दी साहित्य नव आकलन |
डॉ. जशवंत भाई पंड्या |
275 |
748 |
आधुनिक हिन्दी प्रबन्ध काव्य में मिथक और नारी |
डॉ. शीला आहुजा |
650 |
749 |
साहित्य विचार |
डॉ. अर्जुन के तड़वी |
290 |
750 |
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के साहित्य में सौन्दर्य एवं प्रेम |
डॉ. चन्द्रशेखर मालवीय |
450 |
751 |
देवेश ठाकुर के उपन्यासों में चरित्र-शिल्प |
डॉ. वन्दना प्रदीप |
350 |
752 |
हिन्दी साहित्य विविध आयाम |
डॉ. जशवंत भाई पंड्या |
225 |
753 |
नवगीत: एक अनवरत धारा |
डॉ. पारवती जे. गोस्वामी |
950 |
754 |
मध्यकालीन हिन्दी काव्य |
डॉ. दिलीप मेहरा |
500 |
755 |
कमलेश्वर का कहानी साहित्य और सामाजिक यथार्थ |
डॉ. धीरजभाई वणकर |
550 |
756 |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी नाटक: संवेदना और शिल्प |
डॉ. श्याम सुन्दर पाण्डे |
300 |
757 |
सर्वेश्वरदयाल सक्सेना के कथा साहित्य में नारी |
डॉ. राजेश भाई पटेल |
415 |
758 |
महादेवी वर्मा का रचना वैविध्य |
डॉ. किशोर सिंह राव |
275 |
759 |
विद्या निवास मिश्र का निबन्ध साहित्य |
डॉ. श्याम सुन्दर पाण्डे |
450 |
760 |
राजेन्द्र यादव के उपन्यासों में ग्रामीण चेतना |
डॉ. अर्जुन के. तडवी |
190 |
761 |
सर्वेश्वर व्यक्ति और रचनाकार |
डॉ. अखिलेश गोस्वामी |
670 |
762 |
रामदरश मिश्र के उपन्यास साहित्य में सांस्कृतिक चेतना |
डॉ. गीता यादव |
575 |
763 |
दलित चेतना के सन्दर्भ में जगदीश चन्द्र एवं जोसेफ मेकवान के उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. गोवर्धन बंजारा |
725 |
764 |
दलित विमर्श |
डॉ. धीरज भाई वणकर |
325 |
765 |
अमृतलाल नागगर के उपन्यासों का समाजशास्त्रीय अध्ययन |
डॉ. अशोक मिश्र |
530 |
766 |
संसद से सड़क तक और गोलपिठा |
अनंत केदारे |
300 |
767 |
मध्यकालीन हिन्दी गुजराती राम काव्यों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. निरंजन जे. कंटारिया |
540 |
768 |
गजल का काव्यशास्त्र |
डॉ. महेश गुप्ता |
225 |
769 |
समकालीन हिन्दी नाटकों में सामाजिक चेतना |
डॉ. करसन रावत |
325 |
770 |
कृष्णा सोबती के कथा-साहित्य में चित्रित ग्रामीण जीवन |
डॉ. सुरेखा तांबे |
545 |
771 |
कुसुम अंसल के हिन्दी साहित्य में चित्रित नारी जीवन के विविध आयाम |
डॉ. आर. पी. भोसले |
400 |
772 |
हिन्दी भाषा एवं व्याकरण |
डॉ. शम्भूनाथ द्विवेदी |
475 |
773 |
मीडिया: हिन्दी और पत्रकारिता |
डॉ. आरिफ महात |
350 |
774 |
आधे-अधूरे एवं घाशीराम कोतवाल का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. बलीराम संभाजी |
250 |
775 |
कुसुम अंसल के काव्य साहित्य में चित्रित नारी जीवन के विमर्श |
डॉ. आर. पी. भोसले |
250 |
776 |
शरद जोशी का व्यंग्य साहित्य |
डॉ. सूर्यकान्त शिन्दे |
395 |
777 |
त्रिजटा तथा अन्य कविताएँ |
प्रकाश कृष्णा |
200 |
778 |
अनुवाद सिद्धान्त और समग्र पत्राचार |
डॉ. शम्भूनाथ द्विवेदी |
350 |
779 |
स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी के आंचलिक उपन्यासों में चित्रित दलित जीवन |
डॉ. शम्भूनाथ द्विवेदी |
1195 |
780 |
मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों का कथ्य और शिल्प |
डॉ. जोगेन्द्र सिंह |
400 |
781 |
मैत्रेयी पुष्पा की कहानियों का कथ्य और शिल्प |
डॉ. जोगेन्द्र सिंह |
250 |
782 |
हिन्दी साहित्य: दलित विमर्श |
डॉ. उमाकांत बिरादार |
800 |
783 |
हिन्दी उपन्यासों में चित्रित आंचलिक जीवन |
डॉ. गिरीश कासिद |
800 |
784 |
दलित विमर्श: नाटक तथा रंगमंच |
डॉ. उमाकांत बिरादार |
800 |
785 |
आठवें दशक के आंचलिक उपन्यास |
डॉ. अनिल सालुखे |
300 |
786 |
दलित साहित्य अनुसंधान के आयाम |
डॉ. भरत सगरे |
300 |
787 |
संजीव जनधर्मी कथाशिल्पी |
डॉ. गिरीश काशिद |
300 |
788 |
उत्तरशती के उपन्यासों में दलित विमर्श |
डॉ. विजय कुमार |
400 |
789 |
नई कविता हिन्दी मराठी |
