1 |
तिनका-तिनका आग |
जयप्रकाश कर्दम |
175 |
2 |
कठघरे में खड़े जंगल का बयान |
डॉ. सुरेश अवस्थी |
250 |
3 |
हिन्दू |
डॉ. सर्वेश सिंह |
295 |
4 |
अभिलाषा |
अखिलेश निगम अखिल |
250 |
5 |
उत्तर देगा कौन??? |
अखिलेश निगम अखिल |
275 |
6 |
दस्तक |
डॉ. आरिफ महात |
225 |
7 |
वर्तमान की वैदेही |
संगीता गौतम |
225 |
8 |
रामदरश मिश्र: कविता समग्र (4 भागों में) |
सं. स्मिता मिश्र |
4995
 |
9 |
गूँगा नहीं था मैं |
जयप्रकाश कर्दम |
175 |
10 |
हैप्पी वैलेंटाइन डे (काव्य) |
देवनाथ सिंह फौलादी |
295 |
11 |
अस्तित्व और पहचान |
सं.डॉ. विजेंद्र प्रताप सिंह |
325 |
12 |
बुढ़िया, सूत और सपने |
विश्वनाथ सचदेव |
300 |
13 |
कविता की चौखट |
भूपिंदर कौर |
225 |
14 |
दर्द के दायरे |
विजय निकोर |
325 |
15 |
पुकारता हूँ कबीर |
भरत प्रसाद |
325 |
16 |
अंधेरे में अदृश्य जो |
राजकुमार कुंभज |
250 |
17 |
माँ बस माँ होती है |
अशोक बाजपेई |
225 |
18 |
जन्मदिन की कविता |
अनु. जयश्री पुरवार |
225 |
19 |
गीत गंगा |
गोपाल दास नीरज |
60 |
20 |
प्रवेशिका - प्रथम |
गोपाल दास नीरज |
60 |
21 |
प्रवेशिका - द्वितीय |
गोपाल दास नीरज |
60 |
22 |
गीत श्री |
गोपाल दास नीरज |
60 |
23 |
गीत गंगा |
गोपाल दास नीरज |
60 |
24 |
जीवन बोलता है |
डॉ. शिवदत्त द्विवेदी |
300 |
25 |
बहता है दर्द |
विजय निकोर |
350 |
26 |
देवदारु सी लम्बी - गहरी सागर सी |
उद्भ्रांत |
500 |
27 |
समय के अश्व पर |
उद्भ्रांत |
495 |
28 |
बस्तियों से बाहर |
जयप्रकाश कर्दम |
120 |
29 |
मेरी लम्बी कविताएँ |
नरेन्द्र मोहन |
150 |
30 |
नृत्य से कविता |
नरेन्द्र मोहन |
70 |
31 |
हदों से बाहर आते हुए |
सुषमा कपिल |
175 |
32 |
अर्पण |
डॉ. एस. कशिश |
175 |
33 |
धरोहर (सांस्कृतिक लोक गीत) |
रमेश दीक्षित |
295 |
34 |
तुमने तो हाथों में रच लिया वसंत |
माया हरीश्याम पारथ |
130 |
35 |
जनरल बोगी |
डॉ. रामचन्द्र सरस |
200 |
36 |
संवेदना पर सिलवटें |
डॉ. कमल मुसद्दी |
225 |
37 |
स्वर्ण मुक्तावली |
अनिता एस. कर्पूर |
200 |
38 |
नवेली के पंख |
सुषमा कपिल |
175 |
39 |
कुकुरमुत्तों का शहर |
विज्ञान भूषण |
150 |
40 |
काँटों ने पहने मोती |
डॉ. गौतम सचदेव |
200 |
41 |
पुनर्नवा |
ऋतु भनोट |
200 |
42 |
किसान कथा |
डॉ. रामचन्द्र सरस |
150 |
43 |
इन्द्रधनुष |
डॉ. सुमंगला मुम्मिगट्टी |
350 |
44 |
अनुभूति से अभिव्यक्ति तक |
कुसुमलता अविचल |
295 |
45 |
खिड़की से आकाश |
मुक्ता |
200 |
46 |
अधूरी देह |
गीतिका वेदिका |
