1 |
कथा का सौन्दर्य शास्त्र |
प्रभाकर क्षोत्रिय |
400 |
2 |
आलोचिंतना को होने दो केन्द्र अपसारी |
रमेश कुंतल मेघ |
475 |
3 |
आपकी खातिर मुनासिब कार्यवाहियाँ |
रमेश कुंतल मेघ |
495 |
4 |
समाज-संस्कृति तथा समाज-विज्ञान से समेकित साहित्य |
रमेश कुन्तल मेघ |
695 |
5 |
राहुल (खण्ड काव्य) |
जयप्रकाश कर्दम |
250 |
6 |
स्वयंप्रभा (खण्डकाव्य) |
उद्भ्रांत |
250 |
7 |
वक्रतुण्ड (खण्डकाव्य) |
उद्भ्रान्त |
200 |
8 |
राधामाधव (प्रबंध काव्य) |
उद्भ्रांत |
395 |
9 |
पंखुरियाँ अंतर्द्वंद्वों की (प्रबंध काव्य) |
सं.डॉ. विजेन्द्र प्रताप सिंह |
175 |
10 |
त्रिपुरा के गॉरिया लोकगीत |
सं. मिलन रानी |
495 |
11 |
केरलीय लोक कलाएँ |
डॉ. द्रौपदि जी. नायर |
250 |
12 |
कर्नाटक की लोक कलाएँ |
अनु.प्रो.परिमला अंबेकर |
200 |
13 |
लोक साहित्य के विविध आयाम |
वीणा दाढ़े |
395 |
14 |
धरोहर (सांस्कृतिक लोक गीत) |
डॉ. रमेश दीक्षित |
295 |
15 |
मराठी साहित्य और संस्कृति |
डॉ. पं. बन्ने |
395 |