डॉ. मनोहर |
550 |
790 |
हिन्दी के आंचलिक उपन्यासों के आदिवासी जनजीवन |
भरत सगरे |
300 |
791 |
नासिरा शर्मा: व्यक्तित्व और कृतित्व |
डॉ. विजय राउत |
500 |
792 |
अमेरिकन दौड़धूप |
डॉ. चन्दा गिरीश |
600 |
793 |
राही मासूम रजा का कथा साहित्य |
डॉ. सुभाष दुरागकर |
350 |
794 |
तुलसीदास |
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल |
200 |
795 |
उपेन्द्रनाथ अश्क का नाट्य साहित्य |
डॉ. महमूद रसूल पटेल |
400 |
796 |
एकांकीकार उपेन्द्रनाथ अश्क |
डॉ. पण्डित बन्ने |
250 |
797 |
त्रिलोचन की काव्यदृष्टि |
डॉ. लता शिरोडकर |
500 |
798 |
वक्रोति सिद्धान्त और सूर का काव्य |
डॉ. शिवप्रसाद मिश्र |
450 |
799 |
उपन्यासकार जयशंकर प्रसाद |
डॉ. गोरखनाथ माने |
175 |
800 |
दर्शन बौद्ध दर्शन |
डॉ. भानुदास आगेड़कर |
625 |
801 |
हरिकृष्ण प्रेमी के नाटकों में मुस्लिम पात्रें का चरित्र-चित्रण |
प्रा. जैजुल्लाखान पठाण |
200 |
802 |
सत्तरोत्तरी हिन्दी नाटकों में चित्रित यथार्थ |
डॉ. गोरखनाथ माने |
275 |
803 |
स्वांत्रयोत्तर हिन्दी कहानियों में अभिव्यक्त कस्बाई चेतना |
डॉ. अशोक शिंदे |
325 |
804 |
समकालीन हिन्दी साहित्य विविध विमर्श |
डॉ. भगवान गव्हाडे |
375 |
805 |
महाराष्टं के हिन्दी सन्त कवियों पर ज्ञानेश्वर का प्रभाव |
डॉ. गुरुदत्त राजपूत |
600 |
806 |
यशपाल के उपन्यासों में चित्रित पात्रें का स्वरूप विश्लेषण |
डॉ. विजय कुमार विठ्ठल जाधव |
350 |
807 |
स्वांत्रयोत्तर हिन्दी नाटक: जनसाधारण के परिप्रेक्ष्य में |
डॉ. रंजन तिवारी |
450 |
808 |
बुद्ध: दर्शन, साधना और साहित्य |
डॉ. दिनेश चन्द्र द्विवेदी |
400 |
809 |
उत्तर प्रदेश में सड़क परिवहन का इतिहास |
डॉ. सतीश कुमार सिंह |
500 |
810 |
संस्कृति की धरोहर |
डॉ. कन्हैया लाल अवस्थी |
350 |
811 |
मानस एक: दृष्टि अनेक |
रमेश चन्द्र त्रिवेदी |
400 |
812 |
रीतिकाल: तथ्य और चिन्तन |
डॉ. सरोजनी पाण्डेय |
600 |
813 |
डॉ. शिवप्रसाद सिंह का कथा साहित्य |
डॉ. अमित अवस्थी |
500 |
814 |
वाघ्मय विवेक |
डॉ. राजनारायण पाण्डेय |
450 |
815 |
गाँधीवादी कथाशिल्पी श्री अनन्त गोपाल शेवडे: वैचारिकता के विविध आयाम |
डॉ. नीरू रस्तोगी |
300 |
816 |
रीतिकालीन प्रबन्ध काव्य |
डॉ. रमेश चन्द्र शुक्ल |
500 |
817 |
रामकथा विश्राम |
पं. रमापति पाण्डेय |
400 |
818 |
पहाड़ों से प्रयाग तक |
सुशील राकेश |
200 |
819 |
सौन्दर्य का अभिशाप |
डॉ. राजनारायण पाण्डेय |
450 |
820 |
मनोज सोनकर का काव्य: एक अनुशीलन |
डॉ. रामचन्द्र सलुंके |
700 |
821 |
बाल कविता में सामाजिक सांस्कृतिक चेतना |
डॉ. शिरोमणि सिंह |
500 |
822 |
हिन्दी बाल कविता की प्रवृत्तियाँ |
डॉ. उदय सिंह उदय |
500 |
823 |
डॉ. अम्बेडकर: वैचारिक एवं दलित विमर्श |
डॉ. कालीचरण स्नेही |
600 |
824 |
बाल समस्यायें: कारण और निदान |
जयजयराम आनन्द |
500 |
825 |
भारत में समाजवाद: दशा एवं दिशा |
वीरेन्द्र सिंह यादव |
500 |
826 |
हिन्दी के महिला उपन्यास लेखन में स्त्री आन्दोलन |
भुनेश यादव |
500 |
827 |
शशिप्रभा शास्त्री के कथा साहित्य में नारी |
डॉ. अनीता शर्मा |
500 |
828 |
हिन्दी यात्र साहित्य की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि |
डॉ. संध्या शर्मा |
500 |
829 |
हिन्दी बाल साहित्य में मनोरंजन एवं नैतिकता |
डॉ. राम शंकर आर्य |
400 |
830 |
डॉ. राममनोहर लोहिया: वैचारिक विमर्श |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
600 |
831 |
डॉ. राममनोहर लोहिया का समाजवाद एवं सामाजिक समरसता |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
600 |
832 |
डॉ. राममनोहर लोहिया: समाजवादी विमर्श |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
600 |
833 |
डॉ. लोहिया का समाजवाद एवं अर्थ दर्शन |
डॉ. यतीन्द्र नाथ शर्मा |
500 |
834 |
डॉ. अंबेडकर: वैचारिकी एवं दलित विमर्श |