195 |
47 |
सीतायन |
अनु. धरणेन्द्र कुरकुरी |
175 |
48 |
गागर से छलकता सागर |
कुसुम सिंह अविचल |
275 |
49 |
चिन्दी-चिन्दी अस्तित्व |
बसंत कुमार परिहार |
200 |
50 |
अनुभूतियों के मोती |
डॉ. इन्दू जैन |
325 |
51 |
रुह से कविता (भाग-1) |
नीलम रानी गुप्ता |
125 |
52 |
रुह से कविता (भाग-2) |
नीलम रानी गुप्ता |
130 |
53 |
रुह से कविता (भाग-3)(एक संसार यह भी) |
नीलम रानी गुप्ता |
150 |
54 |
रुह से कविता-भाग-5(तुलना दो विधाओं की) |
नीलम रानी गुप्ता |
275 |
55 |
लोक कह्याँ बिगड़ी (स्त्री काव्य संकलन) |
संपा. प्रो. परिमला अंबेकर |
60 |
56 |
कमलादास की कवितायें |
डॉ. बाबू जोसफ, स्टीव विन्सेन्ट |
120 |
57 |
मेरे भगवान |
भगवान का सेवक |
60 |
58 |
सृष्टि की आहटें |
मेधावी जैन |
195 |
59 |
माँ - छाया बरगद की |
सफलता सरोज |
200 |
60 |
मजदूर |
डॉ. जगदीश चन्द्र सितारा |
120 |
61 |
कर्मण्येवाधिकारस्ते |
सुरेश चन्द्र |
200 |
62 |
सहमी हुई सदी |
देवेन्द्र सफल |
200 |
63 |
इक पावक ऋतुओं पर भारी |
अशोक सिंह सत्यवीर |
70 |
64 |
समकालीन कविता कोश (दो भागों में) |
डॉ. गुरचरण सिंह |
330 |
65 |
नरेन्द्र मोहन: कविता संग्रह (दो भागों में) |
संपा. डॉ. गुरचरण सिंह |
1500 |
66 |
समवेत |
रामदरश मिश्र |
175 |
67 |
पृथ्वी-आकाश |
उद्भ्रांत |
325 |
68 |
दुनिया के बाजार में |
जयप्रकाश कर्दम |
295 |
69 |
ग्राम्य-दर्शन |
रघुवीर सिंह |
395 |
70 |
दीवारें सुन रही है... |
डॉ. सुरेश अवस्थी |
225 |
71 |
सहमी सहमी सदी |
डॉ. कमल मुसद्दी |
250 |
72 |
मेरे भीतर और बाहर एक पृथ्वी |
डॉ. राणा प्रताप सिंह |
325 |
73 |
वो अपना घर |
डॉ. बी.आर. गुप्ता |
275 |
74 |
चरैवेति चरैवति |
शीलेन्द्र वशिष्ठ |
295 |
75 |
वन्दे भारत |
कुसुम सिंह |
350 |
76 |
ध्रती का बचपन, बचपन की ध्रती |
सं. भरत प्रसाद |
475 |
77 |
दुपट्टा |
डॉ. मुकेश कुमार सिंह |
275 |
78 |
मेरी कविताओं का आकाश |
डॉ. वी. एन. सिंह |
195 |
79 |
विठोबा |
उर्मिला चाकूरकर |
150 |
80 |
लहरिया ई पावन हो |
अम्बे कुमारी |
150 |
81 |
हर दिशा विक्षित कमल ज्यों |
डॉ. राम कुमार त्रिपाठी |
400 |
82 |
गाओं मन के गीत प्रिये |
डॉ. राम कुमार त्रिपाठी |
400 |
83 |
जलता रहे दिया तथा अन्य कविताये |
डॉ. राकेश शुक्ला |
175 |
84 |
लौटा दे जन्नत मेरी |
डॉ. सी.एस. सुचित |
295 |
85 |
प्रेम ना बाड़ी ऊपजै |
सिंधु कुमारी |
395 |
86 |
अधखुले वातायन |
सं. इन्दु झुनझुनवाला |
175 |
87 |
मुखरित मौन |
सं. इन्दु झुनझुनवाला |
175 |