डॉ. कालीचरण स्नेही |
600 |
835 |
हिन्दी भाषा एक अबाध प्रवाह |
डॉ. मीता, डॉ. सुमन |
350 |
836 |
आधुनिक हिन्दी कविता में लोक चेतना |
डॉ. मीता, डॉ. सुमन |
350 |
837 |
रेणु का कथा साहित्य |
डॉ. सुरेश चन्द्र मेहरोत्र |
500 |
838 |
रामचंद्रिका में वक्रोक्ति सिद्धान्त का अनुशीलन |
डॉ. ममता गंगवार |
500 |
839 |
बुंदेलखण्ड के साहित्यकारों का साहित्यिक अवदान |
डॉ. छाया राहुल |
700 |
840 |
जायसी और कबीर: सामासिक संस्कृति के सन्दर्भ में |
डॉ. डी. आर. राहुल |
600 |
841 |
हाशिये पर (कहानी संग्रह) |
डॉ. कामिनी |
150 |
842 |
बाल कविता में सामाजिक.सांस्कृतिक चेतना |
डॉ. शिरोमणि सिंह पथ |
500 |
843 |
डॉ. देवीशंकर अवस्थी की आलोचना दृष्टि |
डॉ. निशा सिंह |
500 |
844 |
उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनावों में महिलाओं की सहभागिता |
डॉ. अनीता |
400 |
845 |
रामायण और महाभारत में व्यक्त राजनीतिक विचार |
डॉ. कान्ती शर्मा |
600 |
846 |
हिन्दी बाल साहित्य के संदर्भ में श्री चंद्रपाल सिंह यादव मयंक के साहित्य साधना का मूल्यांकन |
डॉ. कंचनलता यादव |
550 |
847 |
विश्व पर्यावरण एवं राजनीतिक संघर्ष |
डॉ. आर. के. त्रिपाठी |
400 |
848 |
संस्कार गीत और लोकजीवन |
डॉ. सीता. डॉ. कामिनी |
200 |
849 |
नयी कहानी अस्तित्व एवं स्वरूप |
डॉ. संगीता अग्रवाल |
200 |
850 |
प्रसाद नाट्य साहित्य में हास्य और व्यंग्य |
डॉ. संगीता अग्रवाल |
200 |
851 |
अक्षर अनन्य की काव्यभाषा |
डॉ. सबीहा ताबीर |
350 |
852 |
राजाराम मिश्र कमलेश: व्यक्तित्व कृतित्व |
डॉ. प्रदीप मिश्र |
200 |
853 |
शिवानी के उपन्यासों में कूर्मांचलीय लोक संस्कृति |
डॉ. अलका मिश्र |
300 |
854 |
महाप्राण निराला: पुनर्मूल्यांकन |
डॉ. प्रदीप मिश्र |
400 |
855 |
बुन्देलखण्ड की साहित्य सर्जना |
डॉ. किरण र्श्मा |
350 |
856 |
नारी स्वर |
ज्ञानचन्द्र गुप्त |
200 |
857 |
शृंगार शिरोमणि का रस.भाव विवेचन |
डॉ. प्रदीप मिश्र |
500 |
858 |
कालजयी नाटककार लक्ष्मीनारायण मिश्र |
डॉ. मंजुला श्रीवास्तव |
400 |
859 |
भारतीय नारी का धर्मशास्त्रीय अध्ययन |
डॉ. पूजा श्रीवास्तव |
300 |
860 |
तुम न आये सितारों को नींद आ गई |
मंजुल मयंक |
300 |
861 |
मेरी हम जिन्दगी मेरी हमशाइरी |
डॉ. सुरेन्द्र प्रताप सिंह |
200 |
862 |
गजानन माधव मुक्तिबोध एक अनुशीलन |
डॉ. सविता सबनीश |
300 |
863 |
मोहन राकेश और विजय तेंदुलकर के नाटकों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. पद्मा सतीश देशपांडे |
495 |
864 |
निराला की साहित्य साधना: एक मूल्यांकन |
डॉ. बबन आश्रुबा चौरे |
725 |
865 |
गोविन्द चातक के नाटक एवं नाट्यालोचना |
डॉ. अप्पा साहेब टाळके |
750 |
866 |
शोध धारा |
डॉ. मुरलीधर लहाड़े |
200 |
867 |
नागार्जुन के साहित्य में आँचलिकता |
डॉ. अर्जुन जानू घरत |
700 |
868 |
कृष्णा अग्निहोत्री की कहानियों में नारी |
डॉ. बालाजी भुरे |
450 |
869 |
नासिरा शर्मा का कथा साहित्य: वर्तमान समय के सरोकार |
डॉ. शेख अफरोज फातिमा |
795 |
870 |
हिन्दी और मराठी नाट्य साहित्य में छत्रपति शिवाजी |
डॉ. विष्णु गव्हाणे |
800 |
871 |
हिन्दी.मराठी साहित्य: तुलनात्मक विमर्श |
डॉ. सुधाकर शेंडगे |
395 |
872 |
मराठी कवि कुसुमाग्रज की कविताएँ |
डॉ. विद्या केशव चिटको |
250 |
873 |
संत तुकाराम की अभंग वाणी |
डॉ. वासंती सालवेकर |
500 |
874 |
आदिवासी केन्द्रित हिन्दी साहित्य |
डॉ. ऊषा कीर्ति राणावत |
600 |
875 |
अज्ञेय का साहित्य चिंतन: परोक्ष.अपरोक्ष |
नामदेव जासूद |
300 |
876 |
हिन्दी में अनूदित दलित मराठी आत्मकथा |
डॉ. गोरख काकडे |
600 |
877 |
साहित्य समाज और मीडिया |
डॉ. शीतला प्रसाद दुबे |
600 |
878 |
राजभाषा हिन्दी की प्रयुक्तिपरक विश्लेषण |
डॉ. सुषमा कोंडे |
550 |
879 |
डा. शिवप्रसाद सिंह का कथा साहित्य |
डॉ. प्रतिज्ञा पतकी |
695 |
880 |
हिन्दी उपन्यासों के खल पात्र |
डॉ. चव्हाण विश्वास |
550 |
881 |
यथार्थवादी उपन्यासकार उपेन्द्रनाथ अश्क |
प्रो. डॉ. शंकर रा. पजई |
700 |
882 |
रामदरशमिश्र कृत पानी के प्राचीर में में चित्रित ग्रामीण जीवन |
प्रा. महंमद रउफ इब्राहिम |
220 |
883 |
समकालीन हिन्दी नाटकों में पशु प्रतीक |
डॉ. वसंत गाडे |
520 |
884 |
21वीं सदी के कथा साहित्य में दलित चेतना |
डॉ. सुनीता कावले |
350 |
885 |
पाश्चात्य साहित्य सिद्धान्त विवेचन |
डॉ. ओम प्रकाश शर्मा |
625 |
886 |
धूमिल और नारायण सुर्वे का कवि कर्म |
डॉ. न. पु. काले |
750 |
887 |
राष्टंभाषा हिन्दी: कितनी सही कितनी प्रेरक |
डॉ. सुनील कुलकर्णी |
395 |
888 |
राष्टांर्पित गोपाल कृष्ण गोखले |
डॉ. विद्या केेशव |
300 |
889 |
अंतिम दशक के हिन्दी उपन्यास और नारी की अस्मिता |
डॉ. मीना ढोले |
560 |
890 |
लोक साहित्य के मूल स्रोत |
डॉ. उर्मिला पाटिल |
475 |
891 |
हिन्दी आत्मकथा: स्वरूप विवेचन और विकास |
डॉ. सविता सिंह |
600 |
892 |
अमरकांत की कहानियों का अनुशीलन |
डॉ. नारायण बागुल |
500 |
893 |
मैत्रेयी पुष्पा का समग्र साहित्य: एक अनुशीलन |
डॉ. मीना मिलिंद |
300 |
894 |
21वीं सदी के हिन्दी संस्मरणों का अनुशीलन |
डॉ. संगीता सिंह |
600 |
895 |
सुधाकर मिश्र की काव्य संवेदना |
डॉ. अवनीश सिंह |
650 |
896 |
भूमंडलीकरण और हिन्दी |
डॉ. शीतला प्रसाद दुबे |
500 |
897 |
कमलेश्वर की कहानियों में यथार्थबोध |
डॉ. मुरलीधर लहाणे |
350 |
898 |
कमलेश्वर की कहानियों का शिल्पगत अध्ययन |
डॉ. मुरलीधर लहाणे |
350 |
899 |
स्वांत्रयोत्तर हिन्दी उपन्यासों में आदिवासी चेतना |
डॉ. सविता चौधरी |
325 |
900 |
अलका सरावगी का कहानी साहित्य |
डॉ. शीतला प्रसाद दुबे |
395 |
901 |
अष्टछाप कवियों के काव्य में लोक तत्व |
डॉ. संध्या गर्जे |
795 |
902 |
रामविलास शर्मा की साहित्य साधना |
डॉ. मिथिलेश शर्मा |
725 |
903 |
समकालीन नाटकों में आधुनिकता बोध |
डॉ. काझी नासेर |
400 |
904 |
21वीं सदी के हिन्दी नाटकों में दलित चेतना |
डॉ. सुरेश तायडे |
375 |
905 |
अलका सरावगी का उपन्यास साहित्य |
डॉ. शीतला प्रसाद दुबे |
495 |
906 |
कमलेश्वर की कहानियों में कस्बाई चेतना |
डॉ. गोपाल बाहेती |
325 |
907 |
मध्यकालीन हिन्दी गुजराती राम काव्यों का तुलनात्मक अध्ययन |
डॉ. निरंजन जे. |
540 |
908 |
चरितात्मक उपन्यास और रांगेय राघव |
डॉ. बाबूलाल |
500 |
909 |
जैनेन्द्र के उपन्यास: कथ्य एवं शिल्प |
डॉ. यूनुस गाहा |
650 |
910 |
मोहन राकेश की कहानियों में आधुनिकता बोध |
डॉ. चेतना राठोड़ |
540 |
911 |
भोजपुरी भाषा: मानक रूप |
डॉ. रामकुँवर सिंह |
200 |
912 |
स्वांत्रयोत्तर हिन्दी निबन्ध साहित्य के विकास में कुबेरनाथ राय का योगदान |
डॉ. रवीन्द्र राय |
575 |
913 |
मध्यकालीन संत परम्परा एवं रैदास |
डॉ. जीवन सांसिया |
450 |
914 |
मीडिया और हिन्दी भाषा का स्वरूप |
डॉ. मनीष गोहिल |
325 |
915 |
ब्लैक होल (काव्य नाटक) |
उद्भ्रांत |
350 |
916 |
आलोचना का वाचिक (वाचिक आलोचना) |
उद्भ्रांत |
695 |
917 |
अस्ति |
उद्भ्रांत |
750 |
918 |
अभिनव पाण्डव |
उद्भ्रांत |
300 |
919 |
सृजन की भूमि |
उद्भ्रांत |
757 |
920 |
लघु पत्रकारिता आन्दोलन |
उद्भ्रांत |
547 |
921 |
सदी का महाराग (उद्भ्रांत की कविताओं का संचयन) |
रेवती रमण |
297 |
922 |
कहानी का सातवां दशक |
उद्भ्रांत |
127 |
923 |
हँसो बतर्ज रघुवीर सहाय |
उद्भ्रांत |
297 |
924 |
उद्भ्रांत की गजलों का यथार्थवादी दर्शन |
ऐ. सिन्हा |
127 |
925 |
मार्क्स प्रेमचन्द, प्रसाद, मुक्तिबोध |
डॉ. सुरेश गौतम |
1295 |
926 |
अज्ञेय स्मृतियों के झरोखे से |
नीलम ऋषिकल्प |
795 |
927 |
हिन्दी उपन्यास सांस्कृतिक परिदृश्य |
ज्योति वत्स |
1195 |
928 |
जनसंचारिकी सिद्धान्त और अनुप्रयोग |
डॉ. रामलखन मीना |
1295 |
929 |
चन्द्रकांता संतति (भाग 1-6) |
देवकीनन्दन खत्री |
2400 |
930 |
भारतीय समाज |
डॉ. एम. के. मिश्रा |
1195 |
931 |
भारतीय दर्शन के विविध आयाम |
शीलक राम |
695 |
932 |
बीसवीं शताब्दी के अंतिम दशक के हिन्दी उपन्यासों में जीवन दृष्टि |
डॉ. रुपिन्द्र शर्मा |
750 |
933 |
कम्प्यूटर इंटरनेट शब्दकोश |
नीति मेहता |
450 |
934 |
कबीर और मानवाधिकार |
डॉ. शिवमंगल कुमार |
395 |
935 |
इंटरनेट विज्ञान |
नीति मेहता |
450 |
936 |
आज का दर्शनशास्त्र |
शीलक राम |
895 |
937 |
अज्ञेय एक अलक्षित पत्रकार |
डॉ. अमरीश सिन्हा |
595 |
938 |
आदिवासी अशांति: कारण चुनौतियाँ एवं सम्भावनाएँ |
डॉ. वी. एम. मलिक |
395 |
939 |
प्रमुख देशों की विदेश नीतियाँ |
एम. के. मिश्रा |
995 |
940 |
हिन्दी साहित्य एवं भाषा के विविध आयाम |
डॉ. जितेन्द्र सिंह |
1295 |
941 |
व्यावहारिक दर्शन शास्त्र |
शीलक राम |
595 |
942 |
मानवाधिकार एवं मुद्दे |
राजेश चहल |
495 |
943 |
सम्पूर्ण नाटक एवं एकांकी (भाग - 1, 2) |
डॉ. सुरेश गौतम |
2500 |
944 |
जयशंकर प्रसाद - सम्पूर्ण उपन्यास |
डॉ. सुरेश गौतम |
1195 |
945 |
जयशंकर प्रसाद - सम्पूर्ण निबन्ध |
डॉ. सुरेश गौतम |
995 |
946 |
जयशंकर प्रसाद - सम्पूर्ण कहानियाँ |
डॉ. सुरेश गौतम |
995 |
947 |
निबन्धकार जयशंकर प्रसाद |
डॉ. सुरेश गौतम |
395 |
948 |
प्रसाद साहित्य की बीजभूमि |
डॉ. सुुरेश गौतम |
495 |
949 |
जयशंकर प्रसाद नाटक एवं रंगमच |
डॉ. सुरेश गौतम |
395 |
950 |
कबीरवाणी का भाषा वैज्ञानिक अध्ययन |
डॉ. वेदवृत शर्मा |
395 |
951 |
बुनियादी शिक्षा: समस्यायें और सम्भावनाएँ |
डॉ. अभिषेक कुमार |
695 |
952 |
प्रकृति पर्यावरण और हम |
राजेश्वरी झा |
200 |
953 |
कबीर एक जीवंत स्पंदन |
डॉ. यामिनी |
195 |
954 |
भारत की प्रमुख स्मृतियाँ |
डॉ. विप्लव |
1095 |
955 |
लोकतन्त्र के प्रमुख स्तम्भ |
डॉ. विप्लव |
1095 |
956 |
भारत में महिला मानवाधिकार |
डॉ. विप्लव |
995 |
957 |
हिन्दी साहित्य के प्रतिमान |
डॉ. संतराम संघर्षी |
450 |
958 |
प्रशासनिक सिद्धान्त |
डॉ. विप्लव |
995 |
959 |
ब्रजलोक साहित्य नव चिंतन |
डॉ. शैफाली चतुर्वेदी |
595 |
960 |
कबीर: व्यक्तित्व, कृतित्व एवं सिद्धान्त (दो भागों में) |
डॉ. सरनाम सिंह शर्मा |
2500 |
961 |
हिन्दी लोक साहित्य का प्रबन्धन |
डॉ. राजेश्वर उनियाल |
1095 |
962 |
प्रयोजनमूलक हिन्दी: सृजन और समीक्षा |
डॉ. रामलखन मीणा |
995 |
963 |
बौद्ध दर्शन का उद्भव और विकास |
डॉ. मनीष मेश्राम |
995 |
964 |
ब्रज लोक साहित्य: नवचिंतन |
डॉ. शेफाली चतुर्वेदी |
595 |
965 |
भारत में मानवाधिकार |
डॉ. दीपक वर्मा |
995 |
966 |
प्रशासनिक एवं कार्यालयी हिन्दी |
प्रो. सरिता वशिष्ठ |
1495 |
967 |
गाँधी और राष्टंभाषा हिन्दी |
डॉ. सुनीता कुमारी चौरसिया |
895 |
968 |
भाषा विज्ञान |
प्रो. सरिता वशिष्ठ |
995 |
969 |
हिन्दी साहित्य के इतिहास का बिन्दुवार अध्ययन |
डॉ. अरुण कुमार |
495 |
970 |
भारतीय वाघमय में धर्म और संस्कृति |
डॉ. विद्या बिन्दु सिंह |
995 |
971 |
महिलाओं के कानूनी अधिकार |
डॉ. महेन्द्र कुमार मिश्र |
995 |
972 |
महादेवी वर्मा की साहित्य-साधना |
प्रो. पुष्पारानी |
595 |
973 |
भारत का सामाजिक अधिकार |
डॉ. महेन्द्र कु. मिश्र |
1095 |
974 |
भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति |
डॉ. महेन्द्र कु. मिश्र |
995 |
975 |
बाल विकास तथा बाल मनोविज्ञान |
डॉ. दीपक वर्मा |
995 |
976 |
भारत का संविधान |
राजेश चहल |
595 |
977 |
भारत में परिवार-विवाह और नातेदारी |
डॉ. एम. के. मिश्र |
995 |
978 |
भारत में जिला प्रशासन |
डॉ. कमलेश गुप्त |
595 |
979 |
हिन्दी साहित्य वर्तमान दशक |
सरिता वशिष्ट |
450 |
980 |
हिन्दी भाषा एवं साहित्य |
संतराम संघर्षी |
895 |
981 |
हिन्दी के कालजयी कवि |
सरिता वशिष्ट |
695 |
982 |
गुरुदत्त का उपन्यास साहित्य |
संतराम संघर्षी |
450 |
983 |
कबीर वाणी में काव्य रूढि़याँ |
राकेश कुमार बब्बर |
850 |
984 |
समकालीन यात्र-वृत्तों में सांस्कृतिक सन्दर्भ |
डॉ. हरिसिमरन कोर मुल्लर |
700 |
985 |
श्रीमद्भागवत और तुलसी-साहित्य |
डॉ. हरिशंकर मिश्रा |
650 |
986 |
हिन्दी उपन्यासों में सामाजिक चेतना |
डॉ. राजेश रानी |
395 |
987 |
डॉ. जगदीश गुप्त और उनका ब्रजभाषा काव्य |
डॉ. अजय सिंह चौहान |
450 |
988 |
हिन्दी साहित्य और समीक्षा |
डॉ. कृष्ण गोपाल मिश्रा |
495 |
989 |
वाल्मीकि और प्राकृत अपभ्रंश राम साहित्य |
पं. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी |
750 |
990 |
दूधनाथ सिंह का साहित्य |
हरि सिमरन भुल्ला |
750 |
991 |
कठपुतली में युग सत्य |
रजनी बाला |
250 |
992 |
भारतीय स्वतन्त्रता का इतिहास |
शिवानी गुप्ता |
900 |
993 |
भारत के राष्टंपति |
गीता शर्मा |
825 |
994 |
भारत में जातीय व्यवस्था |
शिवानी गुप्ता |
925 |
995 |
भारतीय राजनीति की दिशा एवं दशा (स्वतंत्रता के पूर्व) |
पवन कुमार |
850 |
996 |
भारतीय राजनीति की दिशा एवं दशा (स्वतंत्रता के पश्चात्) |
पवन कुमार |
850 |
997 |
पंचायती राज और ग्रामीण विकास |
सुरेन्द्र त्यागी |
950 |
998 |
भारत का संविधान (दो भागों में) |
डॉ. महेन्द्र कुमार मिश्र |
2590 |
999 |
आधुनिक भारत में सामाजिक परिवर्तन |
सुरेन्द्र त्यागी |
925 |
1000 |
भारत में प्रशासनिक संस्थाएँ |
पवन कुमार |
875 |
1001 |
भारत (पं. जवाहर लाल नेहरू से मनमोहन सिंह तक) |
गीता शर्मा |
850 |
1002 |
अस्तित्ववाद और मोहन राकेश का साहित्य |
डॉ. गीता यादव |
650 |
1003 |
वैश्वीकरण और मानवाधिकार |
डॉ. विनोद |
500 |
1004 |
सामाजिक स्त्रीकरण तथा परिवर्तन |
वंदना वोरा |
750 |
1005 |
महानगरों में महिला अपराध |
डॉ. अपर्णा त्रिपाठी |
750 |
1006 |
महिला अधिकार एवं महिला श्रम |
मीनाक्षी सिंह |
695 |
1007 |
पर्यावरण विधि |
विनायक त्रिपाठी |
900 |
1008 |
पर्यावरण संरक्षण: एक चुनौती |
डॉ. विनोद |
450 |
1009 |
बाल शोषण एवं बाल श्रम |
निशांत सिंह |
795 |
1010 |
मीडिया की आधुनिक चुनौतियां |
प्रो. मधुसूदन त्रिपाठी |
700 |
1011 |
दलित आत्मकथा (हिन्दी) के सरोकार |
रूपा सिंह |
500 |
1012 |
स्त्री विमर्श के विविध सन्दर्भ |
डॉ. सियाराम |
900 |
1013 |
महिला स्वास्थ्य शिक्षा प्रसार के आयाम |
डॉ. कविता कुमारी |
600 |
1014 |
महिला कानून |
मीनाक्षी सिंह |
700 |
1015 |
आधुनिकता और महिला उत्पीड़न |
मीनाक्षी निशान्त सिंह |
450 |
1016 |
महिला उद्यमिता |
डॉ. अंशुजा तिवारी, डॉ. संजय |
500 |
1017 |
महिला राजनीति और आरक्षण |
डॉ. निशान्त सिंह |
450 |
1018 |
महिला विकास: एक मूल्यांकन |
प्रो. मधुसूदन त्रिपाठी |
500 |
1019 |
भारत में कार्यशील महिलाएँ |
अंजली वर्मा |
450 |
1020 |
महिला अपराध और कानून |
नारेन्द्र कुमार शर्मा |
750 |
1021 |
इक्कीसवीं सदी का महिला सशक्तीकरणःमिथक एवं यथार्थ |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
700 |
1022 |
दलित महिला विकास योजना एवं बालिका शिक्षण |
डॉ. सीता जडिया |
600 |
1023 |
स्त्री सशक्तीकरण: एक मूल्यांकन |
डॉ. निशान्त सिंह |
450 |
1024 |
स्वतन्त्रता संग्राम और महिलाएँ |
मीनाक्षी सिंह |
600 |
1025 |
मानवाधिकार और दलित |
मीनाक्षी सिंह |
650 |
1026 |
नई सहस्राब्दि का दलित आन्दोलन |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
995 |
1027 |
दलित और शिक्षा |
डॉ. संजय सिंह |
795 |
1028 |
ग्रामीण जनचेतना में संचार माध्यम |
डॉ. आलोक कुमार कश्यप |
575 |
1029 |
भाषा विज्ञान एवं हिन्दी भाषा |
बी. डी. शर्मा |
600 |
1030 |
भारतीय पत्रकारिता के आधार |
भारत भूषण डब्लू |
495 |
1031 |
महिला राजनीति और आरक्षण |
डॉ. निशान्त सिंह |
450 |
1032 |
शोध प्रविधि |
वंदना वोहरा |
600 |
1033 |
बीसवीं सदी के महानायक बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
995 |
1034 |
उत्तर आधुनिकता की पृष्ठभूमि: कुछ विचार कुछ प्रश्न |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
795 |
1035 |
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का रचना संसार: एक पुनर्मूल्यांकन |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
600 |
1036 |
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के साहित्य में भावबोध: स्थापनाएँ और प्रस्थापनाएँ |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
600 |
1037 |
जनसंचार एवं पत्रकारिता |
कुमारी शिप्रा |
550 |
1038 |
उत्तर आधुनिकता विचार और मूल्यांकन |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
650 |
1039 |
मेरी आत्मकथा: सत्य के प्रयोग |
मोहनदास करमचंद गाँधी |
695 |
1040 |
मोहनदास करमचन्द गाँधी |
प्रो. मधुसूदन त्रिपाठी |
300 |
1041 |
महिला सशक्तिकरण का सच |
मीनाक्षी निशांत सिंह |
400 |
1042 |
भारत में मानवाधिकार |
प्रो. मधुसूदन त्रिपाठी |
450 |
1043 |
नई सहस्त्रब्दी का दलित आन्दोलन मिथक एवं यथार्थ |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
995 |
1044 |
नई सहस्त्रब्दी में मानवाधिकार के विविध सन्दर्भ |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
795 |
1045 |
सत्तामूलक समाज एवं सामाजिक परिवर्तन के युगपुरुष: डॉ. भीमराव अम्बेडकर |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
995 |
1046 |
भारत में पंचायती राज |
अंजली वर्मा |
600 |
1047 |
भारत के आदिवासी |
प्रो. मधुसूदन त्रिपाठी |
600 |
1048 |
इक्कीसवीं सदी में मुसलमान चिन्तन एवं सरोकार (2 भागों में) |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
1500 |
1049 |
नई सहस्त्रब्दी का महिला सशक्तिकरण अवधारण, चिन्तन एवं सरोकार (3 भागों में) |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव |
2100 |
1050 |
ग़ज़ल और ग़ज़ल की तकनीकि |
रामप्रसाद शर्मा महर्षी |
347 |
1051 |
राम की शक्तिपूजा और रुद्रावतार |
शीतल सेठ |
107 |
1052 |
हिन्दी ग़ज़ल का सौन्दर्यात्मक विश्लेषण |
अनिरुद्ध सिन्हा |
137 |
1053 |
ज्ञानी ताहि बखानी |
डॉ. रामस्वरूप शर्मा |
247 |
1054 |
मॉरीशसीय हिन्दी भाषा और साहित्य |
डॉ. सतीश चन्द्र अग्रवाल |
200 |
1055 |
मोहन राकेश के नाटक एक विश्लेषणात्मक अध्ययन |
डॉ. के. गोमतिअम्मा |
350 |
1056 |
आंचलिक उपन्यास के आईने में दक्षिण भारत |
डॉ. वी. बालकृष्णन् |
350 |
1057 |
निराला की जातीय चेतना |
नीरज कुमार |
400 |
1058 |
बीसवीं शताब्दी का उत्तरार्द्ध |
डॉ. सुधा गुप्ता |
400 |
1059 |
व्यवहारिक हिन्दी |
प्रो. रवीन्द्र नाथ यादव |
325 |
1060 |
अद्भुत भारत (दो भागों में) |
घनश्याम सिंह |
4000 |
1061 |
व्यवहारिक सूक्ति कोश (दो भागों में) |
प्रेमलता गौतम |
1800 |
1062 |
नरेश मेहता के कथा साहित्य में मध्य वर्ग |
डॉ. जयकरण |
1195 |
1063 |
द्विजवेद और उनका काव्य-भाव |
भावना शर्मा |
895 |
1064 |
नाटककार दया प्रकाश सिन्हा-समीक्षायन |
रवीन्द्र नाथ |
995 |
1065 |
मार्क्सवाद: एक पुर्नविचार |
डॉ. परबत सिंह |
300 |
1066 |
दूरदर्शन का स्वरूप एवं हिन्दी प्रस्तुतीकरण |
डॉ. उन्मेष मिश्र |
200 |
1067 |
विभाजक रेखा |
सुभद्रा |
300 |
1068 |
नया परिदृश्य: नरेन्द्र मोहन के नाटक |
डॉ. गुरुचरण सिंह |
500 |
1069 |
यशपाल के उपन्यासों में मध्यवर्ग |
रामप्रकाश द्विवेदी |
300 |
1070 |
सत्ता व्यक्ति और भूमण्डलीकरण |
रामप्रकाश द्विवेदी |
300 |
1071 |
शिवानी के उपन्यासों में नारी विमर्श |
कृष्णा जून |
500 |
1072 |
आदिकालीन धार्मिक रासकाव्य: परम्परा एवं प्रवृत्तियाँ |
डॉ. कृष्णा जून |
300 |
1073 |
नरेन्द्र मोहन का नाट्य कर्म |
डॉ. गुरुचरण सिंह |
500 |
1074 |
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और हिन्दी |
डॉ. रेशमा नदाफ |
300 |
1075 |
व्यवहारिक हिन्दी व्याकरण |
आचार्य निशान्त केतु |
300 |
1076 |
निराला काव्य में प्रकृति |
रेणु बाला |
400 |
1077 |
हिन्दी कहानी और मुस्लिम समाज |
दीपिका रानी |
275 |
1078 |
नयी कविता का सौन्दर्य बोध |
डॉ. तिलक राज शर्मा |
500 |
1079 |
प्रतिरोध का दस्तावेज: महिला आत्मकथाएँ |
नीरू |
400 |
1080 |
जनसंचार एवं पत्रकारिता |
डॉ. रेशमा नदाफ |
250 |
1081 |
महादेवी की सूक्तियाँ |
डॉ. विमल शंकर |
500 |
1082 |
मानव मुक्ति और सन्त साहित्य |
डॉ. अजैब सिंह |
500 |
1083 |
भीष्म साहनी का साहित्य: युग सन्दर्भ |
डॉ. पठान रहीम खान |
995 |
1084 |
शमशेर बहादुर सिंह के काव्य का अर्थोत्कर्ष |
डॉ. अनुपाल भारद्वाज |
400 |
1085 |
जनसम्पर्क: स्वरूप और सिद्धान्त |
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद |
750 |
1086 |
समकालीन विमर्श: विविध परिदृश्य |
सं. डॉ. श्रवण मीणा |
795 |
1087 |
विविध साहित्यिक वाद |
डॉ. रामसजन पाण्डे |
500 |
1088 |
उत्प्रेक्षा अलंकार-विमर्श |
डॉ. रामसजन पाण्डे |
500 |
1089 |
अनुवाद: अनुभूति और अनुभव |
डॉ. सुरेश सिंहल |
1050 |
1090 |
निर्गुण काव्य की सांस्कृतिक भूमिका |
डॉ. रामसजन पाण्डे |
995 |
1091 |
आदिवासी कहानी विविध संदर्भ |
डॉ. श्रवण कुमार मीणा |
500 |
1092 |
महिला सशक्तिकरण |
डॉ. ऊषा रानी |
600 |
1093 |
अनुवाद संवेदना और सरोकार |
डॉ. सुरेश सिंहल |
1150 |
1094 |
महादेवी वर्मा के साहित्य में स्त्री छवि |
डॉ. अरविन्दर कौर |
995 |
1095 |
रचना और आलोचना का वर्तमान परिदृश्य |
प्रो. आलोक गुप्त |
500 |
1096 |
सिनेमा वक्त के आइने में |
राजेन्द्र सहगल |
400 |
1097 |
संवाद के बहाने |
डॉ. गुरचरण सिंह |
350 |
1098 |
मीडिया लेखन: सिद्धान्त और व्यवहार |
डॉ. चन्द्रप्रकाश मिश्र |
1100 |
1099 |
हिन्दी नाटक वर्तमान सन्दर्भ |
डॉ. परमेश्वरी शर्मा |
250 |
1100 |
दूरदर्शन के श्रव्य और दृश्य तत्व |
डॉ. उन्मेष मिश्र |
450 |
1101 |
हिन्दी साहित्य का इतिहास |
डॉ. रामसजन पाण्डेय |
600 |
1102 |
मालिक अम्बर (नाटक) |
नरेन्द्र मोहन |
200 |
1103 |
दलित सशक्तिकरण |
डॉ. नीतू काजल |
750 |
1104 |
नाटककार रमेश मेहता रंग-समग्र (दो खण्डों में) |
रवीन्द्र नाथ बहोरे |
2150 |
1105 |
उदयराज सिंह का कथा साहित्य |
डॉ. उषा सिन्हा |
350 |
1106 |
भक्तिकालीन सन्त साहित्य |
प्रो. वीरेन्द्र नारायण |
650 |
1107 |
छायावादोत्तर हिन्दी कविता में ग्राम्य बोध |
डॉ. सरोज वर्मा |
400 |
1108 |
पंत समग्र |
डॉ. सूर्य प्रसाद दीक्षित |
400 |
1109 |
उपन्यासों में मार्क्सवाद |
डॉ. वीरेन्द्र कुमार |
695 |
1110 |
नालन्दा जिले की विरासत: अतीत एवं वर्तमान |
डॉ. मनोज कुमार |
300 |
1111 |
बाबा नागार्जुन और उनके उपन्यास |
डॉ. दिनेश प्रसाद |
450 |
1112 |
रामकथा की दिग्विजय |
डॉ. भूपेन्द्र कलसी |
595 |
1113 |
विभु, व्यापक विष्णु के विविध नामों का समीक्षात्मक अनुशीलन |
डॉ. दिवांशु कुमार |
750 |
1114 |
डॉ. रामदरश मिश्र के उपन्यास |
डॉ. दिनेश प्रसाद सिंह |
650 |
1115 |
भव्य भारत (दो भागों में) |
आचार्य चन्द्र |
6000 |
1116 |
मृणाल पांडे के साहित्य में युगबोध |
डॉ. ऊषा रानी |
1495 |
1117 |
बोधा और ठाकुर की काव्यधारा |
डॉ. संगीता गुप्ता |
1100 |
1118 |
उपन्यासकार राजेन्द्र यादव |
डॉ. अजमेर सिंह |
900 |
1119 |
हिन्दी भाषा और साहित्य |
डॉ. नरेश मिश्र |
600 |
1120 |
नागार्जुन की कविता |
डॉ. जोगेन्द्र मीणा |
600 |
1121 |
बावन पत्तों का रहस्य |
रवीन्द्र नाथ |
695 |
1122 |
सपने बोलते हैं |
रवीन्द्र नाथ बहोरे |
795 |
1123 |
लोक साहित्य अर्थ और व्याप्ति |
डॉ. सुरेश गौतम |
900 |
1124 |
स्वांत्रयोत्तर भारतीय साहित्य के सामाजिक सरोकार |
डॉ. हेमलता राठौर |
750 |
1125 |
स्त्री विमर्श: भारतीय नवजागरण काल |
प्रो. मणिक्यांब मणि |
750 |
1126 |
उत्तरशती की हिन्दी समीक्षा और विचार प्रणालियाँ |
दीपक नरेश |
450